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बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश) और हिमाचल प्रदेश

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश) और हिमाचल प्रदेश के बीच अंतर

बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश) vs. हिमाचल प्रदेश

बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का एक कस्बा है। यह पालमपुर से लगभग १४ किमी दूरी पर है। यहाँ पर हिन्दुओं के द्वादश (बारह) ज्योतिलिंगों में से एक है। . हिमाचल प्रदेश (अंग्रेज़ी: Himachal Pradesh, उच्चारण) उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। यह 21,629 मील² (56019 किमी²) से अधिक क्षेत्र में फ़ैला है तथा उत्तर में जम्मू कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में पंजाब (भारत), दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा हुआ है। हिमाचल प्रदेश का शाब्दिक अर्थ "बर्फ़ीले पहाड़ों का प्रांत" है। हिमाचल प्रदेश को "देव भूमि" भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार के हाथ में आ गया। सन 1857 तक यह महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य (पंजाब हिल्स के सीबा राज्य को छोड़कर) का हिस्सा था। सन 1950 मे इसे केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया, लेकिन 1971 मे इसे, हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971 के अन्तर्गत इसे 25 january 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बनाया गया। हिमाचल प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय भारत के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक है । बारहमासी नदियों की बहुतायत के कारण, हिमाचल अन्य राज्यों को पनबिजली बेचता है जिनमे प्रमुख हैं दिल्ली, पंजाब (भारत) और राजस्थान। राज्य की अर्थव्यवस्था तीन प्रमुख कारकों पर निर्भर करती है जो हैं, पनबिजली, पर्यटन और कृषि। हिंदु राज्य की जनसंख्या का 95% हैं और प्रमुख समुदायों मे ब्राह्मण, राजपूत, घिर्थ (चौधरी), गद्दी, कन्नेत, राठी और कोली शामिल हैं। ट्रान्सपरेन्सी इंटरनैशनल के 2005 के सर्वेक्षण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश देश में केरल के बाद दूसरी सबसे कम भ्रष्ट राज्य है। .

बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश) और हिमाचल प्रदेश के बीच समानता

बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश) और हिमाचल प्रदेश आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): काँगड़ा

काँगड़ा

काँगड़ा हिमाचल प्रदेश का ऐतिहासिक नगर तथा जिला है; इसका अधिकतर भाग पहाड़ी है। इसके उत्तर और पूर्व में क्रमानुसार लघु हिमालय तथा बृहत्‌ हिमालय की हिमाच्छादित श्रेणियाँ स्थित हैं। पश्चिम में सिवालिक (शिवालिक) तथा दक्षिण में व्यास और सतलज के मध्य की पहाड़ियाँ हैं। बीच में काँगड़ा तथा कुल्लू की सुन्दर उपजाऊ घाटियाँ हैं। काँगड़ा चाय और चावल तथा कुल्लू फलों के लिए प्रसिद्ध है। व्यास (विपासा) नदी उत्तर-पूर्व में रोहतांग से निकलकर पश्चिम में मीर्थल नामक स्थान पर मैदानी भाग में उतरती है। काँगड़ा जिले में कड़ी सर्दी पड़ती है परंतु गर्मी में ऋतु सुहावनी रहती है, इस ऋतु में बहुत से लोग शैलावास के लिए यहाँ आते हैं; जगह-जगह देवस्थान हैं अत: काँगड़ा को देवभूमि के नाम से भी अभिहित किया गया है। हाल ही में लाहुल तथा स्पीत्ती प्रदेश का अलग सीमांत जिला बना दिया गया है और अब काँगड़ा का क्षेत्रफल 4,280 वर्ग मील रह गया है। काँगड़ा नगर लगभग 2,350 फुट की ऊँचाई पर, पठानकोट से 52 मील पूर्व स्थित है। हिमकिरीट धौलाधर पर्वत तथा काँगड़ा की हरी-भरी घाटी का रमणीक दृश्य यहाँ दृष्टिगोचर होता है। यह नगर बाणगंगा तथा माँझी नदियों के बीच बसा हुआ है। दक्षिण में पुराना किला तथा उत्तर में बृजेश्वरी देवी के मंदिर का सुनहला कलश इस नगर के प्रधान चिह्न हैं। एक ओर पुराना काँकड़ा तथा दूसरी ओर भवन (नया काँगड़ा) की नयी बस्तियाँ हैं। काँगड़ा घाटी रेलवे तथा पठानकोट-कुल्लू और धर्मशाला-होशियारपुर सड़कों द्वारा यातायात की सुविधा प्राप्त है। काँगड़ा पहले 'नगरकोट' के नाम से प्रसिद्ध था और ऐसा कहा जाता है कि इसे राजा सुसर्माचंद ने महाभारत के युद्ध के बाद बसाया था। छठी शताब्दी में नगरकोट जालंधर अथवा त्रिगर्त राज्य की राजधानी था। राजा संसारचंद (18वीं शताब्दी के चतुर्थ भाग में) के राज्यकाल में यहाँ पर कलाकौशल का बोलबाला था। 'काँगड़ा कलम' विश्वविख्यात है और चित्रशैली में अनुपम स्थान रखती है। काँगड़ा किले, मंदिर, बासमती चावल तथा कटी नाक की पुन: व्यवस्था और नेत्रचिकित्सा के लिए दूर-दूर तक विख्यात था। 1905 के भूकम्प में नगर बिल्कुल उजड़ गया था, तत्पश्चात्‌ नयी आबादी बसायी गयी। यहाँ पर देवीमंदिर के दर्शन के लिए हजारों यात्री प्रति वर्ष आते हैं तथा नवरात्र में बड़ी चहल-पहल रहती है। प्राचीन काल में त्रिगर्त नाम से विख्यात काँगड़ा हिमाचल की सबसे खूबसूरत घाटियों में एक है। धौलाधर पर्वत श्रृंखला से आच्छादित यह घाटी इतिहास और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। एक जमाने में यह शहर चंद्र वंश की राजधानी थी। काँगड़ा का उल्लेख 3500 साल पहले वैदिक युग में मिलता है। पुराण, महाभारत तथा राजतरंगिणी में इस स्थान का जिक्र किया गया है। .

काँगड़ा और बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश) · काँगड़ा और हिमाचल प्रदेश · और देखें »

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बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश) और हिमाचल प्रदेश के बीच तुलना

बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश) 3 संबंध है और हिमाचल प्रदेश 101 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 0.96% है = 1 / (3 + 101)।

संदर्भ

यह लेख बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश) और हिमाचल प्रदेश के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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