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मलिक अयाज़ और महमूद ग़ज़नवी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मलिक अयाज़ और महमूद ग़ज़नवी के बीच अंतर

मलिक अयाज़ vs. महमूद ग़ज़नवी

सुल्तान ग़ज़नवी के सामने मालिक अयाज़ झुकते हुए मलिक अयाज़ सुल्तान महमूद ग़ज़नवी के ग़ुलाम और प्रेमी या महबूब थे। वे जोर्जियाई मूल के थे। उन्होंने ग़ज़नवी की सेना के अधिकारी बने और बाद में वे सेनापति बने। मलिक अयाज़ और ग़ज़नवी के बीच की बेपनाह मोहब्बत से प्रेरित कविताएँ और कहानियाँ, को कभी-कभी सेक्स संबंधों भी माना जाता है। लेकिन स्थानीय मुसलमान इतिहासकार और सूफ़ी मलिक अयाज़ को महमूद ग़ज़नवी के भरोसेमन्द सामन्तवादी वफ़ादार के रूप में याद करते हैं। आगया ऐन लड़ाई में अगर वक़्त-ए-नमाज़ क़िबला रोओ हो के ज़मीं-बोस हुई क़ौम-ए-हिजाज़ एक ही सफ़ में खड़े हो गए महमूद-ओ-अय्याज़ ना कोई बंदा रहा और ना कोई बंदा-नवाज़ बंदा-ओ-साहिब-ओ-मुहताज-ओ-ग़नी एक हुए तेरी सरकार में पहुंचे तो सभी एक हुए शिकवा, मुहम्मद इक़बाल . महमूद ग़ज़नवी (971-1030) मध्य अफ़ग़ानिस्तान में केन्द्रित गज़नवी वंश का एक महत्वपूर्ण शासक था जो पूर्वी ईरान भूमि में साम्राज्य विस्तार के लिए जाना जाता है। वह तुर्क मूल का था और अपने समकालीन (और बाद के) सल्जूक़ तुर्कों की तरह पूर्व में एक सुन्नी इस्लामी साम्राज्य बनाने में सफल हुआ। उसके द्वारा जीते गए प्रदेशों में आज का पूर्वी ईरान, अफगानिस्तान और संलग्न मध्य-एशिया (सम्मिलिलित रूप से ख़ोरासान), पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत शामिल थे। उनके युद्धों में फ़ातिमी सुल्तानों (शिया), काबुल शाहिया राजाओं (हिन्दू) और कश्मीर का नाम प्रमुखता से आता है। भारत में इस्लामी शासन लाने और आक्रमण के दौरान लूटपाट मचाने के कारण भारतीय हिन्दू समाज में उनको एक आक्रामक शासक के रूप में जाना जाता है। वह पिता के वंश से तुर्क था पर उसने फ़ारसी भाषा के पुनर्जागरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हाँलांकि उसके दरबारी कवि फ़िरदौसी ने शाहनामे की रचना की पर वो हमेशा कवि का समर्थक नहीं रहा था। ग़ज़नी, जो मध्य अफ़गानिस्तान में स्थित एक छोटा शहर था, को उन्होंने साम्राज्य के धनी और प्रांतीय शहर के रूप में बदल गया। बग़दाद के इस्लामी (अब्बासी) ख़लीफ़ा ने उनको सुल्तान की पदवी दी। .

मलिक अयाज़ और महमूद ग़ज़नवी के बीच समानता

मलिक अयाज़ और महमूद ग़ज़नवी आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): मुहम्मद इक़बाल

मुहम्मद इक़बाल

मुहम्मद इक़बाल (محمد اقبال) (जीवन: 9 नवम्बर 1877 – 21 अप्रैल 1938) अविभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक थे। उर्दू और फ़ारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी में गिना जाता है। इकबाल के दादा सहज सप्रू हिंदू कश्मीरी पंडित थे जो बाद में सिआलकोट आ गए। इनकी प्रमुख रचनाएं हैं: असरार-ए-ख़ुदी, रुमुज़-ए-बेख़ुदी और बंग-ए-दारा, जिसमें देशभक्तिपूर्ण तराना-ए-हिन्द (सारे जहाँ से अच्छा) शामिल है। फ़ारसी में लिखी इनकी शायरी ईरान और अफ़ग़ानिस्तान में बहुत प्रसिद्ध है, जहाँ इन्हें इक़बाल-ए-लाहौर कहा जाता है। इन्होंने इस्लाम के धार्मिक और राजनैतिक दर्शन पर काफ़ी लिखा है। इकबाल पाकिस्तान का जनक बन गए क्योंकि वह "पंजाब, उत्तर पश्चिम फ्रंटियर प्रांत, सिंध और बलूचिस्तान को मिलाकर एक राज्य बनाने की अपील करने वाले पहले व्यक्ति थे", इंडियन मुस्लिम लीग के २१ वें सत्र में,उनके अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने इस बात का उल्लेख किया था जो २९ दिसंबर,१९३० को इलाहाबाद में आयोजित की गई थी। भारत के विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना का विचार सबसे पहले इक़बाल ने ही उठाया था। 1930 में इन्हीं के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने सबसे पहले भारत के विभाजन की माँग उठाई। इसके बाद इन्होंने जिन्ना को भी मुस्लिम लीग में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और उनके साथ पाकिस्तान की स्थापना के लिए काम किया। इन्हें पाकिस्तान में राष्ट्रकवि माना जाता है। इन्हें अलामा इक़बाल (विद्वान इक़बाल), मुफ्फकिर-ए-पाकिस्तान (पाकिस्तान का विचारक), शायर-ए-मशरीक़ (पूरब का शायर) और हकीम-उल-उम्मत (उम्मा का विद्वान) भी कहा जाता है। .

मलिक अयाज़ और मुहम्मद इक़बाल · महमूद ग़ज़नवी और मुहम्मद इक़बाल · और देखें »

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मलिक अयाज़ और महमूद ग़ज़नवी के बीच तुलना

मलिक अयाज़ 9 संबंध है और महमूद ग़ज़नवी 25 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.94% है = 1 / (9 + 25)।

संदर्भ

यह लेख मलिक अयाज़ और महमूद ग़ज़नवी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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