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महासागरीय भूपर्पटी और संमिलन सीमा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

महासागरीय भूपर्पटी और संमिलन सीमा के बीच अंतर

महासागरीय भूपर्पटी vs. संमिलन सीमा

महासागरीय भूपर्पटी (Oceanic crust) किसी महासागरीय भौगोलिक तख़्ते की सबसे ऊपरी परत को कहते हैं। इसके विपरीत महाद्वीपीय भौगोलिक तख़्ते की सबसे ऊपरी परत को महाद्वीपीय भूपर्पटी कहते हैं। . भूवैज्ञानिक प्लेट विवर्तनिकी में संमिलन सीमा (convergent boundary) वह सीमा होती है जहाँ पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फ़ीयर) के दो भौगोलिक तख़्ते (प्लेटें) एक दूसरे की ओर आकर टकराते हैं या आपस में घिसते हैं। ऐसे क्षेत्रों में दबाव और रगड़ से भूप्रावार (मैन्टल) का पत्थर पिघलने लगता है और ज्वालामुखी तथा भूकम्पन घटनाओं में से एक या दोनों मौजूद रहते हैं। संमिलन सीमाओं पर या तो एक तख़्ते का छोर दूसरे तख़्ते के नीचे दबने लगता है (इसे निम्नस्खलन या सबडक्शन कहते हैं) या फिर महाद्वीपीय टकराव होता है।Butler, Rob (October 2001).

महासागरीय भूपर्पटी और संमिलन सीमा के बीच समानता

महासागरीय भूपर्पटी और संमिलन सीमा आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): प्लेट विवर्तनिकी, भूप्रावार

प्लेट विवर्तनिकी

प्लेट विवर्तनिकी (Plate tectonics) एक वैज्ञानिक सिद्धान्त है जो पृथ्वी के स्थलमण्डल में बड़े पैमाने पर होने वाली गतियों की व्याख्या प्रस्तुत करता है। साथ ही महाद्वीपों, महासागरों और पर्वतों के रूप में धरातलीय उच्चावच के निर्माण तथा भूकम्प और ज्वालामुखी जैसी घटनाओं के भौगोलिक वितरण की व्याख्या प्रस्तुत करने का प्रयास करता है। यह सिद्धान्त बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में अभिकल्पित महाद्वीपीय विस्थापन नामक संकल्पना से विकसित हुआ जब 1960 के दशक में ऐसे नवीन साक्ष्यों की खोज हुई जिनसे महाद्वीपों के स्थिर होने की बजाय गतिशील होने की अवधारणा को बल मिला। इन साक्ष्यों में सबसे महत्वपूर्ण हैं पुराचुम्बकत्व से सम्बन्धित साक्ष्य जिनसे सागर नितल प्रसरण की पुष्टि हुई। हैरी हेस के द्वारा सागर नितल प्रसरण की खोज से इस सिद्धान्त का प्रतिपादन आरंभ माना जाता है और विल्सन, मॉर्गन, मैकेंज़ी, ओलिवर, पार्कर इत्यादि विद्वानों ने इसके पक्ष में प्रमाण उपलब्ध कराते हुए इसके संवर्धन में योगदान किया। इस सिद्धान्त अनुसार पृथ्वी की ऊपरी लगभग 80 से 100 कि॰मी॰ मोटी परत, जिसे स्थलमण्डल कहा जाता है, और जिसमें भूपर्पटी और भूप्रावार के ऊपरी हिस्से का भाग शामिल हैं, कई टुकड़ों में टूटी हुई है जिन्हें प्लेट कहा जाता है। ये प्लेटें नीचे स्थित एस्थेनोस्फीयर की अर्धपिघलित परत पर तैर रहीं हैं और सामान्यतया लगभग 10-40 मिमी/वर्ष की गति से गतिशील हैं हालाँकि इनमें कुछ की गति 160 मिमी/वर्ष भी है। इन्ही प्लेटों के गतिशील होने से पृथ्वी के वर्तमान धरातलीय स्वरूप की उत्पत्ति और पर्वत निर्माण की व्याख्या प्रस्तुत की जाती है और यह भी देखा गया है कि प्रायः भूकम्प इन प्लेटों की सीमाओं पर ही आते हैं और ज्वालामुखी भी इन्हीं प्लेट सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं। प्लेट विवर्तनिकी में विवर्तनिकी (लातीन:tectonicus) शब्द यूनानी भाषा के τεκτονικός से बना है जिसका अर्थ निर्माण से सम्बंधित है। छोटी प्लेट्स की संख्या में भी कई मतान्तर हैं परन्तु सामान्यतः इनकी संख्या 100 से भी अधिक स्वीकार की जाती है। .

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भूप्रावार

भूप्रावार या मैन्टल (अंग्रेज़ी: Mantle) या प्रावार भूविज्ञान में किसी पथरीले ग्रह या प्राकृतिक उपग्रह की एक परत को कहते हैं। यह सबसे बाहरी भूपटल (क्रस्ट) नामक परत के नीचे लेकिन भूकेन्द्र के ऊपर और उसे ढके हुए होती है। भूपटल के मुक़ाबले में भूप्रावार परत बहुत मोटी होती है। हमारी पृथ्वी में भूप्रावार लगभग २,९०० किमी मोटी है और यह पृथ्वी के कुल घनफल (वोल्यूम) का ८४% भाग इसी में सम्मिलित है।, pp.

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महासागरीय भूपर्पटी और संमिलन सीमा के बीच तुलना

महासागरीय भूपर्पटी 11 संबंध है और संमिलन सीमा 19 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 6.67% है = 2 / (11 + 19)।

संदर्भ

यह लेख महासागरीय भूपर्पटी और संमिलन सीमा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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