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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

सूची भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

328 संबंधों: चंडीदास, चेतन आनंद, चेन्नई, ए के हंगल, एक ही रास्ता, ए॰ आर॰ रहमान, ऐश्वर्या राय बच्चन, डर, डैनी बॉयल, डॉन (1978 फ़िल्म), तबु, तमिल, तमिल नाडु, तिरुवनन्तपुरम, तुलू भाषा, त्रिदेव (फ़िल्म), तेलुगू भाषा, तीसरी कसम (1966 फ़िल्म), दादासाहब फालके, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दिलीप कुमार, दिव्या भारती, दुनिया, देव आनन्द, देवदास, देविका रानी, दीपा मेहता, दीपिका पादुकोण, धर्मेन्द्र, धूम 2, नरसी मेहता, नरगिस, नरगिस (अभिनेत्री), नसीरुद्दीन शाह, नारी, नागेश कुकुनूर, नितिन मुकेश, निम्मी, नज़ीर हुसैन, नवीन निश्चल, नूतन, नेपाल, नीतू चन्द्रा, नीतू सिंह, नीलकमल, पटना, पणजी, पद्म भूषण, परिणीता (2005 फ़िल्म), परिन्दा, ..., परवीन बॉबी, परख, पश्चिम बंगाल, पहेली, पारसी रंगमंच, पाकिस्तान, पिंचू कपूर, पंजाबी, पुकार, प्यासा (1957 फ़िल्म), प्रभु देवा, प्रिया राजवंश, प्रियंका चोपड़ा, प्रेम चोपड़ा, प्रेमनाथ, प्रीति झंगियानी, प्रीति ज़िंटा, प्रीति गाँगुली, प्रीती सप्रू, पृथ्वीराज कपूर, फणीश्वर नाथ "रेणु", फरहान अख्तर, फ़रदीन ख़ान, फ़िरोज़ ख़ान, फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार, बड़ोदरा, बन्दिनी (1963 फ़िल्म), बशर नवाज, बाङ्ला भाषा, बिपाशा बसु, बिमल राय, बिहार, बंगलौर, ब्रज, ब्रज भूमि (फिल्म), ब्रजभाषा, ब्रजभाषा चलचित्रपट, ब्लैक, बॉडीगार्ड, बोनी कपूर, बीबीसी, भरत व्यास, भानु अथैया, भारतीय सिनेमा, भारतीय सिनेमा का इतिहास, भावना, भुवनेश्वर, भोजपुरी भाषा, भोजपुरी सिनेमा, भीष्म प्रतिज्ञा, मणिरत्नम्, मदन पुरी, मदर इण्डिया, मधुबाला, मधुमती, मध्य प्रदेश, मनमोहन कृष्ण, मन्ना डे, मनीषा कोइराला, मराठी भाषा, मलयालम भाषा, महाभारत, महाराष्ट्र, महेश दत्तानी, माधुरी दीक्षित, मजरुह सुल्तानपुरी, मगही, मुमताज़ (अभिनेत्री), मुम्बई, मुकेश, मेरा नाम जोकर (1970 फ़िल्म), मोहम्मद रफ़ी, मीना कुमारी, मीरा नायर, यश चोपड़ा, यूरोप, रणबीर कपूर, रमेश देव, रमेश सिप्पी, रहमान (अभिनेता), रानी मुखर्जी, राम, राम लखन (फ़िल्म), रामायण, रामगोपाल वर्मा, राज कपूर, राज कुमार, राजा हरिश्चन्द्र (फ़िल्म), राजकुमार हिरानी, राजेन्द्र कुमार (अभिनेता), राजेन्द्रनाथ (हास्य अभिनेता), राजेश खन्ना, राखी गुलज़ार, राकेश बेदी, राकेश रोशन, रेखा, रोटी, लता मंगेशकर, लाहौर, लगान, लगे रहो मुन्ना भाई, लंदन, लंका दहन, शबाना आज़मी, शमशाद बेगम, शम्मी कपूर, शर्मिला टैगोर, शशि कपूर, शान, शाहरुख़ ख़ान, शाहिद कपूर, शिव कुमार, शकील बदायूँनी, श्याम बेनेगल, श्रेया घोषाल, श्रीदेवी, शेखर कपूर, शोले (1975 फ़िल्म), सत्यजित राय, सत्यकाम (1969 फ़िल्म), सती सुलोचना, सनी देओल, सपना मुखर्जी, सलमान ख़ान, साहित्य अकादमी पुरस्कार, सिकंदर, संत तुकाराम, संबलपुर, संजय दत्त, संजय ख़ान, संजय कपूर, संजीव कुमार, संगम, सुदेश भोंसले, सुनिधि चौहान, सुनील दत्त, सुनील शेट्टी, सुरैया, सुजाता, स्मिता पाटिल, स्लमडॉग मिलियनेयर, स्वामी, सौदागर, सैफ़ अली ख़ान, सूरज का सातवाँ घोड़ा, सेल्यूलर जेल, सोनम कपूर, सोनाक्षी सिन्हा, सोहराब मोदी, सीता, सीआईडी, हम आपके हैं कौन, हसन कमाल, हिन्दी, हिन्दी सिनेमा, हंटरवाली, हृदय, हैदराबाद, हेमा मालिनी, हॉलीवुड, जबलपुर, जय हो, जया बच्चन, ज़ोया अख़्तर, ज़ीनत अमान, जापान, जावेद जाँनिसार अख्तर, जितेन्द्र, ज्वार-भाटा, जूही चावला, जेल यात्रा, जॉय मुखर्जी, जीवन (अभिनेता), वर्षा, वहीदा रहमान, वांटेड, विद्या बालन, विधाता, विश्वजीत, वैजयन्ती माला, वेल्कम टू सज्जनपुर (2008 फ़िल्म), वी शांताराम, खिलौना, गमन (1978 फ़िल्म), गाँधीनगर, गजनी (2008 फ़िल्म), गंगा जमना, गुलज़ार (गीतकार), गुजरात, गुजराती भाषा, गुवाहाटी, ग्रैमी पुरस्कार, गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, गोवा, गोविंद निहलानी, ओड़िया भाषा, ओडिशा, ओम पुरी, ओम प्रकाश, ओम शिवपुरी, आदित्य चोपड़ा, आनन्द, आन्ध्र प्रदेश, आमिर ख़ान, आशा पारेख, आशा भोंसले, आशुतोष गोवरिकर, आसिफ, आग, आक्रमण, इफ़्तेख़ार, कन्नड़, कन्नड़ भाषा, कमल हासन, करण जौहर, करिश्मा कपूर, कर्नाटक, करीना कपूर, कल्पना, क़यामत से क़यामत तक, कामिनी कौशल, कालिदास, काजोल देवगन, किशोर कुमार, किसान कन्या, किस्मत, कविता कृष्णमूर्ति, कुन्दन लाल सहगल, कुमार सानु, कृष्ण, कृष्णा, कैफ़ी आज़मी, केरल, केष्टो मुखर्जी, कोलकाता, कोल्हापुर, कोंकणी भाषा, अदूर गोपालाकृष्णन, अनिल कपूर, अनुपमा, अनुभव, अनुराधा पौडवाल, अनुराग कश्यप, अनुष्का शर्मा, अनूप कुमार, अपर्णा सेन, अबोध, अभिषेक बच्चन, अमित कुमार, अमिता नाँगिया, अमिताभ बच्चन, अमीषा पटेल, अरब, अर्थ, अलका याज्ञिक, अशोक कुमार (अभिनेता), असद भोपाली, असम, असमिया भाषा, असित सेन, अजय देवगन, अजीत, अवधी, अंग्रेज़ी भाषा, अंकुरण, अक्षय कुमार, अकेडमी पुरस्कार, अछूत कन्या, उत्तर प्रदेश, उदित नारायण, उदगमंदलम, ऋतिक रोशन, २००८, २०१३, ३ ईडियट्स, ६ जनवरी सूचकांक विस्तार (278 अधिक) »

चंडीदास

चंडीदास राधकृष्ण लीला संबंधी साहित्य का आदिकवि माने जाते हैं। इनका बंगाली वैष्णव समाज में बड़ा मान है। बहुत दिनों तक इनके बारे में कुछ विशेष ज्ञात नहीं था। चंडीदास को द्विज चंडीदास, दीन चंडीदास, बडु चंडीदास, अनंतबडु चंडीदास इन कई नामों से युक्त पद प्राप्त थे। इनकी पदावली को प्राय: कीर्तनियाँ लोग गाया करते थे। चन्डीदास इसके पर्दो का सर्वप्रथम आधुनिक संग्रह जगद्बंधु भद्र द्वारा "महाजन पदावली" नाम से किया गया। इस संग्रह ग्रंथ की द्वितीय संख्या में चंडीदास नामांकित दो सौ से अधिक पद संग्रहीत हैं। यह संग्रह सन् 1874 ई. में प्रकाशित हुआ था। सन् 1916 ई. तक चंडीदास के परिचय, समय इत्यादि के संबंध में कोई निश्चित मत न होते हुए भी इस बात की कोई समस्या नहीं थी कि चंडीदास नाम के एक ही व्यक्ति थे या अनेक। इसी समय वसंतरंजन राय ने स्वयं प्राप्त की हुई "श्रीकृष्णकीर्तन" नाम की। हस्तलिखित ग्रंथ की प्रति को संपादित कर प्रकाशित किया। यह ग्रंथ कृष्णलीला काव्य है। प्रचलित पदावली की भाषा और वर्ण्य विषय से "श्रीकृष्णकीर्तन" की भाषा एवं वर्ण्य विषय में अंतर होने के कारण इस बात की संभावना जान पड़ी कि चंडीदास नाम के एकाधिक व्यक्ति अवश्य थे। बहुत छानबीन के उपरांत प्राय: सभी विद्वान् इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि दो चंडीदास अवश्य थे। चैतन्यदेव के पूर्ववर्ती एक चंडीदास थे, इस बात का निर्देश "चेतन्य-चरितामृत" एवं "चैतन्यमंगल" में मिलता है। चैतन्यचरितामृत में बताया गया है कि चैतन्य महाप्रभु चंडीदास एवं विद्यापति की रचनाएँ सुनकर प्रसन्न होते थे। जीव गोस्वामी ने भागवत की अपनी टीका "वैष्णव तोषिनी" में जयदेव के साथ चंडीदास का उल्लेख किया है। नरहरिदास और वैष्णवदास के पदों में भी इनका नामोल्लेख है। इन चंडीदास का जो कुछ परिचय प्राप्त है वह प्राय: जनश्रुतियों पर ही आधारित है। ये ब्राह्मण थे और वीरभूम जिले के नामूर ग्राम के निवासी थे। "तारा", "रामतारा" अथवा "रामी" नाम की धोबिन इनकी प्रेमिका थी, यह एक जनश्रुति है। दूसरी जनश्रुति के अनुसार ये बाँकुड़ा जिले के छातना ग्राम के निवासी थे। ये "वाशुली" देवी के भक्त थे। इनके नाम से प्रकाशित ग्रंथ "श्रीकृष्णकीर्तन" में प्रबंधात्मकता है। यह प्राचीन यात्रानाट्य और पांचाली काव्य का मिलाजुला रूप है। दीन चंडीदास नामक एक व्यक्ति चैतन्यदेव के परवर्ती थे, इस बात का भी पता चलता है। दीन चंडीदास के नाम से नरोत्तमदास का वंदना संबंधी एक पद प्राप्त है। इससे वे नरोत्तमदास के शिष्य ज्ञात होते हैं। दीन चंडीदास नांमाकित बहुत से पद प्राप्त हैं। इनका संपादित संग्रह श्री मणींद्रमोहन वसु ने प्रकाशित किया है। .

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चेतन आनंद

चेतन आनंद (जन्म: 8 जुलाई 1980) बैडमिंटन के एक भारतीय खिलाडी हैं। .

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चेन्नई

चेन्नई (पूर्व नाम मद्रास) भारतीय राज्य तमिलनाडु की राजधानी है। बंगाल की खाड़ी से कोरोमंडल तट पर स्थित यह दक्षिण भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षिक केंद्रों में से एक है। 2011 की भारतीय जनगणना (चेन्नई शहर की नई सीमाओं के लिए समायोजित) के अनुसार, यह चौथा सबसे बड़ा शहर है और भारत में चौथा सबसे अधिक आबादी वाला शहरी ढांचा है। आस-पास के क्षेत्रों के साथ शहर चेन्नई मेट्रोपॉलिटन एरिया है, जो दुनिया की जनसंख्या के अनुसार 36 वां सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। चेन्नई विदेशी पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा जाने-माने भारतीय शहरों में से एक है यह वर्ष 2015 के लिए दुनिया में 43 वें सबसे अधिक का दौरा किया गया था। लिविंग सर्वेक्षण की गुणवत्ता ने चेन्नई को भारत में सबसे सुरक्षित शहर के रूप में दर्जा दिया। चेन्नई भारत में आने वाले 45 प्रतिशत स्वास्थ्य पर्यटकों और 30 से 40 प्रतिशत घरेलू स्वास्थ्य पर्यटकों को आकर्षित करती है। जैसे, इसे "भारत का स्वास्थ्य पूंजी" कहा जाता है एक विकासशील देश में बढ़ते महानगरीय शहर के रूप में, चेन्नई पर्याप्त प्रदूषण और अन्य सैन्य और सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का सामना करता है। चेन्नई में भारत में तीसरी सबसे बड़ी प्रवासी जनसंख्या 2009 में 35,000 थी, 2011 में 82,7 9 0 थी और 2016 तक 100,000 से अधिक का अनुमान है। 2015 में यात्रा करने के लिए पर्यटन गाइड प्रकाशक लोनली प्लैनेट ने चेन्नई को दुनिया के शीर्ष दस शहरों में से एक का नाम दिया है। चेन्नई को ग्लोबल सिटीज इंडेक्स में एक बीटा स्तरीय शहर के रूप में स्थान दिया गया है और भारत का 2014 का वार्षिक भारतीय सर्वेक्षण में भारत टुडे द्वारा भारत का सबसे अच्छा शहर रहा। 2015 में, चेन्नई को आधुनिक और पारंपरिक दोनों मूल्यों के मिश्रण का हवाला देते हुए, बीबीसी द्वारा "सबसे गर्म" शहर (मूल्य का दौरा किया, और दीर्घकालिक रहने के लिए) का नाम दिया गया। नेशनल ज्योग्राफिक ने चेन्नई के भोजन को दुनिया में दूसरा सबसे अच्छा स्थान दिया है; यह सूची में शामिल होने वाला एकमात्र भारतीय शहर था। लोनाली प्लैनेट द्वारा चेन्नई को दुनिया का नौवां सबसे अच्छा महानगरीय शहर भी नामित किया गया था। चेन्नई मेट्रोपॉलिटन एरिया भारत की सबसे बड़ी शहर अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। चेन्नई को "भारत का डेट्रोइट" नाम दिया गया है, जो शहर में स्थित भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग का एक-तिहाई से भी अधिक है। जनवरी 2015 में, प्रति व्यक्ति जीडीपी के संदर्भ में यह तीसरा स्थान था। चेन्नई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत एक स्मार्ट शहर के रूप में विकसित किए जाने वाले 100 भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है। विषय वस्तु 1 व्युत्पत्ति 2 इतिहास 3 पर्यावरण 3.1 भूगोल 3.2 भूविज्ञान 3.3 वनस्पति और जीव 3.4 पर्यावरण संरक्षण 3.5 जलवायु 4 प्रशासन 4.1 कानून और व्यवस्था 4.2 राजनीति 4.3 उपयोगिता सेवाएं 5 वास्तुकला 6 जनसांख्यिकी 7 आवास 8 कला और संस्कृति 8.1 संग्रहालय और कला दीर्घाओं 8.2 संगीत और कला प्रदर्शन 9 सिटीस्केप 9.1 पर्यटन और आतिथ्य 9.2 मनोरंजन 9.3 मनोरंजन 9.4 शॉपिंग 10 अर्थव्यवस्था 10.1 संचार 10.2 पावर 10.3 बैंकिंग 10.4 स्वास्थ्य देखभाल 10.5 अपशिष्ट प्रबंधन 11 परिवहन 11.1 एयर 11.2 रेल 11.3 मेट्रो रेल 11.4 रोड 11.5 सागर 12 मीडिया 13 शिक्षा 14 खेल और मनोरंजन 14.1 शहर आधारित टीम 15 अंतर्राष्ट्रीय संबंध 15.1 विदेशी मिशन 15.2 जुड़वां कस्बों - बहन शहरों 16 भी देखें 17 सन्दर्भ 18 बाहरी लिंक व्युत्पत्ति इन्हें भी देखें: विभिन्न भाषाओं में चेन्नई के नाम भारत में ब्रिटिश उपस्थिति स्थापित होने से पहले ही मद्रास का जन्म हुआ। माना जाता है कि मद्रास नामक पुर्तगाली वाक्यांश "मैए डी डीस" से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है "भगवान की मां", बंदरगाह शहर पर पुर्तगाली प्रभाव के कारण। कुछ स्रोतों के अनुसार, मद्रास को फोर्ट सेंट जॉर्ज के उत्तर में एक मछली पकड़ने वाले गांव मद्रासपट्टिनम से लिया गया था। हालांकि, यह अनिश्चित है कि क्या नाम यूरोपियों के आने से पहले उपयोग में था। ब्रिटिश सैन्य मानचित्रकों का मानना ​​था कि मद्रास मूल रूप से मुंदिर-राज या मुंदिरराज थे। वर्ष 1367 में एक विजयनगर युग शिलालेख जो कि मादरसन पट्टणम बंदरगाह का उल्लेख करता है, पूर्व तट पर अन्य छोटे बंदरगाहों के साथ 2015 में खोजा गया था और यह अनुमान लगाया गया था कि उपरोक्त बंदरगाह रोयापुरम का मछली पकड़ने का बंदरगाह है। चेन्नई नाम की जन्मजात, तेलुगू मूल का होना स्पष्ट रूप से इतिहासकारों द्वारा साबित हुई है। यह एक तेलुगू शासक दमारला चेन्नाप्पा नायकुडू के नाम से प्राप्त हुआ था, जो कि नायक शासक एक दमनदार वेंकटपति नायक था, जो विजयनगर साम्राज्य के वेंकट III के तहत सामान्य रूप में काम करता था, जहां से ब्रिटिश ने शहर को 1639 में हासिल किया था। चेन्नई नाम का पहला आधिकारिक उपयोग, 8 अगस्त 1639 को, ईस्ट इंडिया कंपनी के फ्रांसिस डे से पहले, सेन्नेकेसु पेरुमल मंदिर 1646 में बनाया गया था। 1 99 6 में, तमिलनाडु सरकार ने आधिकारिक तौर पर मद्रास से चेन्नई का नाम बदल दिया। उस समय कई भारतीय शहरों में नाम बदल गया था। हालांकि, मद्रास का नाम शहर के लिए कभी-कभी उपयोग में जारी है, साथ ही साथ शहर के नाम पर स्थानों जैसे मद्रास विश्वविद्यालय, आईआईटी मद्रास, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास मेडिकल कॉलेज, मद्रास पशु चिकित्सा कॉलेज, मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज। चेन्नई (तमिल: சென்னை), भारत में बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित तमिलनाडु की राजधानी, भारत का पाँचवा बड़ा नगर तथा तीसरा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। इसकी जनसंख्या ४३ लाख ४० हजार है। यह शहर अपनी संस्कृति एवं परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। ब्रिटिश लोगों ने १७वीं शताब्दी में एक छोटी-सी बस्ती मद्रासपट्ट्नम का विस्तार करके इस शहर का निर्माण किया था। उन्होंने इसे एक प्रधान शहर एवं नौसैनिक अड्डे के रूप में विकसित किया। बीसवीं शताब्दी तक यह मद्रास प्रेसिडेंसी की राजधानी एवं एक प्रमुख प्रशासनिक केन्द्र बन चुका था। चेन्नई में ऑटोमोबाइल, प्रौद्योगिकी, हार्डवेयर उत्पादन और स्वास्थ्य सम्बंधी उद्योग हैं। यह नगर सॉफ्टवेयर, सूचना प्रौद्योगिकी सम्बंधी उत्पादों में भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक शहर है। चेन्नई एवं इसके उपनगरीय क्षेत्र में ऑटोमोबाइल उद्योग विकसित है। चेन्नई मंडल तमिलानाडु के जीडीपी का ३९% का और देश के ऑटोमोटिव निर्यात में ६०% का भागीदार है। इसी कारण इसे दक्षिण एशिया का डेट्रॉएट भी कहा जाता है। चेन्नई सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, यहाँ वार्षिक मद्रास म्यूज़िक सीज़न में सैंकड़ॊ कलाकार भाग लेते हैं। चेन्नई में रंगशाला संस्कृति भी अच्छे स्तर पर है और यह भरतनाट्यम का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र है। यहाँ का तमिल चलचित्र उद्योग, जिसे कॉलीवुड भी कहते हैं, भारत का द्वितीय सबसे बड़ा फिल्म उद्योग केन्द्र है। .

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ए के हंगल

ए॰के॰ हंगल (१ फ़रवरी १९१४ – २६ अगस्त २०१२) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता, रंगमंच एवं दूरदर्शन कलाकार थे। इनका पूरा नाम है-अवतार कृष्ण हंगल .

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एक ही रास्ता

एक ही रास्ता से इनका उल्लेख होता हैं.

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ए॰ आर॰ रहमान

अल्लाह रक्खा रहमान लोकप्रिय रूप से ए॰ आर॰ रहमान भारतीय फिल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार हैं, जिन्होंने मुख्य रूप से हिन्दी और तमिल फिल्मों में संगीत दिया है। इनका जन्म 6 जनवरी, 1967 को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ। जन्मतः उनका नाम ‘अरुणाचलम् शेखर दिलीप कुमार मुदलियार’ रखा गया। धर्मपरिवर्तन के पश्चात उन्होंने अल्लाह रक्खा रहमान नाम धारण किया। ए. आर.

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ऐश्वर्या राय बच्चन

ऐश्वर्या राय बच्चन (जन्म: 1 नवम्बर 1973) ऐश के नाम से भी मशहूर, भारतीय सिनेमा की एक प्रमुख अभिनेत्री हैं। १९९४ में मिस इंडिया प्रतियोगिता की उपविजेता रहने के बाद उसी साल उन्होंने विश्व सुन्दरी प्रतियोगिता जीती थी। ऐश्वर्या राय ने हिन्दी के अलावा तेलगू, तमिल, बंगाली और अंग्रेजी फिल्मो में भी काम किया है। .

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डर

डर एक नकारात्मक भावना है। डर संभावित खतरे के लिए एक सहज वृत्ति प्रतिक्रिया के रूप में सभी जानवरों और लोगों में पूर्व क्रमादेशित एक ऐसी भावना है। यह भावना हमेशा अनुकूली नहीं है। यह एक अच्छी भावना नहीं है; कोई आजादी, खुशी नहीं है। यह कई रूपों में प्रकट होता है। सबसे आम अभिव्यक्ति गुस्सा है। आपका जीवन डर के जीत के लिए एक संघर्ष है। डर के विपरीत, एकता के बारे में जागरूकता है। डर के सबसे शक्तिशाली जनरेटर मृत्यु की अवधारणा है। डर हम सब एक समय पर महसूस करते हैं। यह बच्चों के रूप में सबसे पहले अनुभव किया जाता है। ज्यादातर लोगों को डर एक अप्रिय भावना लगती है। खतरे की उपस्थिति या निकटस्थता की वजह से एक बहुत अप्रिय भावना को डर केहते हैं। भय, मानव प्रजाति द्वारा अनुभव किया जाता है, यह एक पूरी तरह से अपरिहार्य भावना है। भय की हद और सीमा व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बदलता है, लेकिन भावना एक ही है। यह प्रत्याशा के कारण होता है। डर में कुछ आम चेहरे के भाव -- डरा हुआ चेहरा, बड़ी आंखें, खुला मुंह आदि। अंधविश्वासी, बुद्घिमान, और अनिश्चितता: भय के तीन अलग अलग प्रकार होते हैं। अंधविश्वासी डर काल्पनिक चीजों का एक भय है। बुद्घिमान डर बड़े हो जाने पर और उसके दुनिया का अधिक ज्ञान लाभ के रूप में आता है। अनिश्चितता के डर से एक के कार्रवाई के परिणाम का ना पता चलना होता है। डर एक खतरनाक प्रोत्साहन की उपस्थिति, या प्रत्याशा में एक भावनात्मक राज्य है। कुछ भय कंडीशनिंग प्रक्रिया के माध्यम से हासिल किया जाता है। कुछ माता पिता और भाई के भय के नकल के माध्यम से सीखा रहे जाता है। इन्सानों एवं जानवरों में एक एेसी भावना है जो अनुभूति द्वारा संग्राहक होती है। जब वस्तुओं या घटनाओं के लिए भय तर्कहीन हो जाता है तो उसे "फोबिया" कहा जाता है। डर इन्सानों मैं तब देखा जाता है जब उन्हें किसी वस्तु से किसी प्रकार का जोखिम महसूस होता हो। यह जोख़िम किसी भी प्रकार का हो सकता है- स्वास्थ्य,धन,निजी सुरक्षा,आदि। डर शब्द "फिर" से उत्पन्न हुआ जिसका अर्थ है आपदा या खतरा। अमेरिका में दस प्रकार के डर हैं-- आतंकवादी हमले, मकडियाँ, मौत,असफलता, युद्ध या आपराधिक हालात, अकेलापन, भविष्य या परमाणु युद्ध आदि। .

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डैनी बॉयल

डैनी बॉयल (जन्म- 20 अक्टूबर 1956) एक ब्रिटिश फ़िल्ममेकर और निर्माता हैं। वे शैलो ग्रेव, ट्रेनस्पॉटिंग, 28 डेज़ लेटर औरस्लमडॉग मिलियनेयर आदि फ़िल्मों में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। बाद में बॉयल ने 2009 में कई पुरस्कार जीते जिसमेंएकेडमी अवार्ड बेस्ट फॉर डायरेक्टरभी शामिल है। .

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डॉन (1978 फ़िल्म)

डॉन १९७८ की एक हिन्दी क्राइम थ्रिलर फिल्म है। सलीम-जावेद द्वारा लिखी इस फ़िल्म के निर्माता नरीमन ईरानी हैं, तथा निर्देशक चंद्र बरोट हैं। अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमान, इफ़्तेखार, प्राण, हेलन, ओम शिवपुरी, सत्येन कप्पू तथा पिंचू कपूर ने फ़िल्म में मुख्य भूमिकाऐं निभाई हैं। कल्याणजी आनंदजी ने फ़िल्म में संगीत दिया है, तथा फ़िल्म के गीत अंजान और इंदीवर ने लिखे हैं। अमिताभ बच्चन ने फ़िल्म में अंडरवर्ल्ड बॉस 'डॉन' की, और उसके हमशक्ल 'विजय' की दोहरी भूमिका निभाई थी। फ़िल्म की कहानी बम्बई की झुग्गियों के निवासी विजय के इर्द-गिर्द घूमती है, जो संयोग से डॉन का हमशक्ल हैं। बम्बई पुलिस के डीसीपी डी'सिल्वा विजय से डॉन का रूप लेने को कहते हैं, ताकि वह पुलिस के मुखबिर के रूप में काम कर सके, और साथ ही डॉन के आपराधिक नेटवर्क का भंडाफोड़ करने में पुलिस की मदद कर सकें। .

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तबु

तब्बू (तब्बू) (तबस्सुम हाशमी (తబస్సుం హష్మి) का जन्म 4 नवम्बर 1970 को हुआ) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री है। हालांकि उन्होंने कई तमिल, तेलुगू, मलयालम, बंगला भाषा एवं साथ ही एक अमरीकी फिल्म में भी काम किया है, लेकिन मुख्यतः उन्होंने हिंदी फिल्मों में ही अभिनय किया है। उन्हें दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड मिल चुका है एवं उन्हें सबसे अधिक बार सर्वश्रेष्ठ महिला कलाकार की श्रेणी में फिल्मफेयर का समीक्षक अवॉर्ड, चार बार, जीतने का रिकॉर्ड भी हासिल हैं। कुछ अपवादों के बावजूद, तब्बू मुख्यतः कलात्मक एवं कम बजट फिल्मों में अपने अभिनय के लिए जानी जाती हैं, जो बॉक्स ऑफिस पर आंकड़े (रुपये) जुटाने की बजाय कहीं अधिक आलोचनात्मक सराहना जुटाती हैं। व्यावसायिक तौर पर सफल फिल्मों में उनकी उपस्थिति कम ही रही है और ऐसी फिल्मों में उनकी भूमिका भी बहुत छोटी रही हैं, मसलन-बॉर्डर (1997), साजन चले ससुराल (1996), बीवी नंबर वन Hum Saath-Saath Hain: We Stand United (1999) आदि फ़िल्में.

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तमिल

एक तमिल परिवार श्रीलंका में तमिल बच्चे भरतनाट्यम तमिल एक मानमूल है, जिनका मुख्य निवास भारत के तमिलनाडु तथा उत्तरी श्री लंका में है। तमिल समुदाय से जुड़ी चीजों को भी तमिल कहते हैं जैसे, तमिल तथा तमिलनाडु के वासियों को भी तमिल कहा जाता है। तामिल, द्रविड़ जाति की ही एक शाखा है। बहुत से विद्वानों की राय है कि 'तामिल' शब्द संस्कृत 'द्राविड' से निकला है। मनुसंहिता, महाभारत आदि प्राचीन ग्रंथों में द्रविड देश और द्रविड जाति का उल्लेख है। मागधी प्राकृत या पाली में इसी 'द्राविड' शब्द का रूप 'दामिलो' हो गया। तामिल वर्णमाला में त, ष, द आदि के एक ही उच्चारण के कारण 'दामिलो' का 'तामिलो' या 'तामिल' हो गया। शंकराचार्य के शारीरक भाष्य में 'द्रमिल' शब्द आया है। हुएनसांग नामक चीनी यात्री ने भी द्रविड देश को 'चि—मो—लो' करके लिखा है। तमिल व्याकरण के अनुसार द्रमिल शब्द का रूप 'तिरमिड़' होता है। आजकल कुछ विद्वानों की राय हो रही है कि यह 'तिरमिड़' शब्द ही प्राचीन है जिससे संस्कृतवालों ने 'द्रविड' शब्द बना लिया। जैनों के 'शत्रुंजय माहात्म्य' नामक एक ग्रंथ में 'द्रविड' शब्द पर एक विलक्षण कल्पना की गई है। उक्त पुस्तक के मत से आदि तीर्थकर ऋषभदेव को 'द्रविड' नामक एक पुत्र जिस भूभाग में हुआ, उसका नाम 'द्रविड' पड़ गया। पर भारत, मनुसंहिता आदि प्राचीन ग्रंथों से विदित होता है कि द्रविड जाति के निवास के ही कारण देश का नाम द्रविड पड़ा। तामिल जाति अत्यंत प्राचीन हे। पुरातत्वविदों का मत है कि यह जाति अनार्य है और आर्यों के आगमन से पूर्व ही भारत के अनेक भागों में निवास करती थी। रामचंद्र ने दक्षिण में जाकर जिन लोगों की सहायता से लंका पर चढ़ाई की थी और जिन्हें वाल्मीकि ने बंदर लिखा है, वे इसी जाति के थे। उनके काले वर्ण, भिन्न आकृति तथा विकट भाषा आदि के कारण ही आर्यों ने उन्हें बंदर कहा होगा। पुरातत्ववेत्ताओं का अनुमान है कि तामिल जाति आर्यों के संसर्ग के पूर्व ही बहुत कुछ सभ्यता प्राप्त कर चुकी थी। तामिल लोगों के राजा होते थे जो किले बनाकर रहते थे। वे हजार तक गिन लेते थे। वे नाव, छोटे मोटे जहाज, धनुष, बाण, तलवार इत्यादि बना लेते थे और एक प्रकार का कपड़ा बुनना भी जानते थे। राँगे, सीसे और जस्ते को छोड़ और सब धातुओं का ज्ञान भी उन्हें था। आर्यों के संसर्ग के उपरांत उन्होंने आर्यों की सभ्यता पूर्ण रूप से ग्रहण की। दक्षिण देश में ऐसी जनश्रुति है कि अगस्त्य ऋषि ने दक्षिण में जाकर वहाँ के निवासियों को बहुत सी विद्याएँ सिखाई। बारह-तेरह सौ वर्ष पहले दक्षिण में जैन धर्म का बड़ा प्रचार था। चीनी यात्री हुएनसांग जिस समय दक्षिण में गया था, उसने वहाँ दिगंबर जैनों की प्रधानता देखी थी। तमिल भाषा का साहित्य भी अत्यंत प्राचीन है। दो हजार वर्ष पूर्व तक के काव्य तामिल भाषा में विद्यमान हैं। पर वर्णमाला नागरी लिपि की तुलना में अपूर्ण है। अनुनासिक पंचम वर्ण को छोड़ व्यंजन के एक एक वर्ग का उच्चारण एक ही सा है। क, ख, ग, घ, चारों का उच्चारण एक ही है। व्यंजनों के इस अभाव के कारण जो संस्कृत शब्द प्रयुक्त होते हैं, वे विकृत्त हो जाते हैं; जैसे, 'कृष्ण' शब्द तामिल में 'किट्टिनन' हो जाता है। तामिल भाषा का प्रधान ग्रंथ कवि तिरुवल्लुवर रचित कुराल काव्य है। .

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तमिल नाडु

तमिल नाडु (तमिल:, तमिऴ् नाडु) भारत का एक दक्षिणी राज्य है। तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई (चेऩ्ऩै) है। तमिल नाडु के अन्य महत्त्वपूर्ण नगर मदुरै, त्रिचि (तिरुच्चि), कोयम्बतूर (कोऽयम्बुत्तूर), सेलम (सेऽलम), तिरूनेलवेली (तिरुनेल्वेऽली) हैं। इसके पड़ोसी राज्य आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल हैं। तमिल नाडु में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा तमिल है। तमिल नाडु के वर्तमान मुख्यमन्त्री एडाप्पडी  पलानिस्वामी  और राज्यपाल विद्यासागर राव हैं। .

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तिरुवनन्तपुरम

തിരുവനന്തപുരം --> तिरुवनन्तपुरम (मलयालम - തിരുവനന്തപുരം) या त्रिवेन्द्रम केरल प्रान्त की राजधानी है। यह नगर तिरुवनन्तपुरम जिले का मुख्यालय भी है। केरल की राजनीति के अलावा शैक्षणिक व्यवस्था का केन्द्र भी यही है। कई शैक्षणिक संस्थानों में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केन्द्र, राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केन्द्र कुछ प्रसिद्ध नामों में से हैं। भारत की मुख्य भूमि के सुदूर दक्षिणी पश्चिमी तट पर बसे इस नगर को महात्मा गांधी ने भारत का सदाबहार नगर की संज्ञा दी थी। .

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तुलू भाषा

तुलू भारत के कर्नाटक राज्य के पश्चिमी किनारे में स्थित दक्षिण कन्नड़ और उडुपि जिलों में तथा उत्तरी केरल के कुछ भागों में प्रचलित भाषा है। पहले तुलू ब्राह्मण वैदिक और संस्कृत साहित्य लिखने के लिये 'तिगलारि' नामक लिपि को उपयोग करते थे। लेकिन बहुत कम साहित्य तुलू भाषा में मिला है। पर आज इस लिपि को जाननेवाले बहुत कम हैं। पुरानी तिगलारि लिपि मलयालम लिपि से बहुत मिलती है। अब तुलू लिखने के लिये कन्नड़ लिपि का प्रयोग किया जाता है। यह पंच द्राविड भाषाओं में एक है। दक्षिण कन्नड और उडुपी जिलों की अधिकांश लोगों की मातृभाषा तुळु है। इसलिए ये दोनो जिले सम्मिलित रूप से तुलुनाडु नाम से जाने जाते हैं। केरल के कासरगोड जिले में भी बहुत लोग तुलू भाषा बोलते हैं। .

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त्रिदेव (फ़िल्म)

त्रिदेव 1989 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। राजीव राय द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म को गुलशन राय द्वारा निर्मित किया गया है। नसीरुद्दीन शाह, सनी देओल, जैकी श्रॉफ, माधुरी दीक्षित, संगीता बिजलानी और सोनम प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फ़िल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई। .

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तेलुगू भाषा

तेलुगु भाषा (तेलुगू:తెలుగు భాష) भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों की मुख्यभाषा और राजभाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार के अन्तर्गत आती है। यह भाषा आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के अलावा तमिलनाडु, कर्णाटक, ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों में भी बोली जाती है। तेलुगु के तीन नाम प्रचलित हैं -- "तेलुगु", "तेनुगु" और "आंध्र"। .

