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मानव लैंगिकता और मानस शास्त्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मानव लैंगिकता और मानस शास्त्र के बीच अंतर

मानव लैंगिकता vs. मानस शास्त्र

कामुकता एक सहज वृति है जो हर इंसान में होती है, अगर हम कामुक होना बंद कर दे तो परकृति का अविरल चलने वाली धारा ही बंद हो जायगी.कामुकता एक नेश्र्सिक खूबी है। जिसे जन्म से ही हमारे पास है माँ और पिता के माध्यम से हमे दिया है, इश्वर या कहे नेचर ने. साइकोलोजी या मनोविज्ञान (ग्रीक: Ψυχολογία, लिट."मस्तिष्क का अध्ययन",ψυχήसाइके"शवसन, आत्मा, जीव" और -λογία-लोजिया (-logia) "का अध्ययन ") एक अकादमिक (academic) और प्रयुक्त अनुशासन है जिसमें मानव के मानसिक कार्यों और व्यवहार (mental function) का वैज्ञानिक अध्ययन (behavior) शामिल है कभी कभी यह प्रतीकात्मक (symbol) व्याख्या (interpretation) और जटिल विश्लेषण (critical analysis) पर भी निर्भर करता है, हालाँकि ये परम्पराएँ अन्य सामाजिक विज्ञान (social science) जैसे समाजशास्त्र (sociology) की तुलना में कम स्पष्ट हैं। मनोवैज्ञानिक ऐसी घटनाओं को धारणा (perception), अनुभूति (cognition), भावना (emotion), व्यक्तित्व (personality), व्यवहार (behavior) और पारस्परिक संबंध (interpersonal relationships) के रूप में अध्ययन करते हैं। कुछ विशेष रूप से गहरे मनोवैज्ञानिक (depth psychologists) अचेत मस्तिष्क (unconscious mind) का भी अध्ययन करते हैं। मनोवैज्ञानिक ज्ञान मानव क्रिया (human activity) के भिन्न क्षेत्रों पर लागू होता है, जिसमें दैनिक जीवन के मुद्दे शामिल हैं और -; जैसे परिवार, शिक्षा (education) और रोजगार और - और मानसिक स्वास्थ्य (treatment) समस्याओं का उपचार (mental health).

मानव लैंगिकता और मानस शास्त्र के बीच समानता

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मानव लैंगिकता और मानस शास्त्र के बीच तुलना

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संदर्भ

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