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बायोस और हार्डवेयर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बायोस और हार्डवेयर के बीच अंतर

बायोस vs. हार्डवेयर

बायोस अंग्रेज़ी के बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम शब्द का संक्षिप्त रूप है। ये आईबीएम कंप्यूटर को दिए जाने वाले निर्देशों का एक समूह होता है।|हिन्दुस्तान लाईव। २४ जून २०१० ये निर्देश कंप्यूटर में एक चिप में संरक्षित रहते हैं। इनको डिस्क को फेल होने से बचाने के उद्देश्य से तैयार किया जाता है। कंप्यूटर का सहजता से प्रयोग करने के लिए ये निर्देश आवश्यक होते हैं। बायोस का सबसे महत्वपूर्ण कार्य कंप्यूटर को चालू करते समय स्वपरीक्षण (सेल्फ टेस्ट) निर्देश देना होता है। स्वपरीक्षण यह तय करता है कि कंप्यूटर के सभी भाग जैसे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर जैसे मेमोरी, कीबोर्ड आदि की उपयोज्यता यानि वे सब तकनीकी रूप से सही स्थिति में हैं और यह सहजता से काम करने की स्थिति में है। यदि स्वपरीक्षण में कोई अनियमितता पाई जाती है तो बायोस उसे ठीक करने के लिए कंप्यूटर को एक कोड देता है। इस तरह के कोड प्रायः एक बीप के रूप में होते हैं, जो कंप्यूटर को चालू करते समय सुनाई देते हैं। इसके साथ ही बॉयोस कंप्यूटर को यह आधारभूत जानकारी भी देते हैं कि यह अपने कुछ जरूरी घटकों जैसे, ड्राइव्स और मेमोरी के साथ किस तरह इंट्रैक्शन करें। जब एक बार कंप्यूटर में आधारभूत निर्देश लोड हो जाते हैं और स्वपरीक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण हो जाता है तो कंप्यूटर आगे की प्रक्रिया पूरी करता है जिसमें प्रचालन तंत्र (ऑपरेटिंग सिस्टम) लोड करना शामिल होता है। फीनिक्स बायोस डी६८६। बायोस चिप एक पीएलसीसी पैकेज के भीतर पैक है, जो पीएलसीसी सॉकेट में प्लग की हुई है। कंप्यूटर प्रयोग करने वाले लोग प्रायः बायोस के द्वारा सिस्टम पर कुछ विन्यास तैयार कर लेते हैं। जिससे कंप्यूटर ऑन करते समय की बोर्ड की एक विशेष कुंजी का प्रयोग कर काम चलाया जा सके और सिस्टम को किसी जटिलता का सामना न करना पड़े। डेस्कटॉप का यह सेटअप ड्राइव्स के एक्सेस आर्डर को परिवर्तन करने करने के साथ ही सिस्टम की जटिल युक्तियों को भी नियंत्रित करता है। बायोस के अलग-अलग प्रारूप में होते हैं। आजकल कई पर्सनल कंप्यूटर निर्माता बायोस के निर्देश लोड करने के लिए फ्लैश मेमोरी कार्ड का प्रयोग करते हैं। इसे समय-समय पर अद्यतित कर सकते हैं और मूल बायोस की मदद से समस्याओं को सुलझा सकते हैं। . कम्प्यूटर हार्डवेयर कम्प्यूटर का भौतिक भाग होता है जिसमें उसके डिजीटल सर्किट (digital circuit) लगे होते हैं जैसा कि कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर से प्रदर्शित होता है और यह हार्डवेयर के अंदर ही रहता है। किसी कंप्यूटर का हार्डवेयर उसके सोफ्टवेयर और हार्डवेयर डाटा की तुलना में यदा-कदा बदल जाता है। ये डाटा महसूस करने में वस्तुपरक नहीं होते हैं और इन्हें तत्काल, संशोधित अथवा मिटाया जा सकता है। फर्मवेयर (Firmware) किसी सोफ्टवेयर की एक विशेष किस्म होती है जिसे जरूरत पड़ने पर बदला जा सकता है और हार्डवेयर यंत्रों पर रक्षित किया जा सकता है जैसे केवल पठन स्मृति (read-only memory) (रोम) जहां इसे तत्काल बदला नहीं जा सकता है (और इसीलिए, वस्तुपरक रहने की तुलना में स्थिर बना दिया जाता है। अधिकांश कम्प्यूटर सामान्य यूज़र द्वारा नहीं देखे जाते हैं। यह ऑटोमोबाइल, माइक्रोवेव ओवन, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी मशीन, कोम्पेक्ट डिस्क (compact disc) प्लेयर तथा अन्य यंत्रों में उपयोग की जाने वाली एक एम्बेडेड सिस्टम (embedded systems) है। पर्सनल कम्प्यूटर (Personal computer) ज्यादातर लोगों द्वारा परिचित कम्प्यूटर हार्डवेयर है जो कम्प्यूटरों के केवल लघु परिवार की रचना करता है (2003 में निर्मित सभी नए कम्प्यूटरों का लगभग 0;2 प्रतिशत) बाजार के आँकड़े देखें। .

