बनारस घराना और वाराणसी के बीच समानता
बनारस घराना और वाराणसी आम में 7 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): तबला, द ट्रिब्यून (चंडीगढ़), राम सहाय, लखनऊ, समता प्रसाद, ख़याल, किशन महाराज।
तबला
तबला भारतीय संगीत में प्रयोग होने वाला एक तालवाद्य है जो मुख्य रूप से दक्षिण एशियाई देशों में बहुत प्रचलित है। यह लकड़ी के दो ऊर्ध्वमुखी, बेलनाकार, चमड़ा मढ़े मुँह वाले हिस्सों के रूप में होता है, जिन्हें रख कर बजाये जाने की परंपरा के अनुसार "दायाँ" और "बायाँ" कहते हैं। यह तालवाद्य हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में काफी महत्वपूर्ण है और अठारहवीं सदी के बाद से इसका प्रयोग शाष्त्रीय एवं उप शास्त्रीय गायन-वादन में लगभग अनिवार्य रूप से हो रहा है। इसके अतिरिक्त सुगम संगीत और हिंदी सिनेमा में भी इसका प्रयोग प्रमुखता से हुआ है। यह बाजा भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, और श्री लंका में प्रचलित है। एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका पहले यह गायन-वादन-नृत्य इत्यादि में ताल देने के लिए सहयोगी वाद्य के रूप में ही बजाय जाता था, परन्तु बाद में कई तबला वादकों ने इसे एकल वादन का माध्यम बनाया और काफी प्रसिद्धि भी अर्जित की। नाम तबला की उत्पत्ति अरबी-फ़ारसी मूल के शब्द "तब्ल" से बतायी जाती है। हालाँकि, इस वाद्य की वास्तविक उत्पत्ति विवादित है - जहाँ कुछ विद्वान् इसे एक प्राचीन भारतीय परम्परा में ही उर्ध्वक आलिंग्यक वाद्यों का विकसित रूप मानते हैं वहीं कुछ इसकी उत्पत्ति बाद में पखावज से निर्मित मानते हैं और कुछ लोग इसकी उत्पत्ति का स्थान पच्छिमी एशिया भी बताते हैं। .
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द ट्रिब्यून (चंडीगढ़)
द ट्रिब्यून एक अंग्रेजी भाषा का भारतीय दैनिक समाचार पत्र है जो चंडीगढ़, नई दिल्ली, जालंधर, देहरादून और बठिंडा से प्रकाशित होता है। यह २ फ़रवरी १८८१ को, लाहौर (अब पाकिस्तान में) में एक परोपकारी सरदार दयाल सिंह मजीठिया द्वारा स्थापित किया गया था। यह ट्रस्ट पांच न्यासियों द्वारा चलाया जाता है.
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राम सहाय
पंडित राम सहाय (१७८०-१८२६) बनारस घराने के संस्थापकों में से एक रहे हैं। आज प्रचलित बनारस बाज लगभग २०० वर्ष पूर्व इन्होंने ही विकसित की थी। ये बनारस शहर के रहने वाले थे। इनके संगीत गुरु दिल्ली के सिधार खान जी के शिष्य उस्ताद मोढू खान थे। उस्ताद जी लखनऊ के नवाब आसफुद्दौला के दरबार में शाही संगीतज्ञ थे। जब राम सहाय मात्र १७ वर्ष के ही थे, तब लखनऊ के नये नवाब ने मोधु खान से पूछा कि क्या राम सहाय उनके लिये एक प्रदर्शन कर सकते हैं? कहते हैं, कि राम सहाय ने ७ रातों तक लगातार तबला-वादन किया जिसकी प्रशंसा पूरे समाज ने की एवं उन पर भेटों की बरसात हो गयी। अपनी इस प्रतिभा प्रदर्शन के बाद राम सहाय बनारस वापस आ गये। .
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लखनऊ
लखनऊ (भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में लखनऊ जिले और लखनऊ मंडल के प्रशासनिक मुख्यालय भी स्थित हैं। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है। २००६ मे इसकी जनसंख्या २,५४१,१०१ तथा साक्षरता दर ६८.६३% थी। भारत सरकार की २००१ की जनगणना, सामाजिक आर्थिक सूचकांक और बुनियादी सुविधा सूचकांक संबंधी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ जिला अल्पसंख्यकों की घनी आबादी वाला जिला है। कानपुर के बाद यह शहर उत्तर-प्रदेश का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। शहर के बीच से गोमती नदी बहती है, जो लखनऊ की संस्कृति का हिस्सा है। लखनऊ उस क्ष्रेत्र मे स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ हमेशा से एक बहुसांस्कृतिक शहर रहा है। यहाँ के शिया नवाबों द्वारा शिष्टाचार, खूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को हमेशा संरक्षण दिया गया। लखनऊ को नवाबों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इसे पूर्व की स्वर्ण नगर (गोल्डन सिटी) और शिराज-ए-हिंद के रूप में जाना जाता है। आज का लखनऊ एक जीवंत शहर है जिसमे एक आर्थिक विकास दिखता है और यह भारत के तेजी से बढ़ रहे गैर-महानगरों के शीर्ष पंद्रह में से एक है। यह हिंदी और उर्दू साहित्य के केंद्रों में से एक है। यहां अधिकांश लोग हिन्दी बोलते हैं। यहां की हिन्दी में लखनवी अंदाज़ है, जो विश्वप्रसिद्ध है। इसके अलावा यहाँ उर्दू और अंग्रेज़ी भी बोली जाती हैं। .
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समता प्रसाद
पंडित समता प्रसाद और शाहिद परवेज खान पण्डित समता प्रसाद (20 जुलाई 1921, – 1994) भारत के शास्त्रीय संगीतकार एवं तबलावादक थे। वे बनारस घराने के थे। उन्होने अनेकों हिन्दी फिल्मों में तबलावादन किया था। राहुल देव बर्मन उनके ही शिष्य थे। 'उनको भारत सरकार द्वारा सन १९९१ में कला के क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया था। श्रेणी:१९९१ पद्म भूषण श्रेणी:1921 में जन्मे लोग.
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ख़याल
ख्याल या ख़याल भारतीय संगीत का एक रूप है। वस्तुत: यह ध्रुपद का ही एक भेद है। अंतर केवल इतना ही है कि ध्रुपद विशुद्ध भारतीय है। ख्याल में भारतीय और फारसी संगीत का मिश्रण है। .
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किशन महाराज
पण्डित किशन महराज अपने शिष्य विनीत व्यास तथा शाहिद परवेज खान के साथ किशन महाराज या पंडित किशन महाराज (1923 - 4 मई, 2008) विख्यात तबला वादक थे। .
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बनारस घराना और वाराणसी के बीच तुलना
बनारस घराना 10 संबंध है और वाराणसी 401 है। वे आम 7 में है, समानता सूचकांक 1.70% है = 7 / (10 + 401)।
संदर्भ
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