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भारतीय नौसेना

सूची भारतीय नौसेना

भारतीय नौसेना(Indian Navy) भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो कि ५६०० वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ न केवल भारतीय सामुद्रिक सीमाओं अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की भी रक्षक है। ५५,००० नौसेनिकों से लैस यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना भारतीय सीमा की सुरक्षा को प्रमुखता से निभाते हुए विश्व के अन्य प्रमुख मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य अभ्यास में भी सम्मिलित होती है। पिछले कुछ वर्षों से लागातार आधुनिकीकरण के अपने प्रयास से यह विश्व की एक प्रमुख शक्ति बनने की भारत की महत्त्वाकांक्षा को सफल बनाने की दिशा में है। जून २०१६ से एडमिरल सुनील लांबा भारत के नौसेनाध्यक्ष हैं। .

36 संबंधों: ऐडमिरल, तलवार श्रेणी फ्रिगेट, दिल्ली श्रेणी के विनाशक पोत, ध्रुवक, पनडुब्बी, परियोजना 28- पनडुब्‍बीरोधी युद्धक कॉर्वेट, पाकिस्तान, ब्रह्मपुत्र श्रेणी फ्रिगेट, भारत, भारत के नौसेनाध्यक्ष, भारतीय, भारतीय नौसेना पोत विराट, भारतीय नौसेना पोत विक्रांत, भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ, राजपूत श्रेणी के विनाशक पोत, शिवालिक श्रेणी फ्रिगेट, सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियाँ, सुनील लांबा, जामनगर, ईस्ट इण्डिया कम्पनी, विनाशक पोत, ग्रेट ब्रिटेन, आधुनिकता के सिद्धान्त, आई एन एस विक्रमादित्य, आई एन एस अरिहंत, आईएनएस चक्र २, आईएनएस ब्यास, आईएनएस सहयाद्री, आईएनएस कमोर्टा, कडलूर, कारवार, काकीनाड़ा, कोच्चि, कोलकाता श्रेणी के विनाशक पोत, कोंकण, १९७१ का भारत-पाक युद्ध

ऐडमिरल

ऐडमिरल (Admiral) या नौसेनाध्यक्ष किसी देश या राज्य की नौसेना के सर्वोच्च अधिकारी या अधिकारियों को कहा जाता है। तुलना के लिए यह पद थलसेना के 'जनरल' या 'सेनापति' के बराबर समझा जाता है। .

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तलवार श्रेणी फ्रिगेट

तलवार श्रेणी फ्रिगेट भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल फ्रिगेट युद्धपोत हैं जिनका निर्माण रूस में भारत-रूस की भागीदारी से हुआ। ये निर्देशित प्रक्षेपास्त्र फ्रिगेट हैं जिन्हें रूस के क्रिवाक-३ श्रेणी को संशोधित करके बनाया गया है। इन पोतों की विस्थापन क्षमता ४००० टन तथा गति ३० नॉट है तथा यह दुश्मन की पनडुब्बियों व बड़े सतही पोतों को ढूंढने व नष्ट करने में सक्षम हैं। स्टेल्थ टेक्नॉलोजी व विशेष बाहरी डिज़ाइन के कारण ये दुश्मन की पकड़ से बच सकते हैं। .

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दिल्ली श्रेणी के विनाशक पोत

दिल्ली श्रेणी के विनाशक पोत भारतीय नौसेना के एक महत्वपूर्ण अंग हैं। इनका श्रेणीकरण "निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विध्वंसक पोत" के रूप में किया जाता है। 2014 में कोलकाता श्रेणी के पोतों के शुभारंभ तक ये स्वदेश में डिज़ाईन व निर्मित किए जाने वाले ये सबसे बड़े युद्धपोत थे। इन पोतों का निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक्स लिमिटेड में हुआ। .