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तीसरी कसम (1966 फ़िल्म)

तीसरी कसम (अंग्रेजी: third oath)1966 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसको तत्काल बॉक्स ऑफ़िस पर सफलता नहीं मिली थी पर यह हिन्दी के श्रेष्ठतम फ़िल्मों में गिनी जाती है। फ़िल्म का निर्माण प्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र ने किया था जिसे हिन्दी लेखक फणीश्वर नाथ 'रेणु' की प्रसिद्ध कहानी मारे गए ग़ुलफ़ाम की पटकथा मिली। इस फ़िल्म की असफलता के बाद शैलेन्द्र काफी निराश हो गए थे और उनका अगले ही साल निधन हो गया था। यह हिन्दी के महान कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी 'मारे गये गुलफाम' पर आधारित है। इस फिल्म के मुख्य कलाकारों में राज कपूर और वहीदा रहमान शामिल हैं। बासु भट्टाचार्य द्वारा निर्देशित तीसरी कसम एक फिल्म गैर-परंपरागत है जो भारत की देहाती दुनिया और वहां के लोगों की सादगी को दिखाती है। यह पूरी फिल्म बिहार के अररिया जिले में फिल्मांकित की गई। इस फिल्म का फिल्मांकन सुब्रत मित्र ने किया है। पटकथा नबेन्दु घोष की है, जबकि संवाद लिखे हैं स्वयं फणीन्द्र नाथ रेणु ने.

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दादासाहब फालके

धुंडिराज गोविन्द फालके उपाख्य दादासाहब फालके (मराठी: दादासाहेब फाळके) (३० अप्रैल १८७० - १६ फ़रवरी १९४४) वह महापुरुष हैं जिन्हें भारतीय फिल्म उद्योग का 'पितामह' कहा जाता है। दादा साहब फालके, सर जे.

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दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे

दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है, जो डीडीएलजे के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस पहला प्रदर्शन 19 अक्टूबर 1995 को हुआ और 20 अक्टूबर 1995 को यह पूरे भारत में निर्गमित हुई। इस फिल्म का निर्देशन प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशक यश चोपड़ा के पुत्र आदित्य चोपड़ा ने किया। शाहरुख खान, काजोल और अमरीश पुरी इसके प्रमुख कलाकारों में थे। इस फिल्म के नाम सबसे ज्यादा चलने का रिकॉर्ड है। यह मुंबई के मराठा मंदिर में तेरह सालों से भी ज्यादा समय तक चली.

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दिलीप कुमार

दिलीप कुमार (जन्म 11 दिसंबर, 1922; जन्म का नाम: यूसुफ़ ख़ान), हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय अभिनेता है जो भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य रह चुके है। दिलीप कुमार को उनके दौर का बेहतरीन अभिनेता माना जाता है, त्रासद या दु:खद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' भी कहा जाता था। उन्हें भारतीय फ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, इसके अलावा दिलीप कुमार को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ से भी सम्मानित किया गया है। .

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दिव्या भारती

दिव्या भारती (14 फ़रवरी 1974–5 अप्रैल 1993) हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री थीं, जिनकी अभिनय विविधता से उन्हें "अपनी पीढ़ी के सबसे चित्ताकर्षक युवा अभिनेत्री " होने का गौरव मिला। 90 के दशक से अपनी करियर की शुरुवात करने वाली दिव्या ने कई प्रकार के व्यावसायिक रूप से सफल गति चित्रों में अभिनय किया है। हिंदी फिल्मों के अलावा दक्षिण भारतीय सिनेमा में भी दर्शकों से उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। अधिक तत्परता से भारती ने अपनी करियर की शुरुआत तमिल एवं तेलुगु फिल्मों से ही की थी। अभिनय के अतिरिक्त भारती में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व की छवि नज़र आती थी। भारती ने अपने अभिनय की शुरुवात तेलुगु फिल्म "बोब्बिली राजा" से सन् 1990 में की। शुरुआती समय में भारती को कम महत्व संबंधित भूमिकाएँ दी जाती थीं। फ़िल्मी सफर में उन्हें सफलता हिंदी फिल्म विश्वात्मा से मिली। इसी फिल्म के "सात समुन्दर पार गाने" से उन्हें एक अलग पहचान मिली। सन् 1992 तक भारती स्वयं को बॉलीवुड में एक सफल नायकत्व के रूप में स्थापित कर लिया था। अन्य फिल्में सरूप शोला और शबनम, एक नाटकीय फिल्म जिसमें भारती को निडर रास के भूमिका को दर्शाया। 1992 में बनी प्रेम प्रसंगयुक्त फिल्म दीवाना में भारती के निष्पादन ने उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा गया। 1992-1993 के मध्य तक भारती ने मात्र 19 वर्ष की आयु में सात चौदह हिंदी और सात दक्षिण भारतीय फिल्में की। अपने कम समय के करियर के दौरान मुख्यधारा के सिनेमा के अलावा भारती ने एक शक्तिशाली अभिनय की उत्पत्ति की। उनकी अंतिम पूरी की हुई फिल्में रंग, सह अभिनीत कमल सदानाह और शतरंज, सह अभिनीत जैकी श्रॉफ थी, जिन्हें भारती के ३ अप्रैल १९९३ में रहस्यमय मरण के बाद जारी किया गया। यद्यपि भारती को अपने सम्पूर्ण करियर में कई अवनतियों का सामना करना पड़ा, उन्होंने खुद को ढूंढा और स्वयं को बॉलीवुड में एक सफल मुकाम बनाने में कामयाब भी रहीं। 1993 में हुई उनकी रहस्मयी मृत्यु से उनका करियर भी समाप्त हो गया। .

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दुनिया

दुनिया शब्द का प्रयोग निम्न तात्पर्यों में किया जा सकता है.

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देव आनन्द

देव आनन्द उर्फ़ धरमदेव पिशोरीमल आनंद (जन्म २६ सितंबर १९२३- मृत्यु ३ दिसम्बर २०११) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। .

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देवदास

देवदास बंगाली उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखा गया एक उपन्यास है जो 1917 में प्रकाशित हुई थी और इसपर कई फिल्में बनी.

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देविका रानी

देविका रानी (जन्म: 30 मार्च, 1908 निधन: 8 मार्च, 1994) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। निःसंदेह भारतीय सिनेमा के लिये देविका रानी का योगदान अपूर्व रहा है और यह हमेशा हमेशा याद रखा जायेगा। जिस जमाने में भारत की महिलायें घर की चारदीवारी के भीतर भी घूंघट में मुँह छुपाये रहती थीं, देविका रानी ने चलचित्रों में काम करके अदम्य साहस का प्रदर्शन किया था। उन्हें उनके अद्वितीय सुंदरता के लिये भी याद किया जाता रहेगा। .

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दीपा मेहता

दीपा मेहता फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्माता हैं। वह अपनी फ़िलमें फ़ायर, अर्थ और वाटर (यानी तत्वों की त्रयी) के लिए मशहूर है। .

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दीपिका पादुकोण

दीपिका पादुकोण (कोंकणी: दीपिका पडुकोण, कन्नड: ದೀಪಿಕಾ ಪಡುಕೋಣ್) एक भारतीय अभिनेत्री हैं, जिनका जन्म 5 जनवरी 1986 को हुआ और जो बॉलीवुड सिनेमा में एक नायिका के रूप में उभरी हैं। .

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धर्मेन्द्र

धर्मेन्द्र (पंजाबी: ਧਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦਿਉਲ जन्म: ८ दिसंबर, १९३५) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनकी पत्नी हेमा मालिनी, पुत्र बॉबी द्योल और सनी द्योल भी फ़िल्मों में काम करते हैं। धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक बीकानेर से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे। .

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धूम 2

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नरसी मेहता

नरसी मेहता नरसी मेहता (નરસિંહ મહેતા; 16वीं शती ई.) गुजराती भक्तिसाहित्य की श्रेष्ठतम विभूति थे। उनके कृतित्व और व्यक्तित्व की महत्ता के अनुरूप साहित्य के इतिहासग्रंथों में "नरसिंह-मीरा-युग" नाम से एक स्वतंत्र काव्यकाल का निर्धारण किया गया है जिसकी मुख्य विशेषता भावप्रवण कृष्णभक्ति से अनुप्रेरित पदों का निर्माण है। पदप्रणेता के रूप में गुजराती साहित्य में नरसी का लगभग वही स्थान है जो हिंदी में सूरदास का। वैष्णव जन तो तैणे कहिए जे पीड पराई जाणे रे' पंक्ति से आरंभ होनेवाला सुविख्यात पद नरसी मेहता का ही है। नरसी ने इसमें वैष्णव धर्म के सारतत्वों का संकलन करके अपनी अंतर्दृष्टि एवं सहज मानवीयता का परिचय दिया है। नरसी की इस उदार वैष्णव भक्ति का प्रभाव गुजरात में आज तक लक्षित होता है। पुष्टिमार्ग में नरसी को "वधेयो" माना जाता है पर नरसी किसी संप्रदाय से संबद्ध प्रतीत नहीं होते। उनकी भक्ति भागवताश्रित थी। अन्यान्य लीलाओं की अपेक्षा कृष्ण की रासलीला नरसी का विशेष प्रिय थी और भावात्मक तादात्म्य की स्थित में उन्होंने अपने को "दीवटियो" या दीपवाहक बनकर रास में भाग लेते हुए वर्णित किया है। वे गुजरात के सर्वाधिक लोकप्रि वैष्णव कवि हैं तथा लोककल्पना में उनके जीवन से संबद्ध किंवदंतियों एवं चमत्कारिक घटनाओं के प्रति सहज विश्वासभावना मिलती है। .

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नरगिस

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नरगिस (अभिनेत्री)

नरगिस दत्त (१ जून १९२८ – ३ मई १९८१), जन्म नाम फ़ातिमा रशिद लेकिन बाद में नाम परिवर्तित कर दिया गया था। इनका जन्म कोलकाता,पश्चिम बंगाल में हुआ था। List of Nominated members, Rajya Sabha Official website.ये एक भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं जिन्होंने हिन्दी फ़िल्म अभिनेता सुनील दत्त से शादी की थी। इन्होंने अपने फ़िल्मी सफर की शुरुआत बचपन तलाश-ए-हक़ (१९३५) में ही कर दी थी लेकिन इन्होंने एक्टिंग करनी १९४२ में तमन्ना फ़िल्म से शुरू की थी। १९५७ की मदर इंडिया फ़िल्म के लिए इनको एकेडमी अवॉर्ड के लिए नामांकित किया गया था साथ ही इस फ़िल्म के लिए इन्हें सबसे अच्छी फ़िल्म अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिया गया था। इसके बाद इन्हें १९६७ में बनी रात और दिन फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित की गई थीं। .

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नसीरुद्दीन शाह

नसीरुद्दीन शाह हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। नसीरुद्दीन शाह, जिन्हें हिंदी फ़िल्म उद्योग में अदाकारी का एक पैमाना कहा जाए तो शायद ही किसी को एतराज हो। नसीर की काबिलियत का सबसे बड़ा सुबूत है, सिनेमा की दोनों धाराओं में उनकी कामयाबी। नसीर का नाम अगर पैरेलल सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं की सूची में शामिल हुआ तो बॉलीवुड की मुख्य धारा या व्यापारिक फ़िल्मों में भी उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है। नसीर अपने शानदार अंदाज से मुख्य धारा के चहेते सितारे बन गए, ऐसा सितारा जिसने हर तरह के किरदार को बेहतरीन अभिनय से जिंदा कर दिया। ये सितार जब भी स्क्रीन पर आया देखने वाले के दिल पर उस किरदार की यादगार छाप छोड़ गया। उसकी कॉमेडी ने पब्लिक को खूब गुदगुदाया तो एक्शन में भी उसका अलग ही अंदाज नजर आया। मुख्य धारा सिनेमा में नसीरुद्दीन शाह के सफर की शुरुआत 1980 में आई फ़िल्म 'हम पांच' से हुई। फ़िल्म भले ही व्यापारिक थी, लेकिन इसमें नसीर के अभिनय की गहराई समानांतर सिनेमा वाली फ़िल्मों से कम नहीं थी। गुलामी को अपनी तकदीर मान चुके एक गांव में विद्रोह की आवाज बुलंद करते नौजवान के किरदार में नसीर ने जान फूंक दी। हालांकि फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर कामयाब नहीं रही और एक व्यापारिक एक्टर के तौर पर सफलता साबित करने के लिए नसीर को टिकट खिड़की पर भी बिकाऊ बनने की जरूरत थी। और उनके लिए ये काम किया 'जाने भी दो यारों' ने। बॉलीवुड की ऑल टाइम बेस्ट कॉमेडी फ़िल्मों में शुमार 'जाने भी दो यारों' में रवि वासवानी और नसीर की जोड़ी ने बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग दिखाई और फ़िल्म बेहद कामयाब रही। लेकिन कमर्शियल सिनेमा में नसीर की सबसे बड़ी कामयाबी बनी 'मासूम'। बाप और बेटे के रिश्तों को उकेरती 'मासूम' में नसीर ने कमाल की अदाकारी से ना केवल खूब वाहवाही बटोरी बल्कि फ़िल्म भी सुपरहिट हुई और नसीर को एक स्टार का दर्जा मिल गया। नसीर के इस स्टार स्टेटस को और मजबूत किया 1986 में आई सुभाष घई की मल्टीस्टारर मेगाबजट फ़िल्म 'कर्मा' ने। फ़िल्म में नसीर के लिए अपनी छाप छोड़ना आसान नहीं था क्योंकि वहां अभिनय सम्राट "दिलीप कुमार भी थे। और उस दौर के नए नवेले सितारे जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर भी थे। 1987 में गुलजार की 'इजाजत' नसीर के लिए कामयाबी का एक और जरिया बन कर आई। एक जज्बाती कहानी, बेहतरीन निर्देशन, शानदार अभिनय और यादगार संगीत। 'इजाजत' ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कामयाबी हासिल की और बतौर व्यापारिक एक्टर नसीर का रुतबा और बढ़ गया। 'त्रिदेव' जैसी सुपरहिट फ़िल्म देकर, 90 का दशक आते-आते नसीर ने व्यापारिक फ़िल्मों में भी अपनी अलग पहचान बना ली थी। 2003 में आई हॉलीवुड फ़िल्म 'द लीग ऑफ एक्सट्रा ऑर्डिनरी जेंटलमेन' में नसीरुद्दीन ने कैप्टन नीमो का किरदार निभाया तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी फ़िल्म 'खुदा के लिए' में भी उन्होंने शानदार काम किया। देश से लेकर परदेस तक, नसीरुद्दीन शाह ने अपनी अदाकारी का लोहा सारी दुनिया में मनवाया है। लेकिन नसीर अपनी काबिलियत को खुशकिस्मती का नाम देते हैं। वो कहते हैं, 'मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे इतने मौके मिले, लेकिन मैं व्यापारिक फ़िल्मों से अभी संतुष्ट नहीं हूँ।' 2008 में आई 'अ वेडनेसडे' ने नसीर की कमाल की अदाकारी का एक और नजराना पेश किया तो 'इश्किया', 'राजनीति', 'सात खून माफ' और 'डर्टी पिक्चर' जैसी फ़िल्मों के जरिए नसीरुद्दीन ने बार-बार ये साबित किया कि एक सच्चे कलाकार को उम्र बांध नहीं सकती। हाल ही में रिलीज हुई फ़िल्म 'मैक्सिमम' में भी नसीर की जोरदार एक्टिंग ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है। आज के नसीरुद्दीन शाह की बात करें तो शायद ही ऐसा कोई रोल है जो उनपर फिट नहीं बैठे। आखिर वो एक्टर ही ऐसे हैं कि हर रोल के मुताबिक खुद को ढाल लेते हैं। लेकिन एक समय था जब नसीर को दो रोल करने की इच्छा थी जो उस समय उन्हें नहीं मिले। लेकिन बाद 'मिर्जा गालिब', दूरदर्शन धारावाहिक में उन्हें दो रोल मिले जिसमें उन्होंने ग़ालिब का वास्तविक चित्र उभारने की कोशिश की। लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि गालिब बनने की नसीर की तमन्ना उनके दिल में एक अधूरे ख्वाब की तरह अटकी हुई थी। 1988 में सीरियल बनाने से सालों पहले गुलजार साहब गालिब पर एक फ़िल्म बनाना चाहते थे और उस फ़िल्म में गालिब के तौर पर उनकी दिली इच्छा संजीव कुमार को लेने की थी। नसीर साहब ने इस बारे में बताते हुए कहा, 'मैंने गुलजार भाई को चिठ्ठी लिखी और अपनी फोटोग्राफ्स भेजी, मैंने लिखा कि ये क्या कर रहे हैं, इस फ़िल्म में आपको मुझे लेना चाहिए।' लेकिन संजीव कुमार को दिल का दौरा पड़ गया था और सेहत उनका साथ नहीं दे रही थी। फिर उसके बाद गुलजार साहब के दिल में उस रोल के लिए अमिताभ के नाम का खयाल आया। लेकिन वहां भी बात नहीं बनी और आखिरकार गालिब पर फ़िल्म बनाने का प्लान ही ठंडे बस्ते में पड़ गया। शायद उस वक्त गुलजार को भी नहीं मालूम होगा कि इस किरदार पर तो तकदीर ने किसी और का नाम लिख दिया है। कई साल बाद गुलजार साहब ने एक दिन नसीर को फोन लगाया। नसीर ने बताया, 'एक दिन मुझे गुलजार भाई का फोन आया कि सीरियल में काम करोगे। मैंने पूछा कौन सा सीरियल तो उन्होंने बताया गालिब पर है। मैंने बिना कुछ सोचे फौरन हां कह दिया।' साल 1982 में 'गांधी' के रिलीज होने के अट्ठारह साल बाद कमल हासन ने 'हे राम' बनाई, जिसने नसीर साहब की गांधी बनने की तमन्ना को भी पूरा कर दिया। सधी हुई अदाकरी और बेजोड़ अंदाज से उन्होंने ना केवल गांधी के किरदार में जान डाल दी। बेजोड़ एक्टिंग और गजब की क्षमता से हर तरह के किरदार निभाने वाले नसीर ने अपनी छाप नकारात्मक भूमिकाओं में भी छोड़ी। समानांतर सिनेमा का ये हीरो कमर्शियल फ़िल्मों में एक ख़तरनाक विलेन के तौर पर भी हमेशा याद किया जाता रहेगा। हिन्दी सिनेमा में विलेन का ये नया चेहरा था, खूंखार और अजीबोगरीब शक्ल वाला कोई गुंडा नहीं बल्कि सोफेस्टिकेटेड इंसान जिसके दिमाग में सिर्फ जहर ही जहर था। विलेन का ये किरदार जितना संजीदा था उससे भी ज्यादा संजीदगी से उसे निभाया था नसीरुद्दीन शाह ने। वैसे खलनायक के तौर पर उनकी एक दो फ़िल्में नहीं थीं। 'मोहरा' में उन्होंने दिखाया विलेन का वो चेहरा जो किसी के भी दिल में खौफ पैदा कर सकता है। अंधा होने का नाटक करने वाला एक शिकारी, लेकिन ये नसीर की असली पहचान नहीं थी। नसीर की असली पहचान समानांतर सिनेमा था। सिनेमा की वो धारा जिसमें एक स्टार के लिए कम और एक्टर के लिए गुंजाइश ज्यादा होती है। और ये बात किसी से छुपी नहीं कि नसीर एक एक्टर पहले और स्टार बाद में हैं। समानांतर सिनेमा के इस सितारे ने स्मिता पाटिल, शबाना आजमी, अमरीश पुरी और ओम पुरी जैसे माहिर कलाकारों के साथ मिलकर आर्ट फ़िल्मों को एक नई पहचान दी। 'निशान्त' जैसी सेंसेटिव फ़िल्म से अभिनय का सफर शुरू करने वाले नसीर ने 'आक्रोश', 'स्पर्श', 'मिर्च मसाला', 'भवनी भवाई', 'अर्धसत्य', 'मंडी' और 'चक्र' जैसी फ़िल्मों में अभिनय की नई मिसाल पेश कर दी। .

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नारी

नारी मानव की स्त्री को कहते हैं, जो नर का स्त्रीलिंग है। नारी शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई संदर्भो में मगर यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार। .

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नागेश कुकुनूर

श्रेणी:बॉलीवुड श्रेणी:अभिनेता श्रेणी:हिन्दी अभिनेता.

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नितिन मुकेश

नितिन मुकेश नितिन मुकेश भारतीय गायक है जो हिन्दी फ़िल्मों में अपने पार्शवगायन के लिये जाने जाते हैं। 1980-90 के दशकों में उन्होंने कई संगीतकार के साथ काम किया है:- खय्याम, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, बप्पी लाहिड़ी, राजेश रोशन, नदीम श्रवण, आनंद-मिलिंद। नितिन मुकेश के पुत्र है और उनके बेटे नील नितिन मुकेश अभिनेता है। .

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निम्मी

निम्मी हिन्दी फिल्मों की 1950 से 1960 के दशक की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। .

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नज़ीर हुसैन

नज़ीर हुसैन (उच्चारण; 15 मई 1922 – 16 अक्टूबर 1987) भारतीय फ़िल्म अभिनेता थे। इन्हें नासिर हुसैन के रूप में भी जाना जाता है जिस नाम से उन्हें कई फ़िल्मों में श्रेय दिया गया है। .

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नवीन निश्चल

नवीन निश्चल हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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नूतन

नूतन (४ जून १९३६ - २१ फ़रवरी १९९१), हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। नूतन के सौन्दर्य को मिस इंडिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह इस पुरस्कार को पाने वाली पहली महिला थीं। नूतन ने ५० से भी अधिक फ़िल्मों में काम किया और उन्हे बहुत से अन्य पुरस्कारों के अलावा ६ बार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला (जो कि अभी तक किसी भी दूसरी अभिनेत्री से अधिक है)। नूतन का जन्म ४ जून १९३६ को एक पढे-लिखे और सभ्रांत परिवार में हुआ था। इनकी माता का नाम श्रीमती शोभना सामर्थ और पिता का नाम श्री कुमारसेन सामर्थ था। नूतन ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत १९५० में की थी जब वह स्कूल में ही पढ़ती थीं। ११ अक्तुबर १९५९ को नूतन ने लेफ़्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से विवाह कर लिया। नूतन के पुत्र मोहनीश बहल भी हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय करते हैं। नूतन की बहन तनुजा और भतीजी काजोल भी हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में शामिल हैं। नूतन के अभिनय को हिन्दी फ़िल्म उद्दोग के सभी बडे नामों ने सराहा है और वह आज भी बहुत सी अदाकाराओं का आदर्श बनी हुई हैं। नूतन का देहांत फरवरी १९९१ को कैंसर के कारण हुआ। जिन फ़िल्मों के लिये नूतन को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिले, उनकी सूची इस प्रकार है.

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नेपाल

नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .

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नीतू चन्द्रा

नीतू चन्द्रा हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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नीतू सिंह

नीतू सिंह हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। वह ऋषि कपूर की पत्नी हैं। .

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नीलकमल

कोई विवरण नहीं।

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पटना

पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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पणजी

पणजी भारत के पश्चिमी प्रान्त गोवा की राजधानी है। यह मांडोवी नदी के मुहाने के तट पर, उत्तरी गोवा के जिले में निहित है। 114,405 महानगर की आबादी के साथ पणजी वास्कोडिगामा और मडगांव के बाद गोवा का सबसे बड़ तीसरा शहर है। पणजी का मतलब है, पणजी "कि बाढ़ कभी नहीं" भूमि है। पणजी, गोवा की राजधानी और उत्तरी गोवा जिला, मांडोवी नदी के बाएं किनारे पर एक छोटे और आकर्षक शहर के मुख्यालय, लैटिन शैली में निर्मित लाल की छत वाले मकान के साथ भी आधुनिक घरों, अच्छी तरह से रखी उद्यान, मूर्तियों और रास्ते लाइन में खड़ा है गुलमोहर, Acassia और अन्य पेड़ के साथ। पणजी गोवा और लाल- छत वाले घरों लाटिन शैली में निर्मित के साथ उत्तर गोवा जिला, इस मांडोवी नदी के बाएं किनारे पर एक छोटे और खूबसूरत शहर है, के मुख्यालय की राजधानी में भी आधुनिक मकानों, सुसंगठित उद्यान, मूर्तियों और अवसर पंक्तिवाला है गुलमोहर, Acassia और अन्य के पेड़ के साथ। मुख्य चौराहे, वास्तुकला, सुंदर विला, cobbled सड़कों और दिलचस्प इमारतों पर चर्च पणजी एक पुर्तगाली माहौल दे। मुख्य चौराहे पर चर्च के बरोक वास्तुकला, सुंदर विला और सड़कों cobbled दिलचस्प इमारतों पणजी एक पुर्तगाली माहौल दे। सीढ़ीदार पहाड़ियों, सनकी बालकनियों और लाल टाइल छतों, प्रक्षालित साफ चर्चों और एक नदी के किनारे सैर के साथ कंक्रीट की इमारतों की गड़बड़ी के खिलाफ ढेर - शहर मांडोवी नदी के बाएं किनारे पर स्थित है। यह शहर मांडोवी नदी के बाईं बैंक के साथ झूठ - सीढ़ीदार पहाड़ियों, सनकी बालकनियों और लाल टाइलों छत, प्रक्षालित साफ चर्चों और एक रिवरसैद सैर के साथ कंक्रीट इमारतों की एक गड़बड़ी के खिलाफ उठ नुकीला। .

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पद्म भूषण

पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो देश के लिये बहुमूल्य योगदान के लिये दिया जाता है। भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्मश्री का नाम लिया जा सकता है। पद्म भूषण रिबन .

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परिणीता (2005 फ़िल्म)

परिनीता 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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परिन्दा

परिन्दा 1989 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसको निर्मित और निर्देशित विधु विनोद चोपड़ा ने किया है। फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में नाना पाटेकर, जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित हैं, जबकि सहायक भूमिकाओं में सुरेश ओबेरॉय और टॉम आल्टर है। रिलीज होने पर परिन्दा को आलोचकों की प्रशंसा प्राप्त हुई। इस फिल्म को कई लोगों द्वारा हिंदी सिनेमा में यथार्थवाद की शुरुआत में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है। परिन्दा ने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और पांच फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते तथा 1990 में अकादमी पुरस्कार में विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए उसे भारत की तरफ से आधिकरिक तौर पर भेजा गया था। .

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परवीन बॉबी

परवीन बॉबी (जन्म: 4 अप्रैल, 1949; निधन: 20 जनवरी, 2005) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं, जिन्हें 1970 के दशक के शीर्ष नायकों के साथ ग्लैमरस भूमिकाएं निभाने के लिए याद किया जाता है। उन्होने 1970 और 1980 की ब्लोकबस्टर फिल्मों मे भी काम किया है, जैसे दीवार, नमक हलाल, अमर अकबर एन्थोनी और शान। उन्हें भारत की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में एक माना जाता है। .

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परख

जैनेंद्र कुमार की सर्वप्रथम औपन्यासिक कृति 'परख' का प्रकाशन सन 1929 में हुआ। सत्यधन, कट्टो, बिहारी और गरिमा नामक पात्र-पात्रियों के चरित्र पर आधारित यह मनोवैज्ञानिक कथा अप्रत्यक्ष रूप से विधवा विवाह की समस्या से संबंध रखती है, जो भारतेंदुयुगीन औपन्यासिक प्रवृत्ति है। जैनेंद्र के आगामी उपन्यासों की अपेक्षा 'परख' में चरित्र-चित्रण अशक्त प्रतीत होता है। मुख्यतः इसी कारण से 'परख' को वह महत्व नहीं प्राप्त हो सका, जो जैनेंद्र के अन्य उपन्यासों विशेष रूप से 'सुनीता'(1935) तथा 'त्यागपत्र' (1937) के प्राप्त हुआ। इसका एक कारण इस उपन्यास की अविश्वसनीय कथा भी है। इसके प्रधान पात्र-पात्रियाँ अपना स्वतंत्र व्यक्तित्व रखते हुए भी अधिकांशतः नाटकीय व्यवहार करते हैं। आदर्शवादी कथा-तत्व यत्र-तत्र उभरे हुए हैं, जिनमें आत्मबलिदान की भावना को प्रमुखता मिली है। श्रेणी:जैनेंद्र कुमार श्रेणी:पुस्तक.

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पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) (बंगाली: পশ্চিমবঙ্গ) भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है। इसके पड़ोस में नेपाल, सिक्किम, भूटान, असम, बांग्लादेश, ओडिशा, झारखंड और बिहार हैं। इसकी राजधानी कोलकाता है। इस राज्य मे 23 ज़िले है। यहां की मुख्य भाषा बांग्ला है। .

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पहेली

किसी व्यक्ति की बुद्धि या समझ की परीक्षा लेने वाले एक प्रकार के प्रश्न, वाक्य अथवा वर्णन को पहेली (Puzzle) कहते हैं जिसमें किसी वस्तु का लक्षण या गुण घुमा फिराकर भ्रामक रूप में प्रस्तुत किया गया हो और उसे बूझने अथवा उस विशेष वस्तु का ना बताने का प्रस्ताव किया गया हो। इसे 'बुझौवल' भी कहा जाता है। पहेली व्यक्ति के चतुरता को चुनौती देने वाले प्रश्न होते है। जिस तरह से गणित के महत्व को नकारा नहीं जा सकता, उसी तरह से पहेलियों को भी नज़रअन्दाज नहीं किया जा सकता। पहेलियां आदि काल से व्यक्तित्व का हिस्सा रहीं हैं और रहेंगी। वे न केवल मनोरंजन करती हैं पर दिमाग को चुस्त एवं तरो-ताजा भी रखती हैं। .

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पारसी रंगमंच

; 'पारसी रंगमंच' से 'फारसी भाषा का रंगमंच' या 'इरान का रंगमंच' का अर्थ न समझें। यह अलग है जो भारत से संबन्धित है। ---- अंग्रेजों के शासनकाल में भारत की राजधानी जब कलकत्ता (1911) थी, वहां 1854 में पहली बार अंग्रेजी नाटक मंचित हुआ। इससे प्रेरित होकर नवशिक्षित भारतीयों में अपना रंगमंच बनाने की इच्छा जगी। मंदिरों में होनेवाले नृत्य, गीत आदि आम आदमी के मनोरंजन के साधन थे। इनके अलावा रामायण तथा महाभारत जैसी धार्मिक कृतियों, पारंपरिक लोक नाटकों, हरिकथाओं, धार्मिक गीतों, जात्राओं जैसे पारंपरिक मंच प्रदर्शनों से भी लोग मनोरंजन करते थे। पारसी थियेटक से लोक रंगमंच का जन्म हुआ। एक समय में सम्पन्न पारसियों ने नाटक कंपनी खोलने की पहल की और धीरे-धीरे यह मनोरंजन का एक लोकप्रिय माध्यम बनता चला गया। इसकी जड़ें इतनी गहरी थीं कि आधुनिक सिनेमा आज भी इस प्रभाव से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाया है। पारसी रंगमंच, 19वीं शताब्दी के ब्रिटिश रंगमंच के मॉडल पर आधारित था। इसे पारसी रंगमंच इसलिए कहा जाता था क्योंकि इससे पारसी व्यापारी जुड़े थे। वे इससे अपना धन लगाते थे। उन्होंने पारसी रंगमंच की अपनी पूरी तकनीक ब्रिटेन से मंगायी। इसमें प्रोसेनियम स्टेज से लेकर बैक स्टेज की जटिल मशीनरी भी थी। लेकिन लोक रंगमंच-गीतों, नृत्यों परंपरागत लोक हास-परिहास के कुछ आवश्यक तत्वों और इनकी प्रारंभ तथा अंत की रवाइतों को पारसी रंगमंच ने अपनी कथा कहने की शैली में शामिल कर लिया था। दो श्रेष्ठ परंपराओं का यह संगम था और तमाम मंचीय प्रदर्शन पौराणिक विषयों पर होते थे जिनमें परंपरागत गीतों और प्रभावी मंचीय युक्तियों का प्रयोग अधिक होता था। कथानक गढ़े हुए और मंचीय होते थे जिसमें भ्रमवश एक व्यक्ति को दूसरा समझा जाता था, घटनाओं में संयोग की भूमिका होती थी, जोशीले भाषण होते थे, चट्टानों से लटकने का रोमांच होता था और अंतिम क्षण में उनका बचाव किया जाता था, सच्चरित्र नायक की दुष्चरित्र खलनायक पर जीत दिखायी जाती थी और इन सभी को गीत-संगीत के साथ विश्वसनीय बनाया जाता था। औपनिवेशिक काल में भारत के हिन्दी क्षेत्र के विशेष लोकप्रिय कला माध्यमों में आज के आधुनिक रंगमंच और फिल्मों की जगह आल्हा, कव्वाली मुख्य थे। लेकिन पारसी थियेटर आने के बाद दर्शकों में गाने के माध्यम से बहुत सी बातें कहने की परंपरा चल पड़ी जो दर्शकों में लोकप्रिय होती चली गयी। बाद में 1930 के दशक में आवाज रिकॉर्ड करने की सुविधा शुरू हुई और फिल्मों में भी इस विरासत को नये तरह से अपना लिया गया। वर्ष 1853 में अपनी शुरुआत के बाद से पारसी थियेटर धीरे-धीरे एक 'चलित थियेटर' का रूप लेता चला गया और लोग घूम-घूम कर नाटक देश के हर कोने में ले जाने लगे। पारसी थियेटर के अभिनय में ‘‘मेलोड्रामा’’ अहम तत्व था और संवाद अदायगी बड़े नाटकीय तरीके से होती थी। उन्होंने कहा कि आज भी फिल्मों के अभिनय में पारसी नाटक के तत्व दिखाई देते हैं। 80 वर्ष तक पारसी रंगमंच और इसके अनेक उपरूपों ने मनोरंजन के क्षेत्र में अपना सिक्का जमाए रखा। फिल्म के आगमन के बाद पारसी रंगमंच ने विधिवत् अपनी परंपरा सिनेमा को सौंप दी। पेशेवर रंगमंच के अनेक नायक, नायिकाएं सहयोगी कलाकार, गीतकार, निर्देशक, संगीतकार सिनेमा के क्षेत्र में आए। आर्देशिर ईरानी, वाजिया ब्रदर्स, पृथ्वीराज कपूर, सोहराब मोदी और अनेक महान दिग्गज रंगमंचकी प्रतिभाएं थीं जिन्होंने शुरुआती तौर में भारतीय फिल्मों को समृद्ध किया। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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पिंचू कपूर

पिंचू कपूर हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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पंजाबी

पंजाबी का इनमें से मतलब हो सकता: संस्कृति में.

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पुकार

कोई विवरण नहीं।

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प्यासा (1957 फ़िल्म)

प्यासा गुरु दत्त निर्देशित, निर्मित और अभिनीत 1957 की भारतीय फ़िल्म है। फ़िल्म में विजय नामक संघर्षरत कवि कहानी है जो स्वतंत्र भारत में अपने कार्य को प्रकाशित करना चाहता है। फ़िल्म का संगीत एस॰डी॰ बर्मन ने दिया है। .

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प्रभु देवा

प्रभु देवा (जन्म ३ अप्रैल १९७३) एक भारतीय नर्तक, नृत्य दिग्दर्शक, फ़िल्म अभिनेता व निर्देशक है। उन्होंने भिन्न-भिन्न नृत्य के प्रकारों में महारत हासिल की है। उन्हें भारत का माइकल जैक्सन भी कहा जाता है और वे माइकल जैक्सन को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं। .

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प्रिया राजवंश

प्रिया राजवंश, जिनका जन्म का नाम वेरा सुन्दर सिंह था, हिन्दी फ़िल्म की अभिनेत्री थीं। उन्होंने सिर्फ़ चेतन आनन्द की बनाई फ़िल्मों में ही काम किया। उनकी कुछ उल्लेखनीय फ़िल्म हक़ीक़त (१९६४), हीर राँझा (१९७०) तथा हँसते ज़ख़्म (१९७३) हैं। .

