ब्रिटिश राजतंत्र और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक के बीच समानता
ब्रिटिश राजतंत्र और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक आम में 19 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, एडवर्ड ८, एलिज़ाबेथ द्वितीय, फ़्रान्सीसी भाषा, बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९, बकिंघॅम पैलस, ब्रिटिश राजतंत्र, ब्रिटेन के शाही निवासों की सूची, यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड किंगडम में राज-परमाधिकार, लातिन भाषा, सिंह, स्कॉट्लैण्ड, सोफ़िया, हॅनोवर की निर्वाचिका, जेम्स प्रथम, जॉर्ज षष्ठम्, विलय के अधिनियम, १७०७, इकसिंगा, कैथोलिक धर्म।
ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१
ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट(Act of Settlement) अर्थात् समाधान का अधिनियम, इंग्लैंड की संसद द्वारा सन् १७०१ में पारित एक अधिनियम था, जिसे अंग्रेजी और आयरिश राजमुकुटों पर उत्तराधिकार की समस्या का समाधान करने हेतु पारित किया गया था। इस अधिनियम को ब्रिटिश राजतंत्र के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण विधानों में से एक माना जाता है। इस अधिनियम द्वारा, उत्तराधिकार के समाधान के रूप में, अंग्रेजी राजसत्ता के वारिस होने के हक़ को, हनोवर की निर्वाचिता, सोफ़िया(स्कॉटलैंड के जेम्स सष्टम की पौत्री) और उनके वंश की पुरुष-रेखा के जायज़, ग़ैर-रोमन कैथोलिक वंशजों को सौंप दिया था। इस अधिनियम के मौलिक दस्तावेज़ हनोवर के लोअर सैक्सन स्टेट पुरालेखागार में संरक्षित हैं। इस अधिनियम को विलियम तृतीय और रानी मैरी द्वितीय, और मैरी की बहन रानी ऐनी के कोई जीवित संतान उत्पन्न नहीं कर पाने, तथा स्टुअर्ट घराने के सभी सदस्यों के कैथोलिक धर्म होने के कारण किया गया था। सोफ़िया की वंशरेखा, स्टुअर्ट घराने की अवर्तम् रेखा थी, परंतु उसके सरे सदस्य वश्वास्पात्र प्रोटेस्टेंट थे। सोफ़िय का निधन, 8 जून 1714 को, 1 अगस्त 1714 को रानी ऐनी के देहांत से पहले ही होगई, जिसके पश्चात्, ज्याॅर्ज प्रथम ने सिंहासन पर विराज कर हनोवर वंश की शुरूआत की। इस अधिनियम ने स्काटलैंड और इंग्लैंड के विलय कर यय ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना करने में अहम भूमिका निभाई थी। सन 1603 से ही दोनों देशों ने एक ही शासक को साझा किया था, परंतु दो भिन्न सारकारें थीं और ये दो वभक्त रूप से शासित देश थे। अंग्रेज़ी संसद के मुकाबले, स्काॅटियाई संसद, स्टुअर्ट घराने को, जरने स्काॅटलैंड पर इंग्लैण्ड पर हुकूमत करने से कहीं पहले से स्काॅटलैंड पर शासन करते आ रही थी, का त्याग करने का अधिक पक्ष में नहीं थी। एॅक्ट ऑफ़ सेटलमेंट को मंजूरी देने हेतु अंग्रेजी संसद का स्काॅटियाई संसद पर दबाव, इन दोनों देशों के संसदीय विलय का एक अतिमहत्वपूर्ण कारणों में से एक था। इस एॅक्ट के अंतर्गत, हर वो व्यक्ति, जो कि कैथलिक था, या किसी कैथोलिक व्यक्ति के संग विवाहित था, सिंहासन पर अधिकार से आजीवन वंजित होता है। साथ ही यह अधिनियम, विदेशियों का ब्रिटिश सर्कार में हस्तक्षेप तथा शासक का संसदीय कार्यों में हस्तक्षेप पर काफी रोक व सीमाएँ लगता है। हालांकि, इन विधानों में, बाद में, आवश्यक संशोधन भी लाए गए हैं। बिल ऑफ़ राइट्स, 1689 समेत, एॅक्ट ऑफ सेटलमेंट, ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रमंडल प्रदेशों के साझा सिंहासन पर उत्तराधिकार के क्रम को अनुशासित करनेवाले मुख्यतम् विधानों में से एक है। इसे साँझा सिंहासन रखनेवाले देश की संसद द्वारा किसी अन्य संसद द्वारा पलटा नहीं जा सकता है, और रीतिनुसार, साआरे राष्ट्रमंडल प्रदेशों की स्वीकृति से ही इसे पलटा जा सकता है। पर्थ समझौते के पश्चात्, इसे संशोधित करने के विधानों को साथे प्रदेशों में 26 मार्च 2015 को पारित किया गया, जिसके बाद, कैथोलिक व्यक्ति के संग विवाहित व्यक्ति, उत्तराधिकार के लिए सक्षम हैं। .
ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ और ब्रिटिश राजतंत्र · ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक ·
एडवर्ड ८
एडवर्ड ८ (एडवर्ड अल्बर्ट क्रिस्टियन जोर्ज एन्ड्रु पेट्रिक डेविड; बाद मे राजकुमार एडवर्ड, विन्स्डोर का ड्युक; जुन २३ १८९४ – मई २८ १९७२) ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड, कमनवेल्थ और भारत के राजा थे। उन का राजकाल उन के पिता जर्ज ५(1910–36) के जनवरी 20 1936 का स्वर्गारोहन से उनका दिसम्बर 11 1936 के पदत्याग तक रही। वे विन्स्डर गृह के दुसरे सम्राट थे।.