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ध्रुवक

एक ध्रुवीकरण फिल्टर परावर्तन (शीर्ष) को कम कर शीशे के माध्यम से देखना संभव बनाता है। ध्रुवक या ध्रुवीयक विद्युत चुंबकीय तरंगों (प्रकाश) के एक अस्पष्ट या मिश्रित ध्रुवीकरण वाले किरणपुंज को एक सु-स्पष्ट किरणपुंज में परिवर्तित करने वाली युक्ति है। ध्रुवको का प्रयोग कई प्रकाशीय तकनीकों और उपकरणों में किया जाता है और ध्रुवीकरण फिल्टर फोटोग्राफी (छायांकन) और द्रव क्रिस्टल प्रादर्शी प्रौद्योगिकी में प्रयोग किए जाते है। ध्रुवक को दो सामान्य श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: अवशोषक ध्रुवक, जहां उपकरण के द्वारा अवांछित ध्रुवीकरण अवस्थाओं का अवशोषण किया जाता है और किरणपुंज-विभाजक ध्रुवक, जहां अध्रुवीकृत किरणपुंज को दो विपरीत ध्रुवीकरण अवस्थाओं वाले किरणपुंज में विभाजित किया जाता है। .

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पनडुब्बी

सन् १९७८ में ''एल्विन'' प्रथम विश्व युद्ध में प्रयुक्त जर्मनी की यूसी-१ श्रेणी की पनडुब्बी पनडुब्बी(अंग्रेज़ी:सबमैरीन) एक प्रकार का जलयान (वॉटरक्राफ़्ट) है जो पानी के अन्दर रहकर काम कर सकता है। यह एक बहुत बड़ा, मानव-सहित, आत्मनिर्भर डिब्बा होता है। पनडुब्बियों के उपयोग ने विश्व का राजनैतिक मानचित्र बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। पनडुब्बियों का सर्वाधिक उपयोग सेना में किया जाता रहा है और ये किसी भी देश की नौसेना का विशिष्ट हथियार बन गई हैं। यद्यपि पनडुब्बियाँ पहले भी बनायी गयीं थीं, किन्तु ये उन्नीसवीं शताब्दी में लोकप्रिय हुईं तथा सबसे पहले प्रथम विश्व युद्ध में इनका जमकर प्रयोग हुआ। विश्व की पहली पनडुब्बी एक डच वैज्ञानिक द्वारा सन १६०२ में और पहली सैनिक पनडुब्बी टर्टल १७७५ में बनाई गई। यह पानी के भीतर रहते हुए समस्त सैनिक कार्य करने में सक्षम थी और इसलिए इसके बनने के १ वर्ष बाद ही इसे अमेरिकी क्रान्ति में प्रयोग में लाया गया था। सन १६२० से लेकर अब तक पनडुब्बियों की तकनीक और निर्माण में आमूलचूल बदलाव आया। १९५० में परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बियों ने डीज़ल चलित पनडुब्बियों का स्थान ले लिया। इसके बाद समुद्री जल से आक्सीजन ग्रहण करने वाली पनडुब्बियों का भी निर्माण कर लिया गया। इन दो महत्वपूर्ण आविष्कारों से पनडुब्बी निर्माण क्षेत्र में क्रांति सी आ गई। आधुनिक पनडुब्बियाँ कई सप्ताह या महिनों तक पानी के भीतर रहने में सक्षम हो गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी पनडुब्बियों का उपयोग परिवहन के लिये सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता था। आजकल इनका प्रयोग पर्यटन के लिये भी किया जाने लगा है। कालपनिक साहित्य संसार और फंतासी चलचित्रों के लिये पनडुब्बियों का कच्चे माल के रूप मे प्रयोग किया गया है। पनडुब्बियों पर कई लेखकों ने पुस्तकें भी लिखी हैं। इन पर कई उपन्यास भी लिखे जा चुके हैं। पनडुब्बियों की दुनिया को छोटे परदे पर कई धारावाहिको में दिखाया गया है। हॉलीवुड के कुछ चलचित्रों जैसे आक्टोपस १, आक्टोपस २, द कोर में समुद्री दुनिया के मिथकों को दिखाने के लिये भी पनडुब्बियो को दिखाया गया है। .

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परियोजना 28- पनडुब्‍बीरोधी युद्धक कॉर्वेट

परियोजना 28 भारतीय नौसेना की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है जिसके अंतर्गत 4 स्‍टेल्‍थ पनडुब्‍बीरोधी (एंटी-सबमरीन) युद्धक कॉर्वेट्स बनाए जाएंगे। इस परियोजना के अंतर्गत निर्मित प्रथम पोत आईएनएस कामोर्ता को 23 अगस्त 2014 को नौसेना में शामिल किया गया। 7852 करोड़ रु० की लागत वाली इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना के नौसेना डिज़ाइन निदेशालय द्वारा किया जा रहा है तथा पोतों का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। .

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पाकिस्तान

इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैं: पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर​-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .

