लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

भारतीय कृषि का इतिहास और लोकोपकार

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भारतीय कृषि का इतिहास और लोकोपकार के बीच अंतर

भारतीय कृषि का इतिहास vs. लोकोपकार

कावेरी नदी पर निर्मित '''कल्लानै बाँध''' पहली-दूसरी शताब्दी में बना था था। यह संसार के प्राचीननतम बाँधों में से है जो अब भी प्रयोग किये जा रहे हैं। भारत में ९००० ईसापूर्व तक पौधे उगाने, फसलें उगाने तथा पशु-पालने और कृषि करने का काम शुरू हो गया था। शीघ्र यहाँ के मानव ने व्यवस्थित जीवन जीना शूरू किया और कृषि के लिए औजार तथा तकनीकें विकसित कर लीं। दोहरा मानसून होने के कारण एक ही वर्ष में दो फसलें ली जाने लगीं। इसके फलस्वरूप भारतीय कृषि उत्पाद तत्कालीन वाणिज्य व्यवस्था के द्वारा विश्व बाजार में पहुँचना शुरू हो गया। दूसरे देशों से भी कुछ फसलें भारत में आयीं। पादप एवं पशु की पूजा भी की जाने लगी क्योंकि जीवन के लिए उनका महत्व समझा गया। . लोकोपकार धर्मार्थ सहायता या दान द्वारा मानवता के कल्याण में वृद्धि का प्रयास या उसके प्रति झुकाव है। .

भारतीय कृषि का इतिहास और लोकोपकार के बीच समानता

भारतीय कृषि का इतिहास और लोकोपकार आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

भारतीय कृषि का इतिहास और लोकोपकार के बीच तुलना

भारतीय कृषि का इतिहास 26 संबंध है और लोकोपकार 10 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (26 + 10)।

संदर्भ

यह लेख भारतीय कृषि का इतिहास और लोकोपकार के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »