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भारत स्थित संस्कृत विश्वविद्यालयों की सूची

सूची भारत स्थित संस्कृत विश्वविद्यालयों की सूची

भारत तथा के संस्कृत विश्वविद्यालयों की सूची नीचे दी गयी है-.

31 संबंधों: तिरुपति, दरभंगा, नलबाड़ी जिला, नागपुर, नई दिल्ली, पुरी, बंगलौर, भारत, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली, राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, तिरुपति, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, श्री शङ्कराचार्य संस्कृत सर्वकलाशाला, श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत भाषा, हरिद्वार, जयपुर, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, विश्वविद्यालय, वेरावल, कर्नाटक संस्कृत विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, कालडी, कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं पुरातन अध्ययन विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय, उज्जैन

तिरुपति

तिरुपति भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दर्शनार्थी यहां आते हैं। समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थिम तिरुमला की पहाड़ियों पर बना श्री वैंकटेश्‍वर मंदिर यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है। कई शताब्दी पूर्व बना यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्प कला का अदभूत उदाहरण हैं। .

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दरभंगा

भारत प्रान्त के उत्तरी बिहार में बागमती नदी के किनारे बसा दरभंगा एक जिला एवं प्रमंडलीय मुख्यालय है। दरभंगा प्रमंडल के अंतर्गत तीन जिले दरभंगा, मधुबनी, एवं समस्तीपुर आते हैं। दरभंगा के उत्तर में मधुबनी, दक्षिण में समस्तीपुर, पूर्व में सहरसा एवं पश्चिम में मुजफ्फरपुर तथा सीतामढ़ी जिला है। दरभंगा शहर के बहुविध एवं आधुनिक स्वरुप का विकास सोलहवीं सदी में मुग़ल व्यापारियों तथा ओईनवार शासकों द्वारा विकसित किया गया। दरभंगा 16वीं सदी में स्थापित दरभंगा राज की राजधानी था। अपनी प्राचीन संस्कृति और बौद्धिक परंपरा के लिये यह शहर विख्यात रहा है। इसके अलावा यह जिला आम और मखाना के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। .

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नलबाड़ी जिला

भारतीय राज्य असम का एक जिला है। जिले का मुख्यालय नलबाड़ी है। क्षेत्रफल - 2,257 वर्ग कि॰मी॰ जनसंख्या - 11,38,184 (2001 जनगणना) .

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नागपुर

नागपुर (अंग्रेज़ी: Nagpur, मराठी: नागपूर) महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख शहर है। नागपुर भारत के मध्य में स्थित है। महाराष्ट्र की इस उपराजधानी की जनसंख्या २४ लाख (१९९८ जनगणना के अनुसार) है। नागपुर भारत का १३वा व विश्व का ११४ वां सबसे बड़ा शहर हैं। यह नगर संतरों के लिये काफी मशहूर है। इसलिए इसे लोग संतरों की नगरी भी कहते हैं। हाल ही में इस शहर को देश के सबसे स्वच्छ व सुदंर शहर का इनाम मिला है। नागपुर भारत देश का दूसरे नंबर का ग्रीनेस्ट (हरित शहर) शहर माना जाता है। बढ़ते इन्फ्रास्ट्रकचर की वजह से नागपुर की गिनती जल्द ही महानगरों में की जायेगी। नागपुर, एक जिला है व ऐतिहासिक विदर्भ (पूर्व महाराष्ट्र का भाग) का एक प्रमुख शहर भी। नागपुर शहर की स्थापना गोण्ड राज्य ने की थी। फिर वह राजा भोसले के उपरान्त मराठा साम्राज्य में शामिल हो गया। १९वी सदी मैं अंग्रेज़ी हुकुमत ने उसे मध्य प्रान्त व बेरार की राजधानी बना दिया। आज़ादी के बाद राज्य पुनर्रचना ने नागपुर को महाराष्ट्र की उपराजधानी बना दिया। नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसी राष्ट्रवादी संघटनाओ का एक प्रमुख केंद्र है। .

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नई दिल्ली

नई दिल्ली भारत की राजधानी है। यह भारत सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के केंद्र के रूप में कार्य करता है। नई दिल्ली दिल्ली महानगर के भीतर स्थित है, और यह दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के ग्यारह ज़िलों में से एक है। भारत पर अंग्रेज शासनकाल के दौरान सन् 1911 तक भारत की राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) था। अंग्रेज शासकों ने यह महसूस किया कि देश का शासन बेहतर तरीके से चलाने के लिए कलकत्ता की जगह यदि दिल्‍ली को राजधानी बनाया जाए तो बेहतर होगा क्‍योंकि य‍ह देश के उत्तर में है और यहां से शासन का संचालन अधिक प्रभावी होगा। इस पर विचार करने के बाद अंग्रेज महाराजा जॉर्ज पंचम ने देश की राजधानी को दिल्‍ली ले जाने के आदेश दे दिए। वर्ष 2011 में दिल्ली महानगर की जनसंख्या 22 लाख थी। दिल्ली की जनसंख्या उसे दुनिया में पाँचवीं सबसे अधिक आबादी वाला, और भारत का सबसे बड़ा महानगर बनाती है। क्षेत्रफल के अनुसार भी, दिल्ली दुनिया के बड़े महानगरों में से एक है। मुम्बई के बाद, वह देश का दूसरा सबसे अमीर शहर है, और दिल्ली का सकल घरेलू उत्पाद दक्षिण, पश्चिम और मध्य एशिया के शहरों में दूसरे नम्बर पर आता है। नई दिल्ली अपनी चौड़ी सड़कों, वृक्ष-अच्छादित मार्गों और देश के कई शीर्ष संस्थानो और स्थलचिह्नों के लिए जानी जाती है। 1911 के दिल्ली दरबार के दौरान, 15 दिसम्बर को शहर की नींव भारत के सम्राट, जॉर्ज पंचम ने रखी, और प्रमुख ब्रिटिश वास्तुकार सर एड्विन लुट्यन्स और सर हर्बर्ट बेकर ने इसकी रूपरेखा तैयार की। ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन द्वारा 13 फ़रवरी 1931 को नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ। बोलचाल की भाषा में हालाँकि दिल्ली और नयी दिल्ली यह दोनों नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को संदर्भित करने के लिए के प्रयोग किये जाते हैं, मगर यह दो अलग-अलग संस्था हैं और नयी दिल्ली, दिल्ली महानगर का छोटा सा हिस्सा है। .

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पुरी

पुरी भारत के ओड़िशा प्रान्त का एक जिला है। भारत के चार पवित्रतम स्थानों में से एक है पुरी, जहां समुद्र इस शहर के पांव धोता है। कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति यहां तीन दिन और तीन रात ठहर जाए तो वह जीवन-मरण के चक्कर से मुक्ति पा लेता है। पुरी, भगवान जगन्नाथ (संपूर्ण विश्व के भगवान), सुभद्रा और बलभद्र की पवित्र नगरी है, हिंदुओं के पवित्र चार धामों में से एक पुरी संभवत: एक ऐसा स्थान है जहां समुद्र के आनंद के साथ-साथ यहां के धार्मिक तटों और 'दर्शन' की धार्मिक भावना के साथ कुछ धार्मिक स्थलों का आनंद भी लिया जा सकता है। पुरी एक ऐसा स्थान है जिसे हजारों वर्षों से कई नामों - नीलगिरी, नीलाद्रि, नीलाचल, पुरुषोत्तम, शंखक्षेत्र, श्रीक्षेत्र, जगन्नाथ धाम, जगन्नाथ पुरी - से जाना जाता है। पुरी में दो महाशक्तियों का प्रभुत्व है, एक भगवान द्वारा सृजित है और दूसरी मनुष्य द्वारा सृजित है। .

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बंगलौर

कर्नाटक का उच्च न्यायालय बंगलौर (अन्य वर्तनी: बेंगलुरु) (कन्नड़: ಬೆಂಗಳೂರು; उच्चारण) भारत के राज्य कर्नाटक की राजधानी है। बेंगलुरु शहर की जनसंख्या ८४ लाख है और इसके महानगरीय क्षेत्र की जनसंख्या ८९ लाख है, और यह भारत गणराज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर और पांचवा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। दक्षिण भारत में दक्कन के पठारीय क्षेत्र में ९०० मीटर की औसत ऊंचाई पर स्थित यह नगर अपने साल भर के सुहाने मौसम के लिए जाना जाता है। भारत के मुख्य शहरों में इसकी ऊंचाई सबसे ज़्यादा है। वर्ष २००६ में बेंगलूर के स्थानीय निकाय बृहत् बेंगलूर महानगर पालिकबी बी एम पी) ने एक प्रस्ताव के माध्यम से शहर के नाम की अंग्रेज़ी भाषा की वर्तनी को Bangalore से Bengaluru में परिवर्तित करने का निवेदन राज्य सरकार को भेजा। राज्य और केंद्रीय सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद यह बदलाव १ नवंबर २०१४ से प्रभावी हो गया है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय

महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन में स्थित मध्य प्रदेश का एक विश्वविद्यालय है। उज्जैन के सांस्कृतिक और पौराणिक महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन ने संस्कृत भाषा और प्राचीन ज्ञान-विज्ञान के अभिवर्धन एवं प्रसार हेतु उज्जैन में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया। महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम 2006 (क्रमांक 15 सन् 2008) के तहत 15 अगस्त 2008 से इस विश्वविद्यालयए की स्थापना की गई तथा 17 अगस्त 2008 को राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में तत्कालीन राज्यपाल एवं कुलाधिपति डॉ॰ बलराम जाखड़ द्वारा इसका विधिवत् शुभारंभ किया गया। विश्वविद्यालय का कार्यालय देवास रोड, उज्जैन स्थित बिड़ला शोध संस्थान परिसर में दिनांक 17 अगस्त 2008 से प्रारंभ किया गया। विश्वविद्यालय का कार्यालय क्षिप्रांजली न्यास की भूमि में स्थित बिरला शोध संस्थान के भवन में विधिवत् संचालित हो रहा है। भूमि का कुल क्षेत्रफल 1,25,420 वर्गफीट के लगभग है तथा भवन का क्षेत्रफल लगभग 10,200 वर्गफीट है। इसी भवन में कार्यालय के अतिरिक्त पाँच विश्वविद्यालय अध्यापन विभागों की कक्षायें भी लगायी जा रही हैं। भवन किराये पर है। दिनांक 25.3.2010 को मध्यप्रदेश विद्यानसभा द्वारा ‘महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय, उज्जैन’ के अधिनियम में ‘वैदिक’ शब्द को जोड़े जाने के सम्बन्ध में संशोधन का प्रस्ताव पारित किया गया। तदनुसार इस विश्वविद्यालय का नाम ‘महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय’ के स्थान पर ‘महर्षि पाणिनि संस्कृत एवम् वैदिक विश्वविद्यालय’ हुआ। इस विश्वविद्यालय में संस्कृत भाषा के पारंपरिक विषयों जैसे शुक्लयजुर्वेद/ नव्य व्याकरण/ फलित ज्योतिष/ सिद्धान्त ज्योतिष एवं साहित्य में शास्त्री (BA), आचार्य (MA), के अध्ययन अध्यापन एवं विशिष्टाचार्य (M. Phil.), विद्यावारिधि (Ph.d) में शोध की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त BA (संस्कृत प्राच्य) M A (संस्कृत प्राच्य)/ ज्योतिर्विज्ञान का अध्ययन का एकमात्र श्रेष्ठ केंद्र है। सत्र जुलाई 2018-19 से विश्वविद्यालय परिसर में चार वर्षीय एकीकृत शास्त्री-शिक्षाशास्त्री(B.A.B.ED.) पाठ्यक्रम भी आरम्भ किया जा रहा है। यह भारत का प्रथम संस्कृत विश्वविद्यालय है जिसके परिसर में यह पाठ्यक्रम आरम्भ हो रहा है। विश्वविद्यालय में संस्कृत के एक वर्षीय व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी संचालित हैं जिनसे शीघ्र ही स्वरोजगार प्राप्त किया जा सकता है। इनमें एक वर्षीय व्यावसायिक ज्योतिष डिप्लोमा/ व्यावसायिक वास्तुशास्त्र/ संस्कृत संभाषण / पौरोहित्य पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त हस्तरेखा विज्ञान, रत्नविज्ञान एवं अन्य प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रम भी संचालित है। .