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एलिज़ाबेथ द्वितीय
एलिज़ाबेथ द्वितीय (Elizabeth II) (एलिजाबेथ ऐलैग्ज़ैण्ड्रा मैरी, जन्म: २१ अप्रैल १९२६) यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, जमैका, बारबाडोस, बहामास, ग्रेनेडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीपसमूह, तुवालू, सन्त लूसिया, सन्त विन्सेण्ट और ग्रेनाडाइन्स, बेलीज़, अण्टीगुआ और बारबूडा और सन्त किट्स और नेविस की महारानी हैं। इसके अतिरिक्त वह राष्ट्रमण्डल के ५४ राष्ट्रों और राज्यक्षेत्रों की प्रमुख हैं और ब्रिटिश साम्राज्ञी के रूप में, वह अंग्रेज़ी चर्च की सर्वोच्च राज्यपाल हैं और राष्ट्रमण्डल के सोलह स्वतन्त्र सम्प्रभु देशों की संवैधानिक महारानी हैं। एलिज़ाबेथ को निजी रूप से पर घर पर शिक्षित किया गया था। उनके पिता, जॉर्ज षष्ठम को १९३६ में ब्रिटेन और ब्रिटिश उपनिवेश भारत का सम्राट बनाया गया था। ६ फरवरी १९५२ को अपने राज्याभिषेक के बाद एलिज़ाबेथ राष्ट्रकुल की अध्यक्ष व साथ स्वतंत्र देशों यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान अभिराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका व सिलोन की शासक रानी बन गयीं। उनका राज्याभिषेक समारोह अपने तरह का पहला ऐसा राज्याभिषेक था जिसका दूरदर्शन पर प्रसारण हुआ था। 1956 से 1992 के दौरान विभिन्न देशों को स्वतंत्रता मिलते रहने से उनकी रियासतों की संख्या कम होती गई। वह विश्व में सबसे वृद्ध शासक और ब्रिटेन पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली रानी है। ९ सितम्बर २०१५ को उन्होंने अपनी परदादी महारानी विक्टोरिया के सबसे लंबे शासनकाल के कीर्तिमान को तोड़ दिया व ब्रिटेन पर सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली व साम्राज्ञी बन गयीं। एलिज़ाबेथ का जन्म लंदन में ड्यूक जॉर्ज़ षष्टम व राजमाता रानी एलिज़ाबेथ के यहाँ पैदा हुईं व उनकी पढाई घर में ही हुई। उनके पिता ने १९३६ में एडवर्ड ८ के राज-पाठ त्यागने के बाद राज ग्रहण किया। तब वह राज्य की उत्तराधिकारी हो गयी थीं। उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जनसेवाओं में हिस्सा लेना शुरु किया व सहायक प्रादेशिक सेवा में हिस्सा लिया। १९४७ में उनका विवाह राजकुमार फिलिप से हुआ जिनसे उनके चार बच्चे, चार्ल्स, ऐने, राजकुमार एँड्रयू और राजकुमार एडवर्ड हैं। एलिज़ाबेथ के शासन के दौरान यूनाइटेड किंगडम में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जैसे अफ्रीका की ब्रिटिश उपनिवेशीकरण से स्वतंत्रता, यूके की संसद की शक्तियों का वेल्स, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड व आयरलैंड की संसदों में विभाजन इत्यादि। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न युद्धों के दौरान अपने राज्य का नेतृत्व किया। .
एलिज़ाबेथ द्वितीय और ब्रिटिश राजतंत्र · एलिज़ाबेथ द्वितीय और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक ·
फ़्रान्सीसी भाषा
फ़्रांसीसी भाषा (फ़्रांसीसी: français उच्चारण: फ़्रांसे) एक रोमांस भाषा है जो विश्वभर में लगभग ९ करोड़ लोगों द्वारा प्रथम भाषा के रूप में बोली जाती है। मूल रूप से इस भाषा को बोलने वाले अधिकांश लोग फ़्राँस में रहते हैं जहाँ इस भाषा का जन्म हुआ था। इस भाषा को बोलने वाले अन्य क्षेत्र ये हैं- अधिकांश कनाडा, बेल्जियम, स्विटज़रलैंड, अफ़्रीकी फ़्रेंकोफ़ोन, लक्ज़म्बर्ग और मोनाको। फ्रांसी भाषा १९ करोड़ लोगों द्वारा दूसरी भाषा के रूप में और अन्य २० करोड़ द्वारा अधिग्रहित भाषा के रूप में बोली जाती है। विश्व के ५४ देशों में इस भाषा को बोलने वालों की अच्छी भली संख्या है। फ़्रांसीसी रोमन साम्राज्य की लैटिन भाषा से निकली भाषा है, जैसे अन्य राष्ट्रीय भाषाएँ - पुर्तगाली, स्पैनिश, इटालियन, रोमानियन और अन्य अल्पसंख्यक भाषाएँ जैसे कैटेलान इत्यादि। इस भाषा के विकासक्रम में इसपर मूल रोमन गौल की कैल्टिक भाषाओं और बाद के रोमन फ़्रैकिश आक्रमणकारियों की जर्मनेक भाषा का प्रभाव पड़ा। यह २९ देशों में एक आधिकारिक भाषा है, जिनमें से अधिकांशतः ला फ़्रेंकोफ़ोनी नामक फ़्रांसीसी भाषी देशों के समुह से हैं। यह सयुंक्त राष्ट्र की सभी संस्थाओं की और अन्य बहुत से अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भी आधिकारिक भाषा है। यूरोपीय संघ के अनुसार, उसके २७ सदस्य राष्ट्रों के १२.९ करोड़ (४९,७१,९८,७४० का २६%) लोग फ़्रांसीसी बोल सकते हैं, किसमें से ६.५ करोड़ (१२%) मूलभाष्ई हैं और ६.९ करोड़ (१४%) इसे दूसरी भाषा के रूप में बोल सकते हैं, जो इसे अंग्रेज़ी और जर्मन के बाद संघ की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा बनाता है। इसके अतिरिक्त २० वीं शताब्दी के प्रारंभ में अंग्रेज़ी के अधिरोहण से पहले, फ़्रांसीसी यूरोपीय और औपनिवेशिक शक्तियों के मध्य कूटनीति और संवाद की प्रमुख भाषा थी और साथ ही साथ यूरोप के शिक्षित वर्ग की बोलचाल की भाषा भी थी। .
