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यक्ष (कला उत्सव) और शास्त्रीय संगीत

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

यक्ष (कला उत्सव) और शास्त्रीय संगीत के बीच अंतर

यक्ष (कला उत्सव) vs. शास्त्रीय संगीत

यक्ष एक वार्षिक कला उत्सव है जिसे, ईशा फाउंडेशन, ईशा योग केंद्र, कोयंबतूर में आयोजित करता है। जनवरी २०१० में शुरू किया गया यक्ष, भारत के विख्यात कलाकारों द्वारा संगीत और नृत्य का प्रदर्शन करता है। यक्ष, भारत के पारंपरिक संगीत और नृत्य को प्रचलित करने के उद्देश्य से आरम्ब किया गया था। इस उत्सव का नाम की प्रेरणा भारत के पौराणिक कथाएं में यक्ष नाम के परालौकिक प्राणियों से ली गयी है। . भारतीय शास्त्रीय संगीत या मार्ग, भारतीय संगीत का अभिन्न अंग है। शास्त्रीय संगीत को ही ‘क्लासिकल म्जूजिक’ भी कहते हैं। शास्त्रीय गायन ध्वनि-प्रधान होता है, शब्द-प्रधान नहीं। इसमें महत्व ध्वनि का होता है (उसके चढ़ाव-उतार का, शब्द और अर्थ का नहीं)। इसको जहाँ शास्त्रीय संगीत-ध्वनि विषयक साधना के अभ्यस्त कान ही समझ सकते हैं, अनभ्यस्त कान भी शब्दों का अर्थ जानने मात्र से देशी गानों या लोकगीत का सुख ले सकते हैं। इससे अनेक लोग स्वाभाविक ही ऊब भी जाते हैं पर इसके ऊबने का कारण उस संगीतज्ञ की कमजोरी नहीं, लोगों में जानकारी की कमी है। .

यक्ष (कला उत्सव) और शास्त्रीय संगीत के बीच समानता

यक्ष (कला उत्सव) और शास्त्रीय संगीत आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): सरोद, सितार, कर्नाटक संगीत

सरोद

thumb सरोद भारत के सबसे लोकप्रिय वाद्ययंत्र में से एक है जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत से लेकर हर तरह के संगीत में किया जाता है। श्रेणी:वाद्य यंत्र श्रेणी:हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत श्रेणी:भारतीय वाद्य यंत्र.

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सितार

सितार भारत के सबसे लोकप्रिय वाद्ययंत्रों में से एक है, जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत से लेकर हर तरह के संगीत में किया जाता है। इसके इतिहास के बारे में अनेक मत हैं किंतु अपनी पुस्तक भारतीय संगीत वाद्य में प्रसिद्ध विचित्र वीणा वादक डॉ लालमणि मिश्र ने इसे प्राचीन त्रितंत्री वीणा का विकसित रूप सिद्ध किया। सितार पूर्ण भारतीय वाद्य है क्योंकि इसमें भारतीय वाद्योँ की तीनों विशेषताएं हैं। तंत्री या तारों के अलावा इसमें घुड़च, तरब के तार तथा सारिकाएँ होती हैं। कहा जाता है कि भारतीय तन्त्री वाद्यों का सर्वाधिक विकसित रूप है। आधुनिक काल में सितार के तीन घराने अथवा शैलियाँ इस के वैविध्य को प्रकाशित करते रहे हैं। बाबा अलाउद्दीन खाँ द्वारा दी गयी तन्त्रकारी शैली जिसे पण्डित रविशंकर निखिल बैनर्जी ने अपनाया दरअसल सेनी घराने की शैली का परिष्कार थी। अपने बाबा द्वारा स्थापित इमदादखानी शैली को मधुरता और कर्णप्रियता से पुष्ट किया उस्ताद विलायत खाँ ने। पूर्ण रूप से तन्त्री वाद्यों हेतु ही वादन शैली मिश्रबानी का निर्माण डॉ लालमणि मिश्र ने किया तथा सैंकडों रागों में हजारों बन्दिशों का निर्माण किया। ऐसी ३०० बन्दिशों का संग्रह वर्ष २००७ में प्रकाशित हुआ है। सितार से कुछ बड़ा वाद्य सुर-बहार आज भी प्रयोग में है किन्तु सितार से अधिक लोकप्रिय कोई भी वाद्य नहीं है। इसकी ध्वनि को अन्य स्वरूप के वाद्य में उतारने की कई कोशिशें की गई, किन्तु ढांचे में निहित तन्त्री खिंचाव एवं ध्वनि परिमार्जन के कारण ठीक वैसा ही माधुर्य प्राप्त नहीं किया जा सका। गिटार की वादन शैली से सितार समान स्वर उत्पन्न करने की सम्भावना रन्जन वीणा में कही जाती है किन्तु सितार जैसे प्रहार, अन्गुली से खींची मींड की व्यवस्था न हो पाने के कारण सितार जैसी ध्वनि नहीं उत्पन्न होती। मीराबाई कृष्ण भजन में सितार का प्रयोग करती थी। .

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कर्नाटक संगीत

300px कर्नाटक संगीत या संस्कृत में कर्णाटक संगीतं भारत के शास्त्रीय संगीत की दक्षिण भारतीय शैली का नाम है, जो उत्तरी भारत की शैली हिन्दुस्तानी संगीत से काफी अलग है। कर्नाटक संगीत ज्यादातर भक्ति संगीत के रूप में होता है और ज्यादातर रचनाएँ हिन्दू देवी देवताओं को संबोधित होता है। इसके अलावा कुछ हिस्सा प्रेम और अन्य सामाजिक मुद्दों को भी समर्पित होता है। जैसा कि आमतौर पर भारतीय संगीत मे होता है, कर्नाटक संगीत के भी दो मुख्य तत्व राग और ताल होता है। कर्नाटक शास्त्रीय शैली में रागों का गायन अधिक तेज और हिंदुस्तानी शैली की तुलना में कम समय का होता है। त्यागराज, मुथुस्वामी दीक्षितार और श्यामा शास्त्री को कर्नाटक संगीत शैली की 'त्रिमूर्ति' कहा जाता है, जबकि पुरंदर दास को अक्सर कर्नाटक शैली का पिता कहा जाता है। कर्नाटक शैली के विषयों में पूजा-अर्चना, मंदिरों का वर्णन, दार्शनिक चिंतन, नायक-नायिका वर्णन और देशभक्ति शामिल हैं। .

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यक्ष (कला उत्सव) और शास्त्रीय संगीत के बीच तुलना

यक्ष (कला उत्सव) 23 संबंध है और शास्त्रीय संगीत 21 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 6.82% है = 3 / (23 + 21)।

संदर्भ

यह लेख यक्ष (कला उत्सव) और शास्त्रीय संगीत के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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