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प्रियंका चोपड़ा

प्रियंका चोपड़ा (जन्म: १८ जुलाई, १९८२) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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प्रेम चोपड़ा

प्रेम चोपड़ा हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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प्रेमनाथ

प्रेमनाथ (जन्म: 21 नवंबर, 1926 निधन: 3 नवंबर, 1992) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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प्रीति झंगियानी

प्रीति झंगियानी (जन्म: 18 अगस्त, 1980) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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प्रीति ज़िंटा

प्रीटी ज़िंटा (जन्म ३१ जनवरी १९७५) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री है। वे हिन्दी, तेलगू, पंजाबी व अंग्रेज़ी फ़िल्मों में कार्य कर चुकी है। मनोविज्ञान में उपाधी ग्रहण करने के बाद ज़िंटा ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत दिल से.. में १९९८ से की और उसी वर्ष फ़िल्म सोल्जर में पुनः दिखी। इन फ़िल्मों में अभिनय के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ नई अदाकारा का पुरस्कार प्रदान किया गया और आगे चलकर उन्हें फ़िल्म क्या कहना में कुँवारी माँ के किरदार के लिए काफ़ी सराहा गया। उन्होंने आगे चलकर भिन्न-भिन्न प्रकार के किरदार अदा किए व उनके अभिनय व किरदारों ने हिन्दी फ़िल्म अभिनेत्रियों की एक नई कल्पना को जन्म दिया। जिंटा को २००३ में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार कल हो ना हो फ़िल्म में उनके अभिनय के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने सर्वाधिक कमाई वाली दो भारतीय फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमे काल्पनिक विज्ञान पर आधारित फ़िल्म कोई... मिल गया (२००३) और रोमांस फ़िल्म वीर-ज़ारा (२००४) शमिल है जिसके लिए उन्हें समीक्षकों द्वारा बेहद सराहा गया। उन्होंने आधुनिक भारतीय नारी का किरदार फ़िल्म सलाम नमस्ते और कभी अलविदा ना कहना में निभाया जो अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उच्च-कमाई वाली फ़िल्में रही। इन उपलब्धियों ने उन्हें हिन्दी सिनेमा के मुख्य अभिनेत्रियों में से एक बना दिया। उनका पहला अंतर्राष्ट्रीय किरदार कनेडियाई फ़िल्म हेवन ऑन अर्थ में था जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सिल्वर ह्यूगो पुरस्कार २००८ के शिकागो अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में प्रदान किया गया। फ़िल्मों में अभिनय के आलावा जिंटा ने बीबीसी न्यूज़ ऑनलाइन में कई लेख लिखे है, साथ ही वे एक सामाजिक कार्यकर्त्ता, टेलिविज़न मेज़बान और नियमित मंच प्रदर्शनकर्ता है। वे पीज़ेडएनज़ेड इण्डिया प्रोडक्शन कंपनी की संस्थापक भी है जिसकी स्थापना उन्होंने अपने पूर्व-साथी नेस वाडिया के साथ की है और दोनों साथ-ही-साथ इंडियन प्रीमियर लीग की क्रिकेट टीम किंग्स XI पंजाब के मालिक भी है। .

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प्रीति गाँगुली

प्रीति गाँगुली(१७ मई १९५३ – २ दिसम्बर २०१२) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थीं। उन्होंने बहुत सरे फिल्मों मे हास्य भूमिकाएं निबाई है। .

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प्रीती सप्रू

प्रीती सप्रू हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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पृथ्वीराज कपूर

पृथ्वीराज कपूर (3 नवंबर 1901 - 29 मई 1972) हिंदी सिनेमा जगत एवं भारतीय रंगमंच के प्रमुख स्तंभों में गिने जाते हैं। पृथ्वीराज ने बतौर अभिनेता मूक फ़िल्मो से अपना करियर शुरू किया। उन्हें भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के संस्थापक सदस्यों में से एक होने का भी गौरव हासिल है। पृथ्वीराज ने सन् 1944 में मुंबई में पृथ्वी थिएटर की स्थापना की, जो देश भर में घूम-घूमकर नाटकों का प्रदर्शन करता था। इन्हीं से कपूर ख़ानदान की भी शुरुआत भारतीय सिनेमा जगत में होती है। 1972 में उनकी मृत्यु के पश्चात उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाज़ा गया। पृथ्वीराज कपूर को कला क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९६९ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। पृथ्वीराज ने पेशावर पाकिस्तान के एडवर्ड कालेज से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने एक साल तक कानून की शिक्षा भी प्राप्त की जिसके बाद उनका थियेटर की दुनिया में प्रवेश हुआ। 1928 में उनका मुंबई आगमन हुआ। कुछ एक मूक फ़िल्मों में काम करने के बाद उन्होंने भारत की पहली बोलनेवाली फ़िल्म आलम आरा में मुख्य भूमिका निभाई। .

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फणीश्वर नाथ "रेणु"

फणीश्वर नाथ 'रेणु' (४ मार्च १९२१ औराही हिंगना, फारबिसगंज - ११ अप्रैल १९७७) एक हिन्दी भाषा के साहित्यकार थे। इनके पहले उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। .

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फरहान अख्तर

फरहान अख्तर (فرحان اختر, जन्म - 9 जनवरी 1974), एक भारतीय फ़िल्म निर्माता, पटकथा लेखक, अभिनेता, पार्श्वगायक, गीतकार, फ़िल्म निर्माता और टीवी होस्ट है। निर्देशक के रूप में उनकी पहली फ़िल्म (दिल चाहता है, 2001) की काफी प्रशंसा की गई थी और तभी से एक खास दर्शक वर्ग में उनकी अलग पहचान है। आनंद सुरापुर की फ़िल्म, द फकीर ऑफ वेनिस (2007) और रॉक ऑन!! (2008) से उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। 2008 .

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फ़रदीन ख़ान

फ़रदीन ख़ान (जन्म: 8 मार्च, 1974) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। .

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फ़िरोज़ ख़ान

फ़िरोज़ ख़ान (25 सितंबर 1939 – अप्रैल 2009) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। उन्होंने लंबी फ़िल्मी पारी खेली.वे अपनी खास शैली, अलग अंदाज और किरदारों के लिए जाने जाते रहे।.

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फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार

यह हिन्दी फ़िल्मों के लिये दिये जाने वाला पुरस्कार है जो प्रति वर्ष एक समारोह में दिया जाता है। फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार पुरस्कार उभरते अभिनेता या अभिनेत्री को दिया जाता है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार‎ फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में सबसे बेहतर अभिनय के लिये फ़िल्म के खलनायक को फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। यद्यपि फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों कि शुरुआत 1953 में ही हो गई थी पर इस श्रेणी में खलनायकों को पुरस्कार देने का सिलसिला 1992 से ही शुरु हुआ। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह हिन्दी फ़िल्म में बेहतर अभिनय के लिये अभिनेत्री फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। .

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बड़ोदरा

बड़ोदरा गुजरात राज्य का तीसरा सबसे अधिक जनसन्ख्या वाला शहर है। यह एक शहर है जहा का महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय अपने सुंदर स्थापत्य के लिए जाना जाता है। वड़ोदरा गुजरात का एक महत्त्वपूर्ण नगर है। वड़ोदरा शहर, वडोदरा ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय, पूर्वी-मध्य गुजरात राज्य, पश्चिम भारत, अहमदाबाद के दक्षिण-पूर्व में विश्वामित्र नदी के तट पर स्थित है। वडोदरा को बड़ौदा भी कहते हैं। इसका सबसे पुराना उल्लेख 812 ई. के अधिकारदान या राजपत्र में है, जिसमें इसे वादपद्रक बताया गया है। यह अंकोत्तका शहर से संबद्ध बस्ती थी। इस क्षेत्र को जैनियों से छीनने वाले दोर राजपूत राजा चंदन के नाम पर शायद इसे चंदनवाटी के नाम से भी जाना जाता था। समय-समय पर इस शहर के नए नामकरण होते रहे, जैसे वारावती, वातपत्रक, बड़ौदा और 1971 में वडोदरा। .

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बन्दिनी (1963 फ़िल्म)

बन्दिनी १९६३ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसके निर्माता और निर्देशक बिमल रॉय थे जिन्होंने दो बीघा ज़मीन और मधुमती जैसी प्रतिष्ठित फ़िल्में बनायीं थीं। इस फ़िल्म के मुख्य कलाकार थे अशोक कुमार, धर्मेन्द्र और नूतन। बॉक्स ऑफ़िस में इस फ़िल्म ने ठीक ठाक ही प्रदर्शन किया था। फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में इसे उस वर्ष छ: पुरस्कारों से नवाज़ा गया था जिसमें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार भी शामिल था। यह फ़िल्म एक नारी प्रधान फ़िल्म है, जो कि हिन्दी फ़िल्मों में कम ही देखने को मिलता है। सुजाता के बाद बिमल रॉय की यह दूसरी नारी प्रधान फ़िल्म थी। बंदिनी की कहानी कल्यानी (नूतन) के इर्द-गिर्द घूमती है। यह शायद अकेली ऐसी फ़िल्म है जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गांव की साधारण महिलाओं का योगदान दर्शाया गया हो। .

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बशर नवाज

लिपि अमीर खुसरो बशर नवाज (जन्म: १८ अगस्त, १९३५; मृत्यु: ०९ जुलाई, २०१५) प्रख्यात उर्दू कवि एवं गीतकार थें। .

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बाङ्ला भाषा

बाङ्ला भाषा अथवा बंगाली भाषा (बाङ्ला लिपि में: বাংলা ভাষা / बाङ्ला), बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है। इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, नेपाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया, ओड़िया, मैथिली इत्यादी भाषाएँ हैं। बंगाली बोलने वालों की सँख्या लगभग २३ करोड़ है और यह विश्व की छठी सबसे बड़ी भाषा है। इसके बोलने वाले बांग्लादेश और भारत के अलावा विश्व के बहुत से अन्य देशों में भी फ़ैले हैं। .

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बिपाशा बसु

बिपाशा बसु (जन्म: ७ जनवरी, १९७९) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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बिमल राय

बिमल राय (बांग्ला: বিমল রায়) (जन्म: 12 जुलाई, 1909 निधन: 7 जनवरी, 1966) हिन्दी फ़िल्मों का एक प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक थे। .

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बिहार

बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है। .

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बंगलौर

कर्नाटक का उच्च न्यायालय बंगलौर (अन्य वर्तनी: बेंगलुरु) (कन्नड़: ಬೆಂಗಳೂರು; उच्चारण) भारत के राज्य कर्नाटक की राजधानी है। बेंगलुरु शहर की जनसंख्या ८४ लाख है और इसके महानगरीय क्षेत्र की जनसंख्या ८९ लाख है, और यह भारत गणराज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर और पांचवा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। दक्षिण भारत में दक्कन के पठारीय क्षेत्र में ९०० मीटर की औसत ऊंचाई पर स्थित यह नगर अपने साल भर के सुहाने मौसम के लिए जाना जाता है। भारत के मुख्य शहरों में इसकी ऊंचाई सबसे ज़्यादा है। वर्ष २००६ में बेंगलूर के स्थानीय निकाय बृहत् बेंगलूर महानगर पालिकबी बी एम पी) ने एक प्रस्ताव के माध्यम से शहर के नाम की अंग्रेज़ी भाषा की वर्तनी को Bangalore से Bengaluru में परिवर्तित करने का निवेदन राज्य सरकार को भेजा। राज्य और केंद्रीय सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद यह बदलाव १ नवंबर २०१४ से प्रभावी हो गया है। .

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ब्रज

शेठ लक्ष्मीचन्द मन्दिर का द्वार (१८६० के दशक का फोटो) वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के मथुरा नगर सहित वह भू-भाग, जो श्रीकृष्ण के जन्म और उनकी विविध लीलाओं से सम्बधित है, ब्रज कहलाता है। इस प्रकार ब्रज वर्तमान मथुरा मंडल और प्राचीन शूरसेन प्रदेश का अपर नाम और उसका एक छोटा रूप है। इसमें मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, गोकुल, महाबन, वलदेव, नन्दगाँव, वरसाना, डीग और कामबन आदि भगवान श्रीकृष्ण के सभी लीला-स्थल सम्मिलित हैं। उक्त ब्रज की सीमा को चौरासी कोस माना गया है। सूरदास तथा अन्य व्रजभाषा के भक्त कवियों और वार्ताकारों ने भागवत पुराण के अनुकरण पर मथुरा के निकटवर्ती वन्य प्रदेश की गोप-बस्ती को ब्रज कहा है और उसे सर्वत्र 'मथुरा', 'मधुपुरी' या 'मधुवन' से पृथक वतलाया है। ब्रज क्षेत्र में आने वाले प्रमुख नगर ये हैं- मथुरा, जलेसर, भरतपुर, आगरा, हाथरस, धौलपुर, अलीगढ़, इटावा, मैनपुरी, एटा, कासगंज, और फिरोजाबाद। ब्रज शब्द संस्कृत धातु 'व्रज' से बना है, जिसका अर्थ गतिशीलता से है। जहां गाय चरती हैं और विचरण करती हैं वह स्थान भी ब्रज कहा गया है। अमरकोश के लेखक ने ब्रज के तीन अर्थ प्रस्तुत किये हैं- गोष्ठ (गायों का बाड़ा), मार्ग और वृंद (झुण्ड)। संस्कृत के व्रज शब्द से ही हिन्दी का ब्रज शब्द बना है। वैदिक संहिताओं तथा रामायण, महाभारत आदि संस्कृत के प्राचीन धर्मग्रंथों में ब्रज शब्द गोशाला, गो-स्थान, गोचर भूमि के अर्थों में भी प्रयुक्त हुआ है। ऋग्वेद में यह शब्द गोशाला अथवा गायों के खिरक के रूप में वर्णित है। यजुर्वेद में गायों के चरने के स्थान को ब्रज और गोशाला को गोष्ठ कहा गया है। शुक्लयजुर्वेद में सुन्दर सींगों वाली गायों के विचरण स्थान से ब्रज का संकेत मिलता है। अथर्ववेद में गोशलाओं से सम्बधित पूरा सूक्त ही प्रस्तुत है। हरिवंश तथा भागवतपुराणों में यह शब्द गोप बस्त के रूप में प्रयुक्त हुआ है। स्कंदपुराण में महर्षि शांण्डिल्य ने ब्रज शब्द का अर्थ व्थापित वतलाते हुए इसे व्यापक ब्रह्म का रूप कहा है। अतः यह शब्द ब्रज की आध्यात्मिकता से सम्बधित है। वेदों से लेकर पुराणों तक में ब्रज का सम्बध गायों से वर्णित किया गया है। चाहे वह गायों को बांधने का बाडा हो, चाहे गोशाला हो, चाहे गोचर भूमि हो और चाहे गोप-बस्ती हो। भागवतकार की दृष्टि में गोष्ठ, गोकुल और ब्रज समानार्थक हैं। भागवत के आधार पर सूरदास की रचनाओं में भी ब्रज इसी अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। मथुरा और उसका निकटवर्ती भू-भाग प्राचीन काल से ही अपने सघन वनों, विस्तृत चारागाहों, गोष्ठों और सुन्दर गायों के लिये प्रसिद्ध रहा है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म यद्यपि मथुरा नगर में हुआ था, तथापि राजनैतिक कारणों से उन्हें जन्म लेते ही यमुना पार की गोप-वस्ती में भेज दिया गया था, उनकी वाल्यावस्था एक बड़े गोपालक के घर में गोप, गोपी और गो-वृंद के साथ बीती थी। उस काल में उनके पालक नंदादि गोप गण अपनी सुरक्षा और गोचर-भूमि की सुविधा के लिये अपने गोकुल के साथ मथुरा निकटवर्ती विस्तृत वन-खण्डों में घूमा करते थे। श्रीकृष्ण के कारण उन गोप-गोपियों, गायों और गोचर-भूमियों का महत्व बड़ गया था। पौराणिक काल से लेकर वैष्णव सम्प्रदायों के आविर्भाव काल तक जैसे-जैसे कृश्णोपासना का विस्तार होता गया, वैसे-वैसे श्रीकृष्ण के उक्त परिकरों तथा उनके लीला स्थलों के गौरव की भी वृद्धि होती गई। इस काल में यहां गो-पालन की प्रचुरता थी, जिसके कारण व्रजखण्डों की भी प्रचुरता हो गई थी। इसलिये श्री कृष्ण के जन्म स्थान मथुरा और उनकी लीलाओं से सम्वधित मथुरा के आस-पास का समस्त प्रदेश ही ब्रज अथवा ब्रजमण्डल कहा जाने लगा था। इस प्रकार ब्रज शब्द का काल-क्रमानुसार अर्थ विकास हुआ है। वेदों और रामायण-महाभारत के काल में जहाँ इसका प्रयोग 'गोष्ठ'-'गो-स्थान' जैसे लघु स्थल के लिये होता था। वहां पौराणिक काल में 'गोप-बस्ती' जैसे कुछ बड़े स्थान के लिये किया जाने लगा। उस समय तक यह शब्द प्रदेशवायी न होकर क्षेत्रवायी ही था। भागवत में 'ब्रज' क्षेत्रवायी अर्थ में ही प्रयुक्त हुआ है। वहां इसे एक छोटे ग्राम की संज्ञा दी गई है। उसमें 'पुर' से छोटा 'ग्राम' और उससे भी छोटी बस्ती को 'ब्रज' कहा गया है। १६वीं शताब्दी में 'ब्रज' प्रदेशवायी होकर 'ब्रजमंडल' हो गया और तव उसका आकार ८४ कोस का माना जाने लगा था। उस समय मथुरा नगर 'ब्रज' में सम्मिलित नहीं माना जाता था। सूरदास तथा अन्य ब्रज-भाषा कवियों ने 'ब्रज' और मथुरा का पृथक् रूप में ही कथन किया है, जैसे पहिले अंकित किया जा चुका है। कृष्ण उपासक सम्प्रदायों और ब्रजभाषा कवियों के कारण जब ब्रज संस्कृति और ब्रजभाषा का क्षेत्र विस्तृत हुआ तब ब्रज का आकार भी सुविस्तृत हो गया था। उस समय मथुरा नगर ही नहीं, बल्कि उससे दूर-दूर के भू-भाग, जो ब्रज संस्कृति और ब्रज-भाषा से प्रभावित थे, व्रज अन्तर्गत मान लिये गये थे। वर्तमान काल में मथुरा नगर सहित मथुरा जिले का अधिकांश भाग तथा राजस्थान के डीग और कामबन का कुछ भाग, जहाँ से ब्रजयात्रा गुजरती है, ब्रज कहा जाता है। ब्रज संस्कृति और ब्रज भाषा का क्षेत्र और भी विस्तृत है। उक्त समस्त भू-भाग रे प्राचीन नाम, मधुबन, शुरसेन, मधुरा, मधुपुरी, मथुरा और मथुरामंडल थे तथा आधुनिक नाम ब्रज या ब्रजमंडल हैं। यद्यपि इनके अर्थ-बोध और आकार-प्रकार में समय-समय पर अन्तर होता रहा है। इस भू-भाग की धार्मिक, राजनैतिक, ऐतिहासिक और संस्कृतिक परंपरा अत्यन्त गौरवपूर्ण रही है। .

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ब्रज भूमि (फिल्म)

ब्रजभूमि शिव कुमार द्वारा बनाया गया एक ब्रजभाषा चलचित्र है जो वर्ष १९८२ में प्रदर्शित हुआ था। यह ब्रजभाषा का सर्वप्रथम चलचित्र है जिसमें मुख्य भूमिका में शिव कुमार,राजा बुन्देला, अलका नूपुर, और भारती अचरेकर थे। इस चलचित्र के साथ ही ब्रजभाषा चलचित्रपट का आरंभ हुआ। यह चलचित्र सदाबहार रहा। .

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ब्रजभाषा

ब्रजभाषा मूलत: ब्रज क्षेत्र की बोली है। (श्रीमद्भागवत के रचनाकाल में "व्रज" शब्द क्षेत्रवाची हो गया था। विक्रम की 13वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक भारत के मध्य देश की साहित्यिक भाषा रहने के कारण ब्रज की इस जनपदीय बोली ने अपने उत्थान एवं विकास के साथ आदरार्थ "भाषा" नाम प्राप्त किया और "ब्रजबोली" नाम से नहीं, अपितु "ब्रजभाषा" नाम से विख्यात हुई। अपने विशुद्ध रूप में यह आज भी आगरा, हिण्डौन सिटी,धौलपुर, मथुरा, मैनपुरी, एटा और अलीगढ़ जिलों में बोली जाती है। इसे हम "केंद्रीय ब्रजभाषा" भी कह सकते हैं। ब्रजभाषा में ही प्रारम्भ में काव्य की रचना हुई। सभी भक्त कवियों ने अपनी रचनाएं इसी भाषा में लिखी हैं जिनमें प्रमुख हैं सूरदास, रहीम, रसखान, केशव, घनानंद, बिहारी, इत्यादि। फिल्मों के गीतों में भी ब्रजभाषा के शब्दों का प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है। .

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ब्रजभाषा चलचित्रपट

ब्रजवुड भारतीय चलचित्र उद्योग है। जिसे ब्रजभाषा सिनेमा भी कहते हैं। .

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ब्लैक

ब्लैक 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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बॉडीगार्ड

बॉडीगार्ड (Bodyguard) 2011 में बनी हिन्दी एक्शन फ़िल्म है जिसका निर्देशन सिद्दकी द्वारा किया गया है। यह निर्देशक द्वारा इसी नाम की फ़िल्म का तीसरा रीमेक है जिसका निर्माण अतुल अग्निहोत्री ने किया है और सलमान खान व करीना कपूर मुख्य भूमिका में है। फ़िल्म में राज बब्बर, महेश मांजरेकर और हजेल कीच अन्य भूमिकाओं में है। बॉडीगार्ड को ईद के दिन 31 अगस्त 2011 को 2,250 परदो पर 70 शहरों मे रिलिज किया गया था। फ़िल्म ने रिलीज होने पर कई रिकॉर्ड तोड़े.

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बोनी कपूर

बोनी कपूर एक भारतीय फ़िल्म निर्माता हैं। .

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बीबीसी

बीबीसी या ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोंरेशन (ब्रिटिश प्रसारण निगम) विश्व का सबसे बड़ा प्रसारण संघ है, दर्शकों की संख्या में, जिसके केवल ग्रेट ब्रिटेन में ही २६,००० कार्यकर्ता और बजट जीबी£ ४ अरब यूएस$ ७.८ अरब) से अधिक है। and the motto of the BBC is Nation Shall Speak Peace Unto Nation. The BBC is a quasi-autonomous Public Corporation operating as a public service broadcaster. The Corporation is run by the BBC Trust; however, the BBC is, per its charter, to be "free from both political and commercial influence and answers only to its viewers and listeners". Its domestic programming and broadcasts are primarily funded by levying television licence fees (under the Wireless Telegraphy Act 1949), although money is also raised through commercial activities such as sale of merchandise and programming. The BBC World Service, however, is funded by the Foreign and Commonwealth Office. In order to justify the licence fee the BBC is expected to produce a number of high-rating shows in addition to programmes that commercial broadcasters would not normally broadcast. Quite often domestic audiences affectionately refer to the BBC as the Beeb (coined by Kenny Everett). Auntie was a nickname used during the early years, said to originate in the somewhat old fashioned Auntie knows best attitude back when John Reith was in charge. The two terms have been used together as Auntie Beeb.--> .

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भरत व्यास

भरत व्यास हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध गीतकार थे। इनका जन्म ६ जनवरी १९१८ को बीकानेर मे हुआ था जाति से पुष्करना ब्राह्मण थे। मूल रूप से चुरू के थे। बचपन से ही इनमे कवि प्रतिभा दिखने लगी थी। उन्होंने १७-१८ वर्ष की उम्र तक लेखन शुरू कर दिया था। चुरू से मैट्रिक करने के बाद वे कलकत्ता चले गए। उनका लिखा पहला गीत था - आओ वीरो हिलमिल गाए वंदे मातरम । उनके द्वारा रामू चन्ना नामक नाटक भी लिखा गया। १९४२ के बाद वे बम्बई आ गए उन्होंने कुछ फिल्म्नो भी भूमिका निभाई लेकिन प्रसिद्धि गीत लेखन से मिली उनकी मृत्यु १९८२ मे हुई थी। उनके लिखे प्रमुख गीत है - दो आँखे बारह हाथ, नवरंग, बूँद जो बन गई मोती फिल्मों के गीत श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन श्रेणी:गीतकार श्रेणी:फ़िल्मी गीतकार.

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भानु अथैया

भारत के लिए आस्कर जीत चुकी ड्रेस डिजाइनर भानु अथैया का मानना है की एटनबरो ने गाँधी फ़िल्म में भारत का वास्तविक चित्रण किया है। १०० से अधिक फिल्मों में ड्रेस डिजाइन कर रिकार्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा चुकी है। अथैया ने कहा, “एटनबरो ने जुलाई 1982 में मेरा साक्षात्कार लिया था। इसके बाद उन्होंने मेरा ऑडिशन किया। 15 मिनट के भीतर उन्होंने अपने दफ्तर में फोन करके यह सूचना दे दी कि उन्हें ड्रेस डिजायनर मिल गई है। उन्होंने मुझे एक सितंबर को नई दिल्ली के अशोक होटल पहुंचने को कहा। फिल्म की शूटिंग एक नवंबर से होनी थी। आथैयाके अनुसार गाँधी में करना बहुत बड़ी चुनौती थी .

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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भारतीय सिनेमा का इतिहास

भारत में पिछले एक सौ सालों से चलचित्रों का निर्माण होता चला आ रहा है तथा भारतीय सिनेमा ने अपने सौ वर्षों की यात्रा सफलता पूर्वक संपन्न किया है। आइये हम यह जानने का प्रयास करें कि इस सफर की शुरुवात कैसे हुई और इसके कौन कौन से पड़ाव रहे- .

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भावना

thumb भावना मूड, स्वभाव, व्यक्तित्व तथा ज़ज्बात और प्रेरणासे संबंधित है। अंग्रेजी शब्द 'emotion' की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द émouvoir से हुई है। यह लैटिन शब्द emovere पर आधारित है जहां e- (ex - का प्रकार) का अर्थ है 'बाहर' और movere का अर्थ है 'चलना'.

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भुवनेश्वर

भुवनेश्वर (भुबनेस्वर भी) ओडिशा की राजधानी है। यंहा के निकट कोणार्क में विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर स्थित है। भुवनेश्‍वर भारत के पूर्व में स्थित ओडिशा राज्‍य की राजधानी है। यह बहुत ही खूबसूरत और हरा-भरा प्रदेश है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। यह जगह इतिहास में भी अपना महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखता है। तीसरी शताब्‍दी ईसा पूर्व में यहीं प्रसिद्ध कलिंग युद्ध हुआ था। इसी युद्ध के परिणामस्‍वरुप अशोक एक लड़ाकू योद्धा से प्रसिद्ध बौद्ध अनुयायी के रूप में परिणत हो गया था। भुवनेश्‍वर को पूर्व का काशी भी कहा जाता है। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि यह एक प्रसिद्ध बौद्ध स्‍थल भी रहा है। प्राचीन काल में 1000 वर्षों तक बौद्ध धर्म यहां फलता-फूलता रहा है। बौद्ध धर्म की तरह जैनों के लिए भी यह जगह काफी महत्‍वपूर्ण है। प्रथम शताब्‍दी में यहां चेदी वंश का एक प्रसिद्ध जैन राजा खारवेल' हुए थे। इसी तरह सातवीं शताब्‍दी में यहां प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों का निर्माण हुआ था। इस प्रकार भुवनेश्‍वर वर्तमान में एक बहुसांस्‍कृतिक शहर है। ओडिशा की इस वर्तमान राजधानी का निमार्ण इंजीनियरों और वास्‍तुविदों ने उपयोगितावादी सिद्धांत के आधार पर किया है। इस कारण नया भुवनेश्‍वर प्राचीन भुवनेश्‍वर के समान बहुत सुंदर तथा भव्‍य नहीं है। यहां आश्‍चर्यजनक मंदिरों तथा गुफाओं के अलावा कोई अन्‍य सांस्‍कृतिक स्‍थान देखने योग्‍य नहीं है। .

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भोजपुरी भाषा

भोजपुरी शब्द का निर्माण बिहार का प्राचीन जिला भोजपुर के आधार पर पड़ा। जहाँ के राजा "राजा भोज" ने इस जिले का नामकरण किया था।भाषाई परिवार के स्तर पर भोजपुरी एक आर्य भाषा है और मुख्य रूप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्र में बोली जाती है। आधिकारिक और व्यवहारिक रूप से भोजपुरी हिन्दी की एक उपभाषा या बोली है। भोजपुरी अपने शब्दावली के लिये मुख्यतः संस्कृत एवं हिन्दी पर निर्भर है कुछ शब्द इसने उर्दू से भी ग्रहण किये हैं। भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है जिसका कारण ब्रिटिश राज के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाये गये मजदूर हैं जिनके वंशज अब जहाँ उनके पूर्वज गये थे वहीं बस गये हैं। इनमे सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, फिजी आदि देश प्रमुख है। भारत के जनगणना (2001) आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। पूरे विश्व में भोजपुरी जानने वालों की संख्या लगभग ४ करोड़ है, हालांकि द टाइम्स ऑफ इंडिया के एक लेख के में ये बताया गया है कि पूरे विश्व में भोजपुरी के वक्ताओं की संख्या १६ करोड़ है, जिसमें बिहार में ८ करोड़ और उत्तर प्रदेश में ७ करोड़ तथा शेष विश्व में १ करोड़ है। उत्तर अमेरिकी भोजपुरी संगठन के अनुसार वक्ताओं की संख्या १८ करोड़ है। वक्ताओं के संख्या के आंकड़ों में ऐसे अंतर का संभावित कारण ये हो सकता है कि जनगणना के समय लोगों द्वारा भोजपुरी को अपनी मातृ भाषा नहीं बताई जाती है। .

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भोजपुरी सिनेमा

भोजपुरी सिनेमा का मुख्य क्षेत्र बिहार है। इसके अलावा यह सिनेमा उत्तर प्रदेश,और नेपाल में भी अपनी जगह बना चुका है। भोजपुरी की पहली फिल्म "गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो" विश्वनाथ शाहाबादी द्वारा 1961 में प्रदर्शित की गई थी। भोजपुरी सिनेमा के विकास में कुछ वर्षों से अधिक बढोत्तरी हुई है। भोजपुरी की सर्वाधिक कमाई करने वाली फिल्मों में ससुरा बड़ा पैसा वाला भी गिनी जाती है। जिसमे मनोज तिवारी मुख्य भूमिका में थे। भोजपुरी फिल्म उद्योग अब 2000 करोड़ रुपये का एक उद्योग है। भोजपुरी की सभी अभिनेत्रियां सोशल मीडिया का जमकर उपयोग कर रही हैं। .

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भीष्म प्रतिज्ञा

एक बार हस्तिनापुर के महाराज गंगा के किनारे तपस्या कर रहे थे। उनके रूप-सौन्दर्य से मोहित हो कर गंगा जाँघ पर बैठ गईं। गंगा ने कहा, "हे राजन्! मैं ऋषि की पुत्री गंगा हूँ और आपसे विवाह करने आपके पास आई हूँ।" इस पर महाराज प्रतीप बोले, "गंगे! तुम मेरी दहिनी जाँघ पर बैठी हो। पत्नी को तो वामांगी होना चाहिये, दाहिनी जाँघ तो पुत्र का प्रतीक है अतः मैं तुम्हें अपने पुत्रवधू के रूप में स्वीकार करता हूँ।" यह सुन कर गंगा वहाँ से चली गईं। अब महाराज प्रतीप ने पुत्र प्राप्ति के लिये घोर तप करना आरम्भ कर दिया। उनके तप के फलस्वरूप उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई जिसका नाम उन्होंने शान्तनु रखा। शान्तनु के युवा होने पर उसे गंगा के साथ विवाह करने का आदेश दे महाराज प्रतीप स्वर्ग चले गये। पिता के आदेश का पालन करने के लिये शान्तनु ने गंगा के पास जाकर उनसे विवाह करने के लिये निवेदन किया। गंगा बोलीं, "राजन्! मैं आपके साथ विवाह तो कर सकती हूँ किन्तु आपको वचन देना होगा कि आप मेरे किसी भी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।" शान्तनु ने गंगा के कहे अनुसार वचन दे कर उनसे विवाह कर लिया। गंगा के गर्भ से महाराज शान्तनु के आठ पुत्र हुये जिनमें से सात को गंगा ने गंगा नदी में ले जा कर बहा दिया और अपने दिये हुये वचन में बँधे होने के कारण महाराज शान्तनु कुछ बोल न सके। जब गंगा का आठवाँ पुत्र हुआ और वह उसे भी नदी में बहाने के लिये ले जाने लगी तो राजा शान्तनु से रहा न गया और वे बोले, "गंगे! तुमने मेरे सात पुत्रों को नदी में बहा दिया किन्तु अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार मैंने कुछ न कहा। अब तुम मेरे इस आठवें पुत्र को भी बहाने जा रही हो। मैं तुमसे प्रार्थना करता हूँ कि कृपा करके इसे नदी में मत बहाओ।" यह सुन कर गंगा ने कहा, "राजन्! आपने अपनी प्रतिज्ञा भंग कर दी है इसलिये अब मैं आपके पास नहीं रह सकती।" इतना कह कर गंगा अपने पुत्र के साथ अन्तर्ध्यान हो गईं। तत्पश्चात् महाराज शान्तनु ने छत्तीस वर्ष ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर के व्यतीत कर दिये। फिर एक दिन उन्होंने गंगा के किनारे जा कर गंगा से कहा, "गंगे! आज मेरी इच्छा उस बालक को देखने की हो रही है जिसे तुम अपने साथ ले गई थीं।" गंगा एक सुन्दर स्त्री के रूप में उस बालक के साथ प्रकट हो गईं और बोलीं, "राजन्! यह आपका पुत्र है तथा इसका नाम देवव्रत है, इसे ग्रहण करो। यह पराक्रमी होने के साथ विद्वान भी होगा। अस्त्र विद्या में यह परशुराम के समान होगा।" महाराज शान्तनु अपने पुत्र देवव्रत को पाकर अत्यन्त प्रसन्न हुये और उसे अपने साथ हस्तिनापुर लाकर युवराज घोषित कर दिया। एक दिन महाराज शान्तनु यमुना के तट पर घूम रहे थे कि उन्हें नदी में नाव चलाते हुये एक सुन्दर कन्या दृष्टिगत हुई। उसके अंग अंग से सुगन्ध निकल रही थी। महाराज ने उस कन्या से पूछा, "हे देवि! तुम कौन हो?" कन्या ने बताया, "महाराज! मेरा नाम सत्यवती है और मैं निषाद कन्या हूँ।" महाराज उसके रूप यौवन पर रीझ कर तत्काल उसके पिता के पास पहुँचे और सत्यवती के साथ अपने विवाह का प्रस्ताव किया। इस पर धींवर (निषाद) बोला, "राजन्! मुझे अपनी कन्या का आपके साथ विवाह करने में कोई आपत्ति नहीं है परन्तु आपको मेरी कन्या के गर्भ से उत्पन्न पुत्र को ही अपने राज्य का उत्तराधिकारी बनाना होगा।।" निषाद के इन वचनों को सुन कर महाराज शान्तनु चुपचाप हस्तिनापुर लौट आये। सत्यवती के वियोग में महाराज शान्तनु व्याकुल रहने लगे। उनका शरीर दुर्बल होने लगा। महाराज की इस दशा को देख कर देवव्रत को बड़ी चिंता हुई। जब उन्हें मन्त्रियों के द्वारा पिता की इस प्रकार की दशा होने का कारण ज्ञात हुआ तो वे तत्काल समस्त मन्त्रियों के साथ निषाद के घर जा पहुँचे और उन्होंने निषाद से कहा, "हे निषाद! आप सहर्ष अपनी पुत्री सत्यवती का विवाह मेरे पिता शान्तनु के साथ कर दें। मैं आपको वचन देता हूँ कि आपकी पुत्री के गर्भ से जो बालक जन्म लेगा वही राज्य का उत्तराधिकारी होगा। कालान्तर में मेरी कोई सन्तान आपकी पुत्री के सन्तान का अधिकार छीन न पाये इस कारण से मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं आजन्म अविवाहित रहूँगा।" उनकी इस प्रतिज्ञा को सुन कर निषाद ने हाथ जोड़ कर कहा, "हे देवव्रत! आपकी यह प्रतिज्ञा अभूतपूर्व है।" इतना कह कर निषाद ने तत्काल अपनी पुत्री सत्यवती को देवव्रत तथा उनके मन्त्रियों के साथ हस्तिनापुर भेज दिया देवव्रत ने अपनी माता सत्यवती को लाकर अपने पिता शान्तनु को सौंप दिया। पिता ने प्रसन्न होकर पुत्र से कहा, "वत्स! तूने पितृभक्ति के वशीभूत होकर ऐसी प्रतिज्ञा की है जैसी कि न आज तक किसी ने किया है और न भविष्य में करेगा। मैं तुझे वरदान देता हूँ कि तेरी मृत्यु तेरी इच्छा से ही होगी। तेरी इस प्रकार की प्रतिज्ञा करने के कारण तू भीष्म कहलायेगा और तेरी प्रतिज्ञा भीष्म प्रतिज्ञा के नाम से सदैव प्रख्यात रहेगी।" उनके जैसा वीर इस संसार में और कोई नहीं है। वो अपने जीवनकाल में कभी भी किसी से भी परस्त नहीं हुए.

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मणिरत्नम्

मणिरत्नम तमिल तथा हिन्दी फ़िल्मों के निर्देशक हैं। .

