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बजड़ी और सरमथुरा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

बजड़ी और सरमथुरा के बीच अंतर

बजड़ी vs. सरमथुरा

बाजरा फसल फल रूप में लगे बाजरे के दाने अथवा सीटे (''Pennisetum glaucum'') बाजरा एक प्रमुख फसल है। एक प्रकार की बड़ी घास जिसकी बालियों में हरे रंग के छोटे छोटे दाने लगते हैं। इन दानों की गिनती मोटे अन्नों में होती है। प्रायाः सारे उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी भारत में लोग इसे खाते हैं। बाजरा मोटे अन्नों में सबसे अधिक उगाया जाने वाला अनाज है। इसे अफ्रीका और भारतीय उपमहाद्वीप में प्रागेतिहासिक काल से उगाया जाता रहा है, यद्यपि इसका मूल अफ्रीका में माना गया है। भारत में इसे बाद में प्रस्तुत किया गया था। भारत में इसे इसा पूर्व २००० वर्ष से उगाये जाने के प्रमाण मिलते है। इसका मतलब है कि यह अफ्रीका में इससे पहले ही उगाया जाने लगा था। यह पश्चिमी अफ्रीका के सहल क्षेत्र से निकल कर फैला है। बाजरे की विशेषता है सूखा प्रभावित क्षेत्र में भी उग जाना, तथा ऊँचा तापक्रम झेल जाना। यह अम्लीयता को भी झेल जाता है। यही कारण है कि यह उन क्षेत्रों में उगाया जाता है जहां मक्का या गेहूँ नही उगाये जा सकते। आज विश्व भर में बाजरा २६०,००० वर्ग किलोमीटर में उगाया जाता है। मोटे अन्न उत्पादन का आधा भाग बाजरा होता है। इस अनाज की खेती बहुत सी बातों में ज्वार की खेती से मिलती जुलती होती है। यह खरीफ की फसल है और प्रायः ज्वार के कुछ पीछे वर्षा ऋतु में बोई और उससे कुछ पहले अर्थात् जाड़े के आरंभ में काटी जाती हैं। इसके खेतों में खाद देने या सिंचाई करने की विशेष आवश्यकता नहीं होती। इसके लिये पहले तीन चार बार जमीन जोत दी जाती है और तब बीज बो दिए जाते हैं। एकाध बार निराई करना अवश्य आवश्यक होता है। इसके लिये किसी बहुत अच्छी जमीन की आवश्यकता नहीं होती और यह साधारण से साधारण जमीन में भी प्रायः अच्छी तरह होता है। यहाँ तक कि राजस्थान की बलुई भूमि में भी यह अधिकता से होता है। गुजरात आदि देशों में तो अच्छी करारी रूई बोने से पहले जमीन तयार करने के लिय इसे बोते हैं। बाजरे के दानों का आटा पीसकर और उसकी रोटी बनाकर खाई जाती है। इसकी रोटी बहुत ही बलवर्धक और पुष्टिकारक मानी जाती है। कुछ लोग दानों को यों ही उबालकर और उसमें नमक मिर्च आदि डालकर खाते हैं। इस रूप में इसे 'खिचड़ी' कहते हैं। कहीं कहीं लोग इसे पशुओं के चारे के लिये ही वोते हैं। वैद्यक में यह वादि, गरम, रूखा, अग्निदीपक पित्त को कुपित करनेवाला, देर में पचनेवाला, कांतिजनक, बलवर्धक और स्त्रियों के काम को बढा़नेवाला माना गया है। . सरमथुरा (प्राचीन नाम- श्री मथुरा, सिरमथुरा) भारत के राजस्थान राज्य में धौलपुर जिले में स्थित है। सरमथुरा तहसील बलुआ लाल पत्थर के लिए जाना जाता है। ऐतिहासिक रूप से, सरमथुरा के लाल बलुआ पत्थर का उपयोग तालाब-ए-शाही, जुबली हॉल, धौलपुर, धौलपुर राज पेलेस और निहाल घड़ी टावर के निर्माण के लिए किया गया था। लाल किला और हुमायूं मकबरे जैसे राष्ट्रीय स्मारक भी धौलपुर लाल बलुआ पत्थर से बने होते हैं, जिन्हें सरमथुरा और बारी क्षेत्र से निकाला गया था। सरमथुरा के निकटतम शहर बारी और निकटतम जिले करौली, धौलपुर है। स्थानीय रूप से, बोली जाने वाली भाषाएँ हिंदी और बोली हैं| राजस्थान की यह रियासत के जिले में चंबल नदी के पास स्थित है। शहर का प्राथमिक निर्यात में लाल बलुआ पत्थर, मिठाई, बाजरा, और सरसों आदि शामिल है। .

बजड़ी और सरमथुरा के बीच समानता

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बजड़ी और सरमथुरा के बीच तुलना

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संदर्भ

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