फ़्रान्सीसी भाषा और ब्रिटिश राजतंत्र · फ़्रान्सीसी भाषा और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक ·
बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९
बिल ऑफ़ राइट्स, यानि अधिकाओं का विधेयक, इंग्लैंड की संसद द्वारा १६ दिसंबर १६८९ में पारित एक अधिनियम था, जो संवैधानिक मामलों और नागरिक अधिकारों को स्थापित करता है। यह विधेयक मूलतः, कन्वेन्शन पार्लियामेंट(अनधिकृत-आहूत संसद) द्वारा राजा विलियम और रानी मैरी द्वितीय के समक्ष, फ़रवरी १६८९ को पेश किये गए डिक्लेरेशन ऑफ़ राइट्स(अधिकारों का घोषणापत्र) का ही एक सांविधिक रूप में पुनःकथित अवतार था। इसे इंग्लैंड के गौरवशाली क्रांति के बाद लाया गया था। इस डिक्लेरेशन द्वारा कन्वेंशन पार्लियामेंट ने विलियम और मैरी को इंग्लैंड पर साँझा रूप से शासन करने के लिए आमंत्रित किया था। बिल ऑफ़ राइट्स, संप्रभु के अधिकारों की सीमाएं तय करती है, और साथ ही संसद के अधिकारों को भी अंकित करती है। संसद के लिए निर्धारित किये गए अधिकारों में, नियमित संसदीय सत्र, मुक्त चुनाव और संसद में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे अदिकार शामिल किये गए थे। इसके अलावा यह कई नागरिक अधिकारों को भी स्थापित करता है, जिनमें, क्रूर और असामान्य दण्ड प्रदान करने पर रोक, और न्यायिक दायरे में प्रोटोस्टेंट लोगों को आत्मरक्षा हेतु शस्त्र रखने की अनुमति शामिल हैं। इसके अलावा यह, निष्कासित शासक, इंग्लैंड के जेम्स द्वितीय के अनेक "दुष्कर्मों" को अंकित करता है, और उनकी निंदा करता है। इस विधेयक में दिए गए प्रावधान, प्रसिद्ध राजनीतिक दार्शनिक, जॉन लॉक के विचारों को प्रदर्शित करते हैं, और पारित होने के साथ ही यह विचार, शीघ्र ही पूरे इंग्लैंड में लोकप्रिय हो गए। साथ ही यह राजमुकुट पर, संसद द्वारा प्रतिनिधित, जनता की मनोकामना के समकक्ष कार्य करने हेतु कई संवैधानिक आवश्यक्ताओं को अंकित करता है। ब्रिटेन में, मैगन कार्टा और कुछ अन्य अधिनियमों समेत, ब्रिटेन के असंहितबद्ध संविधान के मूल एवम् सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में से एक माना जाता है। साथ ही इस बिल को अमेरिकी अधिकार विधेयक की प्रेरणा भी माना जाता है। ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ के साथ, बिल ऑफ़ राइट्स, ब्रिटेन समेत, तमाम १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों में आज की तिथि तक लागू है। २०११ के पर्थ समझौते के बाद, इन दोनों को संशोधित करने हेतु विधान, सारे राष्ट्रमण्डल प्रदेशों में २६ मार्च २०१५ से पारित किया गया। इस अधिनियम का पूरा शीर्षक मूल में इस प्रकार दिया हुआ है- प्रजा के अधिकारों और स्वतंत्रता की घोषणा तथा सिंहासन का उत्तराधिकार व्यवस्थित करने वाला अधिनियम। ब्रिटिश लोकसभा द्वारा नियुक्त एक समिति ने अधिकार की घोषणा नामक जो पत्रक प्रस्तुत किया था और जिसे राजदंपति ने 19 फ़रवरी 1689 को अपनी स्वीकृति दी थी वही घोषणा इस अधिनियम की पूर्ववर्ती थी और इसकी धाराएँ प्रायः पूर्णतः उसके अनुरूप थीं। अधिकार की घोषणा में उन शर्तों का भी परिगणन था जिनके अनुसार राजदंपति को उत्तराधिकार मिला था और जिनका पालन करने की उन्होंने शपथ ली थी। इन दोनों अधिनियमों का प्रधान महत्व अंग्रेजी संविधान में राजकीय उत्तराधिकार निश्चित करने में है। .
बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९ और ब्रिटिश राजतंत्र · बिल ऑफ़ राइट्स, १६८९ और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक ·
बकिंघॅम पैलस
महारानी विक्टोरिया, बकिंघम पैलेस में रहने वाली पहली महारानी, 1837 में अपने राज्याभिषेक के बाद नए बने महल में रहने आ गयीं. बकिंघम पैलेस(Buckingham Palace, ब्रिटिश उच्चारण:बखिंग्हॅम् प़ॅलॆस्) ब्रिटिश राजशाही का लंदन स्थित आधिकारिक निवास है। वेस्टमिंस्टर शहर में स्थित यह राजमहल राजकीय आयोजनों और शाही आतिथ्य का केंद्र है। यह ब्रिटेन वासियों के लिये राष्ट्रीय हर्षोन्माद और संकट के समय चर्चा का विषय रहा है। मूलतः बकिंघम हाउस के रूप में जाना जाने वाला, यह भवन जो आज के महल का महत्वपूर्ण हिस्सा है, 1703 में बकिंघम के ड्यूक के लिये एक ऐसी जगह पर बनाया गया एक विशाल टाउन हाउस था, जो कम से कम 150 सालों तक निजी स्वामित्व के अधीन रहा था। बाद में 1761रॉबिन्सन, पी.
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ब्रिटिश राजतंत्र
ब्रिटिश एकराट्तंत्र अथवा ब्रिटिश राजतंत्र(British Monarchy, ब्रिटिश मोनार्की, ब्रिटिश उच्चारण:ब्रिठिश मॉंनाऱ्क़़ी), वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की संवैधानिक राजतंत्र है। ब्रिटिश एकाधिदारुक को संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों, मुकुटिया निर्भर्ताओं और समुद्रपार प्रदेशों के राजमुकुटों सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं जब उन्होंने अपने पिता जॉर्ज षष्ठम् से राजगद्दी उत्तराधिकृत की थी। संप्रभु और उसके तत्काल परिवार के सदस्य देश के विभिन्न आधिकारिक, औपचारिक और प्रतिनिधि कार्यों का निर्वाह करते हैं। सत्ताधारी रानी/राजा पर सैद्धांतिक रूप से एक संवैधानिक शासक के अधिकार निहित है, परंतु सदियों पुराने आम कानून के कारण संप्रभु अपने अधिकतर शक्तियों का अभ्यास केवल संसद और सरकार के विनिर्देशों के अनुसार ही कार्यान्वित करने के लिए बाध्य हैं। इस कारण से, इसे वास्तविक तौर पर एक संसदीय सम्राज्ञता मानी जाता है। संसदीय शासक होने के नाते, शासक के अधिकतर अधिकार, निष्पक्ष तथा गैर-राजनैतिक कार्यों तक सीमित हैं। सम्राट, शासक और राष्ट्रप्रमुख होने के नाते उनके अधिकतर संवैधानिक शासन तथा राजनैतिक-शक्तियों का अभ्यय वे सरकार और अपने मंत्रियों की सलाह और विनिर्देशों पर ही करते हैं। परंपरानुसार शासक, ब्रिटेन के सशस्त्र बाल के अधिपति होते हैं। हालाँकि, संप्रभु के समस्त कार्य-अधिकारों का अभ्यय शासक के राज-परमाधिकार द्वारा होता है। वर्ष १००० के आसपास, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के राज्यों में कई छोटे प्रारंभिक मध्ययुगीन राज्य विकसित हुए थे। इस क्षेत्र में आंग्ल-सैक्सन लोगों का वर्चस्व इंग्लैंड पर नॉर्मन विजय के दौरान १०६६ में समाप्त हो गया, जब अंतिम आंग्ल-सैक्सन राजा हैरल्ड द्वितीय की मृतु हो गयी थी और अंग्रेज़ी सत्ता विजई सेना के नेता, विलियम द कॉंकरर और उनके वंशजों के हाथों में चली गयी। १३वीं सदी में इंग्लैंड ने वेल्स की रियासत को अवशोषित किया तथा मैग्ना कार्टा द्वारा संप्रभु के क्रमिक निःशक्तकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। १६०३ में स्कॉटलैंड के राजा जेम्स चतुर्थ, अंग्रेजी सिंहासन पर जेम्स प्रथम के नाम से विराजमान होकर जो दोनों राज्यों को एक व्यक्तिगत संघ की स्थिति में ला खड़ा किया। १६४९ से १६६० के लिए अंग्रेज़ी राष्ट्रमंडल के नाम से एक क्षणिक गणतांत्रिक काल चला, जो तीन राज्यों के युद्ध के बाद अस्तिव में आया, परंतु १६६० के बाद राजशाही को पुनर्स्थापित कर दिया गया। १७०७ में परवर्तित एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, जो आज भी परवर्तित है, कॅथॉलिक व्यक्तियों तथा कैथोलिक व्यक्ति संग विवाहित व्यक्तियों को अंग्रज़ी राजसत्ता पर काबिज़ होने से निष्कर्षित करता है। १७०७ में अंग्रेज़ी और स्कॉटियाई राजशाहियों के विलय से ग्रेट ब्रिटेन राजशही की साथपना हुई और इसी के साथ अंग्रज़ी और स्कोटिश मुकुटों का भी विलय हो गया और संयुक्त "ब्रिटिश एकराट्तंत्र" स्थापित हुई। आयरिश राजशही ने १८०१ में ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ जुड़ कर ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना की। ब्रिटिश एकराट्, विशाल ब्रिटिश साम्राज्य के नाममात्र प्रमुख थे, जो १९२१ में अपने वृहत्तम् विस्तार के समय विष के चौथाई भू-भाग पर राज करता था। १९२२ में आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, संघ से बहार निकल गया। बॅल्फोर घोषणा, १९२६ ने ब्रिटिश डोमिनिओनों के औपनिवेशिक पद से राष्ट्रमंडल के भीतर ही विभक्त, स्वशासित, सार्वभौमिक देशों के रूप में परिवर्तन को मान्य करार दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य सिमटता गया, और ब्रिटिश साम्राज्य के अधिकतर पूर्व उपनिवेश व प्रदेश स्वतंत्र हो गए। जो पूर्व उपनिवेश, ब्रिटिश शासक को अपना शासक मानते है, उन देशों को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल प्रमंडल या राष्ट्रमण्डल प्रदेश कहा जाता है। इन अनेक राष्ट्रों के चिन्हात्मक समानांतर प्रमुख होने के नाते, ब्रिटिश एकराट् स्वयं को राष्ट्रमण्डल के प्रमुख के ख़िताब से भी नवाज़ते हैं। हालांकि की शासक को ब्रिटिश शासक के नाम से ही संबोधित किया जाता है, परंतु सैद्धान्तिक तौर पर सारे राष्ट्रों का संप्रभु पर सामान अधिकार है, तथा राष्ट्रमण्डल के तमाम देश एक-दुसरे से पूर्णतः स्वतंत्र और स्वायत्त हैं। .
