भागवत पुराण और राधावल्लभ संप्रदाय
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भागवत पुराण और राधावल्लभ संप्रदाय के बीच अंतर
भागवत पुराण vs. राधावल्लभ संप्रदाय
सन १५०० में लिखित एक भागवत पुराण मे यशोदा कृष्ण को स्नान कराते हुए भागवत पुराण (Bhaagwat Puraana) हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवतम् (Shrimadbhaagwatam) या केवल भागवतम् (Bhaagwatam) भी कहते हैं। इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है। परंपरागत तौर पर इस पुराण का रचयिता वेद व्यास को माना जाता है। श्रीमद्भागवत भारतीय वाङ्मय का मुकुटमणि है। भगवान शुकदेव द्वारा महाराज परीक्षित को सुनाया गया भक्तिमार्ग तो मानो सोपान ही है। इसके प्रत्येक श्लोक में श्रीकृष्ण-प्रेम की सुगन्धि है। इसमें साधन-ज्ञान, सिद्धज्ञान, साधन-भक्ति, सिद्धा-भक्ति, मर्यादा-मार्ग, अनुग्रह-मार्ग, द्वैत, अद्वैत समन्वय के साथ प्रेरणादायी विविध उपाख्यानों का अद्भुत संग्रह है। . राधावल्लभ संप्रदाय, हितहरिवंश महाप्रभु द्वारा प्रवर्तित एक वैष्णव सम्प्रदाय है। .
भागवत पुराण और राधावल्लभ संप्रदाय के बीच समानता
भागवत पुराण और राधावल्लभ संप्रदाय आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): हितहरिवंश।
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भागवत पुराण और राधावल्लभ संप्रदाय के बीच तुलना
भागवत पुराण 63 संबंध है और राधावल्लभ संप्रदाय 5 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.47% है = 1 / (63 + 5)।
संदर्भ
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