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भीमबेटका शैलाश्रय और १९५८

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भीमबेटका शैलाश्रय और १९५८ के बीच अंतर

भीमबेटका शैलाश्रय vs. १९५८

भीमबेटका (भीमबैठका) भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रों को पुरापाषाण काल से मध्यपाषाण काल के समय का माना जाता है। ये चित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं। यह स्थल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से ४५ किमी दक्षिणपूर्व में स्थित है। इनकी खोज वर्ष १९५७-१९५८ में डाक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी। भीमबेटका क्षेत्र को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल मंडल ने अगस्त १९९० में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया। इसके बाद जुलाई २००३ में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। यहाँ पर अन्य पुरावशेष भी मिले हैं जिनमें प्राचीन किले की दीवार, लघुस्तूप, पाषाण निर्मित भवन, शुंग-गुप्त कालीन अभिलेख, शंख अभिलेख और परमार कालीन मंदिर के अवशेष सम्मिलित हैं। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबन्धित है एवं इसी से इसका नाम भीमबैठका (कालांतर में भीमबेटका) पड़ा। ये गुफाएँ मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं।; इसके दक्षिण में सतपुड़ा की पहाड़ियाँ आरम्भ हो जाती हैं। . 1958 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

भीमबेटका शैलाश्रय और १९५८ के बीच समानता

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संदर्भ

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