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भारत का उच्चतम न्यायालय

सूची भारत का उच्चतम न्यायालय

भारत का उच्चतम न्यायालय या भारत का सर्वोच्च न्यायालय भारत का शीर्ष न्यायिक प्राधिकरण है जिसे भारतीय संविधान के भाग 5 अध्याय 4 के तहत स्थापित किया गया है। भारतीय संघ की अधिकतम और व्यापक न्यायिक अधिकारिता उच्चतम न्यायालय को प्राप्त हैं। भारतीय संविधान के अनुसार उच्चतम न्यायालय की भूमिका संघीय न्यायालय और भारतीय संविधान के संरक्षक की है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 से 147 तक में वर्णित नियम उच्चतम न्यायालय की संरचना और अधिकार क्षेत्रों की नींव हैं। उच्चतम न्यायालय सबसे उच्च अपीलीय अदालत है जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ अपील सुनता है। इसके अलावा, राज्यों के बीच के विवादों या मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघन से सम्बन्धित याचिकाओं को आमतौर पर उच्च्तम न्यायालय के समक्ष सीधे रखा जाता है। भारत के उच्चतम न्यायालय का उद्घाटन 28 जनवरी 1950 को हुआ और उसके बाद से इसके द्वारा 24,000 से अधिक निर्णय दिए जा चुके हैं। .

25 संबंधों: टी॰ एस॰ ठाकुर, एच एल दत्तु, दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (भारत), दिल्ली जिला न्यायालय, दीपक मिश्रा, नरेन्द्रमण्डल, नई दिल्ली, पारसी, भारत, भारत का संविधान, भारत का उच्चतम न्यायालय, भारत के मुख्य न्यायाधीश, भारत के राष्ट्रपति, भारत के उच्च न्यायालयों की सूची, भारत की संघीय अदालत, मिर्जा हमीदुल्ला बेग, योगेश कुमार सभरवाल, राजेन्द्र मल लोढ़ा, रंगनाथ मिश्र, शाहबानो प्रकरण, ज्ञान सुधा मिश्रा, वाई वी चंद्रचूड़, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, भारत, के॰ जी॰ बालकृष्णन, अल्तमास कबीर

टी॰ एस॰ ठाकुर

तीरथ सिंह ठाकुर (जन्म: 4 जनवरी 1952) पूर्व भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। वे पूर्व में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। वे जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय तथा कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं। .

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एच एल दत्तु

हंडयाला लक्ष्मीनारायणस्वामी दत्तु (जन्म: 3 दिसम्बर 1950) भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश है। पूर्व में वे केरल उच्च न्यायालय व छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश थे। जिन्हें २३ फरवरी २०१६ को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाया है। इन्हें के.जी.बालकृष्णन की सेवा निवृत्ति पश्चात रिक्त पड़े पद पर पांच वर्ष के लिये नियुक्त किया गया है। .

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दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (भारत)

दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (Code of Criminal Procedure, 1973) भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्यवन के लिये मुख्य कानून है। यह सन् १९७३ में पारित हुआ तथा १ अप्रैल १९७४ से लागू हुआ। 'सीआरपीसी' दंड प्रक्रिया संहिता का संक्षिप्त नाम है। जब कोई अपराध किया जाता है तो सदैव दो प्रक्रियाएं होती हैं, जिन्हें पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है। एक प्रक्रिया पीड़ित के संबंध में और दूसरी आरोपी के संबंध में होती है। सीआरपीसी में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है। 'आइपीसी' भारतीय दंड संहिता का संक्षिप्त नाम है। कुछ प्रकार के मानव व्यवहार ऐसे होते हैं जिसकी कानून इजाजत नहीं देता। ऐसे व्यवहार करने पर किसी व्यक्ति को उनके परिणामों का सामना करना पड़ता है। खराब व्यवहार को अपराध या गुनाह कहते हैं और इसके परिणाम को दंड कहा जाता है। जिन व्यवहारों को अपराध माना जाता है उनके बारे में और हर अपराध से संबंधित दंड के बारे में ब्योरा मुख्यतया आइपीसी में दिया गया है। जब कोई अपराध किया जाता है, तो सदैव दो प्रक्रियाएं होती हैं, जिन्हें पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है। एक प्रक्रिया के संबंध में और दूसरी के संबंध में होती है। सीआरपीसी में इन दोनों प्रकार की प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है।दंड प्रक्रिया संहिता के द्वारा ही अपराधी को दंड दिया जाता है ! .

