मन्त्र और मोहनमंत्र
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
मन्त्र और मोहनमंत्र के बीच अंतर
मन्त्र vs. मोहनमंत्र
हिन्दू श्रुति ग्रंथों की कविता को पारंपरिक रूप से मंत्र कहा जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ विचार या चिन्तन होता है । मंत्रणा, और मंत्री इसी मूल से बने शब्द हैं। मन्त्र भी एक प्रकार की वाणी है, परन्तु साधारण वाक्यों के समान वे हमको बन्धन में नहीं डालते, बल्कि बन्धन से मुक्त करते हैं। काफी चिन्तन-मनन के बाद किसी समस्या के समाधान के लिये जो उपाय/विधि/युक्ति निकलती है उसे भी सामान्य तौर पर मंत्र कह देते हैं। "षड कर्णो भिद्यते मंत्र" (छ: कानों में जाने से मंत्र नाकाम हो जाता है) - इसमें भी मंत्र का यही अर्थ है। . मोहनमंत्र वह मंत्र है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को या समुदाय को मोहित किया जाता है। इसके द्वारा मनुष्य की मानसिक क्रियाओं पर प्रभाव डालकर उसको वश में किया जाता है। राज्याभिषेक के समय राजा को एक मणि, जो पर्ण वृक्ष की बनाई जाती थी, मोहनमंत्र से अभिमंत्रित करके पहिनाई जाती थी। इससे जो भी राजा के सामने जाता था वह मोहित और प्रभावित हो जाता था। युद्ध के समय मोहनमंत्र का प्रयोग शत्रु की सेना पर किया जाता था। रणदुदंभी पर मोहनमंत्र किया जाता था जिससे उसको सुनने वाले विपक्ष के सैनिक मोहित और भयभीत हो जाते थे। किसी व्यक्ति विशेष पर मोहनमंत्र करने के लिये भी उसी प्रकार पुतला बनाया जाता था जैसे बशीकरण मंत्र में किया जाता है। साँप को मोहनमंत्र द्वारा निष्क्रिय किया जाता है। .
मन्त्र और मोहनमंत्र के बीच समानता
मन्त्र और मोहनमंत्र आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): स्वस्तिक मन्त्र।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या मन्त्र और मोहनमंत्र लगती में
- यह आम मन्त्र और मोहनमंत्र में है क्या
- मन्त्र और मोहनमंत्र के बीच समानता
मन्त्र और मोहनमंत्र के बीच तुलना
मन्त्र 8 संबंध है और मोहनमंत्र 5 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 7.69% है = 1 / (8 + 5)।
संदर्भ
यह लेख मन्त्र और मोहनमंत्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: