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भूषण (हिन्दी कवि) और महाराजा छत्रसाल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भूषण (हिन्दी कवि) और महाराजा छत्रसाल के बीच अंतर

भूषण (हिन्दी कवि) vs. महाराजा छत्रसाल

भूषण (१६१३-१७१५) रीतिकाल के तीन प्रमुख कवियों में से एक हैं, अन्य दो कवि हैं बिहारी तथा केशव। रीति काल में जब सब कवि शृंगार रस में रचना कर रहे थे, वीर रस में प्रमुखता से रचना कर भूषण ने अपने को सबसे अलग साबित किया। 'भूषण' की उपाधि उन्हें चित्रकूट के राजा रूद्रसाह के पुत्र हृदयराम ने प्रदान की थी। ये मोरंग, कुमायूँ, श्रीनगर, जयपुर, जोधपुर, रीवाँ, शिवाजी और छत्रसाल आदि के आश्रय में रहे, परन्तु इनके पसंदीदा नरेश शिवाजी और बुंदेला थे। . छत्रसाल छत्रसाल (4 मई 1649 – 20 दिसम्बर 1731) भारत के मध्ययुग के एक प्रतापी योद्धा थे जिन्होने मुगल शासक औरंगजेब से युद्ध करके बुन्देलखण्ड में अपना राज्य स्थापित किया और 'महाराजा' की पदवी प्राप्त की। .

भूषण (हिन्दी कवि) और महाराजा छत्रसाल के बीच समानता

भूषण (हिन्दी कवि) और महाराजा छत्रसाल आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): शिवाजी, औरंगज़ेब, छत्रसाल दशक

शिवाजी

छत्रपति शिवाजी महाराज या शिवाजी राजे भोसले (१६३० - १६८०) भारत के महान योद्धा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने १६७४ में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। सन १६७४ में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और छत्रपति बने। शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये तथा छापामार युद्ध (Gorilla War) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और फारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में बहुत से लोगों ने शिवाजी के जीवनचरित से प्रेरणा लेकर भारत की स्वतन्त्रता के लिये अपना तन, मन धन न्यौछावर कर दिया। .

भूषण (हिन्दी कवि) और शिवाजी · महाराजा छत्रसाल और शिवाजी · और देखें »

औरंगज़ेब

अबुल मुज़फ़्फ़र मुहिउद्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब आलमगीर (3 नवम्बर १६१८ – ३ मार्च १७०७) जिसे आमतौर पर औरंगज़ेब या आलमगीर (प्रजा द्वारा दिया हुआ शाही नाम जिसका अर्थ होता है विश्व विजेता) के नाम से जाना जाता था भारत पर राज्य करने वाला छठा मुग़ल शासक था। उसका शासन १६५८ से लेकर १७०७ में उसकी मृत्यु होने तक चला। औरंगज़ेब ने भारतीय उपमहाद्वीप पर आधी सदी से भी ज्यादा समय तक राज्य किया। वो अकबर के बाद सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था। अपने जीवनकाल में उसने दक्षिणी भारत में मुग़ल साम्राज्य का विस्तार करने का भरसक प्रयास किया पर उसकी मृत्यु के पश्चात मुग़ल साम्राज्य सिकुड़ने लगा। औरंगज़ेब के शासन में मुग़ल साम्राज्य अपने विस्तार के चरमोत्कर्ष पर पहुंचा। वो अपने समय का शायद सबसे धनी और शातिशाली व्यक्ति था जिसने अपने जीवनकाल में दक्षिण भारत में प्राप्त विजयों के जरिये मुग़ल साम्राज्य को साढ़े बारह लाख वर्ग मील में फैलाया और १५ करोड़ लोगों पर शासन किया जो की दुनिया की आबादी का १/४ था। औरंगज़ेब ने पूरे साम्राज्य पर फ़तवा-ए-आलमगीरी (शरियत या इस्लामी क़ानून पर आधारित) लागू किया और कुछ समय के लिए ग़ैर-मुस्लिमों पर अतिरिक्त कर भी लगाया। ग़ैर-मुसलमान जनता पर शरियत लागू करने वाला वो पहला मुसलमान शासक था। मुग़ल शासनकाल में उनके शासन काल में उसके दरबारियों में सबसे ज्यादा हिन्दु थे। और सिखों के गुरु तेग़ बहादुर को दाराशिकोह के साथ मिलकर बग़ावत के जुर्म में मृत्युदंड दिया गया था। .

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छत्रसाल दशक

जिस प्रकार छत्रपति शिवाजी ने अपने पौरुष, पराक्रम और चातुर्य से मुगलों के छक्के छुड़ा दिए थे, ठीक उसी प्रकार गुरु प्राणनाथ के मार्गदर्शन में छत्रसाल ने अपनी वीरता से, चातुर्यपूर्ण रणनीति से और कौशल से विदेशियों को परास्त किया था। आतताइयों के लिए बस छत्रसाल नाम ही पर्याप्त था। वे सब छत्रसाल के नाम से इतने भयाक्रांत रहते कि उनके पसीने छूट जाते थे।.

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भूषण (हिन्दी कवि) और महाराजा छत्रसाल के बीच तुलना

भूषण (हिन्दी कवि) 40 संबंध है और महाराजा छत्रसाल 12 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 5.77% है = 3 / (40 + 12)।

संदर्भ

यह लेख भूषण (हिन्दी कवि) और महाराजा छत्रसाल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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