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ब्लॉगवाणी और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ब्लॉगवाणी और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास के बीच अंतर

ब्लॉगवाणी vs. हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास

ब्लॉगवाणी हिन्दी ब्लॉग यानी चिट्ठों का एक ऍग्रीगेटर है जहाँ पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। . सबसे पहले हिन्दी टाइप शायद वर्डस्‍टार (वर्जन III प्लस) जैसे एक शब्द संसाधक ‘अक्षर’ में आया। फिर विंडोज़ आया और पेजमेकर व वेंचुरा का समय आया। इस सारी यात्रा में कम्प्‍यूटर केवल प्रिटिंग की दुनिया की सहायता भर कर रहा था। यूनिकोड के आगमन एवं प्रसार के पश्चात हिन्दी कम्प्यूटिंग प्रिंटिंग तक सीमित न रहकर संगणन के विभिन्न पहलुओं तक पहुँच गयी। अब भाषायी संगणन के सभी क्षेत्रों में हिन्दी अपनी पहुँच बना रही है। हिन्दी कम्प्यूटिंग को वर्तमान स्थिति तक पहुँचाने में सरकार, अनेक संस्थाओं, समूहों एवं प्रोग्रामरों-डैवलपरों का योगदान रहा। .

ब्लॉगवाणी और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास के बीच समानता

ब्लॉगवाणी और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चिट्ठा, चिट्ठाजगत.इन, नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर), हिन्दी चिट्ठाजगत

चिट्ठा

चिट्ठा (अंग्रेज़ी:ब्लॉग), बहुवचन: चिट्ठे (अंग्रेज़ी:ब्लॉग्स) एक प्रकार के व्यक्तिगत जालपृष्ठ (वेबसाइट) होते हैं जिन्हें दैनन्दिनी (डायरी) की तरह लिखा जाता है।। चिट्ठाजगत संकलक हर चिट्ठे में कुछ लेख, फोटो और बाहरी कड़ियाँ होती हैं। इनके विषय सामान्य भी हो सकते हैं और विशेष भी। चिट्ठा लिखने वाले को चिट्ठाकार (ब्लॉगर) तथा इस कार्य को चिट्ठाकारी अथवा चिट्ठाकारिता (ब्लॉगिंग) कहा जाता है। कई चिट्ठे किसी खास विषय से संबंधित होते हैं, व उस विषय से जुड़े समाचार, जानकारी या विचार आदि उपलब्ध कराते हैं। एक चिट्ठे में उस विषय से जुड़े पाठ, चित्र/मीडिया व अन्य चिट्ठों के लिंक्स मिल सकते हैं। चिट्ठों में पाठकों को अपनी टीका-टिप्पणियां देने की क्षमता उन्हें एक संवादात्मक (इंटरैक्टिव) प्रारूप प्रदन प्रदान करती है।। हिन्दुस्तान लाइव। अधिकतर चिट्ठे मुख्य तौर पर पाठ रूप में होते हैं, हालांकि कुछ कलाओं (आर्ट ब्लॉग्स), छायाचित्रों (फोटोग्राफ़ी ब्लॉग्स), वीडियो, संगीत (एमपी३ ब्लॉग्स) एवं ऑडियो (पॉडकास्टिंग) पर केन्द्रित भी होते हैं। अंग्रेजी शब्द ब्लॉग वेब लॉग (web log) शब्द का सूक्ष्म रूप है, इसे एक आरम्भिक ब्लॉगर द्वारा मजाक में वी ब्लॉग (We blog) की तरह प्रयोग किया गया था, बाद में इसका केवल 'ब्लॉग' (blog) शब्द रह गया तथा बाद में यह शब्द इण्टरनेट पर प्रचलित हो गया। हिन्दी शब्द 'चिट्ठा' पहले हिन्दी चिट्ठाकार आलोक कुमार द्वारा प्रतिपादित किया गया था जो कि अब इण्टरनेट पर हिन्दी दुनिया में प्रचलित हो गया है। यह शब्द अब गूगल द्वारा भी अपने शब्दकोश में शामिल किया जा चुका है। हिन्दी का पहला चिट्ठा नौ दो ग्यारह माना जाता है जिसे आलोक कुमार ने पोस्ट किया था। ब्लॉग के लिये चिट्ठा शब्द भी उन्हीं ने प्रदिपादित किया था जो कि अब इण्टरनेट पर इसके लिये प्रचलित हो चुका है। चिट्ठा बनाने के कई तरीके होते हैं, जिनमें सबसे सरल तरीका है, किसी अंतर्जाल पर किसी चिट्ठा वेसाइट जैसे या या आदि जैसे स्थलों में से किसी एक पर खाता खोल कर लिखना शुरू करना। एक अन्य प्रकार की चिट्ठेकारी सूक्ष्म चिट्ठाकारी कहलाती है। इसमें अति लघु आकार के पोस्ट्स होते हैं। दिसंबर २००७ तक, चिट्ठा सर्च इंजिन टेक्नोरैटी द्वारा ११२,०००,००० चिट्ठे ट्रैक किये जा रहे थे। आज के संगणक जगत में चिट्ठा का भारी चलन चल पड़ा है। कई प्रसिद्ध मशहूर हस्तियों के चिट्ठा लोग बड़े चाव से पढ़ते हैं और उन पर अपने विचार भी भेजते हैं। चिट्ठों पर लोग अपने पसंद के विषयों पर लिखते हैं और कई चिट्ठे विश्व भर में मशहूर होते हैं जिनका हवाला कई नीति-निर्धारण मुद्दों में किया जाता है। चिट्ठा का आरंभ १९९२ में लांच की गई पहली जालस्थल के साथ ही हो गया था। आगे चलकर १९९० के दशक के अंतिम वर्षो में जाकर चिट्ठाकारी ने जोर पकड़ा। आरंभिक चिट्ठा संगणक जगत संबंधी मूलभूत जानकारी के थे। लेकिन बाद में कई विषयों के चिट्ठा सामने आने लगे। वर्तमान समय में लेखन का हल्का सा भी शौक रखने वाला व्यक्ति अपना एक चिट्ठा बना सकता है, चूंकि यह निःशुल्क होता है और अपना लिखा पूरे विश्व के सामने तक पहुंचा सकता है। चिट्ठों पर राजनीतिक विचार, उत्पादों के विज्ञापन, शोधपत्र और शिक्षा का आदान-प्रदान भी किया जाता है। कई लोग चिट्ठों पर अपनी शिकायतें भी दर्ज कर के दूसरों को भेजते हैं। इन शिकायतों में दबी-छुपी भाषा से लेकर बेहद कर्कश भाषा तक प्रयोग की जाती है। वर्ष २००४ में चिट्ठा शब्द को मेरियम-वेबस्टर में आधिकारिक तौर पर सम्मिलित किया गया था। कई लोग अब चिट्ठों के माध्यम से ही एक दूसरे से संपर्क में रहने लग गए हैं। इस प्रकार एक तरह से चिट्ठाकारी या चिट्ठाकारी अब विश्व के साथ-साथ निजी संपर्क में रहने का माध्यम भी बन गया है। कई कंपनियां आपके चिट्ठों की सेवाओं को अत्यंत सरल बनाने के लिए कई सुविधाएं देने लग गई हैं। .