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ब्रह्मपुत्र श्रेणी फ्रिगेट

ब्रह्मपुत्र श्रेणी फ्रिगेट भारतीय नौसेना के निर्देशित-प्रक्षेपास्त्र फ्रिगेट युद्धपोत हैं जो कि पूर्णतया भारत में ही डिज़ाइन एवं निर्मित किए गए हैं। http://www.indiannavy.nic.in/content/brahmaputra-class-godavari-class-leander-nilgiri-class इनकी लंबाई १२६ मीटर व विस्थापन क्षमता ३८५० टन है। बाहरी संरचना में ब्रह्मपुत्र व गोदावरी श्रेणी के पोत एक से ही हैं किंतु आंतरिक संरचना, आयुध व क्षमताओं में ये पृथक हैं। इस पोत-श्रेणी का नाम ब्रह्मपुत्र नदी से प्रेरित है। इस श्रेणी के बाकी पोतों के नाम भी नदियों पर ही रखे गए हैं। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत के नौसेनाध्यक्ष

The Chief of the Naval Staff is the commander and typically the highest-ranking officer in the Indian Navy.

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भारतीय

भारत देश के निवासियों को भारतीय कहा जाता है। भारत को हिन्दुस्तान नाम से भी पुकारा जाता है और इसीलिये भारतीयों को हिन्दुस्तानी भी कहतें है।.

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भारतीय नौसेना पोत विराट

भारतीय नौसेना पोत विराट (आई एन एस विराट) भारतीय नौसेना में सेंतौर श्रेणी का एक वायुयान वाहक पोत है। भारतीय सेना की अग्रिम पंक्ति (फ़्लेगशिप) का यह पोत लंबे समय से सेना की सेवा में है। १९९७ में भारतीय नौसेना पोत विक्रांत के सेवामुक्त कर दिए जाने के बाद इसी ने विक्रांत के रिक्त स्थान की पूर्ति की थी। इस समय यह हिंद महासागर में उपस्थित दो वायुयान वाहक पोतों में से एक है। इस पोत ने सन १९५९ रायल नेवी (ब्रिटिश नौसेना) के लिये कार्य करना शुरु किया एवं १९८५ तक वहाँ सक्रिय रहा। इस का प्रथम नाम एच एम एस हर्मस था। तदपश्चात १९८६ मे भारतीय नौसेना ने कई देशो के युद्ध पोतों की समीक्षा करने के बाद इसे रॉयल नेवी से खरीद लिया। इस सौदे के बाद इस पोत मे कई तकनीकी सुधार किये गए जिससे इसे अगले एक दशक तक कार्यशील रखा जा सके। ये तकनीकी सुधार एवं रखरखाव देवेनपोर्ट डॉकयार्ड पर हुए। १२ मई १९८७ को इसे भारतीय नौसेना में आधिकारिक रूप से सम्मलित कर लिया गया। विराट पर १२ डिग्री कोण वाला एक स्की जंप लगा है जो सी हैरीयर श्रेणी के लड़ाकु वायुयानों के उड़ान भरने में कारगर होता है। इस पोत पर एक साथ १८ लड़ाकू वायुयान रखे जा सकते है। पोत के बाहरी आवरण, मशीनों एवं मेगजीनों (तोप एवं अन्य शस्रगृह) को १.२ इंच मोटे कवच से बख्तर बंद किया गया है। यह मेगजीनें ८० से भी अधिक हल्के तॉरपीडो का एक बार मे भंडार कर सकती है। पोत पर ७५० लोगों के रहने की जगह तो है ही, चार छोटी नावें (लेंडिंग क्राफ़्ट) भी है जो पोत से तट तक सैनिकों को ले जा सकती हैं। पनडुब्बी की खबर रखने के लिए इसे सी किंग हैलीकॉप्टर से लैस किया जायेगा। इस पोत का अधिकतम जल विस्थापन क्षमता २८,५०० टन है तथा इसके भार को खींचने के लिये ७६,००० हार्स पावर क्षमता वाली भाप से चलने वली टरबाईन लगायी गई है। भारतीय नौसेना का नया वायुयान वाहक पोत विक्रमादित्य, विराट का उत्तराधिकारी है। इसे २०१२ से सेवा में ले लिया गया है। हाल मे हुये रखरखाव को देखते हुए विराट का सेवा काल २०१९ तक बढ़ा दिया गया है जो पहले २०१२ तक तय किया गया था। .