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मदन पुरी

मदन पुरी (निधन: 13 जनवरी, 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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मदर इण्डिया

मदर इण्डिया (Mother India, مدر انڈیا) १९५७ में बनी भारतीय फ़िल्म है जिसे महबूब ख़ान द्वारा लिखा और निर्देशित किया गया है। फ़िल्म में नर्गिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राज कुमार मुख्य भूमिका में हैं। फ़िल्म महबूब ख़ान द्वारा निर्मित औरत (१९४०) का रीमेक है। यह गरीबी से पीड़ित गाँव में रहने वाली औरत राधा की कहानी है जो कई मुश्किलों का सामना करते हुए अपने बच्चों का पालन पोषण करने और बुरे जागीरदार से बचने की मेहनत करती है। उसकी मेहनत और लगन के बावजूद वह एक देवी-स्वरूप उदाहरण पेश करती है व भारतीय नारी की परिभाषा स्थापित करती है और फिर भी अंत में भले के लिए अपने गुण्डे बेटे को स्वयं मार देती है। वह आज़ादी के बाद के भारत को सबके सामने रखती है। यह फ़िल्म अबतक बनी सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट भारतीय फ़िल्मों में गिनी जाती है और अब तक की भारत की सबसे बढ़िया फ़िल्म गिनी जाती है। इसे १९५८ में तीसरी सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था। मदर इण्डिया क़िस्मत (१९४३), मुग़ल-ए-आज़म (१९६०) और शोले (१९७५) के साथ उन चुनिन्दा फ़िल्मों में आती है जिन्हें आज भी लोग देखना पसंद करते हैं और यह हिन्दी सांस्कृतिक फ़िल्मों की श्रेणी में विराजमान है। यह फ़िल्म भारत की ओर से पहली बार अकादमी पुरस्कारों के लिए भेजी गई फ़िल्म थी। .

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मधुबाला

मधुबाला (مدھو بال; जन्म: 14 फ़रवरी 1933, दिल्ली - निधन: 23 फ़रवरी 1969, बंबई) भारतीय हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री थी। उनके अभिनय में एक आदर्श भारतीय नारी को देखा जा सकता है। चेहरे द्वारा`भावाभियक्ति तथा नज़ाक़त उनकी प्रमुख विशेषतायें थीं। उनके अभिनय, प्रतिभा, व्यक्तित्व और खूबसूरती को देख कर यही कहा जाता है कि वह भारतीय सिनेमा की अब तक की सबसे महान अभिनेत्री है। वास्तव मे हिन्दी फ़िल्मों के समीक्षक मधुबाला के अभिनय काल को स्वर्ण युग की संज्ञा से सम्मानित करते हैं। .

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मधुमती

मधुमती 1958 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह शायद पहली हिन्दी फ़िल्म है जिसमें एक कलाकार (वैजयन्ती माला) ने तीन-तीन रोल निभाये हों। इस फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक बिमल रॉय थे। फ़िल्म में मुख्य भूमिका दिलीप कुमार, वैजयन्ती माला और जॉनी वॉकर ने निभाई है। इस फ़िल्म को सन् १९५८ में अन्य पुरस्कारों के अलावा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। इस फिल्म पे कइ रिमेक फिलमे भी बनी जैसे, कुदरत, बीस साल बाद, और ओम शांति ओम .

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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश १ नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। हाल के वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर हो गया है। खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है। अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है। इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है। राज्य में वर्ष 2010-11 राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीत लिया। .

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मनमोहन कृष्ण

मनमोहन कृष्णा हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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मन्ना डे

मन्ना डे (1 मई 1919 - 24 अक्टूबर 2013), जिन्हें प्यार से मन्ना दा के नाम से भी जाना जाता है, फिल्म जगत के एक सुप्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायक थे। उनका वास्तविक नाम प्रबोध चन्द्र डे था। मन्ना दा ने सन् 1942 में फ़िल्म तमन्ना से अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत की और 1942 से 2013 तक लगभग 3000 से अधिक गानों को अपनी आवाज दी। मुख्यतः हिन्दी एवं बंगाली फिल्मी गानों के अलावा उन्होंने अन्य भारतीय भाषाओं में भी अपने कुछ गीत रिकॉर्ड करवाये। भारत सरकार ने उन्हें 1971 में पद्म श्री, 2005 में पद्म भूषण एवं 2007 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। .

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मनीषा कोइराला

मनीषा कोइराला (जन्म: 16 अगस्त, 1970) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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मराठी भाषा

मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत में बोली जानेवाली सबसे मुख्य भाषा है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है जिसका विकास संस्कृत से अपभ्रंश तक का सफर पूरा होने के बाद आरंभ हुआ। मराठी भारत की प्रमुख भाषओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा में राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राजभाषा हैं। मातृभाषियों कि संख्या के आधार पर मराठी विश्व में पंद्रहवें और भारत में चौथे स्थान पर है। इसे बोलने वालों की कुल संख्या लगभग ९ करोड़ है। यह भाषा 900 ईसवी से प्रचलन में है और यह भी हिन्दी के समान संस्कृत आधारित भाषा है। .

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मलयालम भाषा

मलयालं (മലയാളം, मलयालम्‌) या कैरली (കൈരളി, कैरलि) भारत के केरल प्रान्त में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है। केरल के अलावा ये तमिलनाडु के कन्याकुमारी तथा उत्तर में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला, लक्षद्वीप तथा अन्य कई देशों में बसे मलयालियों द्वारा बोली जाती है। मलयालं, भाषा और लिपि के विचार से तमिल भाषा के काफी निकट है। इस पर संस्कृत का प्रभाव ईसा के पूर्व पहली सदी से हुआ है। संस्कृत शब्दों को मलयालम शैली के अनुकूल बनाने के लिए संस्कृत से अवतरित शब्दों को संशोधित किया गया है। अरबों के साथ सदियों से व्यापार संबंध अंग्रेजी तथा पुर्तगाली उपनिवेशवाद का असर भी भाषा पर पड़ा है। .

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महाभारत

महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति वर्ग में आता है। कभी कभी केवल "भारत" कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं। विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। इस ग्रन्थ को हिन्दू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। यद्यपि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह ग्रंथ प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं, जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं। हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदों, वेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं। .

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महाराष्ट्र

महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है। और यहाँ का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों में गिना जाता है। यहाँ का पुणे शहर भारत का छठवाँ सबसे बड़ा शहर है। महाराष्ट्र की जनसंख्या सन २०११ में ११,२३,७२,९७२ थी, विश्व में सिर्फ़ ग्यारह ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या महाराष्ट्र से ज़्यादा है। इस राज्य का निर्माण १ मई, १९६० को मराठी भाषी लोगों की माँग पर की गयी थी। यहां मराठी ज्यादा बोली जाती है। मुबई अहमदनगर पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापूर, नाशिक नागपुर ठाणे शिर्डी-अहमदनगर आैर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं। .

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महेश दत्तानी

महेश दत्तानी अंग्रेज़ी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक नाटक फ़ाइनल सॉल्यूशन्स एंड अदर प्लेज़ के लिये उन्हें सन् 1998 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .

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माधुरी दीक्षित

माधुरी दीक्षित (जन्म: 15 मई, 1965) हिन्दी फ़िल्मों की एक सुप्रसिद्ध अभिनेत्री एवं नृत्यांगना हैं। .

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मजरुह सुल्तानपुरी

मजरुह सुल्तानपुरी (مجرُوح سُلطانپُوری) (1 अक्टूबर 1919 − 24 मई 2000) एक भारती उर्दू शायर थे। हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार और प्रगतिशील आंदोलन के उर्दू के सबसे बड़े शायरों में से एक थे। Retrieved 11 May 2018 वह 20वीं सदी के उर्दु साहिती जगत के बेहतरीन शायरों में गिना जाता है। बॉलीवुड में गीतकार के रूप में प्रसिद्ध हुवे। उन्होंने अपनी रचनाओं के जरिए देश, समाज और साहित्य को नयी दिशा देने का काम किया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सुल्तानपुर जिले के गनपत सहाय कालेज में मजरुह सुल्तानपुरी ग़ज़ल के आइने में शीर्षक से मजरूह सुल्तानपुरी पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों ने इस सेमिनार में हिस्सा लिया और कहा कि वे ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने उर्दू को एक नयी ऊंचाई दी है। लखनऊ विश्वविद्यालय की उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ॰सीमा रिज़वी की अध्यक्षता व गनपत सहाय कालेज की उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ॰जेबा महमूद के संयोजन में राष्ट्रीय सेमिनार को सम्बोधित करते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो॰अली अहमद फातिमी ने कहा मजरूह, सुल्तानपुर में पैदा हुए और उनके शायरी में यहां की झलक साफ मिलती है। वे इस देश के ऐसे तरक्की पसंद शायर थे जिनकी वजह से उर्दू को नया मुकाम हासिल हुआ। उनकी मशहूर पंक्तियों में 'मै अकेला ही चला था, जानिबे मंजिल मगर लोग पास आते गये और कारवां बनता गया' का जिक्र भी वक्ताओं ने किया। लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो॰मलिक जादा मंजूर अहमद ने कहा कि यूजीसी ने मजरूह पर राष्ट्रीय सेमिनार उनकी जन्मस्थली सुल्तानपुर में आयोजित करके एक नयी दिशा दी है। .

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मगही

मगही या मागधी भाषा भारत के मध्य पूर्व में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका निकट का संबंध भोजपुरी और मैथिली भाषा से है और अक्सर ये भाषाएँ एक ही साथ बिहारी भाषा के रूप में रख दी जाती हैं। इसे देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। मगही बोलनेवालों की संख्या (2002) लगभग १ करोड़ ३० लाख है। मुख्य रूप से यह बिहार के गया, पटना, राजगीर,नालंदा,जहानाबाद,अरवल,नवादा,शेखपुरा,लखीसराय,जमुई और औरंगाबाद के इलाकों में बोली जाती है। मगही का धार्मिक भाषा के रूप में भी पहचान है। कई जैन धर्मग्रंथ मगही भाषा में लिखे गए हैं। मुख्य रूप से वाचिक परंपरा के रूप में यह आज भी जीवित है। मगही का पहला महाकाव्य गौतम महाकवि योगेश द्वारा 1960-62 के बीच लिखा गया। दर्जनो पुरस्कारो से सम्मानित योगेश्वर प्रसाद सिन्ह योगेश आधुनिक मगही के सबसे लोकप्रिय कवि माने जाते है। 23 अक्तुबर को उनकी जयन्ति मगही दिवस के रूप मे मनाई जा रही है। मगही भाषा में विशेष योगदान हेतु सन् 2002 में डॉ॰रामप्रसाद सिंह को दिया गया। ऐसा कुछ विद्वानों का मानना है कि मगही संस्कृत भाषा से जन्मी हिन्द आर्य भाषा है, परंतु महावीर और बुद्ध दोनों के उपदेश की भाषा मागधी ही थी। बुद्ध ने भाषा की प्राचीनता के सवाल पर स्पष्ट कहा है- ‘सा मागधी मूल भाषा’। अतः मगही ‘मागधी’ से ही निकली भाषा है। .

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मुमताज़ (अभिनेत्री)

मुमताज़ (जन्म: 31 जुलाई, 1947) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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मुम्बई

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .

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मुकेश

मुकेश चंद माथुर (जुलाई २२, १९२३, दिल्ली, भारत - अगस्त २७, १९७६), लोकप्रिय तौर पर सिर्फ़ मुकेश के नाम से जाने वाले, हिन्दी सिनेमा के एक प्रमुख पार्श्व गायक थे। मुकेश की आवाज़ बहुत खूबसूरत थी पर उनके एक दूर के रिश्तेदार मोतीलाल ने उन्हें तब पहचाना जब उन्होंने उसे अपनी बहन की शादी में गाते हुए सुना। मोतीलाल उन्हें बम्बई ले गये और अपने घर में रहने दिया। यही नहीं उन्होंने मुकेश के लिए रियाज़ का पूरा इन्तजाम किया। इस दौरान मुकेश को एक हिन्दी फ़िल्म निर्दोष (१९४१) में मुख्य कलाकार का काम मिला। पार्श्व गायक के तौर पर उन्हें अपना पहला काम १९४५ में फ़िल्म पहली नज़र में मिला। मुकेश ने हिन्दी फ़िल्म में जो पहला गाना गाया, वह था दिल जलता है तो जलने दे जिसमें अदाकारी मोतीलाल ने की। इस गीत में मुकेश के आदर्श गायक के एल सहगल के प्रभाव का असर साफ़-साफ़ नज़र आता है। 1959 में अनाड़ी फ़िल्म के ‘सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी’ गाने के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था। १९७४ में मुकेश को रजनीगन्धा फ़िल्म में कई बार यूँ भी देखा है गाना गाने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। १९७६ में जब वे अमेरीका के डेट्रॉयट शहर में दौरे पर थे, तब उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गयी। .

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मेरा नाम जोकर (1970 फ़िल्म)

मेरा नाम जोकर 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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मोहम्मद रफ़ी

कोई विवरण नहीं।

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मीना कुमारी

मीना कुमारी (1 अगस्त, 1933 - 31 मार्च, 1972) भारत की एक मशहूर अभिनेत्री थीं। इन्हें खासकर दुखांत फ़िल्मों में इनकी यादगार भूमिकाओं के लिये याद किया जाता है। मीना कुमारी को भारतीय सिनेमा की ट्रैजेडी क्वीन भी कहा जाता है। अभिनेत्री होने के साथ-साथ मीना कुमारी एक उम्दा शायारा एवम् पार्श्वगायिका भी थीं। मीना कुमारी का असली नाम महजबीं बानो था और ये बंबई में पैदा हुई थीं। उनके पिता अली बक्श पारसी रंगमंच के एक मँझे हुए कलाकार थे और उन्होंने "ईद का चाँद" फिल्म में संगीतकार का भी काम किया था। उनकी माँ प्रभावती देवी (बाद में इकबाल बानो), भी एक मशहूर नृत्यांगना और अदाकारा थी। मीना कुमारी की बड़ी बहन खुर्शीद बानो भी फिल्म अभिनेत्री थीं जो आज़ादी के बाद पाकिस्तान चलीं गईं।कहा जाता है कि दरिद्रता से ग्रस्त उनके पिता अली बक़्श उन्हें पैदा होते ही अनाथाश्रम में छोड़ आए थे चूँकि वे उनके डाॅक्टर श्रीमान गड्रे को उनकी फ़ीस देने में असमर्थ थे।हालांकि अपने नवजात शिशु से दूर जाते-जाते पिता का दिल भर आया और तुरंत अनाथाश्रम की ओर चल पड़े।पास पहुंचे तो देखा कि नन्ही मीना के पूरे शरीर पर चीटियाँ काट रहीं थीं।अनाथाश्रम का दरवाज़ा बंद था, शायद अंदर सब सो गए थे।यह सब देख उस लाचार पिता की हिम्मत टूट गई,आँखों से आँसु बह निकले।झट से अपनी नन्हीं-सी जान को साफ़ किया और अपने दिल से लगा लिया।अली बक़्श अपनी चंद दिनों की बेटी को घर ले आए।समय के साथ-साथ शरीर के वो घाव तो ठीक हो गए किंतु मन में लगे बदकिस्मती के घावों ने अंतिम सांस तक मीना का साथ नहीं छोड़ा। महजबीं पहली बार 1939 में फिल्म निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म फ़रज़न्द-ए-वतन में बेबी महज़बीं के रूप में नज़र आईं। 1940 की फिल्म "एक ही भूल" में विजय भट्ट ने इनका नाम बेबी महजबीं से बदल कर बेबी मीना कर दिया। 1946 में आई फिल्म बच्चों का खेल से बेबी मीना 14 वर्ष की आयु में मीना कुमारी बनीं। मार्च 1947 में लम्बे समय तक बीमार रहने के कारण उनकी माँ की मृत्यु हो गई। मीना कुमारी की प्रारंभिक फिल्में ज्यादातर पौराणिक कथाओं पर आधारित थीं जिनमें हनुमान पाताल विजय, वीर घटोत्कच व श्री गणेश महिमा प्रमुख हैं। 1952 में आई फिल्म बैजू बावरा ने मीना कुमारी के फिल्मी सफ़र को नई उड़ान दी। मीना कुमारी द्वारा चित्रित गौरी के किरदार ने उन्हें घर-घर में प्रसिद्धि दिलाई। फिल्म 100 हफ्तों तक परदे पर रही और 1954 में उन्हें इसके लिए पहले फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1953 तक मीना कुमारी की तीन फिल्में आ चुकी थीं जिनमें: दायरा, दो बीघा ज़मीन और परिणीता शामिल थीं। परिणीता से मीना कुमारी के लिये एक नया युग शुरु हुआ। परिणीता में उनकी भूमिका ने भारतीय महिलाओं को खास प्रभावित किया था चूँकि इस फिल्म में भारतीय नारी की आम जिंदगी की कठिनाइयों का चित्रण करने की कोशिश की गयी थी। उनके अभिनय की खास शैली और मोहक आवाज़ का जादू छाया रहा और लगातार दूसरी बार उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। वर्ष 1951 में फिल्म तमाशा के सेट पर मीना कुमारी की मुलाकात उस ज़माने के जाने-माने फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही से हुई जो फिल्म महल की सफलता के बाद निर्माता के तौर पर अपनी अगली फिल्म अनारकली के लिए नायिका की तलाश कर रहे थे।मीना का अभिनय देख वे उन्हें मुख्य नायिका के किरदार में लेने के लिए राज़ी हो गए।दुर्भाग्यवश 21 मई 1951 को मीना कुमारी महाबलेश्वरम के पास एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गईं जिससे उनके बाहिने हाथ की छोटी अंगुली सदा के लिए मुड़ गई। मीना अगले दो माह तक बम्बई के ससून अस्पताल में भर्ती रहीं और दुर्घटना के दूसरे ही दिन कमाल अमरोही उनका हालचाल पूछने पहुँचे। मीना इस दुर्घटना से बेहद दुखी थीं क्योंकि अब वो अनारकली में काम नहीं कर सकती थीं। इस दुविधा का हल कमाल अमरोही ने निकाला, मीना के पूछने पर कमाल ने उनके हाथ पर अनारकली के आगे 'मेरी' लिख डाला।इस तरह कमाल मीना से मिलते रहे और दोनों में प्रेम संबंध स्थापित हो गया। 14 फरवरी 1952 को हमेशा की तरह मीना कुमारी के पिता अली बख़्श उन्हें व उनकी छोटी बहन मधु को रात्रि 8 बजे पास के एक भौतिक चिकित्सकालय (फिज़्योथेरेपी क्लीनिक) छोड़ गए। पिताजी अक्सर रात्रि 10 बजे दोनों बहनों को लेने आया करते थे।उस दिन उनके जाते ही कमाल अमरोही अपने मित्र बाक़र अली, क़ाज़ी और उसके दो बेटों के साथ चिकित्सालय में दाखिल हो गए और 19 वर्षीय मीना कुमारी ने पहले से दो बार शादीशुदा 34 वर्षीय कमाल अमरोही से अपनी बहन मधु, बाक़र अली, क़ाज़ी और गवाह के तौर पर उसके दो बेटों की उपस्थिति में निक़ाह कर लिया। 10 बजते ही कमाल के जाने के बाद, इस निक़ाह से अपरिचित पिताजी मीना को घर ले आए।इसके बाद दोनों पति-पत्नी रात-रात भर बातें करने लगे जिसे एक दिन एक नौकर ने सुन लिया।बस फिर क्या था, मीना कुमारी पर पिता ने कमाल से तलाक लेने का दबाव डालना शुरू कर दिया। मीना ने फैसला कर लिया की तबतक कमाल के साथ नहीं रहेंगी जबतक पिता को दो लाख रुपये न दे दें।पिता अली बक़्श ने फिल्मकार महबूब खान को उनकी फिल्म अमर के लिए मीना की डेट्स दे दीं परंतु मीना अमर की जगह पति कमाल अमरोही की फिल्म दायरा में काम करना चाहतीं थीं।इसपर पिता ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे पति की फिल्म में काम करने जाएँगी तो उनके घर के दरवाज़े मीना के लिए सदा के लिए बंद हो जाएँगे। 5 दिन अमर की शूटिंग के बाद मीना ने फिल्म छोड़ दी और दायरा की शूटिंग करने चलीं गईं।उस रात पिता ने मीना को घर में नहीं आने दिया और मजबूरी में मीना पति के घर रवाना हो गईं। अगले दिन के अखबारों में इस डेढ़ वर्ष से छुपी शादी की खबर ने खूब सुर्खियां बटोरीं। लेकिन स्वछंद प्रवृति की मीना अमरोही से 1964 में अलग हो गयीं। उनकी फ़िल्म पाक़ीज़ा को और उसमें उनके रोल को आज भी सराहा जाता है। शर्मीली मीना के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि वे कवियित्री भी थीं लेकिन कभी भी उन्होंने अपनी कवितायें छपवाने की कोशिश नहीं की। उनकी लिखी कुछ उर्दू की कवितायें नाज़ के नाम से बाद में छपी। .

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मीरा नायर

मीरा नायर हिन्दी फ़िल्मों की एक निर्देशक हैं। .

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यश चोपड़ा

यश चोपड़ा (अंग्रेजी: Yash Chopra जन्म: 27 सितम्बर 1932 – मृत्यु: 21 अक्टूबर 2012) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध निर्देशक थे। बाद में उन्होंने कुछ अच्छी फिल्मों का निर्माण भी किया। उन्होंने अपने भाई बी० आर० चोपड़ा और आई० एस० जौहर के साथ बतौर सहायक निर्देशक फिल्म जगत में प्रवेश किया। 1959 में उन्होंने अपनी पहली फिल्म धूल का फूल बनायी थी। उसके बाद 1961 में धर्मपुत्र आयी। 1965 में बनी फिल्म वक़्त से उन्हें अपार शोहरत हासिल हुई। उन्हें फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कई पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए। बालीवुड जगत से फिल्म फेयर पुरस्कार, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के अतिरिक्त भारत सरकार ने उन्हें 2005 में भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। .

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यूरोप

यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद.

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रणबीर कपूर

रणबीर कपूर, (जन्म: सितम्बर २८ 1982), मुंबई महाराष्ट्र,भारत) एक भारतीय अभिनेता हैं जो बॉलीवुड सिनेमा में अभिनय करते है। रणबीर कपूर ने अपने फ़िल्मी जीवण की शुरुआत एक सहयोगी निर्देशक के रूप मैं निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ की। इसके तुरंत बाद उन्होंने सांवरिया फ़िल्म मैं बतौर अभिनेता अपना पहला अभिनय किया जिसके लिए उन्होंने फ़िल्मफेर द्वारा आयोजित सर्वश्रेष्ठ पुरुष फ़िल्म अभिनेता का खिताब जीता। इसके बाद उन्होंने वेक अप सीड, अजब प्रेम की गज़ब कहानी और रोक्केट सिंह: सेल्समन ऑफ़ द इयर, इन फ़िल्मो मैं एक ही साल मैं अभिनय करके सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की. इन अभिनयों के लिए उन्हें फ़िल्मफेर द्वारा सर्वश्रेष्ठ अभिनेता क्रिटिक्स पुरस्कार दिया गया। इसके बाद फ़िल्म राजनीति (2010) मैं एक महत्वाकांक्षी राजनेता के रूप में उनकी भूमिका के लिए उन्होंने मान्यता प्राप्त की जो उनकी सबसे बड़ी व्यावसायिक सफलता मानी जाती है। रणबीर कपूर का जन्म 28 सितंबर 1982 जो हिंदी सिनेमा के एक अभिनेता है, उन्होंने अपने करियर की शुरुवात संजय लीला भंसाली के साथ काम करके की.2007 में उन्होंने वही डायरेक्टर के साथ अपनी पहली फ़िल्म में काम किया वो एक पंजाबी परिवार से सम्बन्ध रखते है। उन्होंने अपना शिक्षण मुंबई के महिम की बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल में पूर्ण किया। फिर उन्हें एक्टिंग सिखने के लिए नेव्योर्क के ली स्ट्रासबर्ग थिएटर एंड फ़िल्म इंस्टिट्यूट भेजा गया। अपने करियर की शुरुवात करने से पहले उन्होंने दो शोर्ट फ़िल्मे भी बनायीं। फिर उन्होंने संजय लीला भंसाली की फ़िल्म बलैक (2005) में उनकी मदद की। .

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रमेश देव

रमेश देव हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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रमेश सिप्पी

रमेश सिप्पी (जन्म: 23 नवंबर, 1947) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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रहमान (अभिनेता)

रहमान हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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रानी मुखर्जी

रानी मुखर्जी हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। 2005 में वे बॉलीवुड के शीर्ष 10 शक्तिशाली लोगों में सिर्फ एक महिला थी। रानी ही एक ऐसी अभिनेत्री है जिसे फिल्मफेयर ने 3 साल लगातार (2004-2006) बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्री घोषित किया। रानी समाज सेवा के कामों में बहुत सक्रिय रहती हैं और उन्होंने बहुत सारी संस्थाओं के लिये चंदा इकठ्ठा किया है। उन्होंने 2 विश्व टूर में हिस्सा लिया है जहाँ बॉलीवुड के और सितारों के साथ उन्होंने स्टेज शो में दर्शकों के सामने प्रदर्शन किया। अपने पहले टूर में वे आमिर खान, ऐश्वर्या राय बच्चन, अक्षय खन्ना और ट्विंकल खन्ना के साथ थीं और दूसरे में शाहरुख़ खान, सैफ अली ख़ान, प्रीती ज़िंटा, अर्जुन रामपाल और प्रियंका चोपड़ा के साथ दिखीं| 2005 में उन्हें बॉलीवुड की तरफ से पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के साथ खाने पर न्योता दिया गया। 2006 में उन्हें बाकी बॉलीवुड अभिनेत्रियों के साथ ऑस्ट्रेलिया के कोम्मनवेल्थ खेलों में भारतीय परंपरा का प्रदर्शन किया। .

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राम

राम (रामचन्द्र) प्राचीन भारत में अवतार रूपी भगवान के रूप में मान्य हैं। हिन्दू धर्म में राम विष्णु के दस अवतारों में से सातवें अवतार हैं। राम का जीवनकाल एवं पराक्रम महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में वर्णित हुआ है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी उनके जीवन पर केन्द्रित भक्तिभावपूर्ण सुप्रसिद्ध महाकाव्य श्री रामचरितमानस की रचना की है। इन दोनों के अतिरिक्त अनेक भारतीय भाषाओं में अनेक रामायणों की रचना हुई हैं, जो काफी प्रसिद्ध भी हैं। खास तौर पर उत्तर भारत में राम बहुत अधिक पूजनीय हैं और हिन्दुओं के आदर्श पुरुष हैं। राम, अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र थे। राम की पत्नी का नाम सीता था (जो लक्ष्मी का अवतार मानी जाती हैं) और इनके तीन भाई थे- लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। हनुमान, भगवान राम के, सबसे बड़े भक्त माने जाते हैं। राम ने राक्षस जाति के लंका के राजा रावण का वध किया। राम की प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है। राम ने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता पिता, यहाँ तक कि पत्नी का भी साथ छोड़ा। इनका परिवार आदर्श भारतीय परिवार का प्रतिनिधित्व करता है। राम रघुकुल में जन्मे थे, जिसकी परम्परा प्रान जाहुँ बरु बचनु न जाई की थी। श्रीराम के पिता दशरथ ने उनकी सौतेली माता कैकेयी को उनकी किन्हीं दो इच्छाओं को पूरा करने का वचन (वर) दिया था। कैकेयी ने दासी मन्थरा के बहकावे में आकर इन वरों के रूप में राजा दशरथ से अपने पुत्र भरत के लिए अयोध्या का राजसिंहासन और राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास माँगा। पिता के वचन की रक्षा के लिए राम ने खुशी से चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार किया। पत्नी सीता ने आदर्श पत्नी का उदहारण देते हुए पति के साथ वन जाना उचित समझा। सौतेले भाई लक्ष्मण ने भी भाई के साथ चौदह वर्ष वन में बिताये। भरत ने न्याय के लिए माता का आदेश ठुकराया और बड़े भाई राम के पास वन जाकर उनकी चरणपादुका (खड़ाऊँ) ले आये। फिर इसे ही राज गद्दी पर रख कर राजकाज किया। राम की पत्नी सीता को रावण हरण (चुरा) कर ले गया। राम ने उस समय की एक जनजाति वानर के लोगों की मदद से सीता को ढूँढ़ा। समुद्र में पुल बना कर रावण के साथ युद्ध किया। उसे मार कर सीता को वापस लाये। जंगल में राम को हनुमान जैसा मित्र और भक्त मिला जिसने राम के सारे कार्य पूरे कराये। राम के अयोध्या लौटने पर भरत ने राज्य उनको ही सौंप दिया। राम न्यायप्रिय थे। उन्होंने बहुत अच्छा शासन किया इसलिए लोग आज भी अच्छे शासन को रामराज्य की उपमा देते हैं। इनके पुत्र कुश व लव ने इन राज्यों को सँभाला। हिन्दू धर्म के कई त्योहार, जैसे दशहरा, राम नवमी और दीपावली, राम की जीवन-कथा से जुड़े हुए हैं। .

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राम लखन (फ़िल्म)

राम लखन 1989 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। फिल्म सुभाष घई द्वारा निर्देशित है और अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ, माधुरी दीक्षित, डिंपल कपाड़िया, राखी और अनुपम खेर ने इसमें मुख्य चरित्र निभाएँ हैं। लक्ष्मीकांत प्यारेलाल द्वारा दिये गए संगीत में निर्मित गाने काफी लोकप्रिय हुए थे। .

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रामायण

रामायण आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके २४,००० श्लोक हैं। यह हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि' भी कहा जाता है। रामायण के सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। .

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रामगोपाल वर्मा

रामगोपाल वर्मा (जन्म: 7 अप्रैल, 1962) एक भारतीय निर्देशक तथा फ़िल्म निर्माता हैं। इनका जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था। अपनी पढ़ाई विजयवाड़ा के एक अभियांत्रिकी विद्यालय से छोड़कर वे पहले एक वीडियो दुकान के मालिक बने फिर उन्होने फ़िल्म निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा। इनकी प्रमुख फिल्मों में सत्या, भूत, सरकार, डरना मना है, डरना जरूरी है तथा एक हसीना थी का नाम आता है। इनकी फ़िल्में अपने रोमांच तथा भीत के कारण जानी जाती हैं। 'रंगीला', 'सरकार', रक्त चरित्र और 'सत्या' जैसी फ़िल्मों से दर्शकों के बीच जगह बनाने वाले डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा अमरीका की पॉर्न स्टार मिया मालकोवा के साथ आए हैं। मिया के साथ बनाई ये फ़िल्म 'गॉड, सेक्स एंड ट्रूथ' यू-ट्यूब पर रिलीज़ हो चुकी है, इस फ़िल्म का शॉर्टनेम जीएसटी है। .

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राज कपूर

राज कपूर (१९२४-१९८८) प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता एवं निर्देशक थे। नेहरूवादी समाजवाद से प्रेरित अपनी शुरूआती फ़िल्मों से लेकर प्रेम कहानियों को मादक अंदाज से परदे पर पेश करके उन्होंने हिंदी फ़िल्मों के लिए जो रास्ता तय किया, इस पर उनके बाद कई फ़िल्मकार चले। भारत में अपने समय के सबसे बड़े 'शोमैन' थे। सोवियत संघ और मध्य-पूर्व में राज कपूर की लोकप्रियता दंतकथा बन चुकी है। उनकी फ़िल्मों खासकर श्री ४२० में बंबई की जो मूल तस्वीर पेश की गई है, वह फ़िल्म निर्माताओं को अभी भी आकर्षित करती है। राज कपूर की फ़िल्मों की कहानियां आमतौर पर उनके जीवन से जुड़ी होती थीं और अपनी ज्यादातर फ़िल्मों के मुख्य नायक वे खुद होते थे। .

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राज कुमार

राज कुमार (अंग्रेज़ी: Raaj Kumar, जन्म- 8 अक्तूबर 1926 बलूचिस्तान (अब पाकिस्तान में), मृत्यु- 3 जुलाई 1996 मुम्बई) हिन्दी फ़िल्मों में एक भारतीय अभिनेता थे। इनका नाम कुलभूषण पंडित था लेकिन फ़िल्मी दुनिया में ये अपने दूसरे नाम 'राज कुमार' के नाम से प्रसिद्ध हैं। पारम्परिक पारसी थियेटर की संवाद अदाइगी को इन्होंने अपनाया और यही उनकी विशेष पहचान बनी। इनके द्वारा अभिनीत प्रसिद्ध फ़िल्मों में पैग़ाम, वक़्त, नीलकमल, पाकीज़ा, मर्यादा, हीर रांझा, सौदाग़र आदि हैं। .

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राजा हरिश्चन्द्र (फ़िल्म)

राजा हरिश्चन्द्र १९१३ में बनी भारतीय मूक फ़िल्म थी। इसके निर्माता निर्देशक दादासाहब फालके थे और यह भारतीय सिनेमा की प्रथम पूर्ण लम्बाई की नाटयरूपक फ़िल्म थी। फ़िल्म भारत की कथाओं में से एक जो राजा हरिश्चन्द्र की कहानी पर आधारित है। यद्यपि फ़िल्म मूक है लेकिन इसमें दृश्यों के भीतर अंग्रेज़ी और हिन्दी में कथन लिखकर समझाया गया है। चूँकि फ़िल्म में अभिनय करने वाले सभी कलाकार मराठी थे अतः फ़िल्म को मराठी फ़िल्मों की श्रेणी में भी रखा जाता है। फ़िल्म ने भारतीय फिल्म उद्योग में ऐतिहासिक नींव स्थापित की। .

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राजकुमार हिरानी

राजकुमार हिरानी (जन्म 22 नवम्बर 1962) राष्ट्रीय पुरस्कार और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार विजेता हिन्दी फ़िल्मों के भारतीय निर्देशक, निर्माता,पटकथा लेखक और फ़िल्म सम्पादक हैं जिन्हें प्रमुख रूप से मुन्ना भाई एम बी बी एस (2003), लगे रहो मुन्ना भाई (2006) और थ्री इडीयट्स (2009) जैसी फ़िल्मों के लिए जाना जाता है।.

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राजेन्द्र कुमार (अभिनेता)

राजेन्द्र कुमार (२० जुलाई १९२९ – १२ जुलाई १९९९) ६० तथा ७० के दशकों में बॉलीवुड के सफलतम अभिनेताओं में से एक थे। ८० के दशक में वह कई फ़िल्मों के निर्माता थे जिनमें उनके पुत्र कुमार गौरव ने अभिनय किया है। उनका जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रान्त के सियालकोट शहर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। .

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राजेन्द्रनाथ (हास्य अभिनेता)

राजेन्द्र नाथ एक हिन्दी फिल्म हास्य अभिनेता थे। .

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राजेश खन्ना

राजेश खन्ना (जन्म: 29 दिसम्बर 1942 - मृत्यु: 18 जुलाई 2012) एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक व निर्माता थे। उन्होंने कई हिन्दी फ़िल्में बनायीं और राजनीति में भी प्रवेश किया। वे नई दिल्ली लोक सभा सीट से पाँच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। उन्होंने कुल 180 फ़िल्मों और 163 फीचर फ़िल्मों में काम किया, 128 फ़िल्मों में मुख्य भूमिका निभायी, 22 में दोहरी भूमिका के अतिरिक्त 17 छोटी फ़िल्मों में भी काम किया। व तीन साल 1969-71 के अंदर १५ solo हिट फ़िल्मों में अभिनय करके बॉलीवुड का सुपरस्टार कहे जाने लगे। उन्हें फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिये तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और १४ बार मनोनीत किया गया। बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा हिन्दी फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा और २५ बार मनोनीत किया गया। 2005 में उन्हें फ़िल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेण्ट अवार्ड दिया गया। राजेश खन्ना हिन्दी सिनेमा के पहले सुपर स्टार थे। 1966 में उन्होंने आखिरी खत नामक फ़िल्म से अपने अभिनय की शुरुआत की। राज़, बहारों के सपने, आखिरी खत - उनकी लगातार तीन कामयाब फ़िल्में रहीं और बहारों के सपने पूर्णतः असफल हुई। उन्होंने 1966-1991 में 74 स्वर्ण जयंती फ़िल्में की। (golden jubilee hits)। उन्होंने 1966-1991 में 22 रजत जयंती फ़िल्में किया। उन्होंने 1966-1996 में 9 सामान्य हित्त फ़िल्म किया। उन्होंने 1966-2013 में 163 फ़िल्म किया और 105 हिट रहे। .

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राखी गुलज़ार

रक्षाबंधन त्योहार के लिये यहाँ क्लिक करें राखी गुलज़ार (जन्म: 15 अगस्त, 1947) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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राकेश बेदी

राकेश बेदी हिन्दी फ़िल्मों के एक हास्य अभिनेता हैं। .

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राकेश रोशन

राकेश रोशन एक हिन्दी फिल्म अभिनेता एवं निर्देशक हैं। .

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रेखा

भानुरेखा गणेशन उर्फ़ रेखा (जन्म: 10 अक्टूबर, 1954) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। प्रतिभाशाली रेखा को हिन्दी फ़िल्मों की सबसे अच्छी अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। वैसे तो रेखा ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत बतौर एक बाल कलाकार तेलुगु फ़िल्म रंगुला रत्नम से कर दी थी, लेकिन हिन्दी सिनेमा में उनकी प्रविष्टि १९७० की फ़िल्म सावन भादों से हुई। 2010 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। .

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रोटी

रोटी भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया में सामान्य खाने में पका कर खाये जाने वाली चपटी खाद्य सामग्री है। यह आटे एवं पानी के मिश्रण को गूंध कर उससे बनी लोई को बेलकर एवं आँच पर सेंक कर बनाई जाती है। रोटी बनाने के लिए आमतौर पर गेहूँ का आटा प्रयोग किया जाता है पर विश्व के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय अनाज जैसे मक्का, जौ, चना, बाजरा आदि भी रोटी बनाने के लिए प्रयुक्त होता है। भारत के विभिन्न भागों में रोटी के लिए विभिन्न हिंदी नाम प्रचलित हैं, जिनमे प्रमुख हैं: -.

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लता मंगेशकर

लता मंगेशकर (जन्म 28 सितंबर, 1929 इंदौर) भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं, जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है। लता की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। .

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लाहौर

लाहौर (لہور / ਲਹੌਰ, لاہور) पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की राजधानी है एवं कराची के बाद पाकिस्तान में दूसरा सबसे बडा आबादी वाला शहर है। इसे पाकिस्तान का दिल नाम से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि इस शहर का पाकिस्तानी इतिहास, संस्कृति एवं शिक्षा में अत्यंत विशिष्ट योगदान रहा है। इसे अक्सर पाकिस्तान बागों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। लाहौर शहर रावी एवं वाघा नदी के तट पर भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। लाहौर का ज्यादातर स्थापत्य मुगल कालीन एवं औपनिवेशिक ब्रिटिश काल का है जिसका अधिकांश आज भी सुरक्षित है। आज भी बादशाही मस्जिद, अली हुजविरी शालीमार बाग एवं नूरजहां तथा जहांगीर के मकबरे मुगलकालीन स्थापत्य की उपस्थिती एवं उसकी अहमियत का आभास करवाता है। महत्वपूर्ण ब्रिटिश कालीन भवनों में लाहौर उच्च न्यायलय जनरल पोस्ट ऑफिस, इत्यादि मुगल एवं ब्रिटिश स्थापत्य का मिलाजुला नमूना बनकर लाहौर में शान से उपस्थित है एवं ये सभी महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में लोकप्रिय हैं। मुख्य तौर पर लाहौर में पंजाबी को मातृ भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है हलाकि उर्दू एवं अंग्रेजी भाषा भी यहां काफी प्रचलन में है एवं नौजवानों में काफी लोकप्रिय है। लाहौर की पंजाबी शैली को लाहौरी पंजाबी के नाम से भी जाना जाता है जिसमे पंजाबी एवं उर्दू का काफी सुंदर मिश्रण होता है। १९९८ की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग ७ लाख आंकी गयी थी जिसके जून २००६ में १० लाख होने की उम्मीद जतायी गयी थी। इस अनुमान के मुताबिक लाहौर दक्षिण एशिया में पांचवी सबसे बडी आबादी वाला एवं दुनिया में २३वीं सबसे बडी आबादी वाला शहर है।.

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लगान

श्रेणी:कर श्रेणी:भूराजस्व.

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लगे रहो मुन्ना भाई

लगे रहो मुन्ना भाई 2006 में बनी हिन्दी फिल्म है। यह 2003 में बनी हिंदी फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस का दूसरा भाग है। इस फिल्म के निर्माता विधु विनोद चोपड़ा है, मुख्य कलाकार है - संजय दत्त, अरशद वारसी, विद्या बालन, दिया मिर्ज़ा और बोमन ईरानी। दूसरा भाग होने के उपरांत भी लगे रहो...

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लंदन

लंदन (London) संयुक्त राजशाही और इंग्लैंड की राजधानी और सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। ग्रेट ब्रिटेन द्वीप के दक्षिण पूर्व में थेम्स नदी के किनारे स्थित, लंदन पिछली दो सदियों से एक बड़ा व्यवस्थापन रहा है। लंदन राजनीति, शिक्षा, मनोरंजन, मीडिया, फ़ैशन और शिल्पी के क्षेत्र में वैश्विक शहर की स्थिति रखता है। इसे रोमनों ने लोंड़िनियम के नाम से बसाया था। लंदन का प्राचीन अंदरुनी केंद्र, लंदन शहर, का परिक्षेत्र 1.12 वर्ग मीटर (2.9 किमी2) है। 19वीं शताब्दी के बाद से "लंदन", इस अंदरुनी केंद्र के आसपास के क्षेत्रों को मिला कर एक महानगर के रूप में संदर्भित किया जाने लगा, जिनमें मिडलसेक्स, एसेक्स, सरे, केंट, और हर्टफोर्डशायर आदि शमिल है। जिसे आज ग्रेटर लंदन नाम से जानते है, एवं लंदन महापौर और लंदन विधानसभा द्वारा शासित किया जाता हैं। कला, वाणिज्य, शिक्षा, मनोरंजन, फैशन, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल, मीडिया, पेशेवर सेवाओं, अनुसंधान और विकास, पर्यटन और परिवहन में लंदन एक प्रमुख वैश्विक शहर है। यह दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र के रूप में ताज पहनाया गया है और दुनिया में पांचवां या छठा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र जीडीपी है। लंदन एक है विश्व सांस्कृतिक राजधानी। यह दुनिया का सबसे अधिक का दौरा किया जाने वाला शहर है, जो अंतरराष्ट्रीय आगमन द्वारा मापा जाता है और यात्री ट्रैफिक द्वारा मापा जाने वाला विश्व का सबसे बड़ा शहर हवाई अड्डा है। लंदन विश्व के अग्रणी निवेश गंतव्य है, किसी भी अन्य शहर की तुलना में अधिक अंतरराष्ट्रीय खुदरा विक्रेताओं और अल्ट्रा हाई-नेट-वर्थ वाले लोगों की मेजबानी यूरोप में लंदन के विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा संस्थानों का सबसे बड़ा केंद्र बनते हैं। 2012 में, लंदन तीन बार आधुनिक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने वाला पहला शहर बन गया। लंदन में लोगों और संस्कृतियों की विविधता है, और इस क्षेत्र में 300 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं। इसकी 2015 कि अनुमानित नगरपालिका जनसंख्या (ग्रेटर लंदन के समरूपी) 8,673,713 थी, जो कि यूरोपीय संघ के किसी भी शहर से सबसे बड़ा, और संयुक्त राजशाही की आबादी का 12.5% ​​हिस्सा है। 2011 की जनगणना के अनुसार 9,787,426 की आबादी के साथ, लंदन का शहरी क्षेत्र, पेरिस के बाद यूरोपीय संघ में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला है। शहर का महानगरीय क्षेत्र यूरोपीय संघ में 13,879,757 जनसंख्या के साथ सबसे अधिक आबादी वाला है, जबकि ग्रेटर लंदन प्राधिकरण के अनुसार शहरी-क्षेत्र की आबादी के रूप में 22.7 मिलियन है। 1831 से 1925 तक लंदन विश्व के सबसे अधिक आबादी वाला शहर था। लंदन में चार विश्व धरोहर स्थल हैं: टॉवर ऑफ़ लंदन; किऊ गार्डन; वेस्टमिंस्टर पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी और सेंट मार्गरेट्स चर्च क्षेत्र; और ग्रीनविच ग्रीनविच वेधशाला (जिसमें रॉयल वेधशाला, ग्रीनविच प्राइम मेरिडियन, 0 डिग्री रेखांकित, और जीएमटी को चिह्नित करता है)। अन्य प्रसिद्ध स्थलों में बकिंघम पैलेस, लंदन आई, पिकैडिली सर्कस, सेंट पॉल कैथेड्रल, टावर ब्रिज, ट्राफलगर स्क्वायर, और द शर्ड आदि शामिल हैं। लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय, नेशनल गैलरी, प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, टेट मॉडर्न, ब्रिटिश पुस्तकालय और वेस्ट एंड थिएटर सहित कई संग्रहालयों, दीर्घाओं, पुस्तकालयों, खेल आयोजनों और अन्य सांस्कृतिक संस्थानों का घर है। लंदन अंडरग्राउंड, दुनिया का सबसे पुराना भूमिगत रेलवे नेटवर्क है। .

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लंका दहन

लंका दहन १९१७ कि भारतीय मूक फ़िल्म है जिसे दादासाहब फालके ने निर्देशित किया था। ऋषि वाल्मीकि द्वारा लिखित हिंदू महाकाव्य रामायण के एक प्रकरण पर आधारित इस फ़िल्म का लेखन भी फालके ने किया था। १९१३ कि फ़िल्म राजा हरिश्चन्द्र, जो पहली पूर्ण रूप से भारतीय फीचर फ़िल्म थी, के बाद फालके की यह दूसरी फीचर फ़िल्म थी। फालके ने बीच में विभिन्न लघु फिल्मों का निर्देशन किया था। अण्णा सालुंके ने इस फिल्म में दो भूमिका निभाई थी। उन्होंने पहले फालके के राजा हरिश्चन्द्र में रानी तारामती की भूमिका निभाई थी। चूंकि उस जमानेमे प्रदर्शनकारी कलाओं में भाग लेने से महिलाओं को निषिद्ध किया जाता था, पुरुष ही महिला पात्रों को निभाते थे। सालुंके ने इस फ़िल्म में राम के पुरुष चरित्र और साथ ही उनकी पत्नी सीता का महिला चरित्र भी निभाया है। इस प्रकार उन्हें भारतीय सिनेमा में पहली बार दोहरी भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है। .

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शबाना आज़मी

शबाना आज़मी (जन्म: 18 सितंबर, 1950) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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शमशाद बेगम

शमशाद बेगम (अप्रैल १४, १९१९ – अप्रैल २३, २०१३India Post, South Asia Bureau, August 1998) एक भारतीय गायिका थीं, जो हिन्दी सिनेमा उद्योग में आरंभिक पार्श्वगायिका के रूप में आयी थीं। शमशाद बेगम एक बहुमुखी कलाकारा थीं, जिन्होंने हिन्दी के अलावा बंगाली, मराठी, गुजराती, तमिल एवं पंजाबी भाषाओं में लगभग ६००० से अधिक गाने गाये थे। इन्हें सन २००९ में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र राज्य से हैं। .

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शम्मी कपूर

शम्मी कपूर (जन्म: 21 अक्टूबर, 1931 निधन: 14 अगस्त, 2011) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। उन्होने जंगली, तुमसा नही देखा, दिल देके देखो, सिंगापुर, कॉलेज गर्ल, प्रोफेसर, चाइना टाउन, प्यार किया तो डरना क्या, कश्मीर की कली, जानवर, तीसरी मंज़िल, अंदाज़, एन इवनिंग इन पेरिस, ब्रह्मचारी और सच्चाई जैसी हिट फ़िल्मों में काम किया। .

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शर्मिला टैगोर

शर्मिला टैगोर (जन्म: 8 दिसंबर, 1946) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

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शशि कपूर

शशि कपूर (जन्म: 18 मार्च, 1938, निधन: 04 दिसम्बर 2017) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। शशि कपूर हिन्दी फ़िल्मों में लोकप्रिय कपूर परिवार के सदस्य थे। वर्ष २०११ में उनको भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष २०१५ में उनको २०१४ के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। इस तरह से वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले कपूर परिवार के तीसरे सदस्य बन गये। .

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शान

शान (शांतनु मुखर्जी, जन्म ३० सितंबर १९७२) एक भारतीय पार्श्वगायक व टेलिविज़न मेज़बान है। उन्होंने सा रे गा मा पा जैसे कार्यक्रमों की मेज़बानी की है। .

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शाहरुख़ ख़ान

शाहरुख़ ख़ान (उच्चारण; जन्म 2 नवम्बर 1965), जिन्हें अक्सर शाहरुख खान के रूप में श्रेय दिया जाता है और अनौपचारिक रूप में एसआरके नाम से सन्दर्भित किया जाता, एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता है। अक्सर मीडिया में इन्हें "बॉलीवुड का बादशाह", "किंग खान", "रोमांस किंग" और किंग ऑफ़ बॉलीवुड नामों से पुकारा जाता है। खान ने रोमैंटिक नाटकों से लेकर ऐक्शन थ्रिलर जैसी शैलियों में 75 हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया है। फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिये उन्होंने तीस नामांकनों में से चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते हैं। वे और दिलीप कुमार ही ऐसे दो अभिनेता हैं जिन्होंने साथ फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आठ बार जीता है। 2005 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया। अर्थशास्त्र में उपाधी ग्रहण करने के बाद इन्होने अपने करियर की शुरुआत १९८० में रंगमंचों व कई टेलिविज़न धारावाहिकों से की और १९९२ में व्यापारिक दृष्टी से सफल फ़िल्म दीवाना से फ़िल्म क्षेत्र में कदम रखा। इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके पश्च्यात उन्होंने कई फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं अदा की जिनमे डर (१९९३), बाज़ीगर (१९९३) और अंजाम (१९९४) शामिल है। वे कई प्रकार की भूमिकाओं में दिखे व भिन्न-भिन्न प्रकार की फ़िल्मों में कार्य किया जिनमे रोमांस फ़िल्में, हास्य फ़िल्में, खेल फ़िल्में व ऐतिहासिक ड्रामा शामिल है। उनके द्वारा अभिनीत ग्यारह फ़िल्मों ने विश्वभर में १ बिलियन का व्यवसाय किया है। खान की कुछ फ़िल्में जैसे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (१९९५), कुछ कुछ होता है (१९९८), ''देवदास'' (२००२), ''चक दे! इंडिया'' (२००७), ओम शांति ओम (२००७), रब ने बना दी जोड़ी (२००८) और रा.वन (२०११) अबतक की सबसे बड़ी हीट फ़िल्मों में रही है और कभी खुशी कभी ग़म (२००१), कल हो ना हो (२००३), वीर ज़ारा (२००६)। वेल्थ रिसर्च फर्म वैल्थ एक्स के मुताबिक किंग खान पहले सबसे अमीर भारतीय अभिनेता बन गए हैं। फर्म ने अभिनेता की कुल संपत्ति 3660 करोड़ रूपए आंकी थी लेकिन अब 4000 करोङ बताई जाती है। .

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शाहिद कपूर

शाहिद कपूर (जन्म २५ फरवरी, १९८१ को मुंबई, भारत में हुआ।) वे एक बॉलीवुड मॉडल और अभिनेता हैं। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत, संगीत विडियो और विज्ञापन में काम कर के की। कपूर ने पहली बार बॉलीवुड में सुभाष घई (Subhash Ghai) कीताल (Taal) (१९९९) में पृष्ठभूमी डांसर के रूप में काम किया। ४ साल के बाद, उन्होंने इश्क विश्क (Ishq Vishk) (२००३) में मुख्य अभिनेता के रूप में काम किया और अपने अच्छे प्रदर्शन के लिए फ़िल्म फेयर बेस्ट मेल डेब्यू पुरस्कार (Filmfare Best Male Debut Award) जीता। अपनी फिल्मों जैसे फिदा (२००४) और शिखर (Shikhar) (२००५) में किए गए प्रदर्शन के लिए उनकी बहुत अधिक समीक्षा की गई, उन्हें अपनी पहली व्यावसायिक सफलता सूरज आर के साथ मिली। बड़जात्या (Sooraj R. Barjatya) की विवाह (Vivah) (२००६), उनकी सबसे बड़ी व्यापारिक सफलता थी और बाद में उन्होंने इसे जब वी मेट (Jab We Met) (२००७) के साथ जारी रखा। तब से, उन्होंने अपने आप को फ़िल्म उद्योग का एक सफल अभिनेता के रूप में स्थापित कर लिया है। शाहिद कपूर का जन्म २५ फ़रवरी १९८१ को हुआ। शाहिद कपूर भारती कलाकार हैं। शाहिद कपूर पंकज कपूर के बेटे हैं। वह रझन्स विद्यालय में पड़ते थे। यह विद्यालया मुंबई मेे है। .

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शिव कुमार

शिव कुमार प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म अभिनेता हैं। जो ब्रजवुड के जनक हैं। इन्होंने ने ही ब्रजभाषा की सर्वप्रथम फिल्म ब्रज भूमि बनाई थी। इसके अलावा इन्होंने लल्लूराम भी बनाई थी।शिव कुमार का जन्म देदामई ग्राम (तत्कालीन अलीगढ़ जिला) अब हाथरस जिला में हुआ था। उनका हिन्दी चलचित्र जगत में प्रवेश निर्देशक किशोर साहू की फिल्म पूनम की रात (१९६५) से हुआ। .

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शकील बदायूँनी

शकील बदायूँनी: (उर्दू: شکیل بدایونی) (जन्म: 03 अगस्त 1916 - निधन: 20 अप्रैल 1970) - शकील बदायूनी का जन्म स्थान उत्तर प्रदेश का शहर बदायूँ है। यह एक उर्दू के शायर और साहित्यकार थे। लैकिन इन्होंने बालीवुड में गीत रचनाकार के रूप में नाम कमाया। .

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श्याम बेनेगल

श्याम बेनेगल (जन्म 14 दिसंबर, 1934) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध निर्देशक हैं। अंकुर, निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फिल्मों के लिये चर्चित बेनेगल समानांतर सिनेमा के अग्रणी निर्देशकों में शुमार किये जाते हैं। श्याम को 1976 में पद्मश्री और 1961 में पद्मभूषण सम्मान दिये गये। 2007 में वे अपने योगदान के लिये भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़े गये। सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फीचर फिल्म के लिये राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाँच बार जीतने वाले वे एकमात्र फिल्म निर्देशक हैं। श्याम बेनेगल को भारत सरकार द्वारा सन १९९१ में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये महाराष्ट्र से हैं। .

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श्रेया घोषाल

श्रेया घोषाल (जन्म तारीख़: 12 मार्च 1984) एक भारतीय पार्श्व गायिका है। उन्होंने बॉलीवुड में, क्षेत्रीय फिल्मों बहुत सारे गाने गाए और कस्तूरी जैसे भारतीय धारावाहिकों के लिए भी गाया है। हिंदी के अलावा, उन्होंने असमिया, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में भी गाने गाए हैं। .

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श्रीदेवी

श्रीदेवी (जन्म: श्री अम्मा येंजर अय्यपन; १३ अगस्त १९६३ – २४ फरवरी २०१८) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री थीं, जिन्होंने तमिल, मलयालम, तेल्गु, कन्नड़ और हिन्दी सिनेमा में काम किया था। भारतीय सिनेमा की पहली "महिला सुपरस्टार" कही जाने वाली श्रीदेवी ने पाँच फिल्मफेयर पुरस्कार भी प्राप्त किये। १९८० और १९९० के दशक में श्रीदेवी सबसे अधिक वेतन प्राप्त करने वाली अभिनेत्रयों में शामिल थीं, और उन्हें उस युग की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्री माना जाता है। २०१३ में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। १९७५ की फिल्म जूली से उन्होंने हिन्दी सिनेमा में बाल अभिनेत्री के रूप में प्रवेश किया था। अपनी पहली फिल्म मून्द्र्हु मुदिछु नामक तमिल में थी। श्रीदेवी का बॉलीवुड में प्रवेश १९७८ की फिल्म सोलहवाँ सावन से हुआ। लेकिन उन्हे सबसे अधिक पहचान १९८३ की फिल्म हिम्मतवाला से मिली। सदमा, नागिन,निगाहें, मिस्टर इन्डिया, चालबाज़, लम्हे, ख़ुदागवाह और जुदाई उनकी प्रसिद्ध फ़िल्में हैं। २४ फरवरी २०१८ को दुबई में उनका निधन हुआ। अपने फिल्मी करियर में श्रीदेवी ने 63 हिंदी, 62 तेलुगु, 58 तमिल, 21 मलयालम तथा कुछ कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया। .

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शेखर कपूर

शेखर कपूर हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता एवं निर्देशक हैं। आपने मिस्टर इंडिया एवं मासूम जैसी बेहद सफल फ़िल्में निर्देशित की हैं| आप अपनी फ़िल्म एलिज़ाबेथ के लिए आस्कर पुरस्कार के लिए भी मनोनीत हो चुके हैं| 2013 में, शेखर कपूर ने एबीपी न्यूज़ पर टीवी शो प्रधानमंत्री की मेजबानी की। इस कार्यक्रम में भारतीय की रियासतों के विलय से लेकर देश के अलग-अलग प्रधानमंत्री चुनने की पूरी कहानी है। .

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शोले (1975 फ़िल्म)

शोले १९७५ की एक भारतीय हिन्दी एक्शन फिल्म है। सलीम-जावेद द्वारा लिखी इस फिल्म का निर्माण गोपाल दास सिप्पी ने और निर्देशन का कार्य, उनके पुत्र रमेश सिप्पी ने किया है। इसकी कहानी जय (अमिताभ बच्चन) और वीरू (धर्मेन्द्र) नामक दो अपराधियों पर केन्द्रित है, जिन्हें डाकू गब्बर सिंह (अमजद ख़ान) से बदला लेने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह (संजीव कुमार) अपने गाँव लाता है। जया भादुरी और हेमा मालिनी ने भी फ़िल्म में मुख्य भूमिकाऐं निभाई हैं। शोले को भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना जाता है। ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट के २००२ के "सर्वश्रेष्ठ १० भारतीय फिल्मों" के एक सर्वेक्षण में इसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। २००५ में पचासवें फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह में इसे पचास सालों की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी मिला। शोले का फिल्मांकन कर्नाटक राज्य के रामनगर क्षेत्र के चट्टानी इलाकों में ढाई साल की अवधि तक चला था। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के निर्देशानुसार कई हिंसक दृश्यों को हटाने के बाद फ़िल्म को १९८ मिनट की लंबाई के साथ १५ अगस्त १९७५ को रिलीज़ किया गया था। हालांकि १९९० में मूल २०४ मिनट का मूल संस्करण भी होम मीडिया पर उपलब्ध हो गया था। रिलीज़ होने पर पहले तो शोले को समीक्षकों से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं और कमजोर व्यावसायिक परिणाम मिले, लेकिन अनुकूल मौखिक प्रचार की सहायता से थोड़े दिन बाद यह बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता बनकर उभरी। फ़िल्म ने पूरे भारत में कई सिनेमाघरों में निरंतर प्रदर्शन के लिए रिकॉर्ड तोड़ दिए, और मुंबई के मिनर्वा थिएटर में तो यह पांच साल से अधिक समय तक प्रदर्शित हुई। कुछ स्त्रोतों के अनुसार मुद्रास्फीति के लिए समायोजित करने पर यह सर्वाधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म है। शोले एक डकैती-वॅस्टर्न फिल्म है, जो वॅस्टर्न शैली के साथ भारतीय डकैती फिल्मों परम्पराओं का संयोजन करती है, और साथ ही मसाला फिल्मों का एक परिभाषित उदाहरण है, जिसमें कई फिल्म शैलियों का मिश्रण पाया जाता है। विद्वानों ने फिल्म के कई विषयों का उल्लेख किया है, जैसे कि हिंसा की महिमा, सामंती विचारों का परिवर्तन, सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने वालों और संगठित होकर लूट करने वालों के बीच बहस, समलैंगिक गैर रोमानी सामाजिक बंधन और राष्ट्रीय रूपरेखा के रूप में फिल्म की भूमिका। राहुल देव बर्मन द्वारा रचित फिल्म की संगीत एल्बम और अलग से जारी हुए संवादों की संयुक्त बिक्री ने कई नए बिक्री रिकॉर्ड सेट किए। फिल्म के संवाद और कुछ पात्र बेहद लोकप्रिय हो गए और भारतीयों के दैनिक रहन-सहन हिस्सा बन गए। जनवरी २०१४ में, शोले को ३डी प्रारूप में सिनेमाघरों में फिर से रिलीज़ किया गया था। .

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सत्यजित राय

सत्यजित राय (बंगाली: शॉत्तोजित् राय्) (२ मई १९२१–२३ अप्रैल १९९२) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक थे, जिन्हें २०वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फ़िल्म निर्देशकों में गिना जाता है। इनका जन्म कला और साहित्य के जगत में जाने-माने कोलकाता (तब कलकत्ता) के एक बंगाली परिवार में हुआ था। इनकी शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज और विश्व-भारती विश्वविद्यालय में हुई। इन्होने अपने कैरियर की शुरुआत पेशेवर चित्रकार की तरह की। फ़्रांसिसी फ़िल्म निर्देशक ज़ाँ रन्वार से मिलने पर और लंदन में इतालवी फ़िल्म लाद्री दी बिसिक्लेत (Ladri di biciclette, बाइसिकल चोर) देखने के बाद फ़िल्म निर्देशन की ओर इनका रुझान हुआ। राय ने अपने जीवन में ३७ फ़िल्मों का निर्देशन किया, जिनमें फ़ीचर फ़िल्में, वृत्त चित्र और लघु फ़िल्में शामिल हैं। इनकी पहली फ़िल्म पथेर पांचाली (পথের পাঁচালী, पथ का गीत) को कान फ़िल्मोत्सव में मिले “सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख” पुरस्कार को मिलाकर कुल ग्यारह अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। यह फ़िल्म अपराजितो (অপরাজিত) और अपुर संसार (অপুর সংসার, अपु का संसार) के साथ इनकी प्रसिद्ध अपु त्रयी में शामिल है। राय फ़िल्म निर्माण से सम्बन्धित कई काम ख़ुद ही करते थे — पटकथा लिखना, अभिनेता ढूंढना, पार्श्व संगीत लिखना, चलचित्रण, कला निर्देशन, संपादन और प्रचार सामग्री की रचना करना। फ़िल्में बनाने के अतिरिक्त वे कहानीकार, प्रकाशक, चित्रकार और फ़िल्म आलोचक भी थे। राय को जीवन में कई पुरस्कार मिले जिनमें अकादमी मानद पुरस्कार और भारत रत्न शामिल हैं। .

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सत्यकाम (1969 फ़िल्म)

सत्यकाम 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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सती सुलोचना

सती सुलोचना कन्नड भाषा की पहली फीचर फिल्म थी, जो 1934 में बनी थी। श्रेणी:भारतीय फ़िल्में श्रेणी:पहली भारतीय फिल्म.

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सनी देओल

अजय सिंह देओल (जन्म: 19 अक्टूबर, 1956) हिन्दी फ़िल्मों के एक भारतीय अभिनेता हैं। वह बीते जमाने के मशहूर बॉलीवुड अभिनेता धर्मेन्द्र के पुत्र है। तथा इनकी माता का नाम प्रकाश कौर तथा हेमा मालिनी इनकी सौतेली मां है। सनी देओल के भाई का नाम बॉबी देओल है। .

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सपना मुखर्जी

200px सपना मुखर्जी हिन्दी फ़िल्मों की पार्शवगायिका हैं। उनके द्वारा गाये गये गीत फिल्मी दुनिया में चर्चित हैं। इनका एक जाना पहचाना नाम हैँ। इनके सुमधुर फिल्मी गीतोँ के लिए कई बार पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 1989 की त्रिदेव के गाने तिरछी टोपी वाले के लिये उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार मिला था। सबसे पहले उन्हें कल्याणजी-आनंदजी द्वारा जाँबाज़ फ़िल्म के लिये चुना गया था। .

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सलमान ख़ान

अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान (سلمان خان. उच्चारण:, जन्म: २७ दिसम्बर १९६५) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता हैं, जो बॉलीवुड की फिल्मों में दिखाई देते हैं। इन्होंने सन १९८८ में अभिनय की दुनिया में अपनी पहली फिल्म बीवी हो तो ऐसी से शुरूआत की। सलमान को अपनी पहली बड़ी व्यावसायिक सफलता १९८९ में रिलीज़ हुई मैंने प्यार किया से मिली, जिसके लिए इन्हें फिल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ नवीन पुरूष अभिनेता पुरस्कार भी दिया गया। वे बॉलीवुड की कुछ सफल फिल्मों में स्टार कलाकार की भूमिका करते रहे, जैसे साजन (१९९१), हम आपके हैं कौन (१९९४) व बीवी नं. १ (१९९९) और ये ऐसी फिल्में थीं जिन्होंने उनके करियर में पाँच अलग सालों में सबसे अधिक कमाई की। १९९९ में खान ने १९९८ की फिल्म कुछ कुछ होता है में उनकी अतिथि-भूमिका के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार जीता और तब से इन्होंने कई आलोचनात्मक और व्यावसायिक फिल्मों में स्टार के रूप में सफलता प्राप्त की है, जिनमें हम दिल दे चुके सनम (१९९९), तेरे नाम (२००३), नो एन्ट्री (२००५) और पार्टनर (२००७) शामिल हैं। २०१७ में टाईगर जिंदा ने कमाई के मामले मे नया इतिहास बनाया इस तरह खान ने खुद को हिंदी सिनेमा के प्रमुख अभिनेताओं में सबसे महान अभिनेता की छवि बनाई। बाद में बनी फ़िल्में, वांटेड (२००९), दबंग (२०१०), रेड्डी (२०११) और बॉडीगार्ड (२०११) उनकी हिन्दी सिने जगत में सर्वाधिक कमाई वाली फ़िल्में रही। किक (२०१४ फिल्म) सलमान की पहली फिल्म है जो 200 करोड़ के क्लब में शामिल हुई है। किक सलमान की सातवीं फिल्म है जो 100 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस कर चुकी है। इससे पहले 6 फिल्में 100 करोड़ क्लब में शामिल हो चुकी हैं एक था टाइगर - 198 करोड़, दबंग-2 - 158 करोड़, बॉडीगार्ड - 142 करोड़, दबंग - 145 करोड़, Ready (2011 film) - 120 करोड़, जय हो (फ़िल्म) - 111 करोड़ है। (मुख्य सूचना सलमान खान एक भारतीय अभिनेता के साथ एक गायक भी है. जिन्होंने कई सुरीली आवाजो में गाने भी गाए हैं।) .

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साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल २२ भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा; याने कुल २४ भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए। पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए थी, जो सन् 1983 में ब़ढा कर 10,000/- रुपए कर दी गई और सन् 1988 में ब़ढा कर इसे 25,000/- रुपए कर दिया गया। सन् 2001 से यह राशि 40,000/- रुपए की गई थी। सन् 2003 से यह राशि 50,000/- रुपए कर दी गई है। .

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सिकंदर

सिकंदर (Alexander) (356 ईपू से 323 ईपू) मकदूनियाँ, (मेसेडोनिया) का ग्रीक प्रशासक था। वह एलेक्ज़ेंडर तृतीय तथा एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन नाम से भी जाना जाता है। इतिहास में वह कुशल और यशस्वी सेनापतियों में से एक माना गया है। अपनी मृत्यु तक वह उन सभी भूमि मे से लगभग आधी भूमि जीत चुका था, जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक लोगों को थी(सत्य ये है की वह पृथ्वी के मात्र 5 प्रतीशत हिस्से को ही जीत पाया था) और उसके विजय रथ को रोकने में सबसे मुख्य भूमिका भारत के महान राजा पुरु (जिन्हे युनानी इतिहासकारों नें पोरस से सम्बोधित किया है।)और भारत के क्षेत्रीय सरदारो की थी, जिन्होंने सिकंदर की सेना में अपने पराक्रम के दम पर भारत के प्रति खौफ पैदा कर उसके हौसले पस्त कर दिये और उसे भारत से लौटने पर मजबूर कर दिया।। उसने अपने कार्यकाल में इरान, सीरिया, मिस्र, मसोपोटेमिया, फिनीशिया, जुदेआ, गाझा, बॅक्ट्रिया और भारत में पंजाब(जिसके राजा पुरु थे।) तक के प्रदेश पर विजय हासिल की थी परन्तु बाद में वो मगध की विशाल सेना से डर कर लौट गया ।।उल्लेखनीय है कि उपरोक्त क्षेत्र उस समय फ़ारसी साम्राज्य के अंग थे और फ़ारसी साम्राज्य सिकन्दर के अपने साम्राज्य से कोई 40 गुना बड़ा था। फारसी में उसे एस्कंदर-ए-मक्दुनी (मॅसेडोनिया का अलेक्ज़ेंडर, एस्कन्दर का अपभ्रंश सिकन्दर है) औऱ हिंदी में अलक्षेन्द्र कहा गया है। .

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संत तुकाराम

संत तुकाराम (१६०८-१६५०), जिन्हें तुकाराम के नाम से भी जाना जाता है सत्रहवीं शताब्दी एक महान संत कवि थे जो भारत में लंबे समय तक चले भक्ति आंदोलन के एक प्रमुख स्तंभ थे। .

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संबलपुर

संबलपुर भारत के उड़ीसा प्रान्त का एक जिला है। इसका नाम 'समलेश्वरी देवी' के नाम पर पड़ा है जो शक्तिरूपा हैं और इस क्षेत्र में पूज्य देवी हैं। संबलपुर, भुवनेश्वर से ३२१ किमी की दूरी पर है। इतिहास में इसे 'संबलक', 'हीराखण्ड', 'ओडियान' (उड्डियान), 'ओद्र देश', 'दक्षिण कोशल' और 'कोशल' आदि नामों से संबोधित किया गया है। महानदी इस जिले को विभक्त करती है। यह जिला तरंगित समतल है, जिसमें कई पहाड़ियाँ हैं। इनमें से सबसे बड़ी पहाड़ी ३०० वर्ग मील में फैली हुई है। जिले में महानदी के पश्चिमी भाग में सघन खेती होती है और पूर्वी भाग के अधिकांश में जंगल हैं। जिले में हीराकुड पर बाँध बनाकर सिंचाई के लिए जल एवं उद्योगों के लिए विद्युत् प्राप्त की जा रही है। महानदी और इब नदी के संगमस्थल के समीप हीराकुड में स्वर्णबालू एवं हीरा पाया गया है। संबलपुर, छत्तीसगढ़ और ओड़िशा राज्यों के बीच स्थित है और दोनों प्रान्तों को जोड़ता है। महानदी के बायें किनारे पर स्थित यह नगर कभी हीरों के व्यवसाय का केन्द्र था। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त सूती और रेशमी बुनावट (टशर रेशम) की वस्त्र-कारीगरी (इकत), आदिवासी समृद्ध विरासत और प्रचुर जंगल भूमि के लिए प्रसिद्ध है। नगर की पृष्ठभूमि में वनाच्छादित पहाड़ियाँ स्थित हैं, जिनके कारण नगर सुंदर लगता है। संबलपुर ओड़िशा के जादूई पश्चिमी भाग का प्रवेश द्वार के रूप में सेवारत है। यह राज्य के उत्तरी प्रशासकीय मंडल का मंडल मुख्यालय है - जो एक महत्वपूर्ण और व्यावसायिक और शिक्षा केन्द्र हैं। .

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संजय दत्त

संजय दत्त (जन्म २९ जुलाई १९५९) एक भारतीय अभिनेता और फ़िल्म निर्माता हैं जिन्हें हिन्दी सिनेमा में उनके काम के लिए जाना जाता है। वो थोड़े-बहुत राजनीति से भी जुड़े हुए हैं और १९९३ में हुए मुम्बई बम हमलों के मामले में कुख्यात भी हैं। दत्त प्रसिद्ध फ़िल्म कलाकार एवं राजनीतिज्ञ सुनील दत्त एवं अभिनेत्री नर्गिस के पुत्र हैं। उन्होंने हिन्दी फ़िल्मों में सन् १९८१ में काम करना आरम्भ किया। उसके बाद उन्होंने कई प्रसिद्ध हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया। उन्होंने फ़िल्मों में प्रेमी, हास्य जैसे अभिनय भी किये और अपराधी, ठग और पुलिस अधिकारी का अभिनय भी किया जिसके लिए अपने प्रशंसकों और फ़िल्म समालोचकों से अभूतपूर्व प्रशंसा प्राप्त की। दत्त को अप्रैल १९९३ में आतंकवादियों की सहायता करना, नौ मिमी पिस्टल को अवैध तरिके से अपने घर पर रखने और एके-छप्पन रायफल रखने के आरोप में आतंकवादी तथा विघटनकारी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (टाडा) के तहत गिरफ्तार किया गया। १८ माह जेल की सजा काटने के बाद, उन्हें अप्रैल १९९५ में जमानत मिल गई। जुलाई २००७ में उन्हें छः वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। भारत के सर्वोच्य न्यायालय ने २१ मार्च २०१३ के अपने एक निर्णय में उन्हें १९९३ के मुम्बई बम विस्फोट मामले में पाँच वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। .

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संजय ख़ान

संजय ख़ान हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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संजय कपूर

संजय कपूर हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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संजीव कुमार

संजीव कुमार (मूल नाम: हरीभाई जरीवाला; जन्म: 9 जुलाई 1938, मृत्यु: 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फ़िल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फ़िल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नयी रात फ़िल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फ़िल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फ़िल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया। उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फ़िल्मों में सक्रिय रहे। उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फ़िल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा। .

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संगम

संगम के अन्य अर्थों के लिये यहां जाएं - संगम (बहुविकल्पी) संगम का अर्थ है मिलन, सम्मिलन। भूगोल में संगम उस जगह को कहते हैं जहाँ पानी की दो या दो से अधिक धाराएँ मिल रही होती हैं। जैसे इलाहाबाद में गंगा, यमुना (और, लोककथाओं के अनुसार, सरस्वती) के मिलन स्थल को त्रिवेणी संगम कहते हैं। .

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सुदेश भोंसले

सुदेश भोंसले एक भारतीय पाश्व गायक है। इनका जन्म एन आर भोंसले और श्रीमती सुमनताय भोंसले के घर हुआ। सुदेश भोंसले को उनकी अमिताभ बच्चन के गानो के लिये जाना जाता है। सुदेश भोंसले को पहला अवसर फिल्म जलजला (१९८८) के पार्शव गायन मे मिला। व्यवसायिक तोर पर इन्होने कई साल सन्जीव कुमार और अनिल कपुर के लिये मिमिक्री आर्टिस्ट के तौर पर डबिन्ग की। इनको पहली सफलता अमिताभ बच्चन अभिनित फिल्म हम (१९९०) के गाने 'जुम्मा चुम्मा दे दे' से मिली। सन २०१० मे इन्होने महात्मा रामचन्द्र वीर और आचार्य धर्मेन्द्र द्वारा रचिय वज्रान्ग वन्दना महास्त्रोत एव्म वज्रान्ग विनय स्रोत के अदभुत एव्म अद्धितय भजनो को अपना मधुर स्वर दिया है। श्रेणी:भारतीय फिल्म पार्श्वगायक श्रेणी:जीवित लोग.

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सुनिधि चौहान

सुनिधि चौहान (जन्म निधी चौहान, १४ अगस्त १९८३) एक भारतीय पार्श्वगायिका है जो हिन्दी गीतों को गाने के लिए लोकप्रिय है। उन्होंने मराठी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, बंगाली, असमिया और गुजराती फ़िल्मों में भी २००० से अधिक गीत गाए हैं। चौहान ने गायन की शुरुआत चार वर्ष की आयु से की और एक स्थानीय टीवी मेज़बान ने उनकी इस प्रतिभा को देखा। उन्हें प्रसिद्धी टेलिविज़न गायन प्रतियोगिता मेरी आवाज़ सुनो से मिली जिसमे जित के बाद उन्होंने पार्श्वगायन क्षेत्र में शस्त्र फ़िल्म से पदार्पण किया। उन्हें लोकप्रियता राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म मस्त से मिली जिसमे उन्होंने "रुकी रुकी सी ज़िंदगी" गीत गाया जो एक हीट गीत साबित हुआ। उन्हें कुल चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों का नामांकन और तीन में जित हासिल हुई। उन्होंने दो स्टार स्क्रीन पुरस्कार, दो आइफा पुरस्कार और एक ज़ी सिने पुरस्कार जीते हैं। .

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सुनील दत्त

सुनील दत्त (अंग्रेजी: Sunil Dutt, पंजाबी: ਸੁਨੀਲ ਦੱਤ, जन्म: 6 जून 1929, मृत्यु: 25 मई 2005), जिनका असली नाम बलराज दत्त था, भारतीय फिल्मों के विख्यात अभिनेता, निर्माता व निर्देशक थे, जिन्होंने कुछ पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारतीय राजनीति में भी सार्थक भूमिका निभायी। मनमोहन सिंह की सरकार में 2004 से 2005 तक वे खेल एवं युवा मामलों के कैबिनेट मन्त्री रहे। उनके पुत्र संजय दत्त भी फिल्म अभिनेता हैं। उन्होंने 1984 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुम्बई उत्तर पश्चिम लोक सभा सीट से चुनाव जीता और सांसद बने। वे यहाँ से लगातार पाँच बार चुने जाते रहे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी प्रिया दत्त ने अपने पिता से विरासत में मिली वह सीट जीत ली। भारत सरकार ने 1968 में उन्हें पद्म श्री सम्मान प्रदान किया। इसके अतिरिक्त वे बम्बई के शेरिफ़ भी चुने गये। .

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सुनील शेट्टी

सुनील शेट्टी (जन्म: 11 अगस्त, 1961) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं।i .

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सुरैया

सुरैया (१५ जून १९२९ – ३१ जनवरी २००४) भारतीय सिनेमा की गायिका और अभिनेत्री थीं। उन्होंने ४० और ५० के दशक में हिन्दी सिनेमा में अपना योगदान दिया। उन्हें उनकी प्रतिभा के लिए उपमहाद्वीप की मलिका-ए-तरान्नुम से नवाज़ा गया। ३१ जनवरी २००४ को सुरैया का निधन हो गया। .

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सुजाता

सुजाता एक प्रदत्त नाम है। इस नाम वाले लोग.

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स्मिता पाटिल

स्मिता पाटिल (जन्म: 17 अक्टूबर, 1955; निधन: 13 दिसम्बर, 1986) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। भारतीय संदर्भ में स्मिता पाटिल एक सक्रिय नारीवादी होने के अतिरिक्त मुंबई के महिला केंद्र की सदस्य भी थीं। वे महिलाओं के मुद्दों पर पूरी तरह से वचनबद्ध थीं और इसके साथ ही उन्होने उन फिल्मो मे काम करने को प्राथमिकता दी जो परंपरागत भारतीय समाज मे शहरी मध्यवर्ग की महिलाओं की प्रगति उनकी कामुकता तथा सामाजिक परिवर्तन का सामना कर रही महिलाओं के सपनों की अभिवयक्ति कर सकें.

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स्लमडॉग मिलियनेयर

स्लमडॉग मिलियनेयर 2008 में बनी अंग्रेज़ी भाषा की फिल्म है। अकॅडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज़ द्वारा प्रदत्त ८१वें अकेडेमी पुरस्कार (ऑस्कर पुरस्कार) समारोह में ८ पुरस्कार प्राप्त कर यह फ़िल्म सन २००८ की सबसे प्रसिद्ध फीचर फ़िल्म बन कर उभरी है। इस फ़िल्म की पृष्ठभूमि में मुंबई के झोपड़पट्टी में रहने वाले लोग हैं। यह फ़िल्म विकास स्वरुप के अंग्रेज़ी उपन्यास Q & A पर आधारित है। स्लमडॉग मिलियनेयर को ८१वें ऑस्कर पुरस्कार समारोह में १० श्रेणियों में नामांकित किया गया था। .

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स्वामी

स्वामी किसी संन्यासी या योगी को कहते हैं जो किसी धार्मिक/पंथिक समुदाय में दीक्षित हो गये हों। सबसे पहले 'स्वामी' शब्द का उपयोग उनके लिये हुआ था जो आदि शंकराचार्य द्वारा आरम्भ किये गये अद्वैत वेदान्ती सम्प्रदाय में दीक्षा लेते थे। श्रेणी:हिन्दू धर्म.

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सौदागर

सौदागर शब्द का तात्पर्य निम्न में से किसी से हो सकता है.

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सैफ़ अली ख़ान

सैफ़ अली ख़ान (जन्म: 16 अगस्त, 1970) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। उनके पिता मंसूर अली ख़ान पटौदी एक मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी एवं माँ शर्मिला टैगोर हिन्दी फ़िल्मों की मशहूर अभिनेत्री हैं। उनके पूर्वज पटौदी रियासत के नवाब थे | उन्होंने अपना शालेय जीवन लॉरेंस स्कूल, सनावर और लाकर्स पार्क स्कूल, हेर्टफोर्डशिरे,इंग्लैंड में पूरा किया | जिसके बाद महाविद्यालीन पढाई के लिए वह विंचेस्टर कॉलेज इंडिपेंडेंट स्कूल फॉर बॉयज इन यूनाइटेड किंगडम चले गए | अपनी पढ़ाई पूरी कर लौटने के बाद उन्होंने २ महीनो तक दिल्ली स्थित एक एडवरटाइजिंग फर्म के लिए काम किया | उसके बाद उनके पारिवारिक मित्र के कहने पर उन्होंने कपड़ो के ब्रांड "ग्वालियर सुइटिंग्स" के लिए कुछ विज्ञापनों में काम किया | पर किसी कारणवश वह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया और उन्हें मुंबई आना पड़ा | जहां से उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की | उनकी पहली फिल्म "परंपरा" १९९२ में रिलीज़ हुई थी, जो बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पायी। उन्होंने 2010 में पद्म श्री को चौथा सबसे बड़ा भारतीय नागरिक पुरस्कार प्राप्त किया। .

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सूरज का सातवाँ घोड़ा

श्रेणी:हिन्दी उपन्यास श्रेणी:धर्मवीर भारती सूरज का सातवाँ घोड़ा धर्मवीर भारती का प्रसिद्ध उपन्यास है। धर्मवीर भारती की इस लघु औपन्यासिक रचना में हितोपदेश और पंचतंत्रवाली शैली में ७ दोपहरी में कही गई कहानियों के रूप में एक उपन्यास निर्मित किया गया है। यह पुस्तक के रूप में भारतीय ज्ञानपीठ से इसे लघु उपन्यास की संज्ञा दी गयी है। कथानक की बुनावट उपन्यास की विषय–वस्तु को नए आयाम प्रदान करती है। ‘सूरज का सातवॉं घोड़ा’ भी भारत-ईरान की प्राचीन  शैलियों से प्रभावित माना जाता है। लेकिन, पुरानी किस्सागोई का यह तरीका –अलिफलैला, पंचतंत्र, दशकुमारचरित अथवा कथासरित्सागर – ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ की ऊपरी त्वचा मात्र है, इसे कथानक का बुनियादी ढाँचा नहीं माना जा सकता। एक दूसरी शैली भी इसमें परिलक्षित की जा सकती है- वह है, वीरगाथाओं या अन्य महाकाव्यों जैसी शैली, जिसमें रचनाकार अपनी रचनाओं का रचयिता ही नहीं वरन् घटनाओं के बीच स्वयं भी उपस्थित है। वह भोक्ता और रचयिता दोनों है। इस प्रकार रचना तटस्थ होने, निजी अनुभूति को सार्वजनिक अनुभव में तब्दील करने का दायित्व बन जाती है। ‘पृथ्वीराज रासो’ के रचयिता चंदवरदायी इसके महत्त्वपूर्ण्  चरित्र भी हैं, ठीक उसी तरह जैसे वाल्मीकि और तुलसी खुद को अपनी रचनाओं में उपस्थित कर देते हैं या कि संजय महाभारत के घटनाचक्र में मौजूद है।        ‘सूरज का सातवाँ घोडा’ के किस्से माणिक मुल्ला सुनाते हैं, लेकिन वे इन कहानियों के वक्ता मात्र ही नहीं – वे इनके बीच बड़ी शिद्दत से मौजूद हैं। वे इन कहानियों के भोक्ता भी हैं, ठीक वाल्मीकि, संजय और चंद की तरह। कहा जाता है कि ‘रासो’ को चंदवरदायी ने पूरा न कर यह काम अपने बेटे जल्हण को सौंप दिया था। ‘रासो’ के अंतिम अंश उसी के द्वारा लिखे गए, ठीक इसी प्रकार ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ की कहानियाँ हैं तो सुनाई हुई माणिक मुल्ला की, परंतु उन्हें प्रस्तुत करता है उनका एक श्रोता ’मैं’। ‘मैं’ ही इसका मूल लेखक है लेकिन वह रामचरित मानस के तुलसी की तरह, जो रामकथा के शिव-पार्वती संवाद के प्रस्तोता मात्र बन जाते हैं- हमारे सामने आता है। वह माणिक द्वारा सुनाई कहानियों (जो अपनी श्रृंखलाबद्धता के चलते एक लघु उपन्यास का रुप धारण कर लेती हैं) के बारे में कहता है कि “अंत में मैं यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि इस लघु उपन्यास की विषय-वस्तु में जो कुछ भलाई-बुराई हो उसका जिम्मा मुझ पर नहीं माणिक मुल्ला पर ही है। मैंने सिर्फ अपने ढंग से वह कथा आपके सामने रख दी है’’। यह लेखक–प्रस्तोता भी कथा में भले ही एक मामूली हैसियत से-एक श्रोता के रूप में- मौजूद है। रचना और रचनाकार भारतीय परंपरा में सहज आवाजाही करते रहे हैं। यह उपन्यास भी अपने कथानक की बुनावट में कथा और कथाकार की तद्रूपता को संभव होने देता है। यथार्थ और कल्पना एक दूसरे के पूरक होने लगते हैं। यदि कहा जाय कि मध्यवर्ग आधा यथार्थ और आधा स्वप्न में जीने वाला वर्ग है तो गलत न होगा। सृजन के लिए भी कल्पना और हकीकत का संयोग एक अनिवार्य स्थिति है। इसलिए मध्यवर्ग सर्वाधिक सृजनशील, स्वप्नजीवी और बदलावमूलक होता है । ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ इसी मध्यवर्ग की दास्तान – उसकी अंतर्विरोधी स्थितियों के साथ – हमारे सामने प्रस्तुत करता है। इस रचना के कथानक को नए कलेवर में बुना गया है। शुरूआत उपोद्घात से हुई है। उपोद्घात यानी प्रस्तावना, भूमिका। मुख्य कथा-अध्यायों के बीच में चार अनध्याय भी जोड़े गए हैं। इनके अतिरिक्त पूरी कथा सात दोपहरों में विभक्त है। सात दोपहर की कथा माणिक मुल्ला की है और उपोद्घात समेत चार अनध्याय उनके श्रोता ‘मैं’ की टिप्पणियाँ हैं। कुल मिलाकर बारह भागों में विभाजित यह कथा माणिक मुल्ला के जीवन समेत उनके संपर्क में आए प्रमुख चरित्रों- जमुना, लिली और सत्ती की जिंदगी पर प्रकाश डालती है। साथ ही, यह भी पता चलता है कि इन पात्रों से जुड़े संदर्भों पर माणिक मुल्ला के श्रोताओं की प्रतिक्रिया कैसी थी। अपनी इन्हीं मिली-जुली घटनाओं को लेकर यह उपन्यास आकार ग्रहण करता है।उपोद्घात में हमें माणिक मुल्ला के व्यक्तित्व, उनकी अभिरुचियों, किस्से गढ़ने की उनकी क्षमता और उनको सुनाने के अंदाज के बारे में जानकारी मिलती है। यहीं हमें यह भी पता चलता है कि, ‘’अगर काफी फुरसत हो, पूरा घर अधिकार में हो, चार मित्र बैठे हों, तो निश्चित है कि घूम-फिरकर वार्ता राजनीति पर आ टिकेगी और जब राजनीति में दिलचस्पी खत्म होने लगेगी तो गोष्ठी की वार्ता ‘प्रेम’ पर आ टिकेगी।लेकिन जहाँ तक साहित्यिक वार्ता का प्रश्न था, वे (माणिक मुल्ला) प्रेम को तरजीह दिया करते थे। इन कथनों से पता चलता है कि उपन्यास लेखन के लिए जरूरी उपकरण कौन से हैं। वे हैं- फुरसत का समय, ऐसे लोग जो स्वयं फुरसत में हों और इसे काटने के लिए किस्सों का सहारा चाह रहे हों, ऐसी जगह जहाँ बाहरी व्यवधान न हो। राजनीति, प्रेम और साहित्य उपन्यास के सहज-स्वाभाविक विषय हो सकते हैं। ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ की रचना इन्हीं उपकरणों के सहारे होती है। इसलिये यह कृति विराट सामाजिक प्रश्नों को नज़रअंदाज कर वैयक्तिक संदर्भों से रची जाती है। इसे महाकाव्यात्मक उपन्यास की श्रेणी में न रखकर लघु उपन्यास की श्रेणी में रखा गया है। आदर्श की स्थापना के बजाय यथार्थ का उदघाटन ही इसके केन्द्र में है। यह यथार्थ भी अपनी संवेदना और भावभूमि में लघुता को ही, रोजमर्रा की आम घटनाओं को ही अधिक उभारता है। माणिक मुल्ला समेत सभी चरित्र एक औसत चरित्र हैं,  वे अपनी दैनिक घटनाओं से ही इतने अभिभूत हैं कि देश-दुनिया और समाज  को अपनी निजी निगाहों से जाँचने-परखने का काम करते है। इसीलिए बड़े सामाजिक दर्शन की एक रिड्यूस्ड समझ उनकी बनती है। गिरिजा कुमार माथुर ने ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ के रचना-विधान को तीन कथा-वृत्तों में विभाजित किया है। ‘प्रथम कथावृत्त का केंद्र माणिक मुल्ला है। जमुना, लिली और तन्ना केंद्र के उपग्रह। दूसरे कथा-वृत्त का केंद्र भी माणिक मुल्ला है, सती, महेसर और चमन सिंह केंद्र के उपग्रह। तीसरा कथा-वृत्त ‘मैं’ का है, जिसके एक ओर मार्क्सवादी सिद्धांतों का व्यंग्यपूर्ण चित्रण है और दूसरी ओर व्यक्तिवादी कला-पक्ष। यह वृत्त गौण है। गिरिजा कुमार माथुर ने आगे इसकी शिल्पगत विशेषताओं का उल्लेख करते हुए टिप्पणी की है कि, “अनध्याय में ‘मैं’ ने सबके चरित्र का विश्लेषण किसी न किसी रूप में किया है, किंतु माणिक मुल्ला से उसका इतना मोह है कि कहीं भी उनका संतुलित विश्लेषण उसने नहीं होने दिया है।अर्थात कहानी रचने वाला ‘मैं’ नामक जो श्रोता है, वह उपन्यास के भीतर दावा तो यह करता है कि मैं माणिक कथा को ज्यों-का-त्यों प्रस्तुत कर रहा हूँ और टेकनीक समेत बाकी सभी वस्तुओं के लिए उसने माणिक मुल्ला को ही जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन वह तटस्थ नहीं रह सका। इस उपन्यास की संरचना में जैसे माणिक के बारे में प्रकाश का मत था कि, “हो न हो माणिक मुल्ला में भी हिंदी के अन्य कहानीकारों की तरह नारी के प्रति कुछ ऑब्सेशन है।” कुछ ऐसा ही ऑब्सेशन ‘मैं’ का माणिक के प्रति है। वह माणिक के विशिष्ट व्यक्तिव से अभिभूत है और संकल्पबद्ध होकर उनकी कहानियों को बचाने का उद्यम करता है । इस अनन्य श्रोता ‘मैं’ ने निश्चित ही इन कहानियों को महत्वपूर्ण माना है, इसीलिए माणिक मुल्ला के लापता होने पर उन्हें बचाने की दिशा में कलमबद्ध किया है। इसलिये ‘मैं’ को माणिक मुल्ला की कहानियों का तटस्थ प्रस्तोता नहीं माना जा सकता, वरन् ‘मैं’ और माणिक एक नहीं तो अधिकांशत: एक जैसे व्यक्ति हैं। इसीलिए माथुर तीसरे वृत्त को गौण मानते हैं। खैर, इस उपन्यास के मुख्य सरोकार माणिक की कहानियों के इर्द-गिर्द  ही विकसित होते हैं। वे देखने में सीमित लग सकते हैं लेकिन इससे कौन इंकार करेगा कि हमारी जिंदगी की अधिकतर ऊर्जा इन्हीं छोटी-मोटी समस्याओं को सुलझाने में निकल जाती है और मध्यवर्गी जनसमूह इन्हीं उपलब्धियों के द्वारा स्वयं को सार्थक महसूस कर पाता है। इसलिए ‘सूरज का सातवॉं घोड़ा’ लघुता में महत् के तलाश की उल्लेखनीय कृति बन जाती है, और मध्यवर्ग की अदम्य आकांक्षा को प्रतिबिंबित करती है।उपन्यास में लैाकिक मूल्यों की सक्रियता होती है। यथार्थवादी नजरिए के बिना उपन्यास की रचना संभव नहीं। उपन्यास को हम जीवन का कलात्मक विकल्प मान सकते हैं। एक उपन्यासकार घटनाओं, चरित्रों, परिस्थितियों, संवाद आदि के माध्यम से एक दुनिया अपने उपन्यास में बसाता है। ये चरित्र वास्तविक न होते हुए भी वास्तविकता का एहसास रचते हैं तथा ‘जीवन और समाज की जटिलताओं से जूझने का प्रमाण’ उपस्थित करते हैं। उपन्यासकार जिन विभिन्न तत्वों से अपनी औपन्यासिक दुनिया बनाता है, उनमें कथानक, कथोपकथन, देशकाल, शैली, और उद्देश्य महत्वपूर्ण होते हैं। नित्यानंद तिवारी का मानना है कि, “हर उपन्यासकार अपनी दृष्टि से जीवन की समस्याओं को चीरकर उनके भीतर से इन तत्वों का संगठन करता है। ये तत्व यांत्रिक फार्मूले नहीं । इनकी भूमिका नियामक नहीं, निर्देशक है। ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ में इन तत्वों की उपस्थिति एक संतुलित अनुपात में आती है, लेकिन निजता पूरे कथा-विन्यास में अधिक सक्रिय रहती है।‘.

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सेल्यूलर जेल

यह जेल अंडमान निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में बनी हुई है। यह अंग्रेजों द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को कैद रखने के लिए बनाई गई थी, जो कि मुख्य भारत भूमि से हजारों किलोमीटर दूर स्थित थी, व सागर से भी हजार किलोमीटर दुर्गम मार्ग पड़ता था। यह काला पानी के नाम से कुख्यात थी। .

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सोनम कपूर

सोनम कपूर जिनका जन्म भारत में महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर में 9 जून 1985 को हुआ था, भारतीय अभिनेत्री हैं जो बॉलीवुड की फिल्मों में दिखाई देती हैं। .

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सोनाक्षी सिन्हा

सोनाक्षी सिन्हा (जन्म २ जून १९८७) भारतीय अभिनेत्री और रैपर हैं। वो अभिनेता शत्रुघन सिन्हा और अभिनेत्री पूनम सिन्हा की पुत्री हैं। उन्होंने फ़िल्म दबंग (२०१०) से फ़िल्मों में पदार्पण किया जिसमें उन्हें सर्वश्रेष्ठ पदार्पण अभिनेत्री का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला। .

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सोहराब मोदी

सोहराब मोदी हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता, निर्माता व निर्देशक और भारतीय पारसी रंगमंच के एक कलाकार थे जो स्वयं एक पारसी थे। .

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सीता

सीता रामायण और रामकथा पर आधारित अन्य रामायण ग्रंथ, जैसे रामचरितमानस, की मुख्य पात्र है। सीता मिथिला के राजा जनक की ज्येष्ठ पुत्री थी। इनका विवाह अयोध्या के राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र राम से स्वयंवर में शिवधनुष को भंग करने के उपरांत हुआ था। इनकी स्त्री व पतिव्रता धर्म के कारण इनका नाम आदर से लिया जाता है। त्रेतायुग में इन्हे सौभाग्य की देवी लक्ष्मी का अवतार मानते हैं। .

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सीआईडी

सीआईडी नाम से निम्न लेख मौजूद हैं।;धारावाहिक.

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हम आपके हैं कौन

हम आपके हैं कौन एक भारतीय हिन्दी फिल्म है, जिसका निर्माण सूरज बड़जात्या ने 1994 में किया था। इस फिल्म में सलमान खान और माधुरी दीक्षित मुख्य किरदार में हैं। इस फिल्म को 5 अगस्त 1994 में सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया गया था। इसके बाद यह उस समय की बहुत बड़ी हिट फिल्म साबित हुई थी। 5 अगस्त 2014 को इसने अपने 20 साल पूरे कर लिए हैं। .

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हसन कमाल

हसन कमाल एक मशहूर भारतीय कवि और गीतकार है। 1985 में इनहों ने अपने गीत के लिये फिल्मफ़ेर पुरसकार प्राप्त किया। यह गीत फिल्म "आज की आवाज़" के लिये लिखा गया था (1984).

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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हिन्दी सिनेमा

हिन्दी सिनेमा, जिसे बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दी भाषा में फ़िल्म बनाने का उद्योग है। बॉलीवुड नाम अंग्रेज़ी सिनेमा उद्योग हॉलिवुड के तर्ज़ पर रखा गया है। हिन्दी फ़िल्म उद्योग मुख्यतः मुम्बई शहर में बसा है। ये फ़िल्में हिन्दुस्तान, पाकिस्तान और दुनिया के कई देशों के लोगों के दिलों की धड़कन हैं। हर फ़िल्म में कई संगीतमय गाने होते हैं। इन फ़िल्मों में हिन्दी की "हिन्दुस्तानी" शैली का चलन है। हिन्दी और उर्दू (खड़ीबोली) के साथ साथ अवधी, बम्बईया हिन्दी, भोजपुरी, राजस्थानी जैसी बोलियाँ भी संवाद और गानों में उपयुक्त होते हैं। प्यार, देशभक्ति, परिवार, अपराध, भय, इत्यादि मुख्य विषय होते हैं। ज़्यादातर गाने उर्दू शायरी पर आधारित होते हैं।भारत में सबसे बड़ी फिल्म निर्माताओं में से एक, शुद्ध बॉक्स ऑफिस राजस्व का 43% का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि तमिल और तेलुगू सिनेमा 36% का प्रतिनिधित्व करते हैं,क्षेत्रीय सिनेमा के बाकी 2014 के रूप में 21% का गठन है। बॉलीवुड भी दुनिया में फिल्म निर्माण के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है। बॉलीवुड कार्यरत लोगों की संख्या और निर्मित फिल्मों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी फिल्म उद्योगों में से एक है।Matusitz, जे, और पायानो, पी के अनुसार, वर्ष 2011 में 3.5 अरब से अधिक टिकट ग्लोब जो तुलना में हॉलीवुड 900,000 से अधिक टिकट है भर में बेच दिया गया था। बॉलीवुड 1969 में भारतीय सिनेमा में निर्मित फिल्मों की कुल के बाहर 2014 में 252 फिल्मों का निर्माण। .

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हंटरवाली

हंटरवाली मुम्बई की वाडिया मूविटोन द्वार निर्मित १९३५ की एक हिन्दी स्टंट फिल्म है जिसमें मेरी एन इवांस, जो निडर नाडिया के नाम से पुकारी जाती थीं, ने मुख्य किरदार निभाया था। इस फिल्म के जरिये वाडिया मूविटोन के नाडिया व वाडिया बंधु खासे नामचीन हो गये। हंटरवाली नाडिया के लिये मुख्य भूमिका में पहली फिल्म थी। उन्होंने फिल्म में कई स्टंट खुद किये जिसके कारण दर्शकों से उन्हें काफी सराहना मिली और यह फिल्म सुपरहिट हुई। हंटरवाली की बेटी इस फिल्म की अगली कड़ी (सीक्वल) है। .

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हृदय

कोरोनरी धमनियों के साथ मानव हृदय. हृदय या हिया या दिल एक पेशीय (muscular) अंग है, जो सभी कशेरुकी (vertebrate) जीवों में आवृत ताल बद्ध संकुचन के द्वारा रक्त का प्रवाह शरीर के सभी भागो तक पहुचाता है। कशेरुकियों का ह्रदय हृद पेशी (cardiac muscle) से बना होता है, जो एक अनैच्छिक पेशी (involuntary muscle) ऊतक है, जो केवल ह्रदय अंग में ही पाया जाता है। औसतन मानव ह्रदय एक मिनट में ७२ बार धड़कता है, जो (लगभग ६६वर्ष) एक जीवन काल में २.५ बिलियन बार धड़कता है। इसका भार औसतन महिलाओं में २५० से ३०० ग्राम और पुरुषों में ३०० से ३५० ग्राम होता है। .

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हैदराबाद

हैदराबाद (तेलुगु: హైదరాబాదు,उर्दू: حیدر آباد) भारत के राज्य तेलंगाना तथा आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी है, जो दक्कन के पठार पर मूसी नदी के किनारे स्थित है। प्राचीन काल के दस्तावेजों के अनुसार इसे भाग्यनगर के नाम से जाना जाता था। आज भी यह प्राचीन नाम अत्यन्त ही लोकप्रिय है। कहा जाता है कि किसी समय में इस ख़ूबसूरत शहर को क़ुतुबशाही परम्परा के पाँचवें शासक मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने अपनी प्रेमिका भागमती को उपहार स्वरूप भेंट किया था, उस समय यह शहर भागनगर के नाम से जाना जाता था। भागनगर समय के साथ हैदराबाद के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसे 'निज़ामों का शहर' तथा 'मोतियों का शहर' भी कहा जाता है। यह भारत के सर्वाधिक विकसित नगरों में से एक है और भारत में सूचना प्रौधोगिकी एवं जैव प्रौद्यौगिकी का केन्द्र बनता जा रहा है। हुसैन सागर से विभाजित, हैदराबाद और सिकंदराबाद जुड़वां शहर हैं। हुसैन सागर का निर्माण सन १५६२ में इब्राहीम कुतुब शाह के शासन काल में हुआ था और यह एक मानव निर्मित झील है। चारमीनार, इस क्षेत्र में प्लेग महामारी के अंत की यादगार के तौर पर मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने १५९१ में, शहर के बीचों बीच बनवाया था। गोलकुंडा के क़ुतुबशाही सुल्तानों द्वारा बसाया गया यह शहर ख़ूबसूरत इमारतों, निज़ामी शानो-शौक़त और लजीज खाने के कारण मशहूर है और भारत के मानचित्र पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी अलग अहमियत रखता है। निज़ामों के इस शहर में आज भी हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक सौहार्द्र से एक-दूसरे के साथ रहकर उनकी खुशियों में शरीक होते हैं। अपने उन्नत इतिहास, संस्कृति, उत्तर तथा दक्षिण भारत के स्थापत्य के मौलिक संगम, तथा अपनी बहुभाषी संस्कृति के लिये भौगोलिक तथा सांस्कृतिक दोनों रूपों में जाना जाता है। यह वह स्थान रहा है जहां हिन्दू और मुसलमान शांतिपूर्वक शताब्दियों से साथ साथ रह रहे हैं। निजामी ठाठ-बाट के इस शहर का मुख्य आकर्षण चारमीनार, हुसैन सागर झील, बिड़ला मंदिर, सालारजंग संग्रहालय आदि है, जो देश-विदेश इस शहर को एक अलग पहचान देते हैं। यह भारतीय महानगर बंगलौर से 574 किलोमीटर दक्षिण में, मुंबई से 750 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में तथा चेन्नई से 700 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। किसी समय नवाबी परम्परा के इस शहर में शाही हवेलियाँ और निज़ामों की संस्कृति के बीच हीरे जवाहरात का रंग उभर कर सामने आया तो कभी स्वादिष्ट नवाबी भोजन का स्वाद। इस शहर के ऐतिहासिक गोलकुंडा दुर्ग की प्रसिद्धि पार-द्वार तक पहुँची और इसे उत्तर भारत और दक्षिणांचल के बीच संवाद का अवसर सालाजार संग्रहालय तथा चारमीनार ने प्रदान किया है। वर्ष २०११ की जनगणना के अनुसार इस महानगर की जनसंख्या ६८ लाख से अधिक है। .

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हेमा मालिनी

हेमा मालिनी हेमा मालिनी हिन्दी फ़िल्मजगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। इन्होंने अपने फ़िल्म कैरियर की शुरुआत राज कपूर के साथ फ़िल्मसपनों का सौदागर से की। 1981 में इन्होंने अभिनेता धर्मेन्द्र से विवाह किया। ये अब भी फ़िल्मों में सक्रिय हैं। ये भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सांसद चुनी गईं हैं। हेमा मालिनी वर्तमान में मथुरा (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा की सांसद हे प्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना हेमा मालिनी बालीवुड की उन गिनी, चुनी अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिनमें सौंदर्य और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है। लगभग चार दशक के कैरियर में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया लेकिन कैरियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा था। जब एक निर्माता-निर्देशक ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। (ड्रीमगर्ल) हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनमें स्टार अपील नहीं है। बाद में सत्तर के दशक में इसी निर्माता-निर्देशक ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उन्हें लेकर 1973 में (गहरी चाल) फिल्म का निर्माण किया। हेमा मालिनी फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए 1968 तक संघर्ष करती रहीं लेकिन उन्हें काम नहीं मिला। वह साल उनके सिने कैरियर का सुनहरा वर्ष साबित हुआ जब उन्हें सुप्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक और अभिनेता राजकपूर की फिल्म (सपनों का सौदागर) में पहली बार नायिका के रूप में काम करने का मौका मिला। फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा मालिनी को। ड्रीम गर्ल.

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हॉलीवुड

हॉलीवुड में एक पहाड़ी पर प्रसिद्ध चिह्न हॉलीवुड संयुक्त राज्य अमरीका के फ़िल्म उद्योग का नाम है। इसका नाम कैलिफ़ोर्निया में लॉस एंजेलेस के एक जिले पर रखा गया है जहाँ पर बहुत सारे फ़िल्म स्टूडियो स्थापित हैं। 19वीं सदी में थॉमस ऐल्वा ऐडिसन ने काइनेटोस्कोप ईजाद किया और इसके पेटेन्ट के सहारे फ़िल्म निर्माताओं से बहुत बड़ी-बड़ी फ़ीस माँगीं। इनसे बचने के लिए कई फ़िल्म कम्पनियाँ कैलिफ़ोर्निया के हॉलीवुड जिले में आकर स्थापित हो गईं। आजकल अधिकतर फ़िल्म उद्योग पास ही में बुर्बैंक और वेस्टसाइड में चला गया है, लेकिन बहुत से काम अब भी हॉलीवुड में ही होते हैं। हॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध पुरस्कार अकादमी पुरस्कार हैं, जिन्हें ऑस्कर पुरस्कार के नाम से भी जाना जाता है। .

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जबलपुर

जबलपुर भारत के मध्यप्रदेश राज्य का एक शहर है। यहाँ पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय तथा राज्य विज्ञान संस्थान है। इसे मध्यप्रदेश की संस्कारधानी भी कहा जाता है। थलसेना की छावनी के अलावा यहाँ भारतीय आयुध निर्माणियों के कारखाने तथा पश्चिम-मध्य रेलवे का मुख्यालय भी है। .

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जय हो

जय हो स्लमडॉग मिलियनेयर नामक ऑस्कर पुरस्कृत बॉलीवुड के एक चलचित्र में आये गीत का नाम है। ये गीत गुलजार द्वारा लिखा गया था। गीत का संगीत रहमान ने दिया था। श्रेणी:गीत.

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जया बच्चन

जया बच्चन (जया भादुरी, विवाह पूर्व) हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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ज़ोया अख़्तर

जोया अख्तर एक समकालीन भारतीय फिल्म निर्देशक हैं। उन्होंने सर्वप्रथम उन्होंने लक बाइ चांस (2009) नामक फ़िल्म से अपना निर्देशन का कार्य आरम्भ किया। 2011 में, उन्होंने समीक्षात्मक और वाणिज्यिक रूप से सफल फ़िल्म ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा का निर्देशन किया और फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार जीता। .

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ज़ीनत अमान

ज़ीनत अमान (जन्म: 19 नवंबर, 1951) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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जापान

जापान, एशिया महाद्वीप में स्थित देश है। जापान चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों का एक समूह है। ये द्वीप एशिया के पूर्व समुद्रतट, यानि प्रशांत महासागर में स्थित हैं। इसके निकटतम पड़ोसी चीन, कोरिया तथा रूस हैं। जापान में वहाँ का मूल निवासियों की जनसंख्या ९८.५% है। बाकी 0.5% कोरियाई, 0.4 % चाइनीज़ तथा 0.6% अन्य लोग है। जापानी अपने देश को निप्पॉन कहते हैं, जिसका मतलब सूर्योदय है। जापान की राजधानी टोक्यो है और उसके अन्य बड़े महानगर योकोहामा, ओसाका और क्योटो हैं। बौद्ध धर्म देश का प्रमुख धर्म है और जापान की जनसंख्या में 96% बौद्ध अनुयायी है। .

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जावेद जाँनिसार अख्तर

जावेद अख्तर हिन्दी फिल्मों के एक गीतकार हैं। .

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जितेन्द्र

जितेन्द्र (जन्म: 7 अप्रैल, 1942) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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ज्वार-भाटा

धरती पर स्थित सागरों के जल-स्तर का सामान्य-स्तर से ऊपर उठना ज्वार तथा नीचे गिरना भाटा कहलाता है। ज्वार-भाटा की घटना केवल सागर पर ही लागू नहीं होती बल्कि उन सभी चीजों पर लागू होतीं हैं जिन पर समय एवं स्थान के साथ परिवर्तनशील गुरुत्व बल लगता है। (जैसे ठोस जमीन पर भी) पृथ्वी, चन्द्रमा और सूर्य की पारस्परिक गुरुत्वाकर्षण शक्ति की क्रियाशीलता ही ज्वार-भाटा की उत्पत्ति का प्रमुख कारण हैं। .

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जूही चावला

रूह अफ़ज़ा लॉन्च २००८ में जूही चावला जूही चावला (जन्म: 13 नवंबर, 1967) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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जेल यात्रा

जेल यात्रा 1947 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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जॉय मुखर्जी

जॉय मुखर्जी (জয় মুখার্জী; २४ फ़रवरी १९३९ – ९ मार्च २०१२) एक भारतीय फिल्म अभिनेता थे। .

