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मुनि जिनविजय और राजस्थान साहित्य अकादमी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मुनि जिनविजय और राजस्थान साहित्य अकादमी के बीच अंतर

मुनि जिनविजय vs. राजस्थान साहित्य अकादमी

मुनि जिनविजय (१८८८-१९७६) ने अपने जीवनकाल में अनेक अमूल्य ग्रंथों का अध्ययन, संपादन तथा प्रकाशन किया। पुरातत्वचार्य मुनि जिनविजय ने साहित्य तथा संस्कृति के प्रोत्साहन हेतु कई शोध संस्थानों का संस्थापन तथा संचालन किया। भारत सरकार ने आपको पद्मश्री की उपाधि से सम्मानित किया। . राजस्थान साहित्य अकादमी की स्थापना २८ जनवरी १९५८ ई. राज्य सरकार द्वारा राज्य में साहित्य के विकास, प्रोत्साहन व प्रचार-प्रसार के उद्धेश्य से एक शासकीय इकाई के रूप में की गई और ८ नवम्बर १९६२ को इसे स्वायत्तता प्रदान की गई। तब से यह यह संस्थान अपने संविधान के अनुसार राजस्थान में साहित्य की प्रोन्नति तथा साहित्यिक संचेतना के प्रचार-प्रसार के लिए सतत् सक्रिय है। राजस्थान में सृजित साहित्य और यहां के साहित्यकारों की हिन्दी साहित्य के राष्ट्रीय फलक पर विशिष्ट पहचान स्थापित हुई है। अकादमी की स्वीकृत और अधिकृत योजनाओं की स्पष्टतः कुछ आधारभूत विशेषताएं हैं। अकादमी में रचनाधर्मियों की वाणी और विचार सृजन की स्वतंत्रता को पूरी तरह से संरक्षित और प्रोत्साहित किया गया है। अकादमी किसी भी प्रकार के वादों, घेरों, सम्प्रदायों और राजनीतिक दलबन्दियों से परे है। अकादमी को प्रारम्भ से ही उसका स्वरूप और व्यक्तित्व प्रदान किया गया है और इसका ध्येय, वाक्य और मुद्रा स्वीकृत है। राजस्थान साहित्य अकादमी की स्थापना साहित्य जगत हेतु एक सुखद अनुभूति है और राजस्थान के सांस्कृतिक और साहित्यिक पुनर्निर्माण एवं विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। .

मुनि जिनविजय और राजस्थान साहित्य अकादमी के बीच समानता

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संदर्भ

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