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भारतीय नौसेना पोत विक्रांत

भारतीय नौसेना पोत विक्रांत भारतीय नौसेना का एक सेवा निवृत युद्ध पोत है। यह भारतीय नौसेना का प्रथम वायुयान वाहक पोत है। इस पोत को 1957 में ब्रिटेन से खरीदा गया था। तब तक इसे एचएमएस हर्क्युलिस के नाम से जाना जाता था। 1961 में इसे भारतीय नौसेना शामिल किया गया तथा 31 जनवरी 1997 को काम से हटा लिया गया। .

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भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ

भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ भारत की तथा इसके प्रत्‍येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी हैं। भारतीय शस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास है। राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्रिमंडल के पास होता है। इसका निर्वहन रक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जो सशस्‍त्र बलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनके दायित्‍व के निर्वहन के लिए नीतिगत रूपरेखा और जानकारियां प्रदान करता है। भारतीय शस्‍त्र सेना में तीन प्रभाग हैं भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना, भारतीय वायुसेना और इसके अतिरिक्त, भारतीय सशस्त्र बलों भारतीय तटरक्षक बल और अर्धसैनिक संगठनों (असम राइफल्स, और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स) और विभिन्न अंतर-सेवा आदेशों और संस्थानों में इस तरह के सामरिक बल कमान अंडमान निकोबार कमान और समन्वित रूप से समर्थन कर रहे हैं डिफेंस स्टाफ। भारत के राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर है। भारतीय सशस्त्र बलों भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय (रक्षा मंत्रालय) के प्रबंधन के तहत कर रहे हैं। 14 लाख से अधिक सक्रिय कर्मियों की ताकत के साथ,यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य बल है। अन्य कई स्वतंत्र और आनुषांगिक इकाइयाँ जैसे: भारतीय सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, भारत तिब्बत सीमा पुलिस इत्यादि। भारतीय सेना के प्रमुख कमांडर भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द हैं। यह दुनिया के सबसे बड़ी और प्रमुख सेनाओं में से एक है। सँख्या की दृष्टि से भारतीय थलसेना के जवानों की सँख्या दुनिया में चीन के बाद सबसे अधिक है। जबसे भारतीय सेना का गठन हुआ है, भारत ने दोनों विश्वयुद्ध में भाग लिया है। भारत की आजादी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन युद्ध 1948, 1965, तथा 1971 में लड़े हैं जबकि एक बार चीन से 1962 में भी युद्ध हुआ है। इसके अलावा 1999 में एक छोटा युद्ध कारगिल युद्ध पाकिस्तान के साथ दुबारा लड़ा गया। भारतीय सेना परमाणु हथियार, उन्नत अस्त्र-शस्त्र से लैस है और उनके पास उचित मिसाइल तकनीक भी उपलब्ध है। हलांकि भारत ने पहले परमाणु हमले न करने का संकल्प लिया हुआ है। भारतीय सेना की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र है। .

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राजपूत श्रेणी के विनाशक पोत

भारतीय युद्ध पोत रणविजय भारतीय नौसेना के राजपूत श्रेणी के विनाशक पोत रूसी विनाशक पोत काशीन के आधुनिक वंशज हैं। यह श्रेणी भारतीय नौसेना की वह पहली विनाशक पोतो के श्रेणी है जिसे ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र से लेस किया गया हैं। .

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शिवालिक श्रेणी फ्रिगेट

शिवालिक श्रेणी फ्रिगेट भारतीय नौसेना के बहुआयामी फ्रिगेट युद्धपोत हैं।http://www.indiannavy.nic.in/content/brahmaputra-class-godavari-class-leander-nilgiri-class ये भारत में निर्मित अपनी तरह के पहले एसे युद्धपोत हें जिनमें स्टेल्थ फीचर हैं। इस क्षेणी के पोतों का निर्माण मझगाँव डॉक्स लिमिटेड के द्वारा किया गया है। इनका नामकरण हिमालय की एक उपश्रृंखला शिवालिक के नाम पर किया गया है। .

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सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियाँ

सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियाँ भारतीय नौसेना द्वारा प्रयोग की जाने वाली डीज़ल-बिजली चलित पनडुब्बियाँ हैं। ये रूस और भारत के मध्य हुए समझौते के तहत बनी हैं। .

