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यान मायेन

सूची यान मायेन

यान मायेन द्वीप (Jan Mayen) आर्कटिक महासागर में स्थित एक ज्वालामुखीय द्वीप है जो नोर्वे का अंग है। यान मायेन द्वीप आइसलैंड से 600 किमी पूर्वोत्तर, ग्रीनलैंड से 500 किमी पूर्व और नोर्वे के पश्चिमोत्तरी छोर से 1,000 किमी पश्चिम में स्थित है। इस पूर्वोत्तर-से-दक्षिणपश्चिम 55 किमी लम्बे और 373 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले द्वीप के कुछ भाग पर हिमानियाँ (ग्लेशियर) विस्तृत हैं। द्वीप के दो मुख्य भाग हैं: पूर्वोत्तर का बड़ा 'नॉर्द यान' (Nord-Jan) हिस्सा और दक्षिणपश्चिम का छोटा 'सोर-यान' (Sør-Jan) हिस्सा जो एक 2.5 किमी चौड़े भूडमरू (इस्थ्मस) से जुड़े हुए हैं। द्वीप के उत्तर में 2,277 मीटर (7,470 फ़ुट) ऊँचा बीरेनबर्ग​ (Beerenberg) ज्वालामुखी स्थित है। द्वीप के उत्तर और दक्षिणी हिस्से को जोड़ने वाले जलडमरू पर दो झीलें हैं जिन्हें नॉर्दलागूना (Nordlaguna, उत्तर झील) और सोरलागूना (Sørlaguna, दक्षिण झील) कहते हैं। इस टापू का निर्माण समुद्रतल में एक 'यान मायेन हॉटस्पॉट (गर्मछिद्र)' नामक ज्वालामुखीय दरार से लावा उगलने से हुआ था। .

9 संबंधों: थलसन्धि, नॉर्वे, लावा, स्वालबार्ड, हिमानी, ज्वालामुखी, ग्रीनलैण्ड, आइसलैण्ड, उत्तरध्रुवीय महासागर

थलसन्धि

250pxपनामा भूडमरुमध्य थलसन्धि या भूडमरुमध्य भूमि की एक पतली पट्टी होती है, जो दो बड़ी जलराशियों (अधिकांशतः सागर) को अलग करती है व दो बड़े भूभागों को जोड़ती है। जैसे पनामा भूडमरुमध्य उत्तरी अमरीका को दक्षिणी अमरीका से जोड़ता है एवं अंध महासागर को प्रशांत महासागर से अलग करता है। स्वेज भूडमरुमध्य एशिया को अफ्रीका से जोड़ता है। यह जलडमरुमध्य का उलटा होता है। .

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नॉर्वे

नॉर्वे (बूकमॉल नॉर्वेजियन: Kongeriket Norge कुङेरिकेत नोर्ये, नी-नॉर्वेजियन: Kongeriket Noreg कुङेरिकेत नुरेग) यूरोप महाद्वीप में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी है ओस्लो (en:Oslo)। इसकी मुख्य- और राजभाषा है नॉर्वेजियन भाषा। नोर्वे एक राजशाही है। इसके क्षेत्राधिकार् मे स्कैन्डेनेविअन प्रायद्वीप का पश्चिमी हिस्सा, यान मायेन और स्वाल्बार्द तथा बूवे नाम के आर्क्तिक द्वीप समूह आते हैं। नोर्वे का कुल क्शेत्रफल ३ लाख ८५ हजार दौ सौ बावन वर्ग किलोमीटर (१,४८,७४७ वर्ग मील) है और जनसन्ख्या लग्भग पचास लाख्। यह यूरोप मे न्यून्तम जनसन्ख्या घनत्त्व वाले देशो मे द्वीतीय स्थान पे आता है। देश की सीमाए पूर्व मे स्वीडन से लगती है और उत्तर मे कुछ क्षेत्र की सीमाए फ़िनलैण्ड और रूस से लगती हैं। नॉर्वे का रजा हराल्ड पांचवा है और उसकी प्रधानमंत्री जेन्स स्तोल्तेंबेर्ग है। नॉर्वे में 17 मई का दिन राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन 1814 ईसवी में नॉर्वे का संविधान बना था। देश के संसद को स्टोरटिंग कहा जाता है जिसके सदस्य हर चार साल बाद चुने जाते हैं। Bryggen (6-2007).jpg|Bergen Geiranger2.JPG|Geiranger Sognefjord, Norway.jpg|Sognefjord Vippetangen2.jpg|ओस्लो Vegaoyan.jpg|West Norway coast Mixed_Picea_(Spruce)_forest_from_Vestfold_county_in_Norway.jpg|Forest Norway National House.JPG|Norway Tradional House Troll_A_Platform.jpg|Oil platform .

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लावा

लावा पिघली हुई चट्टान आर्थात मैग्मा का धरातल पर प्रकट होकर बहने वाला भाग है। यह ज्वालामुखी उद्गार द्वारा बाहर निकलता है और आग्नेय चट्टानों की रचना करता है। श्रेणी:भूविज्ञान श्रेणी:ज्वालामुखी श्रेणी:भू-आकृति विज्ञान श्रेणी:ज्वालामुखीयता.