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राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली

राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान नई दिल्ली में स्थित एक शैक्षणिक संस्थान है। यह भारत सरकार द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित मानित विश्वविद्यालय है। भारत सरकार ने संस्कृत आयोग (1956-1957) की अनुशंसा के आधार पर संस्कृत के विकास तथा प्रचार-प्रसार हेतु संस्कृत सम्बद्ध केन्द्र सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के उद्देश्य से 15 अक्टूबर 1970 को एक स्वायत्त संगठन के रूप में इसकी स्थापना की। 7 मई 2002 को मानव संसाधन विकास मन्त्रालय, भारत सरकार ने इसे बहुपरिसरीय मानित विश्वविद्यालय के रूप में घोषित किया। .

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राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, तिरुपति

राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित भारत का मानित विश्वविद्यालय है। यह पारम्परिक शास्त्राध्ययन का विशिष्ट केन्द्र है। यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अनुभाग 3, अधिनियम 1956 के आधीन उच्च शिक्षा एवं शोध हेतु स्थापित हुआ है। तिरुमला पर्वत के पादतल में स्थित यह राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ गत चार दशकों से संस्कृत के अध्ययन एवं अध्यापन की दृष्टि से छात्रों एवं विद्वानों का लक्ष्य हो गया है। यहाँ देश के विभिन्न भाग से विभिन्न धर्म जाति एवं भाषा के छात्र आते हैं जिससे यह विद्यापीठ एक घोटे भारत की तरह दिखता है। यहाँ अध्ययन एवं अनुसंधान के लिए उत्कृष्ट सुविधा एव अत्यन्त अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। नए पाठ्यक्रम,भव्य भवन्,कम्प्यूटर आदि आधुनिक उपसाधनों ने संस्कृत अध्ययन-अध्यापन के क्षेत्र में इस विद्यापीठ को उन्नत बना दिया है। तिरुपति शहर के मध्यभाग में अवस्थित विद्यापीठ परिसर विशाल तरु छाया, सुन्दर बगीचे एवं मनोहर वन से अत्यंत आकर्षणीय लगता है। सुविख्यात विद्वान् एवं राजनेता भारत के पूर्वमुख्य न्यायाधीश पतंजलि शास्त्री विद्यापीठ सोसाइटी के अध्यक्ष रहे हैं। उसके बाद प्राच्यविद्या के प्रसिद्धविद्वान् पी.राघवन् तथा लोकसभा के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री एम्. अनन्तशयनं अय्यंगार जी अध्यक्ष हुए। डा.बी.आर्.

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श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ

श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ भारत की राजधानी दिल्ली स्थित एक मानित विश्वविद्यालय है। वर्तमान कुलपति प्रोफेसर रमेश कुमार पाण्डेय हैं। .

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श्री शङ्कराचार्य संस्कृत सर्वकलाशाला

श्री शंकराचार्य संस्कृत सर्वकलाशाला का प्रतीकचिह्न श्री शंकराचार्य संस्कृत सर्वकलाशाला (या, श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय) केरल में कोच्चि के निकट कालटि में स्थापित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना १९९३ में हुई थी। इसका नाम आदि शंकराचार्य के नाम पर किया गया है। यह पूर्णा नदी के तट पर स्थित है। विश्वविद्यालय का आदर्शवाक्य है: ज्ञानादेव तु कैवल्यम् (ज्ञान से की कैवल्य प्राप्त होता है।) यह विश्वविद्यालय संस्कृत तथा अन्य भाषाओं की पाण्डुलिपियों के प्रकाशन एवं संरक्षण के लिये कार्य करती है। इसके नौ क्षेत्रीय केन्द्र हैं- कालटि (मुख्य केन्द्र), तिरुवनन्तपुरम, त्रिश्शूर, पन्मन, तुरवूर, एर्रुमानूर, तिरूर, कोइलाण्टि और पय्यन्नूर। .

