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ब्राह्मण और शंख

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

ब्राह्मण और शंख के बीच अंतर

ब्राह्मण vs. शंख

ब्राह्मण का शब्द दो शब्दों से बना है। ब्रह्म+रमण। इसके दो अर्थ होते हैं, ब्रह्मा देश अर्थात वर्तमान वर्मा देशवासी,द्वितीय ब्रह्म में रमण करने वाला।यदि ऋग्वेद के अनुसार ब्रह्म अर्थात ईश्वर को रमण करने वाला ब्राहमण होता है। । स्कन्दपुराण में षोडशोपचार पूजन के अंतर्गत अष्टम उपचार में ब्रह्मा द्वारा नारद को द्विज की उत्त्पत्ति बताई गई है जन्मना जायते शूद्रः संस्कारात् द्विज उच्यते। शापानुग्रहसामर्थ्यं तथा क्रोधः प्रसन्नता। ब्राह्मण (आचार्य, विप्र, द्विज, द्विजोत्तम) यह वर्ण व्‍यवस्‍था का वर्ण है। एेतिहासिक रूप हिन्दु वर्ण व्‍यवस्‍था में चार वर्ण होते हैं। ब्राह्मण (ज्ञानी ओर आध्यात्मिकता के लिए उत्तरदायी), क्षत्रिय (धर्म रक्षक), वैश्य (व्यापारी) तथा शूद्र (सेवक, श्रमिक समाज)। यस्क मुनि की निरुक्त के अनुसार - ब्रह्म जानाति ब्राह्मण: -- ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म (अंतिम सत्य, ईश्वर या परम ज्ञान) को जानता है। अतः ब्राह्मण का अर्थ है - "ईश्वर का ज्ञाता"। सन:' शब्द के भी तप, वेद विद्या अदि अर्थ है | निरंतारार्थक अनन्य में भी 'सना' शब्द का पाठ है | 'आढ्य' का अर्थ होता है धनी | फलतः जो तप, वेद, और विद्या के द्वारा निरंतर पूर्ण है, उसे ही "सनाढ्य" कहते है - 'सनेन तपसा वेदेन च सना निरंतरमाढ्य: पूर्ण सनाढ्य:' उपर्युक्त रीति से 'सनाढ्य' शब्द में ब्राह्मणत्व के सभी प्रकार अनुगत होने पर जो सनाढ्य है वे ब्राह्मण है और जो ब्राह्मण है वे सनाढ्य है | यह निर्विवाद सिद्ध है | अर्थात ऐसा कौन ब्राह्मण होगा, जो 'सनाढ्य' नहीं होना चाहेगा | भारतीय संस्कृति की महान धाराओं के निर्माण में सनाढ्यो का अप्रतिभ योगदान रहा है | वे अपने सुखो की उपेक्षा कर दीपबत्ती की तरह तिलतिल कर जल कर समाज के लिए मिटते रहे है | . नक्कासी किये हुए शंख शंख एक सागर के जलचर का बनाया हुआ ढाँचा है, जो कि ज्यादातर पेचदारवामावर्त या दक्षिणावर्त में बना होता है। यह हिन्दु धर्म में अति पवित्र माना जाता है। यह धर्म का प्रतीक माना जाता है। यह भगवान विष्णु के दांए ऊपरी हाथ में शोभा पाता दिखाया जाता है। धर्मिक अवसरों पर इसे फूँक कर बजाया भी जाता है। (२) महाभारत में वर्णित राजा विराट के एक पुत्र का नाम भी शंख था। .

ब्राह्मण और शंख के बीच समानता

ब्राह्मण और शंख आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): धर्म, हिन्दू धर्म, विष्णु

धर्म

धर्मचक्र (गुमेत संग्रहालय, पेरिस) धर्म का अर्थ होता है, धारण, अर्थात जिसे धारण किया जा सके, धर्म,कर्म प्रधान है। गुणों को जो प्रदर्शित करे वह धर्म है। धर्म को गुण भी कह सकते हैं। यहाँ उल्लेखनीय है कि धर्म शब्द में गुण अर्थ केवल मानव से संबंधित नहीं। पदार्थ के लिए भी धर्म शब्द प्रयुक्त होता है यथा पानी का धर्म है बहना, अग्नि का धर्म है प्रकाश, उष्मा देना और संपर्क में आने वाली वस्तु को जलाना। व्यापकता के दृष्टिकोण से धर्म को गुण कहना सजीव, निर्जीव दोनों के अर्थ में नितांत ही उपयुक्त है। धर्म सार्वभौमिक होता है। पदार्थ हो या मानव पूरी पृथ्वी के किसी भी कोने में बैठे मानव या पदार्थ का धर्म एक ही होता है। उसके देश, रंग रूप की कोई बाधा नहीं है। धर्म सार्वकालिक होता है यानी कि प्रत्येक काल में युग में धर्म का स्वरूप वही रहता है। धर्म कभी बदलता नहीं है। उदाहरण के लिए पानी, अग्नि आदि पदार्थ का धर्म सृष्टि निर्माण से आज पर्यन्त समान है। धर्म और सम्प्रदाय में मूलभूत अंतर है। धर्म का अर्थ जब गुण और जीवन में धारण करने योग्य होता है तो वह प्रत्येक मानव के लिए समान होना चाहिए। जब पदार्थ का धर्म सार्वभौमिक है तो मानव जाति के लिए भी तो इसकी सार्वभौमिकता होनी चाहिए। अतः मानव के सन्दर्भ में धर्म की बात करें तो वह केवल मानव धर्म है। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध आदि धर्म न होकर सम्प्रदाय या समुदाय मात्र हैं। “सम्प्रदाय” एक परम्परा के मानने वालों का समूह है। (पालि: धम्म) भारतीय संस्कृति और दर्शन की प्रमुख संकल्पना है। 'धर्म' शब्द का पश्चिमी भाषाओं में कोई तुल्य शब्द पाना बहुत कठिन है। साधारण शब्दों में धर्म के बहुत से अर्थ हैं जिनमें से कुछ ये हैं- कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सदाचरण, सद्-गुण आदि। .

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हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

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विष्णु

वैदिक समय से ही विष्णु सम्पूर्ण विश्व की सर्वोच्च शक्ति तथा नियन्ता के रूप में मान्य रहे हैं। हिन्दू धर्म के आधारभूत ग्रन्थों में बहुमान्य पुराणानुसार विष्णु परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं। पुराणों में त्रिमूर्ति विष्णु को विश्व का पालनहार कहा गया है। त्रिमूर्ति के अन्य दो रूप ब्रह्मा और शिव को माना जाता है। ब्रह्मा को जहाँ विश्व का सृजन करने वाला माना जाता है, वहीं शिव को संहारक माना गया है। मूलतः विष्णु और शिव तथा ब्रह्मा भी एक ही हैं यह मान्यता भी बहुशः स्वीकृत रही है। न्याय को प्रश्रय, अन्याय के विनाश तथा जीव (मानव) को परिस्थिति के अनुसार उचित मार्ग-ग्रहण के निर्देश हेतु विभिन्न रूपों में अवतार ग्रहण करनेवाले के रूप में विष्णु मान्य रहे हैं। पुराणानुसार विष्णु की पत्नी लक्ष्मी हैं। कामदेव विष्णु जी का पुत्र था। विष्णु का निवास क्षीर सागर है। उनका शयन शेषनाग के ऊपर है। उनकी नाभि से कमल उत्पन्न होता है जिसमें ब्रह्मा जी स्थित हैं। वह अपने नीचे वाले बाएँ हाथ में पद्म (कमल), अपने नीचे वाले दाहिने हाथ में गदा (कौमोदकी),ऊपर वाले बाएँ हाथ में शंख (पाञ्चजन्य) और अपने ऊपर वाले दाहिने हाथ में चक्र(सुदर्शन) धारण करते हैं। शेष शय्या पर आसीन विष्णु, लक्ष्मी व ब्रह्मा के साथ, छंब पहाड़ी शैली के एक लघुचित्र में। .

ब्राह्मण और विष्णु · विष्णु और शंख · और देखें »

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ब्राह्मण और शंख के बीच तुलना

ब्राह्मण 71 संबंध है और शंख 16 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 3.45% है = 3 / (71 + 16)।

संदर्भ

यह लेख ब्राह्मण और शंख के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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