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स्वालबार्ड

स्वालबार्ड (नॉर्वेजियाई: Svalbard) आर्कटिक महासागर में स्थित एक द्वीप समूह है जो नोर्वे का उत्तरतम इलाक़ा भी है। यह यूरोप की मुख्यभूमि से क़रीब 400 मील दूर नोर्वे और उत्तरी ध्रुव के बीच स्थित है। स्पिट्स्बर्गन (Spitsbergen) इस समूह का सबसे बड़ा द्वीप है और नोर्डआउस्ट्लैंडेट​ (Nordaustlandet) और एडगेओया (Edgeøya) इसके दूसरे और तीसरे सबसे बड़े द्वीप हैं। .

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हिमानी

काराकोरम की बाल्तोरो हिमानी हिमानी या हिमनद (अंग्रेज़ी Glacier) पृथ्वी की सतह पर विशाल आकार की गतिशील बर्फराशि को कहते है जो अपने भार के कारण पर्वतीय ढालों का अनुसरण करते हुए नीचे की ओर प्रवाहमान होती है। ध्यातव्य है कि यह हिमराशि सघन होती है और इसकी उत्पत्ति ऐसे इलाकों में होती है जहाँ हिमपात की मात्रा हिम के क्षय से अधिक होती है और प्रतिवर्ष कुछ मात्रा में हिम अधिशेष के रूप में बच जाता है। वर्ष दर वर्ष हिम के एकत्रण से निचली परतों के ऊपर दबाव पड़ता है और वे सघन हिम (Ice) के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। यही सघन हिमराशि अपने भार के कारण ढालों पर प्रवाहित होती है जिसे हिमनद कहते हैं। प्रायः यह हिमखंड नीचे आकर पिघलता है और पिघलने पर जल देता है। पृथ्वी पर ९९% हिमानियाँ ध्रुवों पर ध्रुवीय हिम चादर के रूप में हैं। इसके अलावा गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों के हिमनदों को अल्पाइन हिमनद कहा जाता है और ये उन ऊंचे पर्वतों के सहारे पाए जाते हैं जिन पर वर्ष भर ऊपरी हिस्सा हिमाच्छादित रहता है। ये हिमानियाँ समेकित रूप से विश्व के मीठे पानी (freshwater) का सबसे बड़ा भण्डार हैं और पृथ्वी की धरातलीय सतह पर पानी के सबसे बड़े भण्डार भी हैं। हिमानियों द्वारा कई प्रकार के स्थलरूप भी निर्मित किये जाते हैं जिनमें प्लेस्टोसीन काल के व्यापक हिमाच्छादन के दौरान बने स्थलरूप प्रमुख हैं। इस काल में हिमानियों का विस्तार काफ़ी बड़े क्षेत्र में हुआ था और इस विस्तार के दौरान और बाद में इन हिमानियों के निवर्तन से बने स्थलरूप उन जगहों पर भी पाए जाते हैं जहाँ आज उष्ण या शीतोष्ण जलवायु पायी जाती है। वर्तमान समय में भी उन्नीसवी सदी के मध्य से ही हिमानियों का निवर्तन जारी है और कुछ विद्वान इसे प्लेस्टोसीन काल के हिम युग के समापन की प्रक्रिया के तौर पर भी मानते हैं। हिमानियों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये जलवायु के दीर्घकालिक परिवर्तनों जैसे वर्षण, मेघाच्छादन, तापमान इत्यादी के प्रतिरूपों, से प्रभावित होते हैं और इसीलिए इन्हें जलवायु परिवर्तन और समुद्र तल परिवर्तन का बेहतर सूचक माना जाता है। .

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ज्वालामुखी

तवुर्वुर का एक सक्रिय ज्वालामुखी फटते हुए, राबाउल, पापुआ न्यू गिनिया ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं। वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग (rupture) होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी द्वारा निःसृत इन पदार्थों के जमा हो जाने से निर्मित शंक्वाकार स्थलरूप को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है। ज्वालामुखी का सम्बंध प्लेट विवर्तनिकी से है क्योंकि यह पाया गया है कि बहुधा ये प्लेटों की सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं क्योंकि प्लेट सीमाएँ पृथ्वी की ऊपरी परत में विभंग उत्पन्न होने हेतु कमजोर स्थल उपलब्ध करा देती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्थलों पर भी ज्वालामुखी पाए जाते हैं जिनकी उत्पत्ति मैंटल प्लूम से मानी जाती है और ऐसे स्थलों को हॉटस्पॉट की संज्ञा दी जाती है। भू-आकृति विज्ञान में ज्वालामुखी को आकस्मिक घटना के रूप में देखा जाता है और पृथ्वी की सतह पर परिवर्तन लाने वाले बलों में इसे रचनात्मक बल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इनसे कई स्थलरूपों का निर्माण होता है। वहीं, दूसरी ओर पर्यावरण भूगोल इनका अध्ययन एक प्राकृतिक आपदा के रूप में करता है क्योंकि इससे पारितंत्र और जान-माल का नुकसान होता है। .