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सुनील लांबा

सुनील लांबा, परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा पदक, एडीसी (जन्म १७ जुलाई १९५७) वर्तमान और भारतीय नौसेना के नौसेना स्टाफ के 23 वें प्रमुख हैं । उन्होंने 31 मई 2016 को एडमिरल आर के धवन के बाद कार्यालय ग्रहण किया और मई 201 9 तक अपना पद संभाला। वह स्टाफ कमेटी के प्रमुखों का भी अध्यक्ष (सीओसी) है। .

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जामनगर

जामनगर गुजरात का एक शहर है। यह अरब सागर से लगा कच्छ की खाड़ी के दक्षिण में स्थित है। जामनगर में आधुनिकता व प्राचीनता का समावेश देखा जा सकता है। .

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ईस्ट इण्डिया कम्पनी

लन्दन स्थित ईस्ट इण्डिया कम्पनी का मुख्यालय (थॉमस माल्टन द्वारा चित्रित, १८०० ई) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना ३१ दिसम्बर १६०० ईस्वी में हुई थी। इसे यदाकदा जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। इसे ब्रिटेन की महारानी ने भारत के साथ व्यापार करने के लिये २१ सालो तक की छूट दे दी। बाद में कम्पनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक अधिपत्य जमा लिया। १८५८ में इसका विलय हो गया। .

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विनाशक पोत

जापानी नौसेना का विध्वंसक: '''कोताका''' (1887) विनाशक या ध्वसंक (अंग्रेज़ी: ''Destroyer'')- सामुद्रिक/नौसैनिक भाषा में विनाशक पोत तेजी से चल कर हमला करने वाले युद्ध पोतों को कहा जाता हैं। इनका आविष्कार २०वीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में हुआ और तभी से नौसेनायुद्ध में इसक स्थान बेजोड़ रहा है। बहुमुखी और विश्वसनीय कार्यों का दायित्व सफलतापूर्वक वहन करने के कारण नौसेना के इतिहास में इसका स्थान बेजोड़ हो गया है। अत: इसका अतीत, वर्तमान और भविष्य अध्ययन करने योग्य है। .

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ग्रेट ब्रिटेन

ग्रेट ब्रिटेन (अंग्रेज़ी: Great Britain ब्रिटन्) अथवा ब्रिटेन यूरोप में स्थित एक द्वीप है। यह द्वीप, संयुक्त राजशाही देश का सबसे बड़ा हिस्सा है। इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स इसी द्वीप पर स्थित हैं। ग्रेट ब्रिटेन यूरोप महाद्वीप के उत्तर-पश्चिम स्थित यह बृहत्‌ द्वीप है जिसमें स्कॉटलैंड, वेल्स तथा इंग्लैंड संम्मिलित हैं। 1282 ई. में इग्लैंड ने वेल्स पर विजय प्राप्त की तथा 1707 ई. में स्कॉटलैंड विधानत: इंग्लैड में मिला गया। इन संयुक्त राज्यों का नाम तभी से (1707 ई.) ग्रेट ब्रिटेन पड़ गया। ग्रेट ब्रिटेन प्राचीन रोमन ब्रिटैनिया मेजर शब्द का अनुवाद है। .

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आधुनिकता के सिद्धान्त

आधुनिकता के सिद्धान्त (Modernization theory) से आशय आधुनिकीकरण की प्रक्रिया की व्याख्या करने के लिये प्रयुक्त सिद्धान्तों से है। 'पूर्व-आधुनिक' या 'परम्परागत' समाज का 'आधुनिक' समाज में क्रमशः संक्रमण आधुनिकीकरण कहलाता है। .

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आई एन एस विक्रमादित्य

आई एन एस (INS) विक्रमादित्य (Sanskrit: विक्रमादित्य, Vikramāditya, "सूर्य की तरह प्रतापी") पूर्व सोवियत विमान वाहक एडमिरल गोर्शकोव का नया नाम है, जो भारत द्वारा हासिल किया गया है। पहले अनुमान था कि 2012 में इसे भारत को सौंप दिया जाएगा, किंतु काफी विलंब के पश्चात् 16 नवम्बर 2013 को इसे भारतीय नौसेना में सेवा के लिए शामिल कर लिया गया। दिसंबर अंत या जनवरी आरंभ में यह भारतीय नौसैनिक अड्डा कारवाड़ तक पहुंच जाएगा। विक्रमादित्य यूक्रेन के माइकोलैव ब्लैक ‍सी शिपयार्ड में 1978-1982 में निर्मित कीव श्रेणी के विमान वाहक पोत का एक रूपांतरण है। रूस के अर्खान्गेल्स्क ओब्लास्ट के सेवेरॉद्विनस्क के सेवमाश शिपयार्ड में इस जहाज की बड़े स्तर पर मरम्मत की गई। यह पोत भारत के एकमात्र सेवारत विमान वाहक पोत आई एन एस ''विराट'' का स्थान लेगा। इस पोत को नया रूप देने में भारत को 2.3 अरब डॉलर खर्च करने पड़े हैं। .