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श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय

श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय (શ્રી સોમનાથ સંસ્કૃત વિશ્વવિદ્યાલય, Shree Somnath Sanskrit University) गुजरातराज्य के सौराष्ट्र विभाग में गीर-सोमनाथ जीले में स्थित एक विश्वविद्यालय है। वो गुजरात राज्य का एकमात्र संस्कृत विश्वविद्यालय है। “पूर्णता गौरवाय” ये विश्वविद्यालस्य का ध्येयसूत्र है। इस विश्वविद्यालय का व्याप सम्पूर्ण गुजरातराज्य में है। अतः वह सम्पूर्ण राज्य में कहीं भी संशोधन केन्द्र और शैक्षणिक केन्द्र का प्रस्थपन कर सकता है। सम्पूर्ण राज्य में पैंतीस से अधिक (३५+) महाविद्यालय इस विश्वविद्याल के अंगभूत हैं। .

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श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय

श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में स्थित एक संस्कृत विश्वविद्यालय है। .

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श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय

श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय (आमतौर पर एसवी विश्वविद्यालय या एसवीयू के रूप में जाना जाता है) भारत के राज्य आंध्र प्रदेश चित्तूर जिले के तिरुपति में एक राज्य विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना 1954 में मुख्यमंत्री टंगुटूरि प्रकाशम पंतुलु ने की थी । विश्वविद्यालय का नाम भगवान वेंकटेश्वर (बालाजी) के नाम पर रखा गया है जिसका मंदिर शहर में स्थित है। विश्वविद्यालय परिसर में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम द्वारा दान की गई भूमि पर एक बड़े क्षेत्र को शामिल किया गया है। यह तिरुपति के पश्चिमी तरफ स्थित है, जो शहर के अन्य विश्वविद्यालयों से घिरा हुआ है, अर्थात् श्री पद्मावती महिला विश्वविद्यालय, श्री वेंकटेश्वर पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय, श्री वेंकटेश्वर चिकित्सा विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ। इसमें 4 में से 3.52 के स्कोर के साथ "ए +" की एनएएसी रेटिंग है। यह भारत में बनाया जाने वाला 31 वां विश्वविद्यालय था, और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के बाद आंध्र प्रदेश में यह, आंध्र विश्वविद्यालय के बाद दूसरा सबसे पुराना विश्वविद्यालय है .

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सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के वाराणसी नगर में स्थित एक संस्कृत विश्वविद्यालय है। यह पूर्वात्य शिक्षा एवं संस्कृत से सम्बन्धित विषयों पर उच्च शिक्षा का केन्द्र है। यह विश्वविद्यालय मूलतः 'शासकीय संस्कृत महाविद्यालय' था जिसकी स्थापना सन् १७९१ में की गई थी। वर्ष 1894 में सरस्वती भवन ग्रंथालय नामक प्रसिद्ध भवन का निर्माण हुआ जिसमें हजारों पाण्डुलिपियाँ संगृहीत हैं। 22 मार्च 1958 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ सम्पूर्णानन्द के विशेष प्रयत्न से इसे विश्वविद्यालय का स्तर प्रदान किया गया। उस समय इसका नाम 'वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय' था। सन् १९७४ में इसका नाम बदलकर 'सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय' रख दिया गया। भारत और नेपाल के महाविद्यालय इसके विश्वविद्यालय बनने के पहले से ही इससे सम्बद्ध थे। केवल उत्तर प्रदेश के सम्बद्ध महाविद्यालयों की संख्या 1441 थी। इस प्रकार यह संस्थान न केवल भारत के लिए बल्कि दूसरे देशों के महाविद्यालयों के लिए भी विश्वविद्यालय के समान ही था। .

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संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