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जीवन (अभिनेता)

जीवन (ओंकार नाथ धर) 1915-1987) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता कलाकार थे। वह किरण कुमार के पिता हैं। .

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वर्षा

वर्षा (Rainfall) एक प्रकार का संघनन है। पृथ्वी के सतह से पानी वाष्पित होकर ऊपर उठता है और ठण्डा होकर पानी की बूंदों के रूप में पुनः धरती पर गिरता है। इसे वर्षा कहते हैं। .

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वहीदा रहमान

वहीदा रहमान (जन्म: 14 मई, 1938) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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वांटेड

वांटेड २००९ मे क्राइम एक्शन हिन्दी फ़िल्म है जो डायरेक्टर प्रभु देवा द्वारा फिल्मायी गयी है| इस फिल्म मे सलमान खान, आयशा टाकिया,प्रकाश राज, विनोद खन्ना,महेश मांजरेकर ने मुख्य भूमिका अदा की है। इस फिल्म मे सलमान खान ने एक आईपीएस अफसर की भूमिका निभायी है| यह फिल्म एक तेलुगु फिल्म पोक्किरि का रिमेक है|यह फिल्म १८ सितम्बर २००९ को रिलीज हुई थी, और जिसने रिलीज होने के साथ बोक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड दिए और वो भी सलमान खान के वापसी पर| वान्टेड वर्ष २००९ की बॉलीवुड की दुसरी सबसे बडी ग्रॉसिग फिल्म थी| .

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विद्या बालन

विद्या बालन (तमिल:வித்யா, பாலன், मलयालम:വിദ്യ ബാല൯, हिन्दी:1 जनवरी, 1980 को जन्मी विद्या बालन एक पुरस्कार - विजेता भारतीय अभिनेत्री है जो बॉलीवुड फिल्मों में दिखायी दे रही है। बालन, अपने केरियर की शुरुआत म्यूजिक विडियोस, सोअप ओपेरस और कॉमर्शियल विज्ञापन से की और उसने फ़िल्म के क्षेत्र में बंगाली फ़िल्म, भालो थेको (Bhalo Theko) (2003) से अपने केरियर की शुरुआत की, जिसके लिए फिल्मी आलोचकों ने उनकी भूरी - भूरि प्रशंसा की Iबाद में उसने हिन्दी फिल्मों में अपना केरियर फ़िल्म परिणीता (Parineeta) (2005) से शुरुआत की, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ उभरती अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया और उनकी पहली सफल व्यवसायिक फ़िल्म थी राजकुमार हिरानी (Rajkumar Hirani) की लगे रहो मुन्नाभाई (2006) Iइस प्रकार बालन ने अपने - आपको एक सफल अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया I .

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विधाता

विधाता का अर्थ है संसार का बनानेवाला अर्थात भगवन। .

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विश्वजीत

विश्वजीत बांग्ला व हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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वैजयन्ती माला

वैजयन्ती माला बाली (जन्म: 13 अगत 1936 --) को अधिकांश रूप से एक ही नाम "वैजयन्ती" के नाम से जाना जाता है, एक हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री रही हैं और एक राजनीतिज्ञा हैं। वह भरतनाट्यम की नृत्यांगना, कर्नाटक गायिका, नृत्य प्रशिक्षक और सांसद की भी भूमिका निभा चुकी हैं। उसने अपनी शुरुआत तमिल भाषीय फ़िल्म "वड़कई" से 1949 में की। इसके पश्चात उसने तमिल फ़िल्म "जीवितम" में 1950 में काम किया। इसके बाद वह दक्षिण भारत की प्रमुख नायिकाओं में से एक बनी और बॉलिवुड के सुनहरे दौर की अभिनेत्रियों में एक रही। वैजयन्ती माला हिन्दी फ़िल्मों पर लगभग दो दशकों तो राज करती रही। दक्षिण भारत से आकर राष्ट्रीय अभिनेत्री का दर्जा पाने वह पहली महिला हैं। वैजयन्ती माला एक प्रसिद्ध नृत्यांगना है। उसी ने हिन्दी फ़िल्मों में अर्थ-शास्त्रीय नृत्य के लिए जगह बनाई। वैजयन्ती माला के थिरकते पाँवों ने उसे "ट्विन्कल टोज़" (twinkle toes) का खिताब दिलाया। 1950-1960 के दशके उसे प्रथम श्रेणी की नायिका के नाम से जाना जाता था। .

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वेल्कम टू सज्जनपुर (2008 फ़िल्म)

वेल्कम टू सज्जनपुर 2008 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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वी शांताराम

शांताराम राजाराम वणकुद्रे (18 नवंबर 1 9 01 - 30 अक्टूबर 1990), जिसे वी.

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खिलौना

सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेषों से मिला एक प्राचीन खिलौना खिलौना ऐसी किसी भी वस्तु को कहा जा सकता है जिस से खेलकर आनंद हो। खिलौनों को अक्सर बच्चों से सम्बंधित समझा जाता है लेकिन बड़े लोग भी इनका प्रयोग करते हैं। भारत में खिलौनों का प्रयोग अति-प्राचीन है और सिन्धु घाटी सभ्यता के खंडहरों से भी यह प्राप्त हुए हैं।, John Marshall, Asian Educational Services, 1996, ISBN 978-81-206-1179-5,...

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गमन (1978 फ़िल्म)

गमन (गमन) एक बॉलीवुड की १९७८ में बनी फिल्म थी। .

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गाँधीनगर

गाँधीनगर भारत के गुजरात प्रान्त की राजधानी है। यह भारत का दूसरा ऐसा शहर है जीसे पूरी तरह आयोजन से बसाया गया हे। इसे 'हरित नगर' (ग्रीन सीटी) कहा जाता है। सचिवालय और मंत्रियों के निवास भी यहाँ पर हैं। महात्मा गाँधी की याद में इस शहर का नाम 'गांधीनगर' रखा गया है। यहाँ के अधिकांश लोग सरकारी एवं प्राइवेट नौकरी करते हैं। यहाँ के लोग काफी शांत हैं। गांधीनगर अहमदाबाद शहर से 35 किलोमीटर पूर्वोत्तर में साबरमती नदी के दाएँ तट पर स्थित है। साबरमती नदी के पश्चिमी तट पर स्थित गुजरात की राजधानी गांधीनगर का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नाम पर रखा गया है। 649 वर्ग किलोमीटर में फैले गांधीनगर को चंडीगढ़ के बाद भारत का दूसरा नियोजित शहर माना जाता है। चंडीगढ़ को डिज़ाइन करने वाले फ्रेंच वास्तुशिल्प ली कोरबुसियन ने इस शहर को भी डिज़ाइन किया था। .

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गजनी (2008 फ़िल्म)

ग़जनी (घजनी) गीता आर्ट्स के बैनर तले बनी ए.आर. मुरुगाडोस द्वारा निर्देशित एवं निर्मित 2008 की एक बॉलीवुड फिल्म है। तमिल फिल्म जो मुरुगाडोस द्वारा ही निर्देशित थी, इसी नाम से बनी ग़जनी की पटकथा क्रिस्टोफ़र नोलन द्वारा लिखित तथा निर्देशित हॉलीवुड की फिल्म "मेमेंटो" पर आधारित है। इसकी मुख्य भूमिका में आमिर खान और असिन है जबकि जिया खान, प्रदीप रावत और रियाज़ खान सहायक भूमिकाओं में हैं। आमिर खान ने इस भूमिका के लिए अपने निजी प्रशिक्षक के साथ लगातार एक साल अपनी निजी व्यायामशाला में प्रशिक्षण के लिए बिताया। यह फिल्म मारधाड़ वाली अपने रोमांटिक तत्वों के साथ एक्शन-थ्रिलर फिल्म है जो कि उच्च प्रकृति के पूर्व स्मृति लोप (एंटीरोग्रेड एम्नेसिया) रोग से ग्रस्त एक अमीर व्यापारी की जिंदगी की छानबीन करती है, जिसे यह रोग अपनी प्रेयसी मॉडल कल्पना की एक हिंसक मुठभेड़ में हत्या के कारण हो जाता है। वह पोलोरोयड इंस्टैंट कैमरा के फोटोग्राफ्स एवं चिरस्थायी टैटूज के जरिये हत्या का बदला लेने की कोशिश करता है। आमिर खान का चरित्र ग़जनी द गेम शीर्षक वाले 3-डी वीडियो गेम में, जो इसी फिल्म पर आधारित है, विशेष स्थान पाएगा. .

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गंगा जमना

जब कोई कलाकार अपनी अभिनय प्रतिभा से दर्शक के दिल में स्थायी जगह बना ले तो वह यादगार कहानी बन जाती है.

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गुलज़ार (गीतकार)

ग़ुलज़ार नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (जन्म-१८ अगस्त १९३६) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। उनकी रचनाए मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खङी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होने रचनाये की। गुलजार को वर्ष २००२ में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। .

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गुजरात

गुजरात (गुजराती:ગુજરાત)() पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा जो अन्तर्राष्ट्रीय सीमा भी है, पाकिस्तान से लगी है। राजस्थान और मध्य प्रदेश इसके क्रमशः उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में स्थित राज्य हैं। महाराष्ट्र इसके दक्षिण में है। अरब सागर इसकी पश्चिमी-दक्षिणी सीमा बनाता है। इसकी दक्षिणी सीमा पर दादर एवं नगर-हवेली हैं। इस राज्य की राजधानी गांधीनगर है। गांधीनगर, राज्य के प्रमुख व्यवसायिक केन्द्र अहमदाबाद के समीप स्थित है। गुजरात का क्षेत्रफल १,९६,०७७ किलोमीटर है। गुजरात, भारत का अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। कच्छ, सौराष्ट्र, काठियावाड, हालार, पांचाल, गोहिलवाड, झालावाड और गुजरात उसके प्रादेशिक सांस्कृतिक अंग हैं। इनकी लोक संस्कृति और साहित्य का अनुबन्ध राजस्थान, सिंध और पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के साथ है। विशाल सागर तट वाले इस राज्य में इतिहास युग के आरम्भ होने से पूर्व ही अनेक विदेशी जातियाँ थल और समुद्र मार्ग से आकर स्थायी रूप से बसी हुई हैं। इसके उपरांत गुजरात में अट्ठाइस आदिवासी जातियां हैं। जन-समाज के ऐसे वैविध्य के कारण इस प्रदेश को भाँति-भाँति की लोक संस्कृतियों का लाभ मिला है। .

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गुजराती भाषा

गुजराती भारत की एक भाषा है जो गुजरात राज्य, दीव और मुंबई में बोली जाती है। गुजराती साहित्य भारतीय भाषाओं के सबसे अधिक समृद्ध साहित्य में से है। भारत की दूसरी भाषाओं की तरह गुजराती भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है। वहीं इसके कई शब्द ब्रजभाषा के हैं ऐसा भी माना जाता है की इसका जन्म ब्रजभाषा में से भी हुआ अर्थात संस्कृत और ब्रजभाषा के मिले जुले शब्दों से गुजरातीे भाषा का जन्म हुआ। दूसरे राज्य एवं विदेशों में भी गुजराती बोलने वाले लोग निवास करते हैं। जिन में पाकिस्तान, अमेरिका, यु.के., केन्या, सिंगापुर, अफ्रिका, ऑस्ट्रेलीया मुख्य है। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मातृभाषा गुजराती थी। गुजराती बोलने वाले भारत के दूसरे महानुभावों में पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मुहम्मद अली जिन्ना, महर्षि दयानंद सरस्वती, मोरारजी देसाई, नरेन्द्र मोदी, धीरु भाई अंबानी भी सम्मिलित है। .

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गुवाहाटी

गुवाहाटी असम राज्य की राजधानी शहर है। यह ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसा, पूर्वोत्तर भारत का मुख्य शहर है। यह नगर प्राचीन हिंदू मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। इस आधुनिक संसार में, जहां सभी कुछ हाइटैक है, वहाँ पिकॉक आइलैंड में बने सुंदर शिव मंदिर में छेनी की धार और हाथ के कौशल से वास्तुकला के आश्चर्यजनक काम की तुलना करना एक कठिन काम है। प्राचीन काल में इस महानगर् को प्राग्ज्योतिस्पुर के नाम से जाना जाता था, जो की प्राचीन असम (कामरूप) की राजधानी थी। .

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ग्रैमी पुरस्कार

कोई विवरण नहीं।

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गोल्डन ग्लोब पुरस्कार

हर साल हॉलीवुड फॉरेन प्रेस एसोसिएशन (एचएफपीए) (हॉलीवुड विदेशी प्रेस संघ) मनोरंजन जगत में विशेष उपलब्धियों के लिए देशी-विदेशी कलाकारों, फिल्मों को गोल्डेन ग्लोब पुरस्कार से सम्मानित करता है। पहला गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जनवरी १९४४ को लॉस एंजिल्स में आयोजित हुआ था। इस बार ११ जनवरी २००९ को बेवेरली हिल्टन होटल कैलिफोर्निया में दिया गया गोल्डन पुरस्कार ६६वाँ अवॉर्ड है। हर बार जनवरी में दिए जानेवाले इस अवॉर्ड को ९० अंतराष्ट्रीय पत्रकारों के मतों (वोट्स) के आधार पर दिया जाता है। ये पत्रकार हॉलीवुड और अमेरिका के बाहर के मीडिया द्वारा संबंद्धता प्राप्त होते हैं। अकादमी पुरस्कार (एकेडमी अवॉर्ड) की सीमा एक जनवरी से शुरू होती है लेकिन गोल्डन ग्लोब की एक अक्टूबर से। श्रेणी:फ़िल्म पुरस्कार.

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गोवा

right गोवा या गोआ (कोंकणी: गोंय), क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने खूबसूरत समुंदर के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिये जाना जाता है। गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया। .

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गोविंद निहलानी

गोविंद निहलानी (जन्म: 19 अगस्त, 1940) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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ओड़िया भाषा

ओड़िआ, उड़िया या ओडिया (ଓଡ଼ିଆ, ओड़िआ) भारत के ओड़िशा प्रान्त में बोली जाने वाली भाषा है। यह यहाँ के राज्य सरकार की राजभाषा भी है। भाषाई परिवार के तौर पर ओड़िआ एक आर्य भाषा है और नेपाली, बांग्ला, असमिया और मैथिली से इसका निकट संबंध है। ओड़िसा की भाषा और जाति दोनों ही अर्थो में उड़िया शब्द का प्रयोग होता है, किंतु वास्तव में ठीक रूप "ओड़िया" होना चाहिए। इसकी व्युत्पत्ति का विकासक्रम कुछ विद्वान् इस प्रकार मानते हैं: ओड्रविषय, ओड्रविष, ओडिष, आड़िषा या ओड़िशा। सबसे पहले भरत के नाट्यशास्त्र में उड्रविभाषा का उल्लेख मिलता है: "शबराभीरचांडाल सचलद्राविडोड्रजा:। हीना वनेचराणां च विभाषा नाटके स्मृता:।" भाषातात्विक दृष्टि से उड़िया भाषा में आर्य, द्राविड़ और मुंडारी भाषाओं के संमिश्रित रूपों का पता चलता है, किंतु आज की उड़िया भाषा का मुख्य आधार भारतीय आर्यभाषा है। साथ ही साथ इसमें संथाली, मुंडारी, शबरी, आदि मुंडारी वर्ग की भाषाओं के और औराँव, कुई (कंधी) तेलुगु आदि द्राविड़ वर्ग की भाषाओं के लक्षण भी पाए जाते हैं। .

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ओडिशा

ओड़िशा, (ओड़िआ: ଓଡ଼ିଶା) जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। ओड़िशा उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। यह उसी प्राचीन राष्ट्र कलिंग का आधुनिक नाम है जिसपर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था और युद्ध में हुये भयानक रक्तपात से व्यथित हो अंतत: बौद्ध धर्म अंगीकार किया था। आधुनिक ओड़िशा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 को कटक के कनिका पैलेस में भारत के एक राज्य के रूप में हुई थी और इस नये राज्य के अधिकांश नागरिक ओड़िआ भाषी थे। राज्य में 1 अप्रैल को उत्कल दिवस (ओड़िशा दिवस) के रूप में मनाया जाता है। क्षेत्रफल के अनुसार ओड़िशा भारत का नौवां और जनसंख्या के हिसाब से ग्यारहवां सबसे बड़ा राज्य है। ओड़िआ भाषा राज्य की अधिकारिक और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भाषाई सर्वेक्षण के अनुसार ओड़िशा की 93.33% जनसंख्या ओड़िआ भाषी है। पाराद्वीप को छोड़कर राज्य की अपेक्षाकृत सपाट तटरेखा (लगभग 480 किमी लंबी) के कारण अच्छे बंदरगाहों का अभाव है। संकीर्ण और अपेक्षाकृत समतल तटीय पट्टी जिसमें महानदी का डेल्टा क्षेत्र शामिल है, राज्य की अधिकांश जनसंख्या का घर है। भौगोलिक लिहाज से इसके उत्तर में छोटानागपुर का पठार है जो अपेक्षाकृत कम उपजाऊ है लेकिन दक्षिण में महानदी, ब्राह्मणी, सालंदी और बैतरणी नदियों का उपजाऊ मैदान है। यह पूरा क्षेत्र मुख्य रूप से चावल उत्पादक क्षेत्र है। राज्य के आंतरिक भाग और कम आबादी वाले पहाड़ी क्षेत्र हैं। 1672 मीटर ऊँचा देवमाली, राज्य का सबसे ऊँचा स्थान है। ओड़िशा में तीव्र चक्रवात आते रहते हैं और सबसे तीव्र चक्रवात उष्णकटिबंधीय चक्रवात 05बी, 1 अक्टूबर 1999 को आया था, जिसके कारण जानमाल का गंभीर नुकसान हुआ और लगभग 10000 लोग मृत्यु का शिकार बन गये। ओड़िशा के संबलपुर के पास स्थित हीराकुंड बांध विश्व का सबसे लंबा मिट्टी का बांध है। ओड़िशा में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थल स्थित हैं जिनमें, पुरी, कोणार्क और भुवनेश्वर सबसे प्रमुख हैं और जिन्हें पूर्वी भारत का सुनहरा त्रिकोण पुकारा जाता है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर जिसकी रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है और कोणार्क के सूर्य मंदिर को देखने प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। ब्रह्मपुर के पास जौगदा में स्थित अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख और कटक का बारबाटी किला भारत के पुरातात्विक इतिहास में महत्वपूर्ण हैं। .

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ओम पुरी

ओम पुरी हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। इनका जन्म 18 अक्टूबर 1950 में अम्बाला, पंजाब (अब हरियाणा) में हुआ। इन्होने ब्रिटिश तथा अमेरिकी सिनेमा में भी योगदान किया है। ये पद्मश्री पुरस्कार विजेता भी हैं, जोकि भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में चौथा पुरस्कार है। दिल का दौरा पड़ने के कारण 6 जनवरी 2017 को 66 साल की उम्र में इनका निधन हो गया। - नवभारत टाइम्स - 6 जनवरी 2016 .

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ओम प्रकाश

ओम प्रकाश (१९ दिसम्बर १९१९ – २१ फ़रवरी १९९८) भारतीय हिन्दी सिनेमा के हास्य अभिनेता थे। उन्होंने हावड़ा ब्रिज (१९५८), दस लाख (१९६६), प्यार किये जा (१९६६), पड़ोसन (१९६८), चुपके चुपके (१९७५), नमक हलाल (१९८२), गोलमाल (१९७९), चमेली की शादी (१९८६), शराबी (१९८४) और लावारिस (१९८१) सहित अनेकों सफल फ़िल्मों में अभिनय किया। .

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ओम शिवपुरी

ओम शिवपुरी हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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आदित्य चोपड़ा

आदित्य चोपड़ा हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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आनन्द

आनंद उस व्यापक मानसिक स्थितियों की व्याख्या करता है जिसका अनुभव मनुष्य और अन्य जंतु सकारात्मक, मनोरंजक और तलाश योग्य मानसिक स्थिति के रूप में करते हैं। इसमें विशिष्ट मानसिक स्थिति जैसे सुख, मनोरंजन, ख़ुशी, परमानंद और उल्लासोन्माद भी शामिल है। मनोविज्ञान में, आनंद सिद्धांत के तहत आनंद का वर्णन सकारात्मक पुर्नभरण क्रियाविधि के रूप में किया गया है जो जीव को भविष्य में ठीक वैसी स्थिति निर्माण करने के लिए उत्साहित करती है जिसे उसने अभी आनंदमय अनुभव किया। इस सिद्धांत के अनुसार, इस प्रकार जीव उन स्थितियों की पुनरावृत्ति नहीं करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं जिससे उन्हें भूतकाल में किसी प्रकार का संताप हुआ हो.

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आन्ध्र प्रदेश

आन्ध्र प्रदेश ఆంధ్ర ప్రదేశ్(अनुवाद: आन्ध्र का प्रांत), संक्षिप्त आं.प्र., भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित राज्य है। क्षेत्र के अनुसार यह भारत का चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या की दृष्टि से आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में (1600 कि॰मी॰) होते हुए, दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट (972 कि॰मी॰) है। हैदराबाद केवल दस साल के लिये राजधानी रहेगी, तब तक अमरावती शहर को राजधानी का रूप दे दिया जायेगा। आन्ध्र प्रदेश 12°41' तथा 22°उ॰ अक्षांश और 77° तथा 84°40'पू॰ देशांतर रेखांश के बीच है और उत्तर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में तमिल नाडु और पश्चिम में कर्नाटक से घिरा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से आन्ध्र प्रदेश को "भारत का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहाँ की फसल का 77% से ज़्यादा हिस्सा चावल है। इस राज्य में दो प्रमुख नदियाँ, गोदावरी और कृष्णा बहती हैं। पुदु्चेरी (पांडीचेरी) राज्य के यानम जिले का छोटा अंतःक्षेत्र (12 वर्ग मील (30 वर्ग कि॰मी॰)) इस राज्य के उत्तरी-पूर्व में स्थित गोदावरी डेल्टा में है। ऐतिहासिक दृष्टि से राज्य में शामिल क्षेत्र आन्ध्रपथ, आन्ध्रदेस, आन्ध्रवाणी और आन्ध्र विषय के रूप में जाना जाता था। आन्ध्र राज्य से आन्ध्र प्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया। फरवरी 2014 को भारतीय संसद ने अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी दे दी। तेलंगाना राज्य में दस जिले तथा शेष आन्ध्र प्रदेश (सीमांन्ध्र) में 13 जिले होंगे। दस साल तक हैदराबाद दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी होगी। नया राज्य सीमांन्ध्र दो-तीन महीने में अस्तित्व में आजाएगा अब लोकसभा/राज्यसभा का 25/12सिट आन्ध्र में और लोकसभा/राज्यसभा17/8 सिट तेलंगाना में होगा। इसी माह आन्ध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो गया जो कि राज्य के बटवारे तक लागू रहेगा। .

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आमिर ख़ान

आमिर खान (नस्तालीक़: عامر خان) (जन्म आमिर हुसैन खान; मार्च 14, 1965) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, पटकथा लिखनेवाले, कभी कभी गायक और आमिर खान प्रोडक्सनस के संस्थापक-मालिक है। अपने चाचा नासिर हुसैन की फ़िल्म यादों की बारात (1973) में आमिर खान एक बाल कलाकार की भूमिका में नज़र आए थे और ग्यारह साल बाद खान का करियर फ़िल्म होली (1984) से आरम्भ हुआ उन्हें अपने चचेरे भाई मंसूर खान के साथ फ़िल्म क़यामत से क़यामत तक (1988) के लिए अपनी पहली व्यवसायिक सफलता मिली और उन्होंने फ़िल्म में एक्टिंग के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ मेल नवोदित पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ नवोदित पुरूष कलाकार के लिए फ़िल्मफेयर पुरस्कार) जीता। पिछले आठ नामांकन के बाद 1980 और 1990 के दौरान, खान को राजा हिन्दुस्तानी (1996), के लिए पहला फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला जो अब तक की उनकी एक बड़ी व्यवसायिक सफलता थी। उन्हें बाद में फिल्मफेयर कार्यक्रम में दूसरा सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और लगान में उनके अभिनय के लिए 2001 में कई अन्य पुरस्कार मिले और अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। अभिनय से चार साल का सन्यास लेने के बाद, केतन मेहता की फ़िल्म द रायजिंग (2005) से खान ने वापसी की। २००७ में, वे निर्देशक के रूप में फ़िल्म तारे ज़मीन पर का निर्देशन किया, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार दिया गया। कई कॉमर्शियल सफल फ़िल्मों का अंग होने के कारण और बहुत ही अच्छा अभिनय करने के कारण, वे हिन्दी सिनेमा के एक प्रमुख अभिनेता बन गए हैं। .

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आशा पारेख

आशा पारेख (जन्म 2 अक्टूबर 1942) एक बॉलीवुड अभिनेत्री, निर्माता और निर्देशक हैं। वह 1959 से 1973 के मध्य सर्वश्रेष्ठ तारिकाओं में से एक थीं। 1992 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री के साथ सम्मानित किया गया। आशा पारेख हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। .

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आशा भोंसले

आशा भोंसले (जन्म: 8 सितम्बर 1933) हिन्दी फ़िल्मों की मशहूर पार्श्वगायिका हैं। लता मंगेशकर की छोटी बहन और दीनानाथ मंगेशकर की पुत्री आशा ने फिल्मी और गैर फिल्मी लगभग 16 हजार गाने गाये हैं और इनकी आवाज़ के प्रशंसक पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। हिंदी के अलावा उन्होंने मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा के भी अनेक गीत गाए हैं। आशा भोंसले ने अपना पहला गीत वर्ष 1948 में सावन आया फिल्म चुनरिया में गाया। आशा की विशेषता है कि इन्होंने शास्त्रीय संगीत, गजल और पॉप संगीत हर क्षेत्र में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा है और एक समान सफलता पाई है। उन्होने आर॰ डी॰ बर्मन से शादी की थी। .

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आशुतोष गोवरिकर

आशुतोष गोवरिकर हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता, लेखक एवं निर्देशक हैं। .

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आसिफ

आसिफ,भारत के उत्तर प्रदेश की पंद्रहवी विधानसभा सभा में विधायक रहे। 2007 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के शाहाबाद विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से बसपा की ओर से चुनाव में भाग लिया। .

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आग

जंगल की आग आग दहनशील पदार्थों का तीव्र ऑक्सीकरण है, जिससे उष्मा, प्रकाश और अन्य अनेक रासायनिक प्रतिकारक उत्पाद जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और जल.

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आक्रमण

आक्रमण का अर्थ होता है धावा। .

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इफ़्तेख़ार

इफ़्तेख़ार हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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कन्नड़

कोई विवरण नहीं।

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कन्नड़ भाषा

कन्नड़ (ಕನ್ನಡ) भारत के कर्नाटक राज्य में बोली जानेवाली भाषा तथा कर्नाटक की राजभाषा है। यह भारत की उन २२ भाषाओं में से एक है जो भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में साम्मिलित हैं। name.

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कमल हासन

कमल हासन (जन्म 7 नवम्बर 1954 को परमकुडी, मद्रास राज्य, भारत में) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता, पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्माता, भारतीय सिनेमा के प्रमुख, किरदार को जीने वाले अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं। कमल हासन, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सहित कई भारतीय फ़िल्म पुरस्कारों के विजेता के तौर पर जाने जाते हैं और उन्हें सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म के लिए अकादमी पुरस्कार प्रतियोगिता में भारत द्वारा प्रस्तुत सर्वाधिक फिल्मों वाले अभिनेता होने का गौरव प्राप्त है। अभिनय और निर्देशन के अलावा, वे एक पटकथा लेखक, गीतकार, पार्श्वगायक और कोरियोग्राफर हैं। उनकी फ़िल्म निर्माण कंपनी, राजकमल इंटरनेशनल ने उनकी कई फ़िल्मों का निर्माण किया। कमल हासन ने अपने 63वें जन्मदिन पर एक ऐप लॉन्च किया, जिसका नाम है 'मय्यम व्हिसल'.

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करण जौहर

करण जौहर करण जौहर (जन्म: 25 मई, 1975) हिन्दी एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक, उत्पादक, चलचित्र लेखक, कॉस्ट़्यूम दिज़ाइनर, अभिनेता और टिवि होस्ट है। वह हिरू जौहर और यश जौहर के पुत्र है। वह धर्मा प्रोडक्शन्स कम्पनी के मुखिया भी है। वह भारत और विश्व के सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले फिल्मो का उत्पादन करने के लिये प्रसिद्ध है। इनमे से चार फिल्मे, जिनमे शाहरुख खान अभिनेता के पात्र मे मौजूद है, विदेशी फिल्म उद्योग मे भारत के सबसे ज़्यादा कमाने वाले उत्पादन मे से है। इन फिल्मो कि कामयाबी के कारण, करण जोहर को भारतीय सिनेमा का पश्चिम अनुभूति मे बदलाव लाने के लिए श्रेय दिया गया है। आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' नामक फिल्म मे अभिनेता के पात्र मे करण जोहर ने फिल्मो मे शुरुआत किया था। उन्होंने बाद मे बेहद सफल रोमानी कॉमेडी, कुछ कुछ होता है के साथ अपने निर्देशन जीविका की शुरुआत की। इस फिल्म से उसे सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिये और सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिये फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। उनकी दूसरी फिल्मे परिवारिक नाटक, कभी खुशी कभी ग़म (२००१) और रोमांटिक नाटक, कभी अलविदा ना कहना (२००६) थे। कभी अलविदा ना कहना (2006) व्यभिचार के विषय के साथ जुडा हुआ एक फिल्म था। दोनों ही फिल्मों ने भारत और विदेशों में प्रमुख वित्तीय सफलताए प्राप्त की। इस प्रकार जौहर ने बॉलीवुड के सबसे सफल फिल्म निर्माताओं के तालिका में खुद को स्थापित कर लिया। उनकी चौथी फिल्म माइ नेम इज़ ख़ान (२०१०) को सकारात्मक समीक्षा मिली और उस फिल्म ने दुनिया भर मे २०० करोड़ रुपये कमाए। इन सब के कारण्, वह खुद को भारतीय सिनेमा में सबसे सफल निर्देशक और निर्माता के रूप में स्थापित किया है। यही सूचना के कारण उन्होने अपनी पहली फिल्म कुछ कुछ होता है बनाई। करण जौहर एक कुशल निर्देशक के रूप मे जाने जाते है। .

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करिश्मा कपूर

करिश्मा कपूर हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। वह प्रसिद्ध कपूर ख़ानदान से हैं और करीना कपूर की बड़ी बहन हैं। करिश्मा को उनके उपनाम लोलो से भी जाना जाता है। इनका जन्म 25 जून 1974 को मुम्बई में हुआ था। इन्हौंने बॉलीवुड की कई प्रसिद्ध और इनाम जीतने वाली फ़िल्मों में काम किया है। .

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कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

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करीना कपूर

करीना कपूर (जन्म: २१ सितम्बर १९८०) बॉलीवुड फिल्मों में काम करने वाली एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं। कपूर फ़िल्म परिवार में जन्मी करीना ने अभिनय की शुरुआत साल २००० में रिलीज़ हुई फ़िल्म रिफ्युज़ी के साथ की। इस फ़िल्म में अपने अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू यानि उस साल अपने अभिनय जीवन की शुरुआत करने वाली अभिनेत्रियों में से सर्वश्रेष्ठ अभिनत्री का पुरस्कार भी मिला। साल २००१ में, अपनी दूसरी फ़िल्म मुझे कुछ कहना है रिलीज़ होने के साथ ही, कपूर को अपनी पहली व्यावसायिक सफलता मिली। इसके बाद इसी साल आई करन जौहर की नाटक से भरपूर फ़िल्म कभी खुशी कभी ग़म में भी करीना नज़र आयीं। ये फ़िल्म उस साल विदेशों में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्म बन गई और साथ ही करीना के लिए ये तब तक की सबसे बड़ी व्यावसायिक सफलता थी। २००२ और २००३ में लगातार कई फिल्मों की असफलता और एक जैसी भूमिकाएं करने की वजह से करीना को समीक्षालों से काफ़ी नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं, उसके बाद करीना ने एक जैसी भूमिकाओं या टाईपकास्ट (typecast) से बचने के लिए ज्यादा मेहनत वाली और कठिन भूमिकाएं लेना शुरू कर दिया। फ़िल्म चमेली (Chameli) में देह व्यापार करने वाली एक लड़की की भूमिका ने उनके करियर की दिशा बदल दी। इस फ़िल्म में अपने अभिनय के लिए उन्हें फ़िल्मफेयर स्पेशल परफोर्मेंस अवार्ड या फ़िल्मफेयर विशिष्ट प्रदर्शन पुरस्कार (Filmfare Special Performance Award) भी मिला। इसके बाद, फ़िल्म समीक्षकों द्वारा बहुप्रशंसित फिल्मों देव और ओंकारा में अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर समारोह में आलोचकों की दृष्टि से दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार (Critics Awards for Best Actress) भी मिले। २००४ और २००६ के बीच अभिनय के क्षेत्र में इतनी अलग-अलग तरह की भूमिकाएं करने के बाद उन्हें बहुमुखी प्रतिभा की धनी अभिनेत्री के रूप में जाना जाने लगा। वर्ष २००७ में, कपूर ने व्यावसायिक दृष्टि से बेहद सफल रही कॉमेडी-रोमांस फ़िल्म जब वी मेट में अपने प्रदर्शन के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार जीता.बॉक्स ऑफिस पर कमाई करने के मामले में भले ही उनकी फिल्मों का प्रदर्शन काफी अलग अलग रहा हो लेकिन करीना ख़ुद को हिन्दी फ़िल्म उद्योग में आज कल की अग्रणी फ़िल्म अभिनेत्री के रूप में स्थापित करने में सफल रही हैं। .

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कल्पना

विगत प्रत्यक्षानात्मक अनुभवों (पास्ट पर्सेप्चुअल एक्स्पीरिएन्सेज़) का बिंबों और विचारों (इमेजेज़ ऐंड आइडियाज़) के रूप में, विचारणात्मक स्तर पर, रचनात्मक नियोजन कल्पना (इमैजिनेशन) है। कल्पना की मानसिक प्रक्रिया के अतंर्गत वास्तव में दो प्रकार की मानसिक प्रक्रियाएँ निहित हैं – प्रथम, विगत संवेदनशीलताओं का प्रतिस्मरण, बिंबों एवं विचारों के रूप अर्थात स्मृति, द्वितीय, उन प्रतिस्मृत अनुभवों की एक नए संयोजन में रचना। लेकिन कल्पना में इन दोनों प्रकार की क्रियाओं का इतना अधिक सम्मिश्रण रहता है कि न तो इनका अलग-अलग अध्ययन ही किया जा सकता है और न इनकी अलग-अलग स्पष्ट अनुभूति ही व्यक्तिविशेष को हो पाती है। इसी कारण कल्पना को एक उच्चस्तरीय जटिल प्रकार की मानसिक प्रक्रिया कहा जाता है। .

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क़यामत से क़यामत तक

कयामत से कयामत तक सन् 1988 की हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन मंसूर खान ने किया है और निर्माण उनके पिता नासिर हुसैन ने किया है। इसमें नासिर के भतीजे और मंसूर के चचेरे भाई आमिर खान और जूही चावला मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म आलोचनात्मक प्रशंसा के साथ जारी हुई थी और यह एक बड़ी व्यावसायिक सफलता भी थी। इसने आमिर और जूही को बेहद लोकप्रिय सितारों में बदल दिया था। इसकी कहानी आधुनिक रूप में रची गई दुखद रूमानी कहानियों लैला और मजनू, हीर राँझा और रोमियो और जूलियट पर आधारित है। क़यामत से क़यामत तक हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर थी। 1990 के दशक में हिंदी सिनेमा को परिभाषित करने वाली संगीतमय रोमांस फिल्मों की रूपरेखा इसी को माना जाता है। आनंद-मिलिंद द्वारा रचित, फिल्म का साउंडट्रैक समान रूप से सफल और लोकप्रिय था। इसने सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निदेशक सहित ग्यारह नामांकनों से आठ फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। .

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कामिनी कौशल

कामिनी कौशल (16 जनवरी, 1927) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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कालिदास

कालिदास संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की और उनकी रचनाओं में भारतीय जीवन और दर्शन के विविध रूप और मूल तत्व निरूपित हैं। कालिदास अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण राष्ट्र की समग्र राष्ट्रीय चेतना को स्वर देने वाले कवि माने जाते हैं और कुछ विद्वान उन्हें राष्ट्रीय कवि का स्थान तक देते हैं। अभिज्ञानशाकुंतलम् कालिदास की सबसे प्रसिद्ध रचना है। यह नाटक कुछ उन भारतीय साहित्यिक कृतियों में से है जिनका सबसे पहले यूरोपीय भाषाओं में अनुवाद हुआ था। यह पूरे विश्व साहित्य में अग्रगण्य रचना मानी जाती है। मेघदूतम् कालिदास की सर्वश्रेष्ठ रचना है जिसमें कवि की कल्पनाशक्ति और अभिव्यंजनावादभावाभिव्यन्जना शक्ति अपने सर्वोत्कृष्ट स्तर पर है और प्रकृति के मानवीकरण का अद्भुत रखंडकाव्ये से खंडकाव्य में दिखता है। कालिदास वैदर्भी रीति के कवि हैं और तदनुरूप वे अपनी अलंकार युक्त किन्तु सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके प्रकृति वर्णन अद्वितीय हैं और विशेष रूप से अपनी उपमाओं के लिये जाने जाते हैं। साहित्य में औदार्य गुण के प्रति कालिदास का विशेष प्रेम है और उन्होंने अपने शृंगार रस प्रधान साहित्य में भी आदर्शवादी परंपरा और नैतिक मूल्यों का समुचित ध्यान रखा है। कालिदास के परवर्ती कवि बाणभट्ट ने उनकी सूक्तियों की विशेष रूप से प्रशंसा की है। thumb .

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काजोल देवगन

(बांग्ला: কাজল দেবগন Kajol Debgon, काजोल हिंदी फ़िल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं जिनका जन्म 5 अगस्त 1974 को हुआ था। उनकी माँ तनुजा अभिनेत्री थी और नानी शोभना समर्थ भी अभिनेत्री थीं। उनकी छोटी बहिन तनिषा भी अब फिल्मों मैं काम कर रही हैं। उनके पिता का नाम शोमू मुखर्जी है। वे फिल्में बनाते थे। काजोल ने अपना फिल्मी सफ़र फिल्म बेखुदी से शुरू किया जिसमें उनके पात्र का नाम राधिका था। वह फिल्म तो नहीं चली पर उनकी बाद की फिल्में बहुत प्रसिद्ध हुईं। जैसे कि बाज़ीगर और दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे। उहोंने अपने सहकर्मी और प्रेमी, अजय देवगन से २४ फरवरी 1999 को विवाह किया था। उनकी एक छोटी बेटी है जिसका नाम न्यसा है। उनके नाम कुल ६ फिल्मफेयर और उनमें से ५ सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार हैं जो की एक कीर्तिमान है। वह यह कीर्तिमान अपनी मौसी नूतन के साथ साझा करती हैं। .

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किशोर कुमार

किशोर कुमार (जन्म: 4 अगस्त, 1929 खंडवा मध्यप्रदेश निधन: 13 अक्टूबर, 1987) भारतीय सिनेमा के मशहूर पार्श्वगायक समुदाय में से एक रहे हैं। वे एक अच्छे अभिनेता के रूप में भी जाने जाते हैं। हिन्दी फ़िल्म उद्योग में उन्होंने बंगाली, हिंदी, मराठी, असमी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू सहित कई भारतीय भाषाओं में गाया था। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 8 फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते और उस श्रेणी में सबसे ज्यादा फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। उसी साल उन्हें मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उस वर्ष के बाद से मध्यप्रदेश सरकार ने "किशोर कुमार पुरस्कार"(एक नया पुरस्कार) हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए चालु कर दिया था। .

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किसान कन्या

किसान कन्‍या भारत की पहली स्‍वदेश निर्मित रंगीन फिल्‍म थी श्रेणी:हिन्दी फ़िल्में.

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किस्मत

किसमत का तात्पर्य निम्न में से किसी से हो सकता है.

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कविता कृष्णमूर्ति

कविता कृष्णमूर्ति(जन्म:१९५८) भारतीय सिनेमा की एक महत्वपूर्ण पार्श्वगायिका है।कविता जब आठ साल की थीं तो उन्होंने एक गायन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता। तभी से वह बड़ी होकर एक मशहूर गायिका बनने का सपना देखने लगी थीं। .

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कुन्दन लाल सहगल

कुन्दन लाल सहगल (११ अप्रैल, १९०४ - १८ जनवरी, १९४७) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध गायक-अभिनेता थे। इन्हें हिंदी फिल्म उद्योग जो तत्कालीन समय के दौरान कोलकाता में केंद्रित था, का पहला सुपरस्टार माना जाता था। वर्ष २०१८ में उनके ११४वें जन्मदिन के अवसर को गूगल ने डूडल बना कर मनाया। .

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कुमार सानु

कुमार सानु (पूरा नाम केदारनाथ भट्टाचार्य) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैं। इन्होंने अपने गाने की शुरुआत वर्ष 1989 में शुरू की। 2009 में इन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री भी मिल चुका है। .

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कृष्ण

बाल कृष्ण का लड्डू गोपाल रूप, जिनकी घर घर में पूजा सदियों से की जाती रही है। कृष्ण भारत में अवतरित हुये भगवान विष्णु के ८वें अवतार और हिन्दू धर्म के ईश्वर हैं। कन्हैया, श्याम, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता हैं। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, एक आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्ज महान पुरुष थे। उनका जन्म द्वापरयुग में हुआ था। उनको इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष युगपुरुष या युगावतार का स्थान दिया गया है। कृष्ण के समकालीन महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत और महाभारत में कृष्ण का चरित्र विस्तुत रूप से लिखा गया है। भगवद्गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद है जो ग्रंथ आज भी पूरे विश्व में लोकप्रिय है। इस कृति के लिए कृष्ण को जगतगुरु का सम्मान भी दिया जाता है। कृष्ण वसुदेव और देवकी की ८वीं संतान थे। मथुरा के कारावास में उनका जन्म हुआ था और गोकुल में उनका लालन पालन हुआ था। यशोदा और नन्द उनके पालक माता पिता थे। उनका बचपन गोकुल में व्यतित हुआ। बाल्य अवस्था में ही उन्होंने बड़े बड़े कार्य किये जो किसी सामान्य मनुष्य के लिए सम्भव नहीं थे। मथुरा में मामा कंस का वध किया। सौराष्ट्र में द्वारका नगरी की स्थापना की और वहाँ अपना राज्य बसाया। पांडवों की मदद की और विभिन्न आपत्तियों में उनकी रक्षा की। महाभारत के युद्ध में उन्होंने अर्जुन के सारथी की भूमिका निभाई और भगवद्गीता का ज्ञान दिया जो उनके जीवन की सर्वश्रेष्ठ रचना मानी जाती है। १२५ वर्षों के जीवनकाल के बाद उन्होंने अपनी लीला समाप्त की। उनकी मृत्यु के तुरंत बाद ही कलियुग का आरंभ माना जाता है। .

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कृष्णा

कोई विवरण नहीं।

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कैफ़ी आज़मी

कैफ़ी आज़मी (असली नाम: अख्तर हुसैन रिजवी) उर्दू के एक अज़ीम शायर थे। उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिए भी कई प्रसिद्ध गीत व ग़ज़लें भी लिखीं, जिनमें देशभक्ति का अमर गीत -"कर चले हम फिदा, जान-ओ-तन साथियों" भी शामिल है। .

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केरल

केरल (मलयालम: കേരളം, केरळम्) भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। मलयालम (മലയാളം, मलयाळम्) यहां की मुख्य भाषा है। हिन्दुओं तथा मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य एक खूबसूरत भूभाग स्थित है, जिसे केरल के नाम से जाना जाता है। इस राज्य का क्षेत्रफल 38863 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ मलयालम भाषा बोली जाती है। अपनी संस्कृति और भाषा-वैशिष्ट्य के कारण पहचाने जाने वाले भारत के दक्षिण में स्थित चार राज्यों में केरल प्रमुख स्थान रखता है। इसके प्रमुख पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। पुदुच्चेरी (पांडिचेरि) राज्य का मय्यष़ि (माहि) नाम से जाता जाने वाला भूभाग भी केरल राज्य के अन्तर्गत स्थित है। अरब सागर में स्थित केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का भी भाषा और संस्कृति की दृष्टि से केरल के साथ अटूट संबन्ध है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं। जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया। उस समय मलाबार प्रदेश मद्रास राज्य (वर्तमान तमिलनाडु) का एक जिला मात्र था। नवंबर 1956 में तिरुकोच्चि के साथ मलाबार को भी जोड़ा गया और इस तरह वर्तमान केरल की स्थापना हुई। इस प्रकार 'ऐक्य केरलम' के गठन के द्वारा इस भूभाग की जनता की दीर्घकालीन अभिलाषा पूर्ण हुई। * केरल में शिशुओं की मृत्यु दर भारत के राज्यों में सबसे कम है और स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है (2001 की जनगणना के आधार पर)।.

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केष्टो मुखर्जी

केष्टो मुखर्जी हिन्दी फ़िल्मों के एक हास्य अभिनेता थे। .

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कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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कोल्हापुर

thumb कोल्हापुर महाराष्ट्र प्रान्त का एक शहर है। मुंबई से 400 किलोमीटर दूर कोल्‍हापुर महाराष्‍ट्र का एक जिला है। मुंबई से पास होने के कारण बड़ी संख्‍या में पर्यटक सप्‍ताहंत में यहां आते हैं। यह स्‍थान ऐतिहासिक तथा धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्‍वपूर्ण है। कोल्‍हापुर का मराठी कला के क्षेत्र में बहुत महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है। विशेष रूप से कोल्‍हापुरी हस्‍तशिल्‍प बहुत प्रसिद्ध है। कोल्‍हापुरी चप्‍पलें तो देश विदेश में मशहूर हैं ही। प्रकृ‍ति, इतिहास, संस्‍कृति और आध्‍यात्‍म से रूबरू कराता कोल्‍हापुर सभी आयु के लोगों को कुछ न कुछ अवश्‍य देता है। .

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कोंकणी भाषा

कोंकणी गोवा, महाराष्ट्र के दक्षिणी भाग, कर्नाटक के उत्तरी भाग, केरल के कुछ क्षेत्रों में बोली जाती है। भाषायी तौर पर यह 'आर्य' भाषा परिवार से संबंधित है और मराठी से इसका काफी निकट का संबंध है। राजनैतिक तौर पर इस भाषा को अपनी पहचान के लिये मराठी भाषा से काफी संघर्ष करना पड़ा है। अब भारतीय संविधान के तहत कोंकणी को आठवीं अनुसूची में स्थान प्राप्त है। १९८७ में गोवा में कोंकणी को मराठी के बराबर राजभाषा का दर्जा दिया गया किन्तु लिपि पर असहमति के कारण आजतक इस पर अमल नहीं किया जा सका। कोंकणी अनेक लिपियों में लिखी जाती रही है; जैसे - देवनागरी, कन्नड, मलयालम और रोमन। गोवा को राज्य का दर्जा मिलने के बाद दवनागरी लिपि में कोंकणी को वहाँ की राजभाषा घोषित किया गया है। .

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अदूर गोपालाकृष्णन

मौतात्थु अदूर गोपालाकृष्णन उन्नीथन (जन्म- जुलाई 3, 1941) छह बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके भारतीय फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता हैं। उनकी अधिकतर फिल्में दुनियाभर में मुश्किल से ही रिलीज हो पाई हैं। अदूर गोपालाकृष्णन ने बहुत कम ही फिल्म समारोहों में हिस्सा लिया। उनकी फिल्मी लोगों से कम ही मिलना-जुलना होता है। श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अनिल कपूर

अनिल कपूर (जन्म: 24 दिसंबर, 1959) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। .

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अनुपमा

अनुपमा का तात्पर्य निम्न में से किसी से हो सकता है.

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अनुभव

प्रयोग अथवा परीक्षा द्वारा प्राप्त ज्ञान अनुभव कहलाता है। प्रत्यक्ष ज्ञान अथवा बोध। स्मृति (याददास्त) से भिन्न ज्ञान। तर्कसंग्रह के अनुसार ज्ञान के दो भेद हैं - स्मृति और अनुभव। संस्कार मात्र से उत्पन्न ज्ञान को स्मृति और इससे भिन्न ज्ञान को अनुभव कहते हैं। अनुभव के दो भेद हैं - यथार्थ अनुभव तथा अयथार्थ अनुभव। प्रथम को प्रमा तथा द्वितीय को अप्रमा कहते हैं। यथार्थ अनुभव के चार भेद हैं- (1) प्रत्यक्ष, (2) अनुमिति, (3) उपमिति, तथा (4) शाब्द इनके अतिरिक्त मीमांसा के प्रसिद्ध आचार्य प्रभाकर के अनुयायी अर्थपत्ति, भाट्टमतानुयायी अनुपलब्धि, पौराणिक सांभविका और ऐतिह्यका तथा तांत्रिक चंष्टिका को भी यथार्थ अनुभव के भेद मानते हैं। इन्हें क्रम से प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान, शब्द, अर्थापत्ति, अनुलब्धि, संभव, ऐतिह्य तथा चेष्टा से प्राप्त किया जा सकता है। अयथार्थ अनुभव के तीन भेद हैं- (1) संशय, (2) विपर्यय तथा (3) तर्क। संदिग्ध ज्ञान को संशय, मिथ्या ज्ञान को विपर्यय एवं ऊह (संभावना) को तर्क कहते है। .

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अनुराधा पौडवाल

अनुराधा पौडवाल हिन्दी सिनेमा की एक प्रमुख पार्श्वगायिका हैं। इन्होंने फिल्म कैरियर की शुरुआत की फ़िल्म अभिमान से, जिसमें इन्होंने जया भादुड़ी के लिए एक श्लोक गाया। यह श्लोक उन्होंने संगीतकार सचिन देव वर्मन के निर्देशन में गाया था। उसके बाद उन्होंने 1974 में अपने पति संगीतकार अरुण पौडवाल के संगीत निर्देशन में भगवान समाये संसार में फ़िल्म में मुकेश ओर महेंद्र कपूर के साथ गाया। .

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अनुराग कश्यप

अनुराग सिंह कश्यप (जन्म 10 सितम्बर 1972) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश कें गोरखपुर जिले में हुआ और वह विभिन्न शहरों में पले-बढे। उन्होनें अपनी शिक्षा देह्ररादून और ग्वालियर में की और उनकी कुछ फिल्मों में इन शहरों की छाप देखने को मिलती हैं, विशेष रूप से गैग्स ऑफ वासेपुर, जहाँ उन्होनें उस घर का प्रयोग किया जहाँ वह पले-बढे। फिल्में देखने का शौक उनहें बचपन से ही था, पर यह स्कूली शिक्षा के के द्वारान छूट गाया। यह शौक दोबरा कॉलेज में जागृत हुआ। यहाँ एक थिएटर टोली से संगठित होकर जब वह एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में उपस्थित हुए तो उनमें फिल्मे' बनाने की चेतान जागी। यहीँ से उनकी कैरियर की शुरुआत हुई। टेलीविजन सीरियल के लिए लिखने के बाद, अनुराग को रामगोपाल वर्मा के अपराध नाटक फिल्म सत्या में सह-लेखन का कार्य मिला। उन्होंने अपने निर्देशन का कार्य फिल्म पाँच से शुरुआत की। जो कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के कारण प्रदर्शित नहीं हो सकी। इसके बाद उन्होंने 1993 के मुंबई पर बम विस्फोट के बारे में हुसैन जैदी लिखित पुस्तक पर आधारित एक फिल्म ब्लैक फ्राइडे (2007) का निर्देशन किया। लेकिन इसका प्रदर्शन केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा लंबित किए जाने के कारण 2 साल बाद हो सका, लेकिन 2007 में प्रदर्शित होने के बाद इसे काफी सराहना प्राप्त हुई। इसके बाद अनुराग ने नो स्मोकिंग (2007) बनाई जिसने बॉक्स ऑफिस पर खराब प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने देवदास के आधुनिक संस्करण पर आधारित पर फिल्म देव डी (2009) बनाई जिसे काफी व्यवसायिक सफलता प्राप्त हुई। उसके बाद उन्होंने एक राजनीतिक नाटक फिल्म गुलाल (2009) और दैट गर्ल इन यैलो बूट्स (2011) फिल्मों का भी निर्देशन किया। 2012 में आई उनकी फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर-भाग १ और भाग २ ने इनके निर्देशन का नया किर्तीमान बनाया। इस फिल्म ने न केवल व्यवसायिक रुप से सफल रही बल्कि समीक्षकों ने भी इसे काफी सराहा। .

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अनुष्का शर्मा

अनुष्का शर्मा (जन्म 1 मई 1988) एक मॉडल और बॉलीवुड फिल्म उद्योग की एक अभिनेत्री है। इन्होंने अपना अभिनय का सफर २००८ मे प्रदर्शित हिन्दी फिल्म रब ने बना दी जोड़ी के साथ शुरु किया था जो आदित्य चोपड़ा द्वारा बनाई गई थी। इसके बात उन्हें अपनी श्रुति कक्कड द्वारा बनाई गई फ़िल्म बैंड बाजा बारात (२०१०) के लिए काफ़ी सराहा गया। दोनों ही फ़िल्मों ने इन्हें फ़िल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का नामांकन दिलाया।अनुष्का शर्मा ने 11 दिसंबर 2017 को प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी विराट कोहली के साथ विवाह किया था। उत्तरप्रदेश के अयोध्या में जन्मे और पले-बढ़े, शर्मा 2007 में फैशन डिजाइनर वेंडेल रॉड्रिक्स के लिए एक मॉडल के रूप में उन्हें पहला ब्रेक मिला और मॉडलिंग में करियर बनाने के लिए मुंबई चले गए। यशराज फिल्म्स में एक सफल ऑडिशन के बाद, वह प्रोडक्शन हाउस के साथ तीन फिल्मों का करार पर हस्ताक्षर किए और रब ने बना दी जोड़ी (2008) में शाहरुख खान के सामने उसे स्क्रीन शुरुआत की। फिल्म में उसे सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। उसके अगले दो भूमिकाओं यशराज फिल्म्स के बैनर तले भी थे - बदमाश कंपनी (2010) और बैंड बाजा बारात (2010)। .

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अनूप कुमार

अनूप कुमार हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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अपर्णा सेन

अपर्णा सेन (बांग्ला: অপর্ণা সেন ओपॉर्णा शेन) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

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अबोध

अबोध 1984 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह फिल्म माधुरी दीक्षित की पहली फिल्म होने के लिये जानी जाती है। .

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अभिषेक बच्चन

अभिषेक बच्चन (जन्म: ५ फ़रवरी १९७६, मुंबई), एक भारतीय हिन्दी फिल्मो के अभिनेता हैं। वह भारतीय अभिनेता अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के बेटे हैं। उनकी पत्नी पूर्व मिस वर्ल्ड एवं अभिनेत्री ऐश्वर्या राय हैं। बच्चन ने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत जे पि दत्ता की रिफ्यूजी (२०००) से की.

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अमित कुमार

अमित कुमार एक भारतीय फिल्म पार्श्व गायक, अभिनेता, निर्देशक और संगीत निर्देशक हैं। वह भारतीय गायक और अभिनेता किशोर कुमार और बंगाली गायक और अभिनेत्री रुमा गुहा ठाकुर के पुत्र हैं। अपने पिता की तरह, अमित कलकत्ता में दुर्गा पूजा समारोह के दौरान गाने के लिए गायन और बचपन से गाया करते थे। एक बार जब वह बंगाली अभिनेता उत्तम कुमार द्वारा आयोजित एक दुर्गा पूजा समारोह में मंच पर प्रदर्शन कर रहे थे, लोग ज्यादा गाने की मांग कर रहे थे और यह जानकारी उसकी मां तक ​​पहुंच गई। उसने किशोर कुमार से शिकायत की कि उनका बेटा "फिल्मी" गाने गा रहा था। सुनकर, किशोर कुमार ने उसे बंबई में लाने का फैसला किया। .

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अमिता नाँगिया

अमिता नाँगिया हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.

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अमीषा पटेल

अमीषा पटेल हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। इनका जन्म 9 जून 1976 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ था। .

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अरब

* अरब देश - मध्यपूर्व के देश जहाँ अरबी भाषा बोली जाती है।.

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अर्थ

अर्थ जीवन के चार पुरुषार्थों (लक्ष्यों) में से एक। अन्य तीन पुरुषार्थ हैं - धर्म, काम एवं मोक्ष .

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अलका याज्ञिक

अलका याज्ञिक भारतीय सिनेमा की एक प्रसिद्ध पार्श्वगायिका हैं। वे हिंदी सिनेमा में तीन दशकों तक अपनी गायकी के लिए विख्यात हैं। हिंदी सिनेमा में वे सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाली पांचवी पार्श्वगायिका हैं। उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार के ३६ नामांकनों में से ७ बार पुरस्कार मिल चुका है जो कि खुद में एक रिकॉर्ड है। उन्हें दो राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त है। साथ ही उनके २० गाने बीबीसी के "बॉलीवुड के श्रेष्ठ ४० सदाबहार साउंडट्रैक" में शामिल हैं। उनके कुछ हिट गानों में से हैं — "कुछ कुछ होता है", "टिप टिप बरसा पानी", "परदेसी परदेसी", "छम्मा छम्मा", "पूछो ज़रा पूछो", "एक दो तीन", "चाँद छुपा बादल में", "लाल दुपट्टा", "मुझको राणाजी" और "बाज़ीगर ओ बाज़ीगर"। .

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अशोक कुमार (अभिनेता)

अशोक कुमार (অশোক কুমার; १३ अक्टूबर १९११, भागलपुर, कुमुद कुमार गांगुली - १० दिसम्बर २००१, मुंबई) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। सन् १९९९ में भारत सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। ये महाराष्ट्र राज्य से थे। .

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असद भोपाली

असद भोपाली (जन्म: 10 जुलाई 1921, मृत्यु: 9 जून 1990), बॉलीवुड के एक गीतकार हैं। असद का जन्म भोपाल में 10 जुलाई 1921 को हुआ था। उनके पिता का नाम मुंशी अहमद खान था और असद उनकी पहली संतान थे। उनका जन्म नाम असादुल्लाह खान था। उन्होंने फारसी, अरबी, उर्दू और अंग्रेजी में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की थी। असद अपनी शायरी के चलते धीरे धीरे असद भोपाली के नाम से मशहूर हो गये। 28 साल की उम्र में यह गीतकार बनने के लिए बंबई आ गये, लेकिन अपनी पहचान बनाने के लिए उन्हें पूरे जीवन संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने पहले पहल 1949 की फिल्म "दुनिया" के लिए दो गीत लिखे, जिन्हे मोहम्मद रफी (रोना है तो चुपके चुपके रो) और सुरैया (अरमान लूटे दिल टूट गया) की आवाज में रिकॉर्ड किया गया था। इन्हे प्रसिद्धि इनके बी आर चोपडा की फिल्म अफसाना के गीतों से मिली। असद ने अपने समय के सबसे प्रमुख संगीत निर्देशकों जैसे कि श्याम सुन्दर, हुस्नलाल-भगतराम, सी.

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असम

असम या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक राज्य है। असम अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। असम भारत का एक सीमांत राज्य है जो चतुर्दिक, सुरम्य पर्वतश्रेणियों से घिरा है। यह भारत की पूर्वोत्तर सीमा २४° १' उ॰अ॰-२७° ५५' उ॰अ॰ तथा ८९° ४४' पू॰दे॰-९६° २' पू॰दे॰) पर स्थित है। संपूर्ण राज्य का क्षेत्रफल ७८,४६६ वर्ग कि॰मी॰ है। भारत - भूटान तथा भारत - बांग्लादेश सीमा कुछ भागो में असम से जुडी है। इस राज्य के उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पूर्व में नागालैंड तथा मणिपुर, दक्षिण में मिजोरम तथा मेघालय एवं पश्चिम में बंग्लादेश स्थित है। .

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असमिया भाषा

आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की शृंखला में पूर्वी सीमा पर अवस्थित असम की भाषा को असमी, असमिया अथवा आसामी कहा जाता है। असमिया भारत के असम प्रांत की आधिकारिक भाषा तथा असम में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। इसको बोलने वालों की संख्या डेढ़ करोड़ से अधिक है। भाषाई परिवार की दृष्टि से इसका संबंध आर्य भाषा परिवार से है और बांग्ला, मैथिली, उड़िया और नेपाली से इसका निकट का संबंध है। गियर्सन के वर्गीकरण की दृष्टि से यह बाहरी उपशाखा के पूर्वी समुदाय की भाषा है, पर सुनीतिकुमार चटर्जी के वर्गीकरण में प्राच्य समुदाय में इसका स्थान है। उड़िया तथा बंगला की भांति असमी की भी उत्पत्ति प्राकृत तथा अपभ्रंश से भी हुई है। यद्यपि असमिया भाषा की उत्पत्ति सत्रहवीं शताब्दी से मानी जाती है किंतु साहित्यिक अभिरुचियों का प्रदर्शन तेरहवीं शताब्दी में रुद्र कंदलि के द्रोण पर्व (महाभारत) तथा माधव कंदलि के रामायण से प्रारंभ हुआ। वैष्णवी आंदोलन ने प्रांतीय साहित्य को बल दिया। शंकर देव (१४४९-१५६८) ने अपनी लंबी जीवन-यात्रा में इस आंदोलन को स्वरचित काव्य, नाट्य व गीतों से जीवित रखा। सीमा की दृष्टि से असमिया क्षेत्र के पश्चिम में बंगला है। अन्य दिशाओं में कई विभिन्न परिवारों की भाषाएँ बोली जाती हैं। इनमें से तिब्बती, बर्मी तथा खासी प्रमुख हैं। इन सीमावर्ती भाषाओं का गहरा प्रभाव असमिया की मूल प्रकृति में देखा जा सकता है। अपने प्रदेश में भी असमिया एकमात्र बोली नहीं हैं। यह प्रमुखतः मैदानों की भाषा है। .

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असित सेन

असित सेन एक हिन्दी फिल्म के प्रसिद्ध हास्य अभिनेता हैं। .

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अजय देवगन

अजय देवगन (जन्म: 2 अप्रैल, 1969) भारतीय हिन्दी फ़िल्म उद्योग बॉलीवुड के एक जाने माने अभिनेता, फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं। उन्होने अपना फ़िल्मी सफर वर्ष १९९१ की फ़िल्म फूल और काँटे से शुरु किया। १९९९ में उन्हे महेश भट्ट निर्देशित फ़िल्म जख्म और २००२ में राजकुमार संतोषी निर्देशित फ़िल्म द लेजेंड ऑफ भगत सिंह के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। .

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अजीत

अजीत (जन्म: 27 जनवरी, 1922 निधन: 22 अक्टूबर, 1998) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। वह अपने खलनायक किरदारों के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। .

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अवधी

अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है। यह उत्तर प्रदेश में "अवध क्षेत्र" (लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, फैजाबाद, प्रतापगढ़), इलाहाबाद, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती तथा फतेहपुर में भी बोली जाती है। इसके अतिरिक्त इसकी एक शाखा बघेलखंड में बघेली नाम से प्रचलित है। 'अवध' शब्द की व्युत्पत्ति "अयोध्या" से है। इस नाम का एक सूबा के राज्यकाल में था। तुलसीदास ने अपने "मानस" में अयोध्या को 'अवधपुरी' कहा है। इसी क्षेत्र का पुराना नाम 'कोसल' भी था जिसकी महत्ता प्राचीन काल से चली आ रही है। भाषा शास्त्री डॉ॰ सर "जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन" के भाषा सर्वेक्षण के अनुसार अवधी बोलने वालों की कुल आबादी 1615458 थी जो सन् 1971 की जनगणना में 28399552 हो गई। मौजूदा समय में शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 6 करोड़ से ज्यादा लोग अवधी बोलते हैं। उत्तर प्रदेश के 19 जिलों- सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशांबी, फतेहपुर, रायबरेली, उन्नाव, लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद व अंबेडकर नगर में पूरी तरह से यह बोली जाती है। जबकि 6 जिलों- जौनपुर, मिर्जापुर, कानपुर, शाहजहांपुर, बस्ती और बांदा के कुछ क्षेत्रों में इसका प्रयोग होता है। बिहार के 2 जिलों के साथ पड़ोसी देश नेपाल के 8 जिलों में यह प्रचलित है। इसी प्रकार दुनिया के अन्य देशों- मॉरिशस, त्रिनिदाद एवं टुबैगो, फिजी, गयाना, सूरीनाम सहित आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड व हॉलैंड में भी लाखों की संख्या में अवधी बोलने वाले लोग हैं। .

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अंग्रेज़ी भाषा

अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .

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अंकुरण

जैविक मिश्रित अंकुरित दाने अंकुरित मूँग कच्चा या पकाकर खाने के लिये बीजों से छोटे-छोटे पौधे जन्माना अंकुरण कहलाता है। अंकुरण द्वारा किसी भी ऋतु में सलाद प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा अंकुरण घर पर या औद्योगिक रूप से किया जा सकता है। अंकुरित खाद्य पूर्वी एशियाई देशों में प्रमुखता से खाया जाता है। माल्ट बनाने के लिये जौ का बड़े पैमाने पर अंकुरण किया जाता है। .

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अक्षय कुमार

अक्षय कुमार (ਅਕਸ਼ੈ ਕੁਮਾਰ, जन्म: राजीव हरी ओम भाटिया, ९ सितम्बर, १९६७) एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म अभिनेता हैं। वे 100 से अधिक हिन्दी फिल्मों में काम कर चुके हैं। 90 के दशक में, हिट एक्शन फिल्मों जैसे खिलाड़ी (१९९२), मोहरा (१९९४) और सबसे बड़ा खिलाड़ी (१९९५) में अभिनय करने के कारण, कुमार को बॉलीवुड का एक्शन हीरो की संज्ञा दी जाती थी और विशेषतः वे "खिलाड़ी श्रृंखला" के लिए जाने जाते थे। फिर भी, वह रोमांटिक फिल्मों जैसे ये दिल्लगी (१९९४) और धड़कन (२०००) में अपने अभिनय के लिए सम्मानित किए गए और साथ ही साथ ड्रामेटिक फिल्मों जैसे एक रिश्ता (२००१) में अपनी अभिनय क्षमता को दिखाया। 2002 में उन्हें अपना पहला फ़िल्मफेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ खलनायक फ़िल्म अजनबी (2001) में अभिनय के लिए दिया गया। अपनी एक सी छवि को बदलने के इच्छुक अक्षय कुमार ने ज्यादातर कोमेडी फिल्में की। फ़िल्म हेरा फेरी (2002), मुझसे शादी करोगी (2004), गरम मसाला (2005) और जान-ए-मन (२००६) में हास्य अभिनय के लिए फ़िल्म समीक्षकों द्वारा उनकी प्रशंसा की गई। 2007 में वे सफलता की ऊचाईयों को छूने लगे, जब उनके द्वारा अभिनीत चार लगातार कामर्सियल फिल्में हिट हुई। इस तरह से, उन्होंने अपने आपको हिन्दी फ़िल्म उद्योग में एक प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित किया। वे मार्शल आर्ट्स (सामरिक कला) की शिक्षा बेंगकोक में प्राप्त करके आए और वहां एक रसोइया की नौकरी भी करते थे। वे फिर मुंबई वापस आ गए, जहाँ वे मार्सल आर्ट्स की शिक्षा देने लगे। उनका एक विद्यार्थी जो एक फोटोग्राफर था, उसने उन्हें मॉडलिंग करने कहा। उस विद्यार्थी ने उन्हें एक छोटी कंपनी में एक मॉडलिंग असयांमेंट दिया। उन्हें कैमरे के सामने पोज देने के लिए, दो घंटे के 5,000 रुपये मिलते था। पहले की तनख्वाह 4000 रुपये प्रति महीने की तुलना में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण था कि वे क्यों मॉडल बने। मॉडलिंग करने के दो महीने बाद, कुमार को प्रमोद चक्रवर्ती ने अंततः अपनी फ़िल्म दीदार में अभिनय करने का मौका दिया। .

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अकेडमी पुरस्कार

अमेरिका की अकेडेमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज़ द्वारा प्रदत्त अकेडमी पुरस्कार, जिसे ऑस्कर पुरस्कार भी कहा जाता है, फिल्म व्यवसाय से जुड़े सर्वश्रेष्ठ निर्देशकों, कलाकारों, लेखक व तकनीशियनों को दिया जाने वाला प्रतिष्ठित सालाना पुरस्कार है। पहला समारोह १६ मई १९२९ को आयोजित किया गया था। .

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अछूत कन्या

अछूत कन्या 1936 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

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उत्तर प्रदेश

आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903 उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। लखनऊ प्रदेश की प्रशासनिक व विधायिक राजधानी है और इलाहाबाद न्यायिक राजधानी है। आगरा, अयोध्या, कानपुर, झाँसी, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, मुरादाबाद तथा आज़मगढ़ प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ और पूर्व में बिहार तथा झारखंड राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में नेपाल देश है। सन २००० में भारतीय संसद ने उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी (मुख्यतः पहाड़ी) भाग से उत्तरांचल (वर्तमान में उत्तराखंड) राज्य का निर्माण किया। उत्तर प्रदेश का अधिकतर हिस्सा सघन आबादी वाले गंगा और यमुना। विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनिशिया और ब्राज़ील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। उत्तर प्रदेश भारत के उत्तर में स्थित है। यह राज्य उत्तर में नेपाल व उत्तराखण्ड, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा पूर्व में बिहार तथा दक्षिण-पूर्व में झारखण्ड व छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। यह राज्य २,३८,५६६ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहाँ का मुख्य न्यायालय इलाहाबाद में है। कानपुर, झाँसी, बाँदा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, महोबा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, गोरखपुर, नोएडा, मथुरा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बरेली, आज़मगढ़, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर यहाँ के मुख्य शहर हैं। .

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उदित नारायण

उदित नारायण हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध नेपाली गायक हैं। उदित नारायण का जन्म 27 नवम्बर को नेपाल के सप्तरी जिले में हुआ। उन्होंने अपना पहला हिन्दी गाना मुकेश जी के साथ गाया। उन्हें तीन देशीय पुरस्कार तथा पांच फिल्म फेयर पुरस्कार मिले हैं। वर्ष 2009 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। उदित नारायण नेपाल में और भारत में भी एक प्रख्यात गायक के रूप में जाने जाते हैं। नेपाली फ़िल्म में उन्होंने बहुत हिट गाने गाए हैं और उनका गीत अधिकतर लोगों को पसंद है। उनके स्वर में जादू है। वे किशोर अवस्था से ही गायन कला के क्षेत्र में लग गये थे जो कि आज इस मुकाम पर है। संपूर्ण बॉलीवुड में उन्हें आज भी एक बेहतर गायक माना जाता है। नेपाल में अभी के समय में भी उनके स्वर से तुलना किसी भी गायक से नहीं की जा सकती है। उदित जी का मातृभाषा मैथिली हैं और वो नेपाल के मिथिलांचल इलाके से आते हैं। जैसे कि नेपाल और भारत के बीच बेटी और रोटी का सम्बन्ध है उसी तरह उनका ननिहाल भारत के बिहार राज्य में है। .

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उदगमंदलम

उटकमंडलम या ऊटी तमिलनाडु राज्य का एक शहर है। कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा पर बसा यह शहर मुख्य रूप से एक पर्वतीय स्थल (हिल स्टेशन) के रूप में जाना जाता है। कोयंबतूर यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा है। सड़को द्वारा यह तमिलनाडु और कर्नाटक के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा है परन्तु यहाँ आने के लिये कन्नूर से रेलगाड़ी या ट्वाय ट्रेन किया जाता है। यह तमिलनाडु प्रान्त में नीलगिरि की पहाडियो में बसा हुआ एक लोकप्रिय पर्वतीय स्थल है। उधगमंडलम शहर का नया आधिकारिक तमिल नाम है। ऊटी समुद्र तल से लगभग ७,४४० फीट (२,२६८ मीटर) की ऊचाई पर स्थित है। .

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ऋतिक रोशन

हृथिक रोशन (हिन्दी: ऋतिक रोशन, उच्चारण: /10 जनवरी 1974 जन्म) एक भारतीय अभिनेता है जो बॉलीवुड में काम कर रहे हैं।इनका जन्म एक कायस्थ परिवार में हुआ था। सन 1980 में हृतिक रोशन ने एक बालकलाकार के रूप में फिल्मोमें पदर्पण होनेके बाद फिल्म कहो ना प्यार है (2000) में प्रमुख भूमिका निभाई.

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२००८

२००८ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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२०१३

२०१३ ग्रेगोरियन कैलेंडर के मंगलवार को शुरू होने वाला एक वर्ष है। .

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३ ईडियट्स

थ्री इडीयट्स (हिन्दी अर्थ: तीन बेवक़ूफ़) २००९ की एक हिंदी चल चित्र है। इस फ़िल्म की कहानी अंग्रेजी उपन्यासकार चेतन भगत के प्रसिद्ध अंग्रेजी उपन्यास फ़ाइव प्वांइट समवन पर आधारित है। फ़िल्म के मुख्य कलाकार आमिर ख़ान, करीना कपूर, बोमन इरानी, माधवन, ओमी वैद्य और शर्मन जोशी है। .

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६ जनवरी

6 जनवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 6वाँ दिन है। साल में अभी और 359 दिन बाकी हैं (लीप वर्ष में 360)।.

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