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मथुरा और राधा वल्लभ मंदिर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मथुरा और राधा वल्लभ मंदिर के बीच अंतर

मथुरा vs. राधा वल्लभ मंदिर

मथुरा उत्तरप्रदेश प्रान्त का एक जिला है। मथुरा एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। लंबे समय से मथुरा प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है। भारतीय धर्म,दर्शन कला एवं साहित्य के निर्माण तथा विकास में मथुरा का महत्त्वपूर्ण योगदान सदा से रहा है। आज भी महाकवि सूरदास, संगीत के आचार्य स्वामी हरिदास, स्वामी दयानंद के गुरु स्वामी विरजानंद, कवि रसखान आदि महान आत्माओं से इस नगरी का नाम जुड़ा हुआ है। मथुरा को श्रीकृष्ण जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है। . राधावल्लभ मन्दिर, वृन्दावन में स्थित श्री राधावल्ल्भलाल का प्राचीन मन्दिर है। यह मन्दिर श्री हरिवंश महाप्रभु ने स्थापित किया था। वृंदावन के मंदिरों में से एक मात्र श्री राधा वल्लभ मंदिर में नित्य रात्रि को अति सुंदर मधुर समाज गान की परंपरा शुरू से ही चल रही है। सवा चार सौ वर्ष पहले निर्मित मूल मंदिर को मुगल बादशाह औरंगजेबके शासनकाल में क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। तब श्री राधा वल्लभ जी के श्रीविग्रहको सुरक्षा के लिए राजस्थान से भरतपुरजिले के कामांमें ले जाकर वहां के मंदिर में स्थापित किया गया और पूरे 123वर्ष वहां रहने के बाद उन्हें फिर से यहां लाया गया। इधर वृंदावन के क्षतिग्रस्त मंदिर के स्थान पर अन्य नए मंदिर का निर्माण किया गया। निर्माण कार्य सं.

मथुरा और राधा वल्लभ मंदिर के बीच समानता

मथुरा और राधा वल्लभ मंदिर आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): वृन्दावन

वृन्दावन

कृष्ण बलराम मन्दिर इस्कॉन वृन्दावन वृन्दावन मथुरा क्षेत्र में एक स्थान है जो भगवान कृष्ण की लीला से जुडा हुआ है। यह स्थान श्री कृष्ण भगवान के बाललीलाओं का स्थान माना जाता है। यह मथुरा से १५ किमी कि दूरी पर है। यहाँ पर श्री कृष्ण और राधा रानी के मन्दिर की विशाल संख्या है। यहाँ स्थित बांके विहारी जी का मंदिर सबसे प्राचीन है। इसके अतिरिक्त यहाँ श्री कृष्ण बलराम, इस्कान मन्दिर, पागलबाबा का मंदिर, रंगनाथ जी का मंदिर, प्रेम मंदिर, श्री कृष्ण प्रणामी मन्दिर, अक्षय पात्र, निधि वन आदिदर्शनीय स्थान है। यह कृष्ण की लीलास्थली है। हरिवंश पुराण, श्रीमद्भागवत, विष्णु पुराण आदि में वृन्दावन की महिमा का वर्णन किया गया है। कालिदास ने इसका उल्लेख रघुवंश में इंदुमती-स्वयंवर के प्रसंग में शूरसेनाधिपति सुषेण का परिचय देते हुए किया है इससे कालिदास के समय में वृन्दावन के मनोहारी उद्यानों की स्थिति का ज्ञान होता है। श्रीमद्भागवत के अनुसार गोकुल से कंस के अत्याचार से बचने के लिए नंदजी कुटुंबियों और सजातीयों के साथ वृन्दावन निवास के लिए आये थे। विष्णु पुराण में इसी प्रसंग का उल्लेख है। विष्णुपुराण में अन्यत्र वृन्दावन में कृष्ण की लीलाओं का वर्णन भी है। .

मथुरा और वृन्दावन · राधा वल्लभ मंदिर और वृन्दावन · और देखें »

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मथुरा और राधा वल्लभ मंदिर के बीच तुलना

मथुरा 66 संबंध है और राधा वल्लभ मंदिर 4 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.43% है = 1 / (66 + 4)।

संदर्भ

यह लेख मथुरा और राधा वल्लभ मंदिर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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