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आई एन एस अरिहंत

भारतीय नौसेना पोत (आई एन एस) अरिहंत (अरि: शत्रु हंतः मारना अर्थात शत्रु को मारने वाला) परमाणु शक्ति चालित भारत की प्रथम पनडुब्बी है। इस 6000 टन के पोत का निर्माण उन्नत प्रौद्योगिकी पोत (ATV) परियोजना के अंतर्गत पोत निर्माण केंद्र विशाखापत्तनम में 2.9 अरब अमेरिका डॉलर की लागत से किया गया है। इसको बनाने के बाद भारत वह छठा देश बन गया जिनके पास इस तरह की पनडुब्बियां है। अन्य पाँच देश हैं, अमेरिका (71), रूस (50), चीन (7), ब्रिटेन (6) और फ्रांस (5) (कोष्ठक में पनडुब्बियों की संख्या दी गई है)। अरिहंत का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर द्वारा 26 जुलाई 2009 को जलावतरण किया गया यह दिन इसलिए भी चुना गया क्योंकि यह कारगिल युद्ध में विजय की सालगिरह भी थी और इस दिन को कारगिल विजय दिवस या विजय दिवस)http://www.dnaindia.com/india/report_india-reaches-milestone-with-launch-of-n-powered-submarine_1277227 रूप में मनाया जाता है। भारतीय नौसेना के बेड़े में 2011 में शामिल होने से पहले अरिहंत को गहन बंदरगाह और समुद्री परीक्षणों से गुजरना पड़ेगा। .

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आईएनएस चक्र २

भारतीय नौसेना की नाभिकीय पनडुब्बी - 'आईएनएस चक्र' आईएनएस चक्र-२ (INS Chakra II या К-152 Nerpa) भारतीय नौसेना की नाभिकीय शक्ति से चलने वाली पनडुब्बी है। यह 8,140-टन वाली आक्रमणकारी पनडुब्बी है। इसे 4 अप्रैल 2012 को विशाखापत्तनम में भारतीय सेना को सुपुर्द किया गया। .

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आईएनएस ब्यास

आईएनएस ब्यास (पताका संख्या:एफ ३७) भारतीय नौसेना का एक स्वदेशी ब्रह्मपुत्र श्रेणी का युद्धपोत है, जिसे 11 जुलाई, 2005 से बेड़े शामिल किया गया।http://www.indiannavy.nic.in/content/brahmaputra-class-godavari-class-leander-nilgiri-class रक्षा पोत कारखाना (डीपीएसयू), मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा कोलकाता में तैयार यह आधुनिक एंटी-सबमरीन युद्धक्षमता से लैस युद्धपोत है, जिसमें आधुनिकतम तकनीकों से लैस हथियार व संवेदक लगे हैं। युद्धपोत में सतह, हवा व मिसाइलों को मार गिराने की क्षमता के साथ-साथ एंटी-सबमरीन की भी शक्ति है। .

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आईएनएस सहयाद्री

आईएनएस सहयाद्री (एफ 49) भारतीय नौसेना का एक स्‍वदेश निर्मित गाईडेड मि‍साइल स्‍टील्‍थ फ्रिगेट पोत है। यह शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट्स में से एक है। .

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आईएनएस कमोर्टा

आईएनएस कमोर्टा भारतीय नौसेना का स्‍टेल्‍थ पनडुब्‍बीरोधी कॉर्वेट युद्धपोत है जिसे 23 अगस्त 2014 को नौसेना में शामिल किया गया। .

