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बौधायन और बौधायन धर्मसूत्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बौधायन और बौधायन धर्मसूत्र के बीच अंतर

बौधायन vs. बौधायन धर्मसूत्र

बौधायन भारत के प्राचीन गणितज्ञ और शुल्ब सूत्र तथा श्रौतसूत्र के रचयिता थे। ज्यामिति के विषय में प्रमाणिक मानते हुए सारे विश्व में यूक्लिड की ही ज्यामिति पढ़ाई जाती है। मगर यह स्मरण रखना चाहिए कि महान यूनानी ज्यामितिशास्त्री यूक्लिड से पूर्व ही भारत में कई रेखागणितज्ञ ज्यामिति के महत्वपूर्ण नियमों की खोज कर चुके थे, उन रेखागणितज्ञों में बौधायन का नाम सर्वोपरि है। उस समय भारत में रेखागणित या ज्यामिति को शुल्व शास्त्र कहा जाता था। . यह धर्मसूत्र चार प्रश्नों में हैं। प्रश्नों का विभाजन अध्याय तथा खण्डों में किया गया है।.

बौधायन और बौधायन धर्मसूत्र के बीच समानता

बौधायन और बौधायन धर्मसूत्र आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पाइथागोरस प्रमेय, बौधायन श्रौतसूत्र, बौधायन का शुल्बसूत्र

पाइथागोरस प्रमेय

'''बौधायन का प्रमेय''': समकोण त्रिभुज की दो भुजाओं की लम्बाइयों के वर्गों का योग कर्ण की लम्बाई के वर्ग के बराबर होता है। पाइथागोरस प्रमेय (या, बौधायन प्रमेय) यूक्लिडीय ज्यामिति में किसी समकोण त्रिभुज के तीनों भुजाओं के बीच एक सम्बन्ध बताने वाला प्रमेय है। इस प्रमेय को आमतौर पर एक समीकरण के रूप में निम्नलिखित तरीके से अभिव्यक्त किया जाता है- जहाँ c समकोण त्रिभुज के कर्ण की लंबाई है तथा a और b अन्य दो भुजाओं की लम्बाई है। पाइथागोरस यूनान के गणितज्ञ थे। परम्परानुसार उन्हें ही इस प्रमेय की खोज का श्रेय दिया जाता है,हेथ, ग्रंथ I,p.

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बौधायन श्रौतसूत्र

बौधायन श्रौतसूत्र एक प्रमुख श्रौतसूत्र ग्रन्थ है। इसका सम्बन्ध कृष्ण यजुर्वेद की तैतरीय शाखा से है। आधुनिक युग में इसका प्रकाशन १९०४-२३ ई में बंगाल की एशियाटिक सोसायटी द्वारा किया गया। .

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बौधायन का शुल्बसूत्र

शुल्बसूत्रों में बौधायन का शुल्बसूत्र सबसे प्राचीन माना जाता है। इन शुल्बसूत्रों का रचना समय १२०० से ८०० ईसा पूर्व माना गया है। अपने एक सूत्र में बौधायन ने विकर्ण के वर्ग का नियम दिया है- एक आयत का विकर्ण उतना ही क्षेत्र इकट्ठा बनाता है जितने कि उसकी लम्बाई और चौड़ाई अलग-अलग बनाती हैं। - यही तो पाइथागोरस का प्रमेय है। स्पष्ट है कि इस प्रमेय की जानकारी भारतीय गणितज्ञों को पाइथागोरस के पहले से थी। वस्तुतः इस प्रमेय को बौधायन-पाइथागोरस प्रमेय कहा जाना चाहिए। .

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बौधायन और बौधायन धर्मसूत्र के बीच तुलना

बौधायन 21 संबंध है और बौधायन धर्मसूत्र 5 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 11.54% है = 3 / (21 + 5)।

संदर्भ

यह लेख बौधायन और बौधायन धर्मसूत्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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