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हरिद्वार

हरिद्वार, उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले का एक पवित्र नगर तथा हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ है। यह नगर निगम बोर्ड से नियंत्रित है। यह बहुत प्राचीन नगरी है। हरिद्वार हिन्दुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक है। ३१३९ मीटर की ऊंचाई पर स्थित अपने स्रोत गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से २५३ किमी की यात्रा करके गंगा नदी हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में प्रथम प्रवेश करती है, इसलिए हरिद्वार को 'गंगाद्वार' के नाम से भी जाना जाता है; जिसका अर्थ है वह स्थान जहाँ पर गंगाजी मैदानों में प्रवेश करती हैं। हरिद्वार का अर्थ "हरि (ईश्वर) का द्वार" होता है। पश्चात्कालीन हिंदू धार्मिक कथाओं के अनुसार, हरिद्वार वह स्थान है जहाँ अमृत की कुछ बूँदें भूल से घड़े से गिर गयीं जब God Dhanwantari उस घड़े को समुद्र मंथन के बाद ले जा रहे थे। ध्यातव्य है कि कुम्भ या महाकुम्भ से सम्बद्ध कथा का उल्लेख किसी पुराण में नहीं है। प्रक्षिप्त रूप में ही इसका उल्लेख होता रहा है। अतः कथा का रूप भी भिन्न-भिन्न रहा है। मान्यता है कि चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थीं। वे स्थान हैं:- उज्जैन, हरिद्वार, नासिक और प्रयाग। इन चारों स्थानों पर बारी-बारी से हर १२वें वर्ष महाकुम्भ का आयोजन होता है। एक स्थान के महाकुम्भ से तीन वर्षों के बाद दूसरे स्थान पर महाकुम्भ का आयोजन होता है। इस प्रकार बारहवें वर्ष में एक चक्र पूरा होकर फिर पहले स्थान पर महाकुम्भ का समय आ जाता है। पूरी दुनिया से करोड़ों तीर्थयात्री, भक्तजन और पर्यटक यहां इस समारोह को मनाने के लिए एकत्रित होते हैं और गंगा नदी के तट पर शास्त्र विधि से स्नान इत्यादि करते हैं। एक मान्यता के अनुसार वह स्थान जहाँ पर अमृत की बूंदें गिरी थीं उसे हर की पौड़ी पर ब्रह्म कुण्ड माना जाता है। 'हर की पौड़ी' हरिद्वार का सबसे पवित्र घाट माना जाता है और पूरे भारत से भक्तों और तीर्थयात्रियों के जत्थे त्योहारों या पवित्र दिवसों के अवसर पर स्नान करने के लिए यहाँ आते हैं। यहाँ स्नान करना मोक्ष प्राप्त करवाने वाला माना जाता है। हरिद्वार जिला, सहारनपुर डिवीजनल कमिशनरी के भाग के रूप में २८ दिसम्बर १९८८ को अस्तित्व में आया। २४ सितंबर १९९८ के दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा ने 'उत्तर प्रदेश पुनर्गठन विधेयक, १९९८' पारित किया, अंततः भारतीय संसद ने भी 'भारतीय संघीय विधान - उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम २०००' पारित किया और इस प्रकार ९ नवम्बर २०००, के दिन हरिद्वार भारतीय गणराज्य के २७वें नवगठित राज्य उत्तराखंड (तब उत्तरांचल), का भाग बन गया। आज, यह अपने धार्मिक महत्त्व के अतिरिक्त भी, राज्य के एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र के रूप में, तेज़ी से विकसित हो रहा है। तेज़ी से विकसित होता औद्योगिक एस्टेट, राज्य ढांचागत और औद्योगिक विकास निगम, SIDCUL (सिडकुल), भेल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) और इसके सम्बंधित सहायक इस नगर के विकास के साक्ष्य हैं। .