बायोस और हार्डवेयर के बीच समानता

बायोस और हार्डवेयर आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): सॉफ्टवेयर, हार्ड डिस्क ड्राइव, कंप्यूटर, कुञ्जीपटल

सॉफ्टवेयर

कंप्यूटर विज्ञान में एक सॉफ्टवेयर सार्थक क्रमादेशों और ज़रूरी सूचनाओं का एक ऐसा तंत्र है जो कंप्यूटर के यन्त्रांश और दूसरे सॉफ्टवेयरों को आदेश देकर क्रमादेशक का मनचाहा काम करता है। व्यावहारिक तौर पर अगर कंप्यूटर को परिभाषित किया जाये तो हम हार्डवेयर को मनुष्य का शरीर और सॉफ्टवेर को उसकी आत्मा कह सकते हैं। हार्डवेयर कंप्यूटर के हिस्सों को कहते हैं, जिन्हें हम अपनी आँखों से देख सकते हैं, छू सकते हैं अथवा औजारों से उनपर कार्य कर सकते हैं। यह वास्तविक पदार्थ है। इसके विपरीत सॉफ्टवेयर कोई पदार्थ नहीं है। ये वे सूचनाएं, आदेश अथवा तरीके हैं जिनके आधार पर कंप्यूटर का हार्डवेयर कार्य करता है। कंप्यूटर हार्डवेयर सॉफ्टवेयर से परिचित होते हैं अथवा सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के हार्डवेयर से परिचित एवं उनपर आधारित होते हैं। .

