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मृदा विज्ञान

सूची मृदा विज्ञान

विभिन्न प्रकार की मृदा के नमूने मृदा विज्ञान (Soil science) में मृदा का अध्ययन एक प्राकृतिक संसाधन के रूप में किया जाता है। इसके अन्तर्गत मृदानिर्माण, मृदा का वर्गीकरण, मृदा के भौतिक, रासायनिक तथा जैविक गुणों का अध्ययन, उर्वरकता का अध्ययन आदि किया जाता है। मृदा वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिन्तित हैं कि विश्व की जनसंख्या-वृद्धि के साथ मृदा तथा खेती योग्य भूमि का सरक्षण कैसे किया जाय। .

14 संबंधों: चीनी मिट्टी, प्राकृतिक संसाधन, बालू, भारत, भौतिक शास्त्र, मृत्तिका, मृदा, सिलिका, संसंजन, गाद, कपास, काली मिट्टी, केशिका, PH

चीनी मिट्टी

चीनी मिट्टी के टुकड़े चीनी मिट्टी (या, केओलिनाइट / Kaolinite) एक प्रकार की सफेद और सुघट्य मिट्टी हैं, जो प्राकृतिक अवस्था में पाई जाती है। इसका रासायनिक संघटन जलयुक्त ऐल्यूमिनो-सिलिकेट (Al2O3. 2SiO2. 2H2O) है। चीनी मिट्टी को 'केओलिन' भी कहते हैं। चीनी भाषा में केओलिन का अर्थ 'पहाड़ी डाँडा' होता है। डांडे बहुधा फेल्सपार खनिज के होते हैं और इस फेल्सपार का रासायनिक विघटन होने के कारण चीन मिट्टी या केओलिन इन्हीं डाँडों में पाई जाती है, बल्कि उस सफेद और सुघट्य मिट्टी को भी कहते हैं जो विघटन के स्थान से बहकर किसी अन्य स्थान में जमा हो जाती है। इसलिये चीनी मिट्टी दो प्रकार की होती है: .

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प्राकृतिक संसाधन

Marquesas Islands) प्राकृतिक संसाधन वो प्राकृतिक पदार्थ हैं जो अपने अपक्षक्रित (?) मूल प्राकृतिक रूप में मूल्यवान माने जाते हैं। एक प्राकृतिक संसाधन का मूल्य इस बात पर निर्भर करता है की कितना पदार्थ उपलब्ध है और उसकी माँग (demand) कितनी है। प्राकृतिक संसाधन दो तरह के होते हैं-.

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बालू

लिबिया में बालू का ढ़ेर गोबी मरुस्थल के बालू का पास से लिया गया फोटो (1 x 1 सेमी) चट्टानें और अन्य धात्विक पदार्थ विविध प्राकृतिक और अप्राकृतिक साधनों से टूट फूटकर बजरी, बालू, गाद या चिकनी मिट्टी का रूप ले लेते हैं। यदि टुकड़े बड़े हुए तो बजरी और यदि छोटे हुए तो कणों, के विस्तार के हिसाब से उन्हें क्रमश: बालू (sand), गाद (silt) या मृत्तिका (चिकनी मिट्टी / clay) कहते हैं। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भौतिक शास्त्र