ब्रिटिश राजतंत्र और ब्रिटिश राजतंत्र · ब्रिटिश राजतंत्र और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक ·
ब्रिटेन के शाही निवासों की सूची
यह ब्रिटेन के राजकीय निवासों की सूची है, इस पृष्ठ पर ब्रिटिश राजपरिवार के सदस्यों के विभिन्न राजकीय निवासों व महलों को सूचीबद्ध किया गया है, तथा पारंपरिक रूप से राजकितुंब के उस भवन में रहने का समय भी दिया गया है। ब्रिटेन में सारे राजकीय निवास, महल व किले, शासक की निजी संपत्ति नहीं होती है, सारे राजकीय निवास विधिक रूप से राजमुकुट की संपत्ति होते हैं, जिन्हें क्राउन एस्टेट कहा जाता है, इन्हें आधिकारिक तौर पर शासक के विश्वास में आवंटित किया जाता है। शासक स्वेच्छा से इन्हें बेच नहीं सकते हैं। इसके अलावा शासक व राजकुटुंब, निजी तौर पर महल को खरीद सकते है, या उत्तराधिकृत कर सकते हैं। .
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यूनाइटेड किंगडम
वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैण्ड का यूनाइटेड किंगडम (सामान्यतः यूनाइटेड किंगडम, यूके, बर्तानिया, UK, या ब्रिटेन के रूप में जाना जाने वाला) एक विकसित देश है जो महाद्वीपीय यूरोप के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। यह एक द्वीपीय देश है, यह ब्रिटिश द्वीप समूह में फैला है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड का पूर्वोत्तर भाग और कई छोटे द्वीप शामिल हैं।उत्तरी आयरलैंड, UK का एकमात्र ऐसा हिस्सा है जहां एक स्थल सीमा अन्य राष्ट्र से लगती है और यहां आयरलैण्ड यूके का पड़ोसी देश है। इस देश की सीमा के अलावा, UK अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, इंग्लिश चैनल और आयरिश सागर से घिरा हुआ है। सबसे बड़ा द्वीप, ग्रेट ब्रिटेन, चैनल सुरंग द्वारा फ़्रांस से जुड़ा हुआ है। यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यह एक संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है जिसकी राजधानी लंदन में सरकार बैठती है, लेकिन इसमें तीन न्यागत राष्ट्रीय प्रशासन हैं, बेलफ़ास्ट, कार्डिफ़ और एडिनबर्ग, क्रमशः उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड की राजधानी.जर्सी और ग्वेर्नसे द्वीप समूह, जिन्हें सामूहिक रूप से चैनल द्वीप कहा जाता है और मैन द्वीप (आईल ऑफ मान), यू के की राजत्व निर्भरता हैं और UK का हिस्सा नहीं हैं। इसके इलावा, UK के चौदह समुद्रपार निर्भर क्षेत्र हैं, ब्रिटिश साम्राज्य, जो १९२२ में अपने चरम पर था, दुनिया के तकरीबन एक चौथाई क्षेत्रफ़ल को घेरता था और इतिहास का सबसे बड़ा साम्रज्य था। इसके पूर्व उपनिवेशों की भाषा, संस्कृति और कानूनी प्रणाली में ब्रिटिश प्रभाव अभी भी देखा जा सकता है। प्रतीकत्मक सकल घरेलू उत्पाद द्वारा दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के हिसाब से सातवाँ बड़ा देश होने के साथ ही, यूके एक विकसित देश है। यह दुनिया का पहला औद्योगिक देश था और 19वीं और 20वीं शताब्दियों के दौरान विश्व की अग्रणी शक्ति था, लेकिन दो विश्व युद्धों की आर्थिक लागत और 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में साम्राज्य के पतन ने वैश्विक मामलों में उसकी अग्रणी भूमिका को कम कर दिया फिर भी यूके अपने सुदृढ़ आर्थिक, सांस्कृतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण एक प्रमुख शक्ति बना हुआ है। यह एक परमाणु शक्ति है और दुनिया में चौथी सर्वाधिक रक्षा खर्चा करने वाला देश है। यह यूरोपीय संघ का सदस्य है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक स्थायी सीट धारण करता है और राष्ट्र के राष्ट्रमंडल, जी8, OECD, नाटो और विश्व व्यापार संगठन का सदस्य है। .