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दिल्ली जिला न्यायालय

दिल्ली जिला न्यायालय का चिह्न भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल द्वारा दिनांक १७ सितंबर १९१२ को जारी की गई प्रोकलेमेशन संख्या ९११ के अन्तर्गत दिल्ली को विशेष वैधानिक क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई। इस नोटिफिकेशन के द्वारा दिल्ली पर भारत के गवर्नर जनरल का प्रत्यक्ष प्रभुत्व स्थापित हो गया तथा इसके प्रबंधन का उतरदायित्व भी गवर्नर जनरल के हाथ में आ गया। इस नोटिफिकेशन के जारी होने के बाद मि.विलियम मैलकोम हैले, सी.आई.ई., आई.सी.एस.

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दीपक मिश्रा

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा (जन्म 3 अक्टूबर 1953) भारत के एक न्यायाधीश तथा वर्तमान भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। वे 27 अगस्त, 2017 को पूर्व मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर के सेवानिवृत्ति के बाद भारत के 45वें मुख्य न्यायाधीश बने। उन्होने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में 28 अगस्त 2017 को शपथ ग्रहण की। उनका कार्यकाल 2 अक्टूबर, 2018 को समाप्त हो जाएगा। पूर्व में वे पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश रह चुके हैं। 3 अक्टूबर 1953 को जन्मे श्री मिश्र ने वर्ष 1977 में उड़ीसा उच्च न्यायालय में एक अधिवक्ता के तौर पर अपना कैरियर शुरू किया था और वर्ष 1996 में उड़ीसा उच्च न्यायालय में न्यायधीश बने थे। उनका स्थानांतरण मार्च 1997 में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में कर दिया गया था और पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश के पद पर प्रोन्नति पाने के पूर्व वे वहीं पदस्थापित थे। .

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नरेन्द्रमण्डल

नरेन्द्रमण्डल अथवा नरेशमण्डल(अन्य वर्तनीयां: "नरेन्द्र मंडल", "नरेंद्र मंडल" या "नरेश मंडल")(Chamber of Princes.; उच्चारण:"चेम्बर आॅफ़ प्रिन्सेज़") भारतवर्ष का एक पूर्व विधान मंडल था। यह ब्रिटिशकालीन भारत के विधान मंडल का एक उच्च व शाही सदन था। इसकी स्थापना सन 1920 में ब्रिटेन के राजा, सम्राट जौर्ज पंचम के शाही फ़रमान द्वारा हुई थी। इस्की स्थापना करने का मूल उद्देश्य ब्रिटिशकालीन भारत की रियासतों को एक विधानमण्डल रूपी मंच प्रदान करना था ताकी ब्रिटिश-संरक्षित रियासतों के साशक ब्रिटिश सरकार से अपनी आशाओं और आकांशाओं को प्रस्तुत कर सकें। इस्की बैठक "संसद भवन" के तीसरे कक्ष में होती थी जिसे अब "सांसदीय पुस्तकालय" में परिवर्तित कर दिया गया है। इस सदन को 1947 में ब्रिटिश राज के समापन के पश्चात भारत की स्वतंत्रता व गणराज्य की स्थापना के बाद विस्थापित कर दिया गया। .

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नई दिल्ली

नई दिल्ली भारत की राजधानी है। यह भारत सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के केंद्र के रूप में कार्य करता है। नई दिल्ली दिल्ली महानगर के भीतर स्थित है, और यह दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के ग्यारह ज़िलों में से एक है। भारत पर अंग्रेज शासनकाल के दौरान सन् 1911 तक भारत की राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) था। अंग्रेज शासकों ने यह महसूस किया कि देश का शासन बेहतर तरीके से चलाने के लिए कलकत्ता की जगह यदि दिल्‍ली को राजधानी बनाया जाए तो बेहतर होगा क्‍योंकि य‍ह देश के उत्तर में है और यहां से शासन का संचालन अधिक प्रभावी होगा। इस पर विचार करने के बाद अंग्रेज महाराजा जॉर्ज पंचम ने देश की राजधानी को दिल्‍ली ले जाने के आदेश दे दिए। वर्ष 2011 में दिल्ली महानगर की जनसंख्या 22 लाख थी। दिल्ली की जनसंख्या उसे दुनिया में पाँचवीं सबसे अधिक आबादी वाला, और भारत का सबसे बड़ा महानगर बनाती है। क्षेत्रफल के अनुसार भी, दिल्ली दुनिया के बड़े महानगरों में से एक है। मुम्बई के बाद, वह देश का दूसरा सबसे अमीर शहर है, और दिल्ली का सकल घरेलू उत्पाद दक्षिण, पश्चिम और मध्य एशिया के शहरों में दूसरे नम्बर पर आता है। नई दिल्ली अपनी चौड़ी सड़कों, वृक्ष-अच्छादित मार्गों और देश के कई शीर्ष संस्थानो और स्थलचिह्नों के लिए जानी जाती है। 1911 के दिल्ली दरबार के दौरान, 15 दिसम्बर को शहर की नींव भारत के सम्राट, जॉर्ज पंचम ने रखी, और प्रमुख ब्रिटिश वास्तुकार सर एड्विन लुट्यन्स और सर हर्बर्ट बेकर ने इसकी रूपरेखा तैयार की। ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन द्वारा 13 फ़रवरी 1931 को नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ। बोलचाल की भाषा में हालाँकि दिल्ली और नयी दिल्ली यह दोनों नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को संदर्भित करने के लिए के प्रयोग किये जाते हैं, मगर यह दो अलग-अलग संस्था हैं और नयी दिल्ली, दिल्ली महानगर का छोटा सा हिस्सा है। .

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पारसी

पारसी धर्म के अनुयायियों को पारसी कहा जाता है। यह ईरान (फ़ारस) के प्राचीन जरदोश्त धर्म को मानते है और आज ईरान तथा भारत के कुछ क्षेत्रों में पाए जाते हैं। श्रेणी:पारसी धर्म.

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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भारत का संविधान

भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। .

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भारत का उच्चतम न्यायालय

भारत का उच्चतम न्यायालय या भारत का सर्वोच्च न्यायालय भारत का शीर्ष न्यायिक प्राधिकरण है जिसे भारतीय संविधान के भाग 5 अध्याय 4 के तहत स्थापित किया गया है। भारतीय संघ की अधिकतम और व्यापक न्यायिक अधिकारिता उच्चतम न्यायालय को प्राप्त हैं। भारतीय संविधान के अनुसार उच्चतम न्यायालय की भूमिका संघीय न्यायालय और भारतीय संविधान के संरक्षक की है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 से 147 तक में वर्णित नियम उच्चतम न्यायालय की संरचना और अधिकार क्षेत्रों की नींव हैं। उच्चतम न्यायालय सबसे उच्च अपीलीय अदालत है जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ अपील सुनता है। इसके अलावा, राज्यों के बीच के विवादों या मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघन से सम्बन्धित याचिकाओं को आमतौर पर उच्च्तम न्यायालय के समक्ष सीधे रखा जाता है। भारत के उच्चतम न्यायालय का उद्घाटन 28 जनवरी 1950 को हुआ और उसके बाद से इसके द्वारा 24,000 से अधिक निर्णय दिए जा चुके हैं। .

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भारत के मुख्य न्यायाधीश

भारत गणराज्य में अब तक कुल 45 (वर्तमान मुख्य न्यायाधीश सहित) न्यायाधीशों ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा की है। न्यायमूर्ति श्री एच जे कनिया भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश थे तथा वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्र हैं। .

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भारत के राष्ट्रपति

भारत के राष्ट्रपति, भारत गणराज्य के कार्यपालक अध्यक्ष होते हैं। संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं। अनुच्छेद 53 के अनुसार संघ की कार्यपालक शक्ति उनमें निहित हैं। वह भारतीय सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक भी हैं। सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने वाला, युद्ध/शांति की घोषणा करने वाला होता है। वह देश के प्रथम नागरिक हैं। भारतीय राष्ट्रपति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है। सिद्धांततः राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्ति होती है। पर कुछ अपवादों के अलावा राष्ट्रपति के पद में निहित अधिकांश अधिकार वास्तव में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिपरिषद् के द्वारा उपयोग किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं, जिसे रायसीना हिल के नाम से भी जाना जाता है। राष्ट्रपति अधिकतम कितनी भी बार पद पर रह सकते हैं इसकी कोई सीमा तय नहीं है। अब तक केवल पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने ही इस पद पर दो बार अपना कार्यकाल पूरा किया है। प्रतिभा पाटिल भारत की 12वीं तथा इस पद को सुशोभीत करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं। उन्होंने 25 जुलाई 2007 को पद व गोपनीयता की शपथ ली थी। - Fadoo Post - 14 july 2017 वर्तमान में राम नाथ कोविन्द भारत के चौदहवें राष्ट्रपति हैं। .