भौतिकी के अन्तर्गत बहुत से प्राकृतिक विज्ञान आते हैं भौतिक शास्त्र अथवा भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ऊष्मा तथा ध्वनि इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह विज्ञान का एक प्रमुख विभाग है। इसके सिद्धांत समूचे विज्ञान में मान्य हैं और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होते हैं। इसका क्षेत्र विस्तृत है और इसकी सीमा निर्धारित करना अति दुष्कर है। सभी वैज्ञानिक विषय अल्पाधिक मात्रा में इसके अंतर्गत आ जाते हैं। विज्ञान की अन्य शाखायें या तो सीधे ही भौतिक पर आधारित हैं, अथवा इनके तथ्यों को इसके मूल सिद्धांतों से संबद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है। भौतिकी का महत्व इसलिये भी अधिक है कि अभियांत्रिकी तथा शिल्पविज्ञान की जन्मदात्री होने के नाते यह इस युग के अखिल सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मूल प्रेरक है। बहुत पहले इसको दर्शन शास्त्र का अंग मानकर नैचुरल फिलॉसोफी या प्राकृतिक दर्शनशास्त्र कहते थे, किंतु १८७० ईस्वी के लगभग इसको वर्तमान नाम भौतिकी या फिजिक्स द्वारा संबोधित करने लगे। धीरे-धीरे यह विज्ञान उन्नति करता गया और इस समय तो इसके विकास की तीव्र गति देखकर, अग्रगण्य भौतिक विज्ञानियों को भी आश्चर्य हो रहा है। धीरे-धीरे इससे अनेक महत्वपूर्ण शाखाओं की उत्पत्ति हुई, जैसे रासायनिक भौतिकी, तारा भौतिकी, जीवभौतिकी, भूभौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, आकाशीय भौतिकी इत्यादि। भौतिकी का मुख्य सिद्धांत "उर्जा संरक्षण का नियम" है। इसके अनुसार किसी भी द्रव्यसमुदाय की ऊर्जा की मात्रा स्थिर होती है। समुदाय की आंतरिक क्रियाओं द्वारा इस मात्रा को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं। ऊर्जा के अनेक रूप होते हैं और उसका रूपांतरण हो सकता है, किंतु उसकी मात्रा में किसी प्रकार परिवर्तन करना संभव नहीं हो सकता। आइंस्टाइन के सापेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार द्रव्यमान भी उर्जा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण और द्रव्यमान संरक्षण दोनों सिद्धांतों का समन्वय हो जाता है और इस सिद्धांत के द्वारा भौतिकी और रसायन एक दूसरे से संबद्ध हो जाते हैं। .

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मृत्तिका

मृत्तिका निर्माण कार्य वाली जगह पर मृत्तिका मृत्तिका (Clay) एक व्यापक शब्द है। प्रायः २ माइक्रॉन से छोटे व्यास वाले कणों वाले अवसादी शैलों को 'मृत्तिका' कहते हैं। यह मुख्यतः अलमुनियम के सिलिकेट एवं अन्य बहुसिलिकेट (पॉलीसिलिकेट) का मिश्रण है। मृत्तिका जिन मुख्य खनिजों से बनी होती है उन्हें 'मृत्तिका खनिज' कहते हैं। भूतकनीकी दृष्टि से मृत्तिका उन मृत्तिका खनिजों को कहते हैं जिनके कणों का आकार ४ माइक्रॉन से छोटा होता है। (४ माइक्रॉन से लेकर ५० माइक्रॉन तक के आकार वाले अवसादी शैलों को गाद तथा ५० माइक्रॉन से बड़े कण-आकार वाले अवसादी शैलों को बालू कहते हैं।) मृत्तिका मुख्यतः भूरे रंग (grey) की होती है किन्तु अन्य रंगों (सफेद, पीली, लाल आदि) की भी मृत्तिका पायी जाती है। यह नदियों के किनारों पर देखने को मिल सकती है। .

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मृदा

पृथ्वी ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा (मिट्टी / soil) कहते हैं। ऊपरी सतह पर से मिट्टी हटाने पर प्राय: चट्टान (शैल) पाई जाती है। कभी कभी थोड़ी गहराई पर ही चट्टान मिल जाती है। 'मृदा विज्ञान' (Pedology) भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें मृदा के निर्माण, उसकी विशेषताओं एवं धरातल पर उसके वितरण का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता हैं। पृथऽवी की ऊपरी सतह के कणों को ही (छोटे या बडे) soil कहा जाता है .

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सिलिका

बालू या रेत सिलिका या सिलिकॉन डाईऑक्साइड (Silica, SiO2), खनिज सिलिकन और ऑक्सीजन के योग से बना है। यह निम्नलिखित खनिजों के रूप में मिलता है: १. क्रिस्टलीय: जैसे क्वार्ट्ज २. गुप्त क्रिस्टलीय: जैसे चाल्सीडानी, ऐगेट और फ्लिंट ३. अक्रिस्टली: जैसे ओपल। .