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जयपुर

जयपुर जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी है। आमेर के तौर पर यह जयपुर नाम से प्रसिद्ध प्राचीन रजवाड़े की भी राजधानी रहा है। इस शहर की स्थापना १७२८ में आमेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने की थी। जयपुर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा, सरस-संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खूबी है। १८७६ में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से आच्छादित करवा दिया था। तभी से शहर का नाम गुलाबी नगरी पड़ा है। 2011 की जनगणना के अनुसार जयपुर भारत का दसवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। राजा जयसिंह द्वितीय के नाम पर ही इस शहर का नाम जयपुर पड़ा। जयपुर भारत के टूरिस्ट सर्किट गोल्डन ट्रायंगल (India's Golden Triangle) का हिस्सा भी है। इस गोल्डन ट्रायंगल में दिल्ली,आगरा और जयपुर आते हैं भारत के मानचित्र में उनकी स्थिति अर्थात लोकेशन को देखने पर यह एक त्रिभुज (Triangle) का आकार लेते हैं। इस कारण इन्हें भारत का स्वर्णिम त्रिभुज इंडियन गोल्डन ट्रायंगल कहते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली से जयपुर की दूरी 280 किलोमीटर है। शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। बाद में एक और द्वार भी बना जो 'न्यू गेट' कहलाया। पूरा शहर करीब छह भागों में बँटा है और यह १११ फुट (३४ मी.) चौड़ी सड़कों से विभाजित है। पाँच भाग मध्य प्रासाद भाग को पूर्वी, दक्षिणी एवं पश्चिमी ओर से घेरे हुए हैं और छठा भाग एकदम पूर्व में स्थित है। प्रासाद भाग में हवा महल परिसर, व्यवस्थित उद्यान एवं एक छोटी झील हैं। पुराने शह के उत्तर-पश्चिमी ओर पहाड़ी पर नाहरगढ़ दुर्ग शहर के मुकुट के समान दिखता है। इसके अलावा यहां मध्य भाग में ही सवाई जयसिंह द्वारा बनावायी गईं वेधशाला, जंतर मंतर, जयपुर भी हैं। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। देश के सबसे प्रतिभाशाली वास्तुकारों में इस शहर के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य का नाम सम्मान से लिया जाता है। ब्रिटिश शासन के दौरान इस पर कछवाहा समुदाय के राजपूत शासकों का शासन था। १९वीं सदी में इस शहर का विस्तार शुरु हुआ तब इसकी जनसंख्या १,६०,००० थी जो अब बढ़ कर २००१ के आंकड़ों के अनुसार २३,३४,३१९ और २०१२ के बाद ३५ लाख हो चुकी है। यहाँ के मुख्य उद्योगों में धातु, संगमरमर, वस्त्र-छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन-उद्योग आदि शामिल हैं। जयपुर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है। इस शहर के वास्तु के बारे में कहा जाता है कि शहर को सूत से नाप लीजिये, नाप-जोख में एक बाल के बराबर भी फ़र्क नहीं मिलेगा। .

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जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय

जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय राजस्थान के जयपुर में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। पहले इसका नाम' राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय' था। सम्पूर्ण संस्कृत वाङ्मय के सांगोपांग अध्ययन और अध्यापन का संचालन करने, सतत विशेषज्ञीय अनुसंधान और उससे आनुषंगिक अन्य विषयों की व्यवस्था करने तथा संस्कृत वाङ्मय में निहित ज्ञान-विज्ञान की अनुसंधान पर आधारित सरल वैज्ञानिक पद्धति से व्यावहारिक व्याख्या प्रस्तुत करने के साथ ही अन्य महत्त्वपूर्ण अनुसंधानों के परिणामों और उपलब्धियों को प्रकाश में लाने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय अधिनियम 1998 (1998 का अधिनियम 10) की अनुमति महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा दिनांक 2-9-1998 को दीगई। दिनांक 6 फ़रवरी 2001 को राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय ने मूर्त्त रूप लिया जिसके प्रथम कुलपति पद्मश्री डॉ॰मण्डन मिश्र नियुक्त किये गये। उपशासन सचिव, शिक्षा (ग्रुप - 6) द्वारा जारी आदेश क्र.प.(1) शिक्षा - 6/2000 दिनांक 27-06-2005 के अनुसार दिनांक 27-06-2005 से विश्वविद्यालय का नाम जगद्गुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर कर दिया गया है। .

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वाराणसी

वाराणसी (अंग्रेज़ी: Vārāṇasī) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध नगर है। इसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। यह संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है। काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं। वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, वल्लभाचार्य, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आदि कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था। वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय। यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है। वाराणसी को प्रायः 'मंदिरों का शहर', 'भारत की धार्मिक राजधानी', 'भगवान शिव की नगरी', 'दीपों का शहर', 'ज्ञान नगरी' आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है। प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों (लीजेन्ड्स) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है।" .

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विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय (युनिवर्सिटी) वह संस्था है जिसमें सभी प्रकार की विद्याओं की उच्च कोटि की शिक्षा दी जाती हो, परीक्षा ली जाती हो तथा लोगों को विद्या संबंधी उपाधियाँ आदि प्रदान की जाती हों। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के मैदान, भवन, प्रभाग, तथा विद्यार्थियों का संगठन आदि भी सम्मिलित हैं। .

