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बालमणि अम्मा का जीवन परिचय और बीसवीं शताब्दी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बालमणि अम्मा का जीवन परिचय और बीसवीं शताब्दी के बीच अंतर

बालमणि अम्मा का जीवन परिचय vs. बीसवीं शताब्दी

बालमणि अम्मा की पेंटिंग बालमणि अम्मा बीसवीं शताब्दी की चर्चित व प्रतिष्ठित मलयालम कवयित्रियों में से एक हैं। उनका जन्म 19 जुलाई 1909 को केरल के मालाबार जिला के पुन्नायुर्कुलम (तत्कालीन मद्रास प्रैज़िडन्सी, ब्रिटिश राज) में पिता चित्तंजूर कुंज्जण्णि राजा और माँ नालापत कूचुकुट्टीअम्मा के यहाँ "नालापत" में हुआ था। यद्यपि उनका जन्म 'नालापत' के नाम से पहचाने-जाने वाले एक रूढ़िवादी परिवार में हुआ, जहां लड़कियों को विद्यालय भेजना अनुचित माना जाता था। इसलिए उनके लिए घर में शिक्षक की व्यवस्था कर दी गयी थी, जिनसे उन्होने संस्कृत और मलयालम भाषा सीखी। नालापत हाउस की अलमारियाँ पुस्तकों से भरी-पड़ी थीं। इन पुस्तकों में कागज पर छपी पुस्तकों के साथ हीं ताड़पत्रों पर उकेरी गई हस्तलिपि वाली पुस्तकें भी थीं। इन पुस्तकों में बाराह संहिता से लेकर टैगोर तक का रचना संसार सम्मिलित था। उनके मामा एन॰ नारायण मेनन कवि और दार्शनिक थे, जिन्होने उन्हें साहित्य सृजन के लिए प्रोत्साहित किया। कवि और विद्वान घर पर अतिथि के रूप में आते और हफ्तों रहते थे। इस दौरान घर में साहित्यिक चर्चाओं का घटाटोप छाया रहता था। इस वातावरण ने उनके चिंतन को प्रभावित किया। उनका विवाह 19 वर्ष की आयु में वर्ष 1928 में वी॰एम॰ नायर से हुआ, जो आगे चलकर मलयालम भाषा के दैनिक समाचार पत्र 'मातृभूमि'के प्रबंध संपादक और प्रबंध निदेशक बनें। विवाह के तुरंत बाद अम्मा ने अपने पति के साथ कोलकाता छोड़ दिया। उस समय उनके पति "वेलफोर्ट ट्रांसपोर्ट कम्पनी" में वरिष्ठ अधिकारी थे। यह कंपनी ऑटोमोबाइल कंपनी "रोल्स रॉयस मोटर कार्स" और "बेंटले" के उपकरणों को बेचती थी। 1977 में उनके पति की मृत्यु हुई। वे अँग्रेजी व मलयालम भाषा की प्रसिद्ध भारतीय लेखिका कमला दास की माँ थीं, जिन्हें उनकी आत्मकथा ‘माई स्टोरी’से अत्यधिक प्रसिद्धि मिली थी और उन्हें साहित्य में नोबेल पुरस्कार हेतु नामित किया गया था। कमला के लेखन पर अम्मा का अत्यंत प्रभाव पड़ा था।इसके अलावा वे क्रमश: सुलोचना, मोहनदास और श्याम सुंदर की भी माँ थीं। लगभग पाँच वर्षों तक अलजाइमर रोग से जूझने के बाद 95 वर्ष की अवस्था में 29 सितंबर 2004 को शाम 4 बजे कोच्चि में उनकी मृत्यु हो गई। अपने पति की मृत्यु के बाद से वे यहाँ अपने बच्चों क्रमश: श्याम सुंदर (पुत्र) और सुलोचना (पुत्री) के साथ रह रहीं थीं। उनका अंतिम संस्कार कोच्चि के रविपुरम शव दाह गृह में हुई। . ग्रेगरी पंचांग (कलेंडर) के अनुसार ईसा की बीसवीं शताब्दी 1 जनवरी 1901 से 31 दिसम्बर 2000 तक मानी जाती है। कुछ इतिहासवेत्ता 1914 से 1992 तक को संक्षिप्त बीसवीं शती का नाम भी देते हैं। (उन्नीसवी शताब्दी - बीसवी शताब्दी - इक्कीसवी शताब्दी - और शताब्दियाँ) दशक: १९०० का दशक १९१० का दशक १९२० का दशक १९३० का दशक १९४० का दशक १९५० का दशक १९६० का दशक १९७० का दशक १९८० का दशक १९९० का दशक ---- समय के गुज़रने को रेकोर्ड करने के हिसाब से देखा जाये तो बीसवी शताब्दी वह शताब्दी थी जो १९०१ - २००० तक चली थी। मनुष्य जाति के जीवन का लगभग हर पहलू बीसवी शताब्दी में बदल गया।.

बालमणि अम्मा का जीवन परिचय और बीसवीं शताब्दी के बीच समानता

बालमणि अम्मा का जीवन परिचय और बीसवीं शताब्दी आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): कोलकाता

कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

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बालमणि अम्मा का जीवन परिचय और बीसवीं शताब्दी के बीच तुलना

बालमणि अम्मा का जीवन परिचय 15 संबंध है और बीसवीं शताब्दी 180 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 0.51% है = 1 / (15 + 180)।

संदर्भ

यह लेख बालमणि अम्मा का जीवन परिचय और बीसवीं शताब्दी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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