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संसंजन

दो समान प्रकार के कणों या सतहों के एक दूसरे से चिपकने की प्रवृत्ति को संसंजन (cohesion) कहते हैं। .

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गाद

क्वार्ट्ज और फिल्ड्स्पार खनिजों से उत्पन्न कणिकामय पदार्थ को गादी (Silt) कहते हैं। इसके कणों का आकार बालू से छोटा किन्तु मृत्तिका (clay) से बड़ा होता है। यह भूमि के रूप में या जल में घुले अवसाद (sediment) के रूप में हो सकती है। इसके अतिरिक्त यह नदियों, तालाबों आदि के तल में भी जमा हो सकती है। श्रेणी:मृदा विज्ञान श्रेणी:अवसादी शैलें.

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कपास

कपास चुनती हुई स्त्री मशीन से संस्कारित करने के पहले हाथ से बीज निकालते हुए (२०१०) विश्व के कपास उत्पादक क्षेत्र कपास एक नकदी फसल हैं। इससे रुई तैयार की जाती हैं, जिसे "सफेद सोना" कहा जाता हैं | .

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काली मिट्टी

भारत की स्थानीय मिट्टी में से काली मिट्टी सबसे अलग दिखाई देती है, इसे रेगुर भी कहा जाता है। लेकिन प्राया: इसे काली कपास मिट्टी कह्ते हैं, क्योंकि इसमे कपास की खेती ज्यादा होती है। काली मिट्टी मुख्यतः महाराष्त्रा, कर्नात्तका, गुजरात, और मध्य प्रदेश में पाई जाती है। श्रेणी:मृदा के प्रकार.

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केशिका

शरीर की सबसे पतली रक्त-वाहिनियाँ केशिका (Capillaries) कहलातीं हैं। ये सूक्ष्मपरिसंचरण (microcirculation) का भाग हैं। वे केवल एक कोशिका के बराबर मोटी होती हैं। .

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PH

पीएच या pH, किसी विलयन की अम्लता या क्षारकता का एक माप है। इसे द्रवीभूत हाइड्रोजन आयनों (H+) की गतिविधि के सह-लघुगणक (कॉलॉगरिदम) के रूप में परिभाषित किया जाता है। हाइड्रोजन आयन के गतिविधि गुणांक को प्रयोगात्मक रूप से नहीं मापा जा सकता है, इसलिए वे सैद्धांतिक गणना पर आधारित होते हैं। pH स्केल, कोई सुनिश्चित स्केल नहीं है; इसका संबंध मानक विलयन के एक सेट (समुच्चय) के साथ होता है जिसके pH का आकलन अंतर्राष्ट्रीय संविदा के द्वारा किया जाता है। pH की अवधारणा को सबसे पहले 1909 में कार्ल्सबर्ग लैबॉरेट्री के डेनिश रसायनशास्त्री, सॉरेन पेडर लॉरिट्ज़ सॉरेनसेन ने प्रस्तुत किया था। यह अभी भी अज्ञात है कि p की सटीक परिभाषा क्या है। कुछ संदर्भों से पता चलता है कि p, "पावर" (“Power”)कार्ल्सबर्ग ग्रूप कंपनी के इतिहास का पृष्ठ, http://www.carlsberggroup.com/Company/Research/Pages/pHValue.aspx का प्रतीक है और अन्य इसे जर्मन शब्द "पोटेंज़" (“Potenz”) (जर्मन में जिसका अर्थ, पावर या शक्ति होता है)वाटरलू विश्वविद्यालय - pH स्केल, http://www.science.uwaterloo.ca/~cchieh/cact/c123/ph.html के रूप में संदर्भित करते हैं और अभी भी अन्य इसे "पोटेंशियल" (“potential” या विभव) के रूप में संदर्भित करते हैं। जेंस नॉर्बी ने 2000 में एक पत्र प्रकाशित किया जिसमें उसने तर्क दिया कि p, एक स्थिरांक है और "ऋणात्मक लघुगणक"नॉर्बी, जेंस.

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