भास और रूपक
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भास और रूपक के बीच अंतर
भास vs. रूपक
भास संस्कृत साहित्य के प्रसिद्ध नाटककार थे जिनके जीवनकाल के बारे में अधिक पता नहीं है। स्वप्नवासवदत्ता उनके द्वारा लिखित सबसे चर्चित नाटक है जिसमें एक राजा के अपने रानी के प्रति अविरहनीय प्रेम और पुनर्मिलन की कहानी है। कालिदास जो गुप्तकालीन समझे जाते हैं, ने भास का नाम अपने नाटक में लिया है, जिससे लगता है कि वो गुप्तकाल से पहले रहे होंगे पर इससे भी उनके जीवनकाल का अधिक ठोस प्रमाण नहीं मिलता। आज कई नाटकों में उनका नाम लेखक के रूप में उल्लिखित है पर १९१२ में त्रिवेंद्रम में गणपति शास्त्री ने नाटकों की लेखन शैली में समानता देखकर उन्हें भास-लिखित बताया। इससे पहले भास का नाम संस्कृत नाटककार के रूप में विस्मृत हो गया था। . रूपक या फीचर (feature story) लोगों को रुचिकर लगने वाला ऐसा कथात्मक लेख है जो हाल के ही समाचारों से जुड़ा नहीं होता बल्कि विशेष लोग, स्थान, या घटना पर केन्द्रित होता है। विस्तार की दृष्टि से रूपक में बहुत गहराई होती है। .
भास और रूपक के बीच समानता
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संदर्भ
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