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हार्ड डिस्क ड्राइव

हार्ड डिस्क ड्राइव (जिसे हार्ड डिस्क, हार्ड ड्राइव,, सख्त चक्रिका संचालक, डेटा भंडारण यन्त्र या HDD भी कहते हैं) एक आँकड़ों को सहेज कर सुरक्षित रखने वाला यन्त्र है, जो डिजिटल जानकारी चुम्बकीय रूप से लिख और पढ़ (पुनः प्राप्त) सकता है। इसमें घूमने वाले डिस्क्स (चिपटी गोल वस्तु,चक्रिका) होते हैं जिन्हें चुम्बकीय पदार्थ से लेप किया जाता है। बिजली न होने पर भी डेटा भंडारण यन्त्र आंकड़ों को सुरक्षित रखता है। डेटा भंडारण यन्त्र से आँकड़ों को बेतरतीब (रैंडम -एक्सेस) तरीके से पढ़ा जाता है। इसका मतलब है कि आँकड़ों के समूह को भंडारण यन्त्र में किसी भी जगह लिखकर सुरक्षित किया जा सकता है। मतलब आँकड़ों का भंडारण किसी खास क्रम में करने की आवश्यकता नहीं है। इसका अविष्कार १९५६ में आइ०बी०ऍम० नामक कंपनी में हुआ था। १९६० के दशक तक आँकडा भंडारण यन्त्र सभी सामान्य कार्य के संगणकों में सबसे प्रचलित अतिरिक्त/सहायक भंडारण यन्त्र बन गया। आँकड़ा भंडारण यन्त्र में नियमित रूप से सुधार होने लगा और आज सर्वर और व्यक्तिगत संगणकों के ज़माने में भी इसने अपनी जगह स्थिर रखी है। २०० से भी ज़्यादा औद्योगिक इकाइयों ने डेटा भंडारण यन्त्र बनाये हैं। हलाँकि ज़्यादातर डेटा भंडारण यन्त्र आज सीगेट(Segate),तोशिबा (Toshiba) और वेस्टर्न डिजिटल बनाते हैं। सारी दुनिया में आंकडा भंडारण यन्त्र का राजस्व २०१३ में $ ३२ बिलियन था जो की २०१२ की तुलना में ३% कम था। डेटा भंडारण यन्त्र को उसकी भंडारण क्षमता और प्रदर्शन के आधार पर विश्लेषित किया जाता हैं। डेटा भंडारण यन्त्र की क्षमता बाइट्स में होती हैं। १०२४ बाइट को १ किलोबाइट कहा जाता है। उसी तरह से १०२४ किलोबाइट को १ मेगाबाइट कहा जाता है। १०२४ मेगाबाइट को १ गीगाबाइट कहते है और १०२४ गीगाबाइट को १ टेराबाइट कहा जाता है। डेटा भंडारण यन्त्र का पूरा भंडारण स्थान उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध नहीं होता क्यूंकि कुछ हिस्सा प्रचालन तन्त्र(ऑपरेटिंग सिस्टम) को रखने और कुछ और हिस्सा फाइल सिस्टम के लिए और कुछ हिस्सा संभवतः अंदरुनी अतिरेकता (inbuilt redundancy.) गलती सुधारने और डेटा पुन:प्राप्ति के लिए होता है। आंकडों को लिखने वाले नोक(हेड) के पटरी तक पहुंचने के समय और पढ़ते वक़्त वांछित क्षेत्र के नोक के नीचे तक पहुंचने में लगने वाले समय और आँकड़ों के यन्त्र से आवागमन की गति के आधार पर प्रदर्शन क्षमता का निर्धारण किया जाता है। आज के डेटा भंडारण यन्त्र मेज पर रखे जा सकने वाले संगणकों (डेस्कटॉप कंप्यूटर) के लिए ३.५ इंच और गोद में रखे जा सकने वाले संगणकों में २.५ इंच के होते हैं। डेटा भंडारण यन्त्र मुख्य प्रणाली से साटा, यूएसबी या एस.ए.एस(सीरियल अटैच्ड SCSI) जैसे मानक विद्युत् चालक तारों से जुड़े होते हैं। २०१४ तक डेटा भंडारण यन्त्र को अतिरिक्त या सहायक भंडारण के क्षेत्र में ठोस अवस्था वाले संचालक के रूप में टक्कर देने वाली तकनीक थी फ्लैश मेमोरी | आने वाले समय में यह माना जा रहा है कि हार्ड डिस्क अपना आधिपत्य जारी रखेगी लेकिन जहाँ गति और बिजली की कम खपत ज़्यादा ज़रूरी हैं वहाँ ठोस अवस्था वाले उपकरण (सॉलिड स्टेट डिवाइस) को हार्ड डिस्क की जगह पर इस्तेमाल किया जा रहा है। .