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वेरावल

वेरावल का बीच वेरावल (गुजराती:વેરાવળ) गीर-सोमनाथ जिले का एक शहर है। यह गुजरात में स्थित है। यह शहर प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर से मात्र ६ कि॰मी॰ की दूरी पर है। Veraval Beach .

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कर्नाटक संस्कृत विश्वविद्यालय

कर्नाटक संस्कृत विश्वविद्यालय कर्नाटक का एक विश्वविद्यालय है जो संस्कृत भाषा के अध्ययन-अध्यापन एवं अनुसंधान के लिये स्थापित है। इसकी स्थापना २०१० में हुई। कर्नाटक में २१ संस्कृत महाविद्यालय हैं। इसके अलावा ३५४ वेद एवं संस्कृत पाठशालाएँ भी हैं। .

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कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय

कामेश्वरसिंह-दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय बिहार का एक विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना 26 जनवरी 1961 को हुई। इस विश्वविद्यालय की स्थापना दरभंगा के महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह की अविस्मरणीय दानशीलता के कारण दरभंगा में हुई। अतः इस विश्वविद्यालय के साथ कामेश्वरसिंह-दरभंगा का नाम भी उनके सम्मान में जुटा हुआ है। यह विश्वविद्यालय भारतीय विश्वविद्यालय संघ का एक सदस्य और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है। यह बिहार राज्य का प्रथम तथा भारत का दूसरा संस्कृत विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय के मुख्यालय में स्नातकोत्तर (आचार्य) के अध्यापन के साथ-साथ संस्कृत के व्याकरण आदि शास्त्रों में शोध कार्य की भी व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय मुख्यालय में शिक्षाशास्त्री (B. Ed.) के अध्यापन की भी व्यवस्था है। इस विश्वविद्यालय के अधीन राज्य के विभिन्न भागों में 31 अंगीभूत महाविद्यालय, 31 वित्तसहित शास्त्री स्तरीय सम्बद्ध महाविद्यालय तथा 15 वित्तसहित उपशास्त्री स्तरीय सम्बद्ध महाविद्यालय संस्कृत के अध्यापन हेतु कार्यरत हैं। इनके अतिरिक्त कई वित्तरहित महाविद्यालय भी मान्यताप्राप्त हैं।;विश्वविद्यालय मुख्यालय के शैक्षणिक विभागों के नाम-.

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कालडी

कालडि (मलयालम: കാലടി / कालटि) केरल के एर्नाकुलम जिले में पेरियार नदी के पूर्व में स्थित एक गाँव है। इसी गाँव में आदि शंकराचार्य का जन्म हुआ था इसलिये यह एक प्रसिद्ध तीर्थ भी है। .

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कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय

कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय महाराष्ट्र के रामटेक में स्थित एक संस्कृत विश्वविद्यालय है। .

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कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं पुरातन अध्ययन विश्वविद्यालय

श्री कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं पुरातन अध्ययन विश्वविद्यालय असम के नलबाडी में स्थित एक संस्कृत विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना २०११ में हुई थी। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य संस्कृत भाषा एवं कामरूप के इतिहास का अध्ययन करना है। इसके अलावा इसमें कला, मानविकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी संचालित हैं। .

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उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय

अधिसूचना संख्या 486/विधायी एवं संसदीय कार्य/2005 द्वारा उत्तराखण्ड शासन ने हरिद्वार में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की। उत्तराखंड के वे समस्त महाविद्यालय जो पूर्व में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से सम्बद्ध थे, उाराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हो गए। आज इनकी संख्या बावन (52) है। ज्ञातव्य है कि उत्तराखण्ड राज्य में देवभाषा संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का स्थान प्रदान किया गया है। .

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उज्जैन

उज्जैन का प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन (उज्जयिनी) भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। यह एक अत्यन्त प्राचीन शहर है। यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ हर १२ वर्ष पर सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है। उज्जैन मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इन्दौर से ५५ कि॰मी॰ पर है। उज्जैन के प्राचीन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है। उज्जैन मंदिरों की नगरी है। यहाँ कई तीर्थ स्थल है। इसकी जनसंख्या लगभग 5.25 लाख है। यह मध्य प्रदेश का पाँचवा सबसे बड़ा शहर है। नगर निगम सीमा का क्षेत्रफल ९३ वर्ग किलोमीटर है। .

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