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कडलूर

कडलोर भारत का एक नगर है जो तमिलनाडु राज्य के कडलूर जिले का मुख्यालय है। यह नगर मद्रास नगर से १९० कि॰मी॰ तथा पांडिचेरी से १९ कि॰मी॰ की दूरी पर मद्रास-त्रिचनापल्ली सड़क पर स्थित है। यहाँ की जलवायु अच्छी है। यह आसपास के जिलों का स्वास्थ्यवर्धक केंद्र है। पोनेयर तथा गदिलम नदियाँ इस नगर से बहती हुई समुद्र में गिरती हैं। इसका नाम संभवत: 'कुदल-उर' का विकृत रूप है, जिसका अर्थ दो नदियों का संगम है। १८८४ ई. में बाढ़ का पानी नगर के बीच से बहने लगा था। यहाँ से गन्ना और तेलहन बाहर भेजा जाता हे। यह नगर संत डेविड के किले के लिए प्रख्यात हे जो खंडहर के रूप में गदिलम नदी के किनारे स्थित है। इस किले का निर्माण एक हिंदू व्यापारी ने कराया था। सन् १६७७ ई. में यह शिवाजी के हाथ में चला आया। तब से इसका नाम 'संत डेविड का किला' हो गया। सन् १७५६ ई. में रॉबर्ट क्लाइव यहाँ का गर्वनर नियुक्त किया गया। १७५८ ई. में फ्रांसीसियों ने इसको अपने अधिकार में कर लिया। १७८५ ई. में यह पुन: अंग्रेजों के हाथ में चला आया। बाफ्ता की बुनाई यहाँ का मुख्य उद्योग है। जेल के कैदी दरी, गमछे तथा अन्य सूती कपड़े बुनते हैं। यहाँ दो महाविद्यालय हैं। श्रेणी:तमिलनाडु श्रेणी:तमिल नाडु के शहर.

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कारवार

कारवार (कारवार, कन्नड़: ಕಾರವಾರ) उत्तर कन्नड़ जिले का प्रशासनिक केन्द्र है और कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह एक सागर तटीय क्षेत्र है और भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी ओर गिरने वाली काली नदी के किनारे स्थित है। यह कस्बा कर्नाटक-गोवा सीमा से १५ मि.मी.

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काकीनाड़ा

काकीनाड़ा (కాకినాడ) आंध्र प्रदॆश के पूर्व गोदावरी जिले में स्थित एक शहर है। यह जिले का मुख्यालय भी है। .

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कोच्चि

कोच्चि, जिसे कोचीन भी कहा जाता था, लक्षद्वीप सागर के दक्षिण-पश्चिम तटरेखा पर स्थित एक बड़ा बंदरगाह शहर है, जो भारतीय राज्य केरल के एर्नाकुलम जिले का एक भाग है। कोच्चि को काफ़ी समय से प्रायः एर्नाकुलम भी कहा जाता है, जिसका अर्थ नगर का मुख्यभूमि भाग इंगित करता है। कोच्चि नगर निगम के अधीनस्थ (जनसंख्या ६,०१,५७४) ये राज्य का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला शहर है। ये कोच्चि महानगरीय क्षेत्र के विस्तार सहित (जनसंख्या २१ लाख) केरल राज्य का सबसे बड़ा शहरी आबादी क्षेत्र है। कोच्चि नगर ग्रेटर कोच्चि क्षेत्र का ही एक भाग है, और इसे भारत सरकार द्वारा द्वितीय दर्जे वाला शहर वर्गीकृत किया गया है। नगर की देख-रेख व अनुरक्षण दायित्त्व १९६७ में स्थापित हुआ कोच्चि नगर निगम देखता है। इसके अलावा पूरे क्षेत्र के सर्वांगीण विकास का भार ग्रेटर कोचीन डवलपमेंट अथॉरिटी (GCDA) एवं गोश्री आईलैण्ड डवलपमेंट अथॉरिटी (GIDA) पर है। कोच्चि १४वीं शताब्दी से ही भारत की पश्चिमी तटरेखा का मसालों का व्यापार केन्द्र रहा है और इसे अरब सागर की रानी के नाम से जाना जाता था। १५०३ में यहां पुर्तगालियों का आधिपत्य हुआ और यह उपनिवेशीय भारत की प्रथम यूरोपीय कालोनी बना और १५३० में गोवा के चुने जाने तक ये पुर्तगालियों का यहां का प्रधान शक्ति केन्द्र रहा था।क्कालांतर में कोच्चि राज्य के रजवाड़े में परिवर्तित होने के क्साथ ही ये डच एवं ब्रिटिश के नियन्त्रण में आ गया। आज केरल में कुल अन्तर्देशीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन संख्या में प्रथम स्थान बनाये हुए है। नीलसन कम्पनी के आउटलुक ट्रैवलर पत्रिका के लिये किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार कोच्चि आज भी भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक आकर्षणों में छठवें स्थान पर बना हुआ है। मैकिन्से ग्लोबल संस्थान द्वारा किये गए एक शोध के अनुसार, कोच्चि २०२५ तक के विश्व के सकल घरेलु उत्पाद में ५०% योगदान देने वाले ४४० उभरते हुए शहरों में से एक था। भारतीय नौसेना के दक्षिणी नौसैनिक कमान का केन्द्र तथा भारतीय तटरक्षक का राज्य मुख्यालय भी इसी शहर में स्थित है, जिसमें एयर स्क्वैड्रन ७४७ नाम की एक वायु टुकड़ी भी जुड़ी है। नगर के वाणिज्यिक सागरीय गतिविधियों से सम्बन्धित सुविधाओं में कोच्चि बंदरगाह, अन्तर्राष्ट्रीय कण्टेनर ट्रांस्शिपमेण्ट टर्मिनल, कोचीन शिपयार्ड, कोच्चि रिफ़ाइनरीज़ का अपतटीय (ऑफ़शोर) सिंगल बॉय मूरिंग (एस.पी.एम), एवं कोच्चि मैरीना भी हैं। कोच्चि में ही कोचीन विनिमय एक्स्चेंज, इंटरनेशनल पॅपर एक्स्चेंज भी स्थित हैं, तथा हिन्दुस्तान मशीन टूल्स (एच.एम.टी), सायबर सिटी, एवं किन्फ़्रा हाई-टेक पाक एवं बड़ी रासायनिक निर्माणियां जैसे फ़र्टिलाइज़र्स एण्ड कैमिकल्स त्रावणकौर (फ़ैक्ट), त्रावणकौर कोचीन कैमिकल्स (टीसीसी), इण्डियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (आई.आर.ई.एल), हिन्दुस्तान ऑर्गैनिक कैमिकल्स लिमिटेड (एच.ओ.सी.एल) कोच्चि रिफ़ाइनरीज़ के साथ साथ ही कई विद्युत कंपनियां जैसे टी.ई.एल.के एवं औद्योगिक पार्क भी बने हैं जिनमें कोचीन एपेशल इकॉनोमिक ज़ोन एवं इन्फ़ोपार्क कोच्चि प्रमुख हैं। कोच्चि में ही प्रमुख राज्य न्यायपीठ केरल एवं लक्षद्वीप उच्च न्यायालय एवं कोचीन युनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी भी स्थापित हैं। इसी नगर में केरल का नेशनल लॉ स्कूल, नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ़ एडवांस्ड लीगल स्टडीज़ को भी स्थान मिला है। .

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कोलकाता श्रेणी के विनाशक पोत

कोलकाता श्रेणी के विनाशक पोत भारतीय नौसेना की परियोजना 15ए के नाम से भी जानी जाती है जो कि प्रसिद्ध परियोजना 15 ‘दिल्ली’ के अनुवर्ती है जिन्हें नब्बे के दशक के अंत में सेवा में शामिल किया गया था। भारतीय नौसेना के नौसैनिक डिजाइन निदेशालय ने इन पोतों की परिकल्पना और डिजाइनिंग की है। इन पोतों का नामकरण भारत के प्रमुख बंदरगाह शहरों जैसे कोलकाता, कोच्चि और चेन्नई के नाम पर किया गया है। .

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कोंकण

कोंकण अथवा कोंकण तट, भारत के पश्चिमी तट का पर्वतीय अनुभाग हैं। यह ७२० कि.मी लंबा समुद्र तट है। कोंकण में महाराष्ट्र और गोवा के तटीय जिले आते है। प्राचीन काल का सप्त-कोंकण वर्तमान के कोंकण से ज्यादा बड़ा है; इसका उल्लेख सह्याद्री खंड में किया गया है जिसमें उसे परशुराम क्षेत्र कहा गया है। .

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१९७१ का भारत-पाक युद्ध

1971 भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया और बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना। 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर किया था। करगिल युद्ध में भूमिका निभाने वाले रिटायर्ड कर्नल बीबी वत्स ने भारत की जीत और पाकिस्तान की हार के 10 बड़े कारण बताए। 1.

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

भारतीय नौ सेना, भारतीय जलसेना

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