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ग्रीनलैण्ड

ग्रीनलैंड ('लोगों की भूमि') डेनमार्क राजशाही के अधीन एक स्वायत्त घटक देश है, जो आर्कटिक और अटलांटिक महासागर के बीच कनाडा आर्कटिक द्वीपसमूह के पूर्व में स्थित है। हालांकि भौगोलिक रूप से यह उत्तर अमेरिका महाद्वीप का एक हिस्सा है, लेकिन 18 वीं सदी के बाद से यूरोप (खास तौर पर डेनमार्क) से राजनीतिक रूप से जुड़ा हुआ है। 1979 में डेनमार्क ने ग्रीनलैंड को स्वशासन प्रदान कर किया और 2008 में ग्रीनलैंड ने स्थानीय सरकार को अधिक दक्षता हस्तांतरण के पक्ष में मत दिया। जो अगले वर्ष प्रभावी बन गई, इसके साथ ही डैनिश शाही सरकार केवल विदेशी मामलों, सुरक्षा और आर्थिक नीति तक ही सीमित रह गई। ग्रीनलैंड क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है, जो अपने आप में एक महाद्वीप नहीं है। इसके अलावा यह दुनिया का सबसे विरल जनसंख्या वाला देश है। लेकिन 1950 के दशक के बाद से वैज्ञानिकों की यह परिकल्पना है कि यह देश वास्तव में तीन अलग-अलग द्वीपों से बना है, जो जो ग्लेशियर के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। श्रेणी:देश श्रेणी:उत्तर अमेरिका श्रेणी:उत्तर अमेरिका के देश * श्रेणी:आर्कटिक के क्षेत्र.

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आइसलैण्ड

आइसलैण्ड या आइसलैण्ड गणराज्य (आइस्लैंडिक: Ísland या Lýðveldið Ísland) उत्तर पश्चिमी यूरोप में उत्तरी अटलांटिक में ग्रीनलैंड, फ़रो द्वीप समूह और नार्वे के मध्य बसा एक द्विपीय देश है। आइसलैण्ड का क्षेत्रफल लगभग 1,03,000 किमी2 है और अनुमानित जनसंख्या 3,13,000 (2009) है। यह यूरोप में ब्रिटेन के बाद दूसरा और विश्व में अठारहवा सबसे बड़ा द्वीप है। यहाँ की राजधानी है रेक्जाविक और देश की आधी जनसंख्या यहीं निवास करती है। अवस्थापन साक्ष्यों से यह ज्ञात होता है कि आइसलैण्ड में अवस्थापन 874 ईस्वी में आरंभ हुआ था जब इंगोल्फ़र आर्नार्सन लोग यहाँ पर पहुँचे, यद्यपि इससे पहले भी कई लोग इस देश में अस्थाई रूप से रुके थे। आने वाले कई दशकों और शताब्दियों में अवस्थापन काल के दौरान अन्य बहुत से लोग आइसलैण्ड में आए। 1262 में आइसलैण्ड, नार्वे के ओल्ड कोवेनेन्ट के अधीन आया और 1918 में संप्रभुता मिलने तक नार्वे और डेनमार्क द्वारा शासित रहा। डेनमार्क और आइसलैण्ड के बीच हुई एक संधि के अनुसार आइसलैण्ड की विदेश नीति का नियामन डेनमार्क के द्वारा किया जाना तय हुआ और दोनों देशों का राजा एक ही था जब तक की 1944 में आइसलैण्ड गणराज्य की स्थापना नहीं हो गई। इस देश को विभिन्न नामों से पुकारा गया, विशेषरूप से कवियों द्वारा। बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में आइसलैण्डवासियों ने अपने देश के विकास पर पुरजोर ध्यान दिया और देश के आधारभूत ढाँचे को सुधारने और अन्य कई कल्याणकारी कामों पर ध्यान दिया जिसके परिणामस्वरूप आइसलैण्ड, संयुक्त राष्ट्र के जीवन गुणवत्ता सूचकांक के आधार पर विश्व का सर्वाधिक रहने योग्य देश है। आइसलैण्ड, सयुंक्त राष्ट्र, नाटो, एफ़्टा, ईईए समेत विश्व की बहुत सी संस्थाओं का सदस्य है। .

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उत्तरध्रुवीय महासागर

उत्तरीध्रुवीय महासागर पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित उत्तरीध्रुवीय महासागर या आर्कटिक महासागर, जिसका विस्तार अधिकतर आर्कटिक उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में है। विश्व के पांच प्रमुख समुद्री प्रभागों (पांच महासागरों) में से यह सबसे छोटा और उथला महासागर है। अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (IHO) इसको एक महासागर स्वीकार करता है जबकि, कुछ महासागरविज्ञानी इसे आर्कटिक भूमध्य सागर या केवल आर्कटिक सागर कहते हैं और इसे अन्ध महासागर के भूमध्य सागरों में से एक मानते हैं। लगभग पूरी तरह से यूरेशिया और उत्तरी अमेरिका से घिरा, आर्कटिक महासागर आंशिक रूप से साल भर में समुद्री बर्फ के ढका रहता है (और सर्दियों में लगभग पूर्ण रूप से).

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