रक्त का कैंसर (ल्यूकेमिया) और श्वेत रक्त कोशिका के बीच समानता
रक्त का कैंसर (ल्यूकेमिया) और श्वेत रक्त कोशिका आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): रक्त, लाल रक्त कोशिका, अस्थि मज्जा।
रक्त
मानव शरीर में लहू का संचरण लाल - शुद्ध लहू नीला - अशु्द्ध लहू लहू या रक्त या खून एक शारीरिक तरल (द्रव) है जो लहू वाहिनियों के अन्दर विभिन्न अंगों में लगातार बहता रहता है। रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होने वाला यह गाढ़ा, कुछ चिपचिपा, लाल रंग का द्रव्य, एक जीवित ऊतक है। यह प्लाज़मा और रक्त कणों से मिल कर बनता है। प्लाज़मा वह निर्जीव तरल माध्यम है जिसमें रक्त कण तैरते रहते हैं। प्लाज़मा के सहारे ही ये कण सारे शरीर में पहुंच पाते हैं और वह प्लाज़मा ही है जो आंतों से शोषित पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है और पाचन क्रिया के बाद बने हानिकारक पदार्थों को उत्सर्जी अंगो तक ले जा कर उन्हें फिर साफ़ होने का मौका देता है। रक्तकण तीन प्रकार के होते हैं, लाल रक्त कणिका, श्वेत रक्त कणिका और प्लैटलैट्स। लाल रक्त कणिका श्वसन अंगों से आक्सीजन ले कर सारे शरीर में पहुंचाने का और कार्बन डाईआक्साईड को शरीर से श्वसन अंगों तक ले जाने का काम करता है। इनकी कमी से रक्ताल्पता (अनिमिया) का रोग हो जाता है। श्वैत रक्त कणिका हानीकारक तत्वों तथा बिमारी पैदा करने वाले जिवाणुओं से शरीर की रक्षा करते हैं। प्लेटलेट्स रक्त वाहिनियों की सुरक्षा तथा खून बनाने में सहायक होते हैं। मनुष्य-शरीर में करीब पाँच लिटर लहू विद्यमान रहता है। लाल रक्त कणिका की आयु कुछ दिनों से लेकर १२० दिनों तक की होती है। इसके बाद इसकी कोशिकाएं तिल्ली (Phagocytosis) में टूटती रहती हैं। परन्तु इसके साथ-साथ अस्थि मज्जा (बोन मैरो) में इसका उत्पादन भी होता रहता है (In 7 steps)। यह बनने और टूटने की क्रिया एक निश्चित अनुपात में होती रहती है, जिससे शरीर में खून की कमी नहीं हो पाती। मनुष्यों में लहू ही सबसे आसानी से प्रत्यारोपित किया जा सकता है। एटीजंस से लहू को विभिन्न वर्गों में बांटा गया है और रक्तदान करते समय इसी का ध्यान रखा जाता है। महत्वपूर्ण एटीजंस को दो भागों में बांटा गया है। पहला ए, बी, ओ तथा दुसरा आर-एच व एच-आर। जिन लोगों का रक्त जिस एटीजंस वाला होता है उसे उसी एटीजंस वाला रक्त देते हैं। जिन पर कोई एटीजंस नहीं होता उनका ग्रुप "ओ" कहलाता है। जिनके रक्त कण पर आर-एच एटीजंस पाया जाता है वे आर-एच पाजिटिव और जिनपर नहीं पाया जाता वे आर-एच नेगेटिव कहलाते हैं। ओ-वर्ग वाले व्यक्ति को सर्वदाता तथा एबी वाले को सर्वग्राही कहा जाता है। परन्तु एबी रक्त वाले को एबी रक्त ही दिया जाता है। जहां स्वस्थ व्यक्ति का रक्त किसी की जान बचा सकता है, वहीं रोगी, अस्वस्थ व्यक्ति का खून किसी के लिये जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसीलिए खून लेने-देने में बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है। लहू का pH मान 7.4 होता है कार्य.
रक्त और रक्त का कैंसर (ल्यूकेमिया) · रक्त और श्वेत रक्त कोशिका ·
लाल रक्त कोशिका
मानव की लाल रुधिर कणिकाओं का परिवर्धित दृश्य लाल रक्त कोशिका (red blood cells), रक्त की सबसे प्रमुख कोशिका है। यह रीढ़धारी जन्तुओं के श्वसन अंगो से आक्सीजन लेकर उसे शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाओं तक पहुंचाने का सबसे सहज और व्याप्त माध्यम है। इस कोशिका में केन्द्रक नहीं होता है। इसकी औसत आयु १२० दिन की है।.
रक्त का कैंसर (ल्यूकेमिया) और लाल रक्त कोशिका · लाल रक्त कोशिका और श्वेत रक्त कोशिका ·
अस्थि मज्जा
चौपाये जानवरों की अस्थिमज्जा ग्रे शरीर विज्ञान में बोन मैरो/ मज्जा कोशिका मज्जा या मेरु (अंग्रेज़ी:बोन मैरो) अस्थियों (हड्डियों) के अंदर भरा हुआ एक मुलायम ऊतक होता है। वयस्कों में बड़ी अस्थियों में मज्जा रक्त कोशिकाएं निर्माण करने में सहायक होता है। इसमें कुल शरीर भार का ४%Semester 4 medical lectures at Uppsala University 2008 by Leif Jansson समाहित रहता है, यानि लगभग २.६ कि.ग्रा, वयस्कों में। अस्थिमज्जा गूदे के समान मृदु ऊतक है जो सब अस्थियों के स्पंजी भाग के अवकाशों में, लंबी अस्थिओं की मध्यनलिका की गुहा में और बड़े आकार की हेवर्सी नलिकाओं में पाया जाता है। भिन्न-भिन्न अस्थियों में और अणु के अनुसार उसके संघटन में अंतर होता है। मज्जा दो प्रकार की होती है - पीली और लाल। पीली मज्जा का आधार तांतव ऊतक होता है जिसमें रक्तवाहिकाएँ और कोशिकाएँ पाई जाती हैं जिनमें अधिकांश वसाकोशिकाएँ होती हैं। कुछ लाल मज्जा के समान कोशिकाएँ मिलती हैं। लाल मज्जा का आधार संयोजी ऊतक होता है जिसके ढाँचे के जाल में रजतरागी (अरजीरॉफिलिक) तंतु और उससे संबंधित जीवाणुभक्षी कोशिकाएँ तथा कई प्रकार की रक्तकणिकाएँ और उनके पूर्वगामी रूप, कुछ वसाकोशिकाएँ तथा कुछ लिंफ पर्व होते हैं। |Image:Caput femoris cortex medulla.jpg| Image:acute leukemia-ALL.jpg| Image:Bone marrow biopsy.jpg|मज्जा प्रत्यारोपण .
अस्थि मज्जा और रक्त का कैंसर (ल्यूकेमिया) · अस्थि मज्जा और श्वेत रक्त कोशिका ·
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रक्त का कैंसर (ल्यूकेमिया) और श्वेत रक्त कोशिका के बीच तुलना
रक्त का कैंसर (ल्यूकेमिया) 20 संबंध है और श्वेत रक्त कोशिका 8 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 10.71% है = 3 / (20 + 8)।
संदर्भ
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