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भारत के उच्च न्यायालयों की सूची

भारतीय उच्च न्यायालय भारत के उच्च न्यायालय हैं। भारत में कुल २४ उच्च न्यायालय है जिनका अधिकार क्षेत्र कोई राज्य विशेष या राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के एक समूह होता हैं। उदाहरण के लिए, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, पंजाब और हरियाणा राज्यों के साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को भी अपने अधिकार क्षेत्र में रखता हैं। उच्च न्यायालय भारतीय संविधान के अनुच्छेद २१४, अध्याय ५ भाग ६ के अंतर्गत स्थापित किए गए हैं। न्यायिक प्रणाली के भाग के रूप में, उच्च न्यायालय राज्य विधायिकाओं और अधिकारी के संस्था से स्वतंत्र हैं .

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भारत की संघीय अदालत

भारत में पहली बार संघीय न्यायालय की स्थापना भारत शासन अधिनियम 1935 के दिल्ली में की गई। अब सभी न्यायालय इसके अधीन होंगे, जहाँ 28 जनवरी 1950 को भारतीय उच्चतम न्यायालय विस्थापित किया गया इसके अधिकार 1) प्रारंभिक 2)अपीलीय 3)परामर्श दात्री श्रेणी:भारत के न्यायालय.

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मिर्जा हमीदुल्ला बेग

मिर्जा हमीदुल्ला बेग भारत के सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश रहे हैं। .

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योगेश कुमार सभरवाल

योगेश कुमार सभरवाल भारत के सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश रहे हैं। .

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राजेन्द्र मल लोढ़ा

राजेन्द्र मल लोढ़ा (जन्म:28 सितंबर 1949http://www.supremecourtofindia.nic.in/judges/sjud/rmlodha.htm) भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने 27 अप्रैल 2014 को उच्चतम न्यायालय के 41 वे मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया। 17 दिसम्बर 2008 को भारत का उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बने। .

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रंगनाथ मिश्र

रंगनाथ मिश्र भारत के सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश रहे हैं। hggigruhgdiy hfjjdjnfj श्रेणी:१९२६ में जन्में लोग श्रेणी:२०१२ में निधन श्रेणी:भारत के मुख्य न्यायाधीश श्रेणी:ओड़िशा के राज्यपाल.

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शाहबानो प्रकरण

शाह बानो प्रकरण भारत में राजनीतिक विवाद को जन्म देने के लिये कुख्यात है। इसको अक्सर राजनैतिक लाभ के लिये अल्पसंख्यक वोट बैंक के तुष्टीकरण के उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। .

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ज्ञान सुधा मिश्रा

न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा (जन्म: 28 अप्रैल 1949) सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश हैं। वे झारखण्ड उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। उनके पिता न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र मिश्र पटना उच्च न्यायालय के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे। वे 16 मार्च 1994 को पटना उच्च न्यायालय की न्यायाधीश नियुक्त हुई। उन्होने झारखंड उच्च न्यायालय में 13 जुलाई 2008 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में योगदान दिया। इसके बाद इनका तबादला राजस्थान उच्च न्यायालय कर दिया गया। इन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय में 14 वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में काम किया। 30 अप्रैल 2010 को 4 वर्षों के लिए सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश के रूप में इनकी नियुक्ति हुई। एक न्यायमूर्ति के रूप में ये समय की पाबंदी को महत्व देने के लिए मशहूर है। .

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वाई वी चंद्रचूड़

वाई वी चंद्रचूड़ भारत के सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश रहे हैं। .

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केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, भारत

भारत का केन्द्रीय लोक-निर्माण विभाग जिसे सामान्यतः सी.

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के॰ जी॰ बालकृष्णन

कोनकुप्पकतिल गोपिनाथन बालकृष्णन (കൊനകുപ്പക്കാട്ടില്‍ ഗോപിനാഥന്‍ ബാലകൃഷ്ണന്‍) (जन्म: 12 मई 1945) जिन्हें के.जी.बालकृष्णन के नाम से ज्यादा जाना जाता है, भारत के 37 वें मुख्य न्यायाधीश थे। ये पहले मलयाली मुख्य न्यायाधीश बने थे। .

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अल्तमास कबीर

अल्तमास कबीर (१९ जुलाई १९४८ – १९ फ़रवरी २०१७) भारत का उच्चतम न्यायालय के ३९वें मुख्य न्यायाधीश थे। इनके बाद पी सतशिवम देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बने। .

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