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चिट्ठाजगत.इन

चिट्ठाजगत.इन एक लोकप्रिय हिन्दी ब्लॉग यानि चिट्ठों की एक ऍग्रीगेटर सेवा है जो कि विभिन्न हिन्दी चिट्ठों पर प्रकाशित होने वाली पोस्टों को एक जगह पर दिखाती है। पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें सर्च इंजन एवं डाइरॅक्ट्री भी निहित हैं। चिट्ठाजगत.इन की शुरुआत सन् 2007 में आलोक कुमार एवं डॉ॰ विपुल जैन द्वारा की गई। यह पीऍचपी में बनाया गया है। यह अनेक सुविधाएँ प्रदान करता है जिनमें निम्न शामिल हैं:-.

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नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर)

नारद एक पुराना एवं अपने समय का सर्वाधिक लोकप्रिय हिन्दी ब्लॉग ऍग्रीगेटर है। यह हिन्दी चिट्ठाजगत में प्रकाशित सभी प्रविष्टियों को एक ही जगह एकीकृत रूप में दिखाने का उपाय है जहाँ पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। .

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हिन्दी चिट्ठाजगत

हिन्दी चिट्ठाकार समुदाय का प्रचलित लोगो हिन्दी चिट्ठाजगत से आशय है हिन्दी भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .

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ब्लॉगवाणी और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास के बीच तुलना

ब्लॉगवाणी 7 संबंध है और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास 92 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 4.04% है = 4 / (7 + 92)।

संदर्भ

यह लेख ब्लॉगवाणी और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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