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मारवाड़ी और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मारवाड़ी और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य के बीच अंतर

मारवाड़ी vs. हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य

मारवाड़ी भारत का एक प्रमुख व्यापारिक समुदाय है, जो भारत के राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र से निकला दक्षिण एशियाई जातीय-भाषाई समूह हैं। इनकी भाषा, जिसे मारवाड़ी भी कहा जाता है, राजस्थानी भाषा का अंग है। मारवाड़ी राजपूत साम्राज्यों के काल से ही अंतर्देशीय व्यापारियों के रूप में और बाद में औद्योगिक उत्पादन और अन्य क्षेत्रों में निवेशकों के रूप में एक बेहद सफल व्यापारिक समुदाय रहा है। आज, वे देश के कई बड़े मीडिया समूहों को नियंत्रित करते हैं। हालांकि आज ये समुदाय पूरे भारत और नेपाल में फैल गया, लेकिन ऐतिहासिक रूप से ये कलकत्ता और मध्य और पूर्वी भारत के पहाड़ी इलाकों में सबसे अधिक केंद्रित थे। . हिन्दी की अनेक बोलियाँ (उपभाषाएँ) हैं, जिनमें अवधी, ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली, बघेली, भोजपुरी, हरयाणवी, राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, मालवी, झारखंडी, कुमाउँनी, मगही आदि प्रमुख हैं। इनमें से कुछ में अत्यंत उच्च श्रेणी के साहित्य की रचना हुई है। ऐसी बोलियों में ब्रजभाषा और अवधी प्रमुख हैं। यह बोलियाँ हिन्दी की विविधता हैं और उसकी शक्ति भी। वे हिन्दी की जड़ों को गहरा बनाती हैं। हिन्दी की बोलियाँ और उन बोलियों की उपबोलियाँ हैं जो न केवल अपने में एक बड़ी परंपरा, इतिहास, सभ्यता को समेटे हुए हैं वरन स्वतंत्रता संग्राम, जनसंघर्ष, वर्तमान के बाजारवाद के खिलाफ भी उसका रचना संसार सचेत है। मोटे तौर पर हिंद (भारत) की किसी भाषा को 'हिंदी' कहा जा सकता है। अंग्रेजी शासन के पूर्व इसका प्रयोग इसी अर्थ में किया जाता था। पर वर्तमानकाल में सामान्यतः इसका व्यवहार उस विस्तृत भूखंड को भाषा के लिए होता है जो पश्चिम में जैसलमेर, उत्तर पश्चिम में अंबाला, उत्तर में शिमला से लेकर नेपाल की तराई, पूर्व में भागलपुर, दक्षिण पूर्व में रायपुर तथा दक्षिण-पश्चिम में खंडवा तक फैली हुई है। हिंदी के मुख्य दो भेद हैं - पश्चिमी हिंदी तथा पूर्वी हिंदी। .

मारवाड़ी और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य के बीच समानता

मारवाड़ी और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): भारत, मारवाड़ी, मारवाड़ी भाषा, राजस्थानी, हिन्दी

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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मारवाड़ी

मारवाड़ी भारत का एक प्रमुख व्यापारिक समुदाय है, जो भारत के राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र से निकला दक्षिण एशियाई जातीय-भाषाई समूह हैं। इनकी भाषा, जिसे मारवाड़ी भी कहा जाता है, राजस्थानी भाषा का अंग है। मारवाड़ी राजपूत साम्राज्यों के काल से ही अंतर्देशीय व्यापारियों के रूप में और बाद में औद्योगिक उत्पादन और अन्य क्षेत्रों में निवेशकों के रूप में एक बेहद सफल व्यापारिक समुदाय रहा है। आज, वे देश के कई बड़े मीडिया समूहों को नियंत्रित करते हैं। हालांकि आज ये समुदाय पूरे भारत और नेपाल में फैल गया, लेकिन ऐतिहासिक रूप से ये कलकत्ता और मध्य और पूर्वी भारत के पहाड़ी इलाकों में सबसे अधिक केंद्रित थे। .

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मारवाड़ी भाषा

राजस्थान में मारवाड़ी बोलने वाले इलाक़े मारवाड़ी राजस्थान में बोली जाने वाली एक क्षेत्रीय भाषा है। यह राजस्थान की एक मुख्य भाषाओं में से एक है। मारवाड़ी गुजरात, हरियाणा और पूर्वी पाकिस्तान में भी बोली जाती है। इसकी मुख्य लिपि देवनागरी है। इसकी कई उप-बोलियाँ भी है। मारवाड़ी की ख़ुद की लिपि जिसे मोड़िया लिपि भी हैं। परन्तु इस लिपि के विकास में राजपुताने राजरस्थान के राजा-महाराजा (वर्तमान में राजस्थान राज्य) व राजस्थान सरकार ने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। पिछले ४०-५० सालों से इस भाषा के विकास पर बातें तो बहुत होती रही है पर कार्य के मामले में कोई विशेष प्रगति नहीं दिखी। इन दिनों सन् 2011 से कोलकाता के श्री शम्भु चौधरी इस दिशा में काफी कार्य किया है। राजस्थानी भाषा कि लिपि के संदर्भ में यह गलत प्रचार किया जाता रहा कि इसकी लिपि देवनागरी है जबकि राजस्थान के पुराने दस्तावेजों से पता चलता है कि इसकी लिपि मोड़िया है। उस लिपि को महाजनी भी कहा जाता है। हांलाकि मोड़िया लिपि को भी महाजनी लिपि कहा जाता हैं। कुछ लोग मोड़ी लिपि को ही मोड़िया लिपि मानते रहे। जब इसके विस्तार में देखा गया तो दोनों लिपि में काफी अन्तर है। .

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राजस्थानी

राजस्थानी उचित संज्ञा शब्द राजस्थान का विशेषण रूप है। इसका उपयोग निम्न में से किसी एक लिए किया गया हो.

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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मारवाड़ी और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य के बीच तुलना

मारवाड़ी 26 संबंध है और हिंदी की विभिन्न बोलियाँ और उनका साहित्य 60 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 5.81% है = 5 / (26 + 60)।

संदर्भ

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