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प्रेम शंकर गुप्त और हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

प्रेम शंकर गुप्त और हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम के बीच अंतर

प्रेम शंकर गुप्त vs. हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम

न्यायमूर्ति श्री प्रेम शंकर गुप्त हिन्दी में निर्णय देने का प्रशंसनीय कार्य किया और इसके चलते बहुत प्रसिद्ध हुए। वे उच्च न्यायालय के अधिवक्ता, न्यायाधीश एवं हिन्दी के प्रबल पक्षधर व मनीषी के रूप में जाने जाते हैं। हिन्दी, अन्य भारतीय भाषायें व साहित्य उनके हृदय की धड़कन है। राष्ट्र भक्ती उनके सांस्कृतिक व्यक्तित्व को एक मुखर तेजस्विता प्रदान करती है और राष्ट्रभाषा के लिए उनकी प्रतिबद्धता उनके व्यक्तित्व को विशेष रूप से परिभाषित करती है। न्यायमूर्ति प्रेम शंकर गुप्त इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक हैं। न्यायाधीश नियुक्त होने से पूर्व उन्होंने भारत के राज्य और केंद्र सरकारों में अधिवक्ता के रूप में काम किया। 1977 में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्होंने तभी से न्यायाधीश के रूप में राजभाषा हिंदी में अपने निर्णय देना प्रारंभ किया था और अपने लगभग 15 वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने लगभग 4000 निर्णय हिंदी भाषा में दिए। उन्हें उनके सराहनीय कार्यों के लिए अनेक अवसरों पर सम्मानित किया गया। . यहाँ पर हिन्दी से सम्बन्धित सबसे पहले साहित्यकारों, पुस्तकों, स्थानों आदि के नाम दिये गये हैं।.

प्रेम शंकर गुप्त और हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम के बीच समानता

प्रेम शंकर गुप्त और हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): रामधारी सिंह 'दिनकर', हिन्दी

रामधारी सिंह 'दिनकर'

रामधारी सिंह 'दिनकर' (२३ सितंबर १९०८- २४ अप्रैल १९७४) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। बिहार प्रान्त के बेगुसराय जिले का सिमरिया घाट उनकी जन्मस्थली है। उन्होंने इतिहास, दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से की। उन्होंने संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी और उर्दू का गहन अध्ययन किया था। 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद राष्ट्रकवि के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इन्हीं दो प्रवृत्तिय का चरम उत्कर्ष हमें उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है। उर्वशी को भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार जबकि कुरुक्षेत्र को विश्व के १०० सर्वश्रेष्ठ काव्यों में ७४वाँ स्थान दिया गया। .

प्रेम शंकर गुप्त और रामधारी सिंह 'दिनकर' · रामधारी सिंह 'दिनकर' और हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम · और देखें »

हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

प्रेम शंकर गुप्त और हिन्दी · हिन्दी और हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम · और देखें »

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प्रेम शंकर गुप्त और हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम के बीच तुलना

प्रेम शंकर गुप्त 10 संबंध है और हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम 73 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.41% है = 2 / (10 + 73)।

संदर्भ

यह लेख प्रेम शंकर गुप्त और हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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