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कंप्यूटर

निजी संगणक कंप्यूटर (अन्य नाम - संगणक, कंप्यूटर, परिकलक) वस्तुतः एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। इसे अंक गणितीय, तार्किक क्रियाओं व अन्य विभिन्न प्रकार की गणनाओं को सटीकता से पूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से निर्देशित किया जा सकता है। चूंकि किसी भी कार्य योजना को पूर्ण करने के लिए निर्देशो का क्रम बदला जा सकता है इसलिए संगणक एक से ज्यादा तरह की कार्यवाही को अंजाम दे सकता है। इस निर्देशन को ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहते है और संगणक कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा की मदद से उपयोगकर्ता के निर्देशो को समझता है। यांत्रिक संगणक कई सदियों से मौजूद थे किंतु आजकल अभिकलित्र से आशय मुख्यतः बीसवीं सदी के मध्य में विकसित हुए विद्दुत चालित अभिकलित्र से है। तब से अबतक यह आकार में क्रमशः छोटा और संक्रिया की दृष्टि से अत्यधिक समर्थ होता गया हैं। अब अभिकलक घड़ी के अन्दर समा सकते हैं और विद्युत कोष (बैटरी) से चलाये जा सकते हैं। निजी अभिकलक के विभिन्न रूप जैसे कि सुवाह्य संगणक, टैबलेट आदि रोजमर्रा की जरूरत बन गए हैं। परंपरागत संगणकों में एक केंद्रीय संचालन इकाई (सीपीयू) और सूचना भन्डारण के लिए स्मृति होती है। संचालन इकाई अंकगणित व तार्किक गणनाओ को अंजाम देती है और एक अनुक्रमण व नियंत्रण इकाई स्मृति में रखे निर्देशो के आधार पर संचालन का क्रम बदल सकती है। परिधीय या सतह पे लगे उपकरण किसी बाहरी स्रोत से सूचना ले सकते है व कार्यवाही के फल को स्मृति में सुरक्षित रख सकते है व जरूरत पड़ने पर पुन: प्राप्त कर सकते हैं। एकीकृत परिपथ पर आधारित आधुनिक संगणक पुराने जमाने के संगणकों के मुकबले करोड़ो अरबो गुना ज्यादा समर्थ है और बहुत ही कम जगह लेते है। सामान्य संगणक इतने छोटे होते है कि मोबाइल फ़ोन में भी समा सकते है और मोबाइल संगणक एक छोटी सी विद्युत कोष (बैटरी) से मिली ऊर्जा से भी काम कर सकते है। ज्यादातर लोग “संगणकों” के बारे में यही राय रखते है कि अपने विभिन्न स्वरूपों में व्यक्तिगत संगणक सूचना प्रौद्योगिकी युग के नायक है। हालाँकि embedded system|सन्निहित संगणक जो कि ज्यादातर उपकरणों जैसे कि आंकिक श्रव्य वादक|एम.पी.३ वादक, वायुयान व खिलौनो से लेकर औद्योगिक मानव यन्त्र में पाये जाते है लोगो के बीच ज्यादा प्रचलित है। .

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कुञ्जीपटल

कम्प्यूटर का एक कुंजीपटल संगणक की भाषा में कुंजीपटल (की-बोर्ड) एक इनपुट युक्ति है जो की टाइपराइटर के कुंजीपटल में कुछ आवश्यक परिवर्तन करके बनायी गयी है। कुंजीपटल में बहुत से (सैकड़ों) कुंजियाँ या बटन होते हैं जो किसी विशेष तरीके से विन्यस्त (arranged) होते हैं। ये बटन इलेक्ट्रानिक स्विच का काम करते हैं और दबाने पर कम्प्यूटर को एक विशेष डिजिटल संकेत (बाइट) प्रेषित करते हैं जो कि दबायी गयी कुंजी की पहचान होती है। कूजियाँ यांत्रिक हो सकते हैं या इलेक्ट्रानिक। कुंजियों के उपर एक या अधिक संकेत/अक्षर लिखे रहते हैं। हिन्दी भाषा के लिये दो कीबोर्ड होते हैं - इनस्क्रिप्ट जो कि सभी भारतीय भाषाओं का मानक कीबोर्ड है तथा रेमिंगटन जो कि पुराने जमाने के टाइपराइटर पर प्रयोग होता था। .

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बायोस और हार्डवेयर के बीच तुलना

बायोस 14 संबंध है और हार्डवेयर 26 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 10.00% है = 4 / (14 + 26)।

संदर्भ

यह लेख बायोस और हार्डवेयर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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