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यूनाइटेड किंगडम में राज-परमाधिकार
राज-परमाधिकार, कुछ विशेष प्रथागत अधिकारों, विशेषाधिकारों और प्रतिरक्षा का समूह है, जिसे यूनाइटेड किंगडम में केवल संप्रभु पर निहित हैं। यह विशेषाधिकार, ब्रिटिरह सरकार की कई संवैधानिक शक्तियों का स्रोत भी है। परामधिकारों को पूर्वतः शासक द्वारा अपने विवेक पर प्रयोग किये जाते हैं। बहरहाल, १९वीं सदी के बाद से, प्रथागत रूप से परमाधिकार को प्रधानमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्रियों की सलाह (जिनके प्रति वे संसद में जवाबदेह होते हैं) पर ही प्रयोग करना आवश्यक माना जाता है। हालाँकि, अधिराट् संवैधानिक रूप से प्रधानमंत्री और मंत्रिमण्डल के ख़िलाफ़ शाही परमाधिकार का प्रयोग करने के लिए शसक्त एवं स्वतंत्र हैं, परंतु व्यवहारिक रूप से, ऐसा केवल आपातकालीन स्थिति में, या ऐसी परिस्थितियों में, जहाँ मौजूद मिसाल, पर्याप्त रूप से प्रश्न में आई पैस्थितयों पर लागू नहीं होती हों। आज राज-परमाधिकार ही यूनाइटेड किंगडम की सरकार के कार्यकरण के लिए, विदेश मामले, रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधित कई विषयों के लिए उपलब्ध है। राजसत्ता का इन तथा अन्य मामलों में सार्थक संवैधानिक उपस्थिति है, परंतु राजसत्ता का इन मामलों पर सीमित वास्तविक शक्तियां है, क्योंकि, विशेषाधिकार का प्रयोग करते प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों या अन्य सरकारी अधिकारियों के हाथों में है। .
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लातिन भाषा
लातीना (Latina लातीना) प्राचीन रोमन साम्राज्य और प्राचीन रोमन धर्म की राजभाषा थी। आज ये एक मृत भाषा है, लेकिन फिर भी रोमन कैथोलिक चर्च की धर्मभाषा और वैटिकन सिटी शहर की राजभाषा है। ये एक शास्त्रीय भाषा है, संस्कृत की ही तरह, जिससे ये बहुत ज़्यादा मेल खाती है। लातीना हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है। इसी से फ़्रांसिसी, इतालवी, स्पैनिश, रोमानियाई और पुर्तगाली भाषाओं का उद्गम हुआ है (पर अंग्रेज़ी का नहीं)। यूरोप में ईसाई धर्म के प्रभुत्व की वजह से लातीना मध्ययुगीन और पूर्व-आधुनिक कालों में लगभग सारे यूरोप की अंतर्राष्ट्रीय भाषा थी, जिसमें समस्त धर्म, विज्ञान, उच्च साहित्य, दर्शन और गणित की किताबें लिखी जाती थीं। .
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सिंह
सिंह के कई अर्थ हो सकते हैं:-.
ब्रिटिश राजतंत्र और सिंह · संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक और सिंह ·
स्कॉट्लैण्ड
स्काटलैंड यूनाइटेड किंगडम का एक देश है। यह ग्रेट ब्रिटेन का उत्तरी भाग है। यह पहाड़ी देश है जिसका क्षेत्रफल ७८,८५० वर्ग किमी है। यह इंगलैंड के उत्तर में स्थित है। यहां की राजधानी एडिनबरा है। ग्लासगो यहाँ का सबसे बड़ा शहर है। स्कॉटलैण्ड की सीमा दक्षिण में इंग्लैंड से सटी है। इसके पूरब में उत्तरी सागर तथा दक्षिण-पश्चिम में नॉर्थ चैनेल और आयरिश सागर हैं। मुख्य भूमि के अलावा स्कॉटलैण्ड के अन्तर्गत ७९० से भी अधिक द्वीप हैं। यूँ तो स्कॉटलैंड यूनाइटेड किंगडम के अधीन एक राज्य है लेकिन यहाँ का अपना मंत्रिमंडल है। यहाँ की मुद्रा का रंग और उस पर बने चित्र भी लंदन के पौंड से कुछ अलग है। लेकिन उनकी मान्यता और मूल्य दोनों ही पौंड के समान है। यहाँ घूमने और लोगों से बात करने पर पता चलता है कि यहाँ के लोग इंग्लैंड सरकार से थोड़े से खफा रहते हैं। .
ब्रिटिश राजतंत्र और स्कॉट्लैण्ड · संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक और स्कॉट्लैण्ड ·
सोफ़िया, हॅनोवर की निर्वाचिका
फ़ाल्ज़ की राजकुमारी, सोफ़िया(जर्मन:Sophie, Prinzessin von der Pfalz) जिन्हें अधिक प्रचलित रूप से सोफ़िया ऑफ़ हॅनोवर अर्थात् "हनोवर की सोफ़िया" के नाम से जाना जाता है, का जन्म १७ अक्टूबर १६३० को हेग, नीदरलैण्ड में हुआ था। वे फ़्रेडरिक पंचम, निर्वाचक फ़ाल्ज़ तथा स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के राजा, जेम्स (षष्टम् और प्रथम) की पुत्री, एलिज़ाबेथ स्टुअर्ट, की सबसे छोटी पुत्री थी। उनकी पर्वरिश डच गणराज्य में हुई थी। १६५८ में उनका विवाह बर्नस्विक-लूनबर्ग के ड्यूक, अर्नेस्ट ऑगस्टस के साथ हुआ, जिन्हें बाद में पवित्र रोमन साम्राज्य में निर्वाचक का दर्ज प्राप्त हुआ, जिसके कारण सोफ़िया को हनोवर की निर्वाचिका की उपादि प्राप्त हुई। एक ऐसा ख़िताब, जिसके नाम से उन्हें बेहतर जाना जाता है। इंग्लैण्ड में गौरवशाली क्रांति के पश्चात पारित हुए ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ के अंतर्गत उन्हें, जेम्स प्रथम की पोती होने के नाते, अंग्रेज़ी सिंघासन का एकमात्र वैध वारिस तथा उन्हें और उनके आगामी प्रोटोस्टेंट वंश को इंग्लैंड की राजगद्दी का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया था। हालाँकि उनके सिंघासन विराजने से दो महीने पूर्व ही मृत्यु हो गयी; अतः सिंघासन पर उनका अधिकार, विधि द्वारा उनके ज्येष्ठ पुत्र, जॉर्ज लुइस, हनोवर के निर्वाचक के पास चला गया, जिन्होंने १ अगस्त १७१४ को इंग्लैंड के राजा जॉर्ज प्रथम के रूप में सिंघासन पर विराजमान होकर, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में हनोवर वंश के राज को शुरू किया। ऐसा, तत्कालीन राजा विलियम तृतीय और रानी मैरी द्वितीय, और मैरी की बहन रानी ऐनी के कोई जीवित संतान उत्पन्न नहीं कर पाने, तथा स्टुअर्ट घराने के अन्य सभी सदस्यों के कैथोलिक धर्म होने के कारण किया गया था। .
ब्रिटिश राजतंत्र और सोफ़िया, हॅनोवर की निर्वाचिका · संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक और सोफ़िया, हॅनोवर की निर्वाचिका ·
जेम्स प्रथम
जेम्स प्रथम (१५६६-१६२५) ग्रेट ब्रिटेन तथा आयरलैंड का शासक (१६०३-२५) था जो 'जेम्स षष्ठ' (१५२७-१६२५) के नाम से स्काटलैंड का शासक भी था। वह मेरी स्काट तथा उसके द्वितीय पति लार्ड डार्नले की एकमात्र संतान होने के साथ साथ हेनरी सप्तम की पुत्री मार्गरेट का पौत्र था। स्काटलैंड के शासक की स्थिति से उसने सांमतों की शक्ति को विघटित किया था। डेनमार्क की ऐन से उसने १५८९ ई॰ विवाह किया। १६०३ ई॰ में इंग्लैंड का शासक होने पर इंग्लैंड और स्काटलैंड दोनों राजसत्ताओं को एक किया। अत्यधिक विद्वान तथा कौशलहीन होने के कारण उसे क्रिसेन्डम के 'सबसे बुद्धिमान मूर्ख' की उपाधि मिली थी। राजा के दैवी अधिकार का कट्टर पोषक होने के कारण उसने एक चर्चप्रधान राज्य संचालन की नीति अपनाई। प्रारंभिक वर्षों में उसके प्रमुख सलाहकार सैलिसबरी का अर्ल तथा बकिंघम का ड्यूक थे। उसके शासन से राजा तथा संसद् के दीर्घकालीन संघर्ष का प्रारंभ होता है। उसके शासन में सब मिलाकर चार संसदें आयोजित हुईं। यद्यपि जेम्स विधान के अतिक्रमण करने का दोषी नहीं था पर वह उसकी प्रतिष्ठा का सही अनुमान नहीं लगा सकता था। संघर्ष के प्रमुख कारण धर्म, कर-व्यवस्था, वैदेशिक नीति थे। बिना पार्लिमेंट की स्वीकृति के जेम्स ने इम्पोजीशन्स नामक टैक्स लगाए। पार्लिमेंट ने राजा के मंत्रियों पर लगाया जानेवाला इम्पीचमेंट का प्राचीन अधिकार पुनर्जीवित किया। जेम्स की वैदेशिक नीति ने जिसका उद्देश्य स्पेन से मैत्रीपूर्ण व्यवहार तथा साधारण शांति स्थापित करना था, उस जनता को अप्रसन्न कर दिया जो तीस वर्षीय युद्ध में यह आशा करती थी कि जेम्स, पैलेटाइन के इलेक्टर फ्रेडरिक की, जो कि उसका दामाद था, सहायता करेगा। अपने पुत्र चार्ल्स का विवाह स्पेन की राजकुमारी से कराने में असफल होने पर जेम्स ने १६२४ ई॰ में स्पेन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की। जेम्स ने मध्यम श्रेणी की साहित्यिक रचनाएँ अपने पीछे छोड़ीं। श्रेणी:यूके का इतिहास.
जेम्स प्रथम और ब्रिटिश राजतंत्र · जेम्स प्रथम और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक ·
जॉर्ज षष्ठम्
जार्ज ६ (George VI) ब्रिटेन का शासक।.
जॉर्ज षष्ठम् और ब्रिटिश राजतंत्र · जॉर्ज षष्ठम् और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक ·
विलय के अधिनियम, १७०७
ऍक्ट्स ऑफ यूनियन अर्थात विलय के अधिनियम, तत्कालीन अंग्रेज़ी और स्कॉटिश राजशाही के सांसदों द्वारा पारित दो भिन्न अधिनियमों का नाम है, जिनके बदौलत सन 1707 में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की राजशाहीयाँ, जो उस समय दो भिन्न सांसदों समेत, अलग-अलग रियासतें हुआ करती थी, का, ग्रेट ब्रिटेन नमक, एक देश के रूप में विलय हो गया था। इन दो अधिनियमों का नाम था:यूनियन विथ स्कॉटलैंड एक्ट, जिसे अंग्रेजी संसद में १७०६ में पारित किया गया था, और यूनियन विद इंग्लैंड ऍक्ट जिसे स्कॉटिश संसद में १७०७ में पारित किया गया था। यह अधिनियम दोनों सांसदों के प्रतिनिधियों द्वारा 22 जुलाई १७०६ को हस्ताक्षर किए गए विलय की संधि(ट्रीटी ऑफ़ यूनियन) को लागू करने के लिए पारित किए गए थे। उस समय तक स्कॉटलैंड और इंग्लैंड करीब १०० सालों से एक ही शासक को साझा कर रहे थे। यह सिलसिला 1603 में स्कॉटलैंड के जेम्स षष्टम् द्वारा अपनी चचेरी बहन इंग्लैंड की एलिजाबेथ प्रथम की मृत्यु के बाद अंग्रेजी सिंहासन को उत्तराधिकृत करने तथा दोनों राजमुकुटों के विलय द्वारा शुरू हुआ था। हालाँकि, इसे राजमुकुटों का विलय कहा गया था, परंतु वास्तविक तौर पर, दो भिन्न राजमुकुट थे जिन्हें एक की सर पर सुशोभित किया गया था, अर्थात हालाँकि दोनों देशों के शासक एक ही थे, परंतु दोनों की सरकार और साहसं व्यवस्था बिलकुल विभक्त और भिन्न था। अतः इन दोनों राष्ट्रों का एक ही देश में विलय करवाने क्व प्रयास एक से अधिक बार, १६०६, १६६७ और १६८९ में किया गया था, परंतु १८वीं सदी से पहले तक इस सुझाव को दोनों पक्षों की राजनीतिक व्यवस्थापिक का सकार्थक समर्थन नहीं मिल सका था। ये अधिनियम १ मई १७०७ से लागु हुए। उस दिन से स्कोटियाई संसद और अंग्रेज़ी संसद का विलय होकर ग्रेट ब्रिटेन की संसद की स्थापना हुई। साथ ही इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के विलय से ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना हुई। इस विलायकृत संसद का आसान लंदन का वेस्टमिंस्टर का महल था, जिसमें पूर्वतः अंग्रेज़ी संसद बैठ करती थी। इस विलय को अक्सर न केवल ब्रिटेन के, बल्कि पूरे यूरोप की राजनीतिक इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं में से एक मन जाता है। .
ब्रिटिश राजतंत्र और विलय के अधिनियम, १७०७ · विलय के अधिनियम, १७०७ और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक ·
इकसिंगा
इकसिंगा या यूनिकॉर्न (जो लैटिन शब्दों - unus (यूनस) अर्थात् 'एक' एवं cornu (कॉर्नू) अर्थात् 'सींग' से बना है) एक पौराणिक प्राणी है। हालांकि इकसिंगे का आधुनिक लोकप्रिय छवि कभी-कभी एक घोड़े की छवि की तरह प्रतीत होता है जिसमें केवल एक ही अंतर है कि इकसिंगे के माथे पर एक सींग होता है, लेकिन पारंपरिक इकसिंगे में एक बकरे की तरह दाढ़ी, एक सिंह की तरह पूंछ और फटे खुर भी होते हैं जो इसे एक घोड़े से अलग साबित करते हैं। मरियाना मेयर (द यूनिकॉर्न एण्ड द लेक) के अनुसार, "इकसिंगा एकमात्र ऐसा मनगढ़ंत पशु है जो शायद मानवीय भय की वजह से प्रकाश में नहीं आया है। यहां तक कि आरंभिक संदर्भों में भी इसे उग्र होने पर भी अच्छा, निस्वार्थ होने पर भी एकांतप्रिय, साथ ही रहस्यमयी रूप से सुंदर बताया गया है। उसे केवल अनुचित तरीके से ही पकड़ा जा सकता था और कहा जाता था कि उसके एकमात्र सींग में ज़हर को भी बेअसर करने की ताकत थी।", Geocities.com .
इकसिंगा और ब्रिटिश राजतंत्र · इकसिंगा और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक ·
कैथोलिक धर्म
"बिशप" नामक उच्च पद पर नियुक्त एक कैथोलिक पादरी स्पेन में चलती दो ननें कैथोलिक धर्म या रोमन कैथोलिक धर्म ईसाई धर्म की एक मुख्य शाखा है जिसके अनुयायी रोम के वैटिकन नगर में स्थित पोप को अपना धर्माध्यक्ष मानते हैं। ईसाई धर्म की दूसरी मुख्य शाखा प्रोटेस्टैंट कहलाती है और उसके अनुयायी पोप के धार्मिक नेतृत्व को नहीं स्वीकारते। कैथोलिकों और प्रोटेस्टैंटों की धार्मिक मान्यताओं में और भी बड़े अंतर हैं। .
कैथोलिक धर्म और ब्रिटिश राजतंत्र · कैथोलिक धर्म और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक ·
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या ब्रिटिश राजतंत्र और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक लगती में
- यह आम ब्रिटिश राजतंत्र और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक में है क्या
- ब्रिटिश राजतंत्र और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक के बीच समानता
ब्रिटिश राजतंत्र और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक के बीच तुलना
ब्रिटिश राजतंत्र 94 संबंध है और संयुक्त राजशाही का शाही कुलांक 28 है। वे आम 19 में है, समानता सूचकांक 15.57% है = 19 / (94 + 28)।
संदर्भ
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