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मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ और शरम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ और शरम के बीच अंतर

मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ vs. शरम

मुहम्मद ज़िया उल हक़ (दाई तरफ़) जनरल मुहम्मद ज़िया उल हक़ (जन्म: १२ अगस्त १९२४, देहांत: १७ अगस्त १९८८) पाकिस्तान के चौथे फ़ौजी तानाशाह और छठे राष्ट्रपति थे। उनका शासन जुलाई १९७७ से अगस्त १९८८ में हवाई जहाज़ दुर्घटना में हुई उनकी मृत्यु तक चला। उन्हें १९७६ में तब के प्रधानमन्त्री ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो ने सेनाधाक्ष बनाया था लेकिन उन्होंने तख़्ता पलटकर शासन पर सैनिक क़ब्ज़ा जमा लिया और भुट्टो को फांसी दिलवा दी। उनके शासनकाल में पाकिस्तान में गहरे इस्लामीकरण की नीतियाँ चलीं। उन्होने आर्थिक विकास के लिए पूंजीवादी नीतियाँ अपनाई जिस से पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था में बहुत सुधार हुआ और वह भारतीय उपमहाद्वीप के सब से तेज़ी से बढ़ने वाले देशों में आ गया। सन् १९७९ में शुरू हुए अफ़्ग़ानिस्तान में सोवियत संघ के हस्तक्षेप के खिलाफ़ उन्होने अमेरिका की सहायता से एक गुप्त युद्ध चलाया जिस से आगे चलकर सोवियत संघ को अफ़्ग़ानिस्तान छोड़ना पड़ा, लेकिन साथ-ही-साथ पाकिस्तान और उसके पड़ौसी इलाक़ों में कट्टरवादी उग्रवाद भी बढ़ गया। . शरम ललित कार्तिकेय द्वारा किया गया सलमान रश्दी के अंग्रेजी उपन्यास शेम का हिंदी अनुवाद है। यह जादुई यथार्थवाद की शैली में लिखा गया है। इस में ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो (इस्कंदर हड़प्पा) और जनरल मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ (जनरल रज़ा हैदर) के जीवन और उनके संबंधों का चित्रण किया गया है। उपन्यास की केंद्रीय विषयवस्तु बताती है कि शरम से ही हिंसा पैदा हुई है। सभी चरित्रों के जरिए शर्म और बेशर्मी की सोच की पड़ताल मिलती है किंतु दृष्टि के केंद्र में सूफिया ज़िनोबिया और ऊमर खैय्याम हैं। श्रेणी:अनुवाद श्रेणी:अंग्रेजी से हिंदी में अनूदित.

मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ और शरम के बीच समानता

मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ और शरम आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो

ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो

ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो (उर्दू व सिंधी: ذوالفقار علی بھٹو, जन्म: 5 जनवरी 1928 - मौत: 4 अप्रैल 1979) पाकिस्तान के प्रधान मन्त्री थे। वे 1973 से 1977 तक प्रधानमंत्री रहे और इससे पहले अय्यूब ख़ान के शासनकाल में विदेश मंत्री रहे थे। लेकिन अय्यूब ख़ान से मतभेद होने के कारण उन्होंने अपनी नई पार्टी (पीपीपी) 1967 में बनाई। 1962 के भारत-चीन युद्ध, 65 और 71 के पाकिस्तान युद्ध, तीनों के समय वे महत्वपूर्ण पदों पर आसीन थे। 1965 के युद्ध के बाद उन्होंने ही पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम का ढाँचा तैयार किया था। पूर्व पाकिस्तानी नेता बेनज़ीर भुट्टो इन्ही की बेटी थी। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले पर उन्हें 1979 में फ़ाँसी पर लटका दिया गया था जिसमें सैन्य शासक ज़िया उल हक़ का हाथ समझा जाता है। श्रेणी:पाकिस्तानी राजनीतिज्ञ श्रेणी:पाकिस्तान के प्रधान मन्त्री.

ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो और मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ · ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो और शरम · और देखें »

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मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ और शरम के बीच तुलना

मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ 7 संबंध है और शरम 8 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 6.67% है = 1 / (7 + 8)।

संदर्भ

यह लेख मुहम्मद ज़िया-उल-हक़ और शरम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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