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याज्ञवल्क्य और वाराणसी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

याज्ञवल्क्य और वाराणसी के बीच अंतर

याज्ञवल्क्य vs. वाराणसी

भगवती सरस्वती याज्ञवल्क्य के सम्मुख प्रकट हुईं याज्ञवल्क्य (ईसापूर्व ७वीं शताब्दी), भारत के वैदिक काल के एक ऋषि तथा दार्शनिक थे। वे वैदिक साहित्य में शुक्ल यजुर्वेद की वाजसनेयी शाखा के द्रष्टा हैं। इनको अपने काल का सर्वोपरि वैदिक ज्ञाता माना जाता है। याज्ञवल्क्य का दूसरा महत्वपूर्ण कार्य शतपथ ब्राह्मण की रचना है - बृहदारण्यक उपनिषद जो बहुत महत्वपूर्ण उपनिषद है, इसी का भाग है। इनका काल लगभग १८००-७०० ई पू के बीच माना जाता है। इन ग्रंथों में इनको राजा जनक के दरबार में हुए शास्त्रार्थ के लिए जाना जाता है। शास्त्रार्थ और दर्शन की परंपरा में भी इनसे पहले किसी ऋषि का नाम नहीं लिया जा सकता। इनको नेति नेति (यह नहीं, यह भी नहीं) के व्यवहार का प्रवर्तक भी कहा जाता है। . वाराणसी (अंग्रेज़ी: Vārāṇasī) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध नगर है। इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था। वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय। यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है। वाराणसी को प्रायः 'मंदिरों का शहर', 'भारत की धार्मिक राजधानी', 'भगवान शिव की नगरी', 'दीपों का शहर', 'ज्ञान नगरी' आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।" .

याज्ञवल्क्य और वाराणसी के बीच समानता

याज्ञवल्क्य और वाराणसी आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बृहदारण्यक उपनिषद, भारत, मत्स्य पुराण, शतपथ ब्राह्मण

बृहदारण्यक उपनिषद

बृहदारण्यक उपनिषत् शुक्ल यजुर्वेद से जुड़ा एक उपनिषद है। अद्वैत वेदांत और संन्यासनिष्ठा का प्रतिपादक है। उपनिषदों में सर्वाधिक बृहदाकार इसके ६ अध्याय, ४७ ब्राह्मण और प्रलम्बित ४३५ पदों का शांति पाठ 'ऊँ पूर्णमद:' इत्यादि है और ब्रह्मा इसकी संप्रदाय पंरपरा के प्रवर्तक हैं। यह अति प्राचीन है और इसमें जीव, ब्रह्माण्ड और ब्राह्मण (ईश्वर) के बारे में कई बाते कहीं गईं है। दार्शनिक रूप से महत्वपूर्ण इस उपनिषद पर आदि शंकराचार्य ने भी टीका लिखी थी। यह शतपथ ब्राह्मण ग्रंथ का एक खंड है और इसको शतपथ ब्राह्मण के पाठ में सम्मिलित किया जाता है। यजुर्वेद के प्रसिद्ध पुरुष सूक्त के अतिरिक्त इसमें अश्वमेध, असतो मा सदगमय, नेति नेति जैसे विषय हैं। इसमें ऋषि याज्ञवल्क्य और मैत्रेयी का संवाद है जो अत्यन्त क्रमबद्ध और युक्तिपूर्ण है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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मत्स्य पुराण

मत्स्य पुराण पुराण में भगवान श्रीहरि के मत्स्य अवतार की मुख्य कथा के साथ अनेक तीर्थ, व्रत, यज्ञ, दान आदि का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें जल प्रलय, मत्स्य व मनु के संवाद, राजधर्म, तीर्थयात्रा, दान महात्म्य, प्रयाग महात्म्य, काशी महात्म्य, नर्मदा महात्म्य, मूर्ति निर्माण माहात्म्य एवं त्रिदेवों की महिमा आदि पर भी विशेष प्रकाश डाला गया है। चौदह हजार श्लोकों वाला यह पुराण भी एक प्राचीन ग्रंथ है। .

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शतपथ ब्राह्मण

शतपथ ब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद का ब्राह्मणग्रन्थ है। ब्राह्मण ग्रन्थों में इसे सर्वाधिक प्रमाणिक माना जाता है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

याज्ञवल्क्य और वाराणसी के बीच तुलना

याज्ञवल्क्य 18 संबंध है और वाराणसी 401 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 0.95% है = 4 / (18 + 401)।

संदर्भ

यह लेख याज्ञवल्क्य और वाराणसी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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