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प्राग

सूची प्राग

प्राग (चेक: प्राहा; जर्मन: प्राग; Prague) चेक गणराज्य की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह यूरोपीय संघ का 14वां सबसे बड़ा शहर है। प्राग कभी बोहेमिया की ऐतिहासिक राजधानी हुआ करती थी। वल्टावा नदी के उत्तर-पश्चिम में स्थित यह शहर 1.3 मिलियन लोगों का घर है, जबकि इसके महानगरीय क्षेत्र की 2.6 लाख की आबादी होने का अनुमान है। शहर में समशीतोष्ण जलवायु है, अर्थात: गर्म गर्मियाँ और बेहद ठंड सर्दियाँ। प्राग एक समृद्ध इतिहास के साथ मध्य यूरोप का एक राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र रहा है। रोमनकाल के दौरान स्थापित और गॉथिक, पुनर्जागरण और बारोक युग में समृद्ध प्राग, बोहेमिया साम्राज्य की राजधानी थी और कई पवित्र रोमन सम्राटों का मुख्य निवास स्थल थी, जिसमें मुख्यत: चार्ल्स चतुर्थ (शा.1346-1378) शामिल थे। यह हाब्सबर्ग राजशाही और उसके ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण शहर था। शहर ने दोनों विश्व युद्धों और युद्ध के बाद के कम्युनिस्ट युग के दौरान बोहेमियन और यूरोपीय धर्मसुधार, तीस साल का युद्ध और 20वीं शताब्दी के इतिहास में चेकोस्लोवाकिया की राजधानी के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई है। .

7 संबंधों: चेक गणराज्य, चेकोस्लोवाकिया, चॅक भाषा, यूरोपीय धर्मसुधार, जर्मन भाषा, ऑस्ट्रिया-हंगरी, क्रय-शक्ति समता

चेक गणराज्य

चेक गणराज्य (चेक: Česká republika or Česko) यूरोप महाद्वीप में स्थित एक देश है। इसकी उत्तर पूर्वी सीमा पर पोलैन्ड, पश्चिमी सीमा पर जर्मनी, दक्शिन मे ऑस्ट्रिया और पूर्व मे स्लोवाकिया है। इसकी राजधानी है प्राग। इसकी मुख्य- और राजभाषा है चेक भाषा। .

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चेकोस्लोवाकिया

चेकोस्लोवाकिया मध्य यूरोप में स्थित एक देश हुआ करता था जो अक्टूबर १९१८ से १९९२ तक अस्तित्व में रहा। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान १९३९ से १९४५ के एक अंतराल में इसका ज़बरदस्ती जर्मनी में विलय कर दिया गया इसलिए वास्तविकता में यह देश उस ज़माने में अस्तित्व में नहीं था, हालांकि औपचारिक रूप से मित्रपक्ष शक्तियाँ तब भी इसे मान्यता देती रहीं। १९४५ में सोवियत संघ ने इसके एक पूर्वी हिस्से को चेकोस्लोवाकिया से अलग करके अपने क्षेत्र का भाग बना लिया। शीत युद्ध काल में चेकोस्लोवाकिया पर साम्यवाद (कोम्युनिस्ट) शासन रहा और यह देश सोवियत संघ के नेतृत्व में गठित वारसा संधि के मित्रपक्ष में शामिल था। सोवियत संघ के टूटने पर १९९० में यहाँ भी साम्यवाद ख़त्म हो गया। धीरे-धीरे देश के दो मुख्य समुदायों - चेक और स्लोवाक - के बीच तनाव बढ़ता रहा और लगने लगा कि वे एक राष्ट्र में मिलकर नहीं रह पाएँगे। १९९२ में रायशुमारी (लोगों का विभाजन के प्रश्न पर सीधा मतदान) की गई और जनता ने देश को बांटने का फ़ैसला चुना। १ जनवरी १९९३ को देश बिना किसी हिंसा के दो अलग राष्ट्रों में बाँट गया जिन्हें चेक गणतंत्र और स्लोवाकिया के नामों से जाना जाता है। विश्व में अन्य देशों के हुए विभाजनों की तुलना में यह बंटवारा इतने कोमल और शांतिपूर्वक ढंग से हुए कि इस घटना को इतिहासकार और समीक्षक कभी-कभी 'मख़मली तलाक़' कहते हैं।, Craig Zelizer, Kumarian Press, 2009, ISBN 978-1-56549-286-8,...

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चॅक भाषा

चेक एक पश्चिम स्लोवियाई भाषा है, यह चेक गणराज्य में बहुमत भाषा और चेक द्वारा बोली जाने वाली विश्वव्यापी भाषा है। चेक भाषा यूरोपीय संघ में 23 आधिकारिक भाषाओं में से एक है। चेक पश्चिमी स्लावोनिक समुदाय की हैं और एक दूसरे से अत्यंत मिलती जुलती हैं। चेक भाषा बोहीमिया और मोराविया प्रांतों में और स्लोवाक भाषा स्लोवाकिया नामक प्रांत में बोली जाती है। .

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यूरोपीय धर्मसुधार

16वीं शताब्दी के प्रारंभ में समस्त पश्चिमी यूरोप धार्मिक दृष्टि से एक था - सभी ईसाई थे; सभी रोमन काथलिक चर्च के सदस्य थे; उसकी परंपरगत शिक्षा मानते थे और धार्मिक मामलों में उसके अध्यक्ष अर्थात् रोम के पोप का शासन स्वीकार करते थे। यूरोपीय धर्मसुधार अथवा रिफॉरमेशन 16वीं शताब्दी के उस महान आंदोलन को कहते हैं जिसके फलस्वरूप पाश्चात्य ईसाइयों की यह एकता छिन्न-भिन्न हुई और प्रोटेस्टैंट धर्म का उदय हुआ। चर्च के इतिहस में समय-समय पर सुधारवादी आंदोलन होते रहे किंतु वे चर्च के धार्मिक सिद्धातों अथवा उसके शासकों को चुनौती न देकर उनके निर्देश के अनुसार ही नैतिक बुराइयों का उन्मूलन तथा धार्मिक शिक्षा का प्रचार अपना उद्देश्य मानते थे। 16वीं शताब्दी में जो सुधार का आंदोलन प्रवर्तित हुआ वह शीघ्र ही चर्च की परंपरागत शिक्षा और उसके शासकों के अधिकार, दोनों का विरोध करने लगा। धर्मसुधार आंदोलन के परिणामस्वरूप यूरोप में कैथोलिक सम्प्रदाय के साथ-साथ लूथर सम्प्रदाय, कैल्विन सम्प्रदाय, एंग्लिकन सम्प्रदाय और प्रेसबिटेरियन संप्रदाय प्रचलित हो गये। .

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जर्मन भाषा

विश्व के जर्मन भाषी क्षेत्र जर्मन भाषा (डॉयट्श) संख्या के अनुसार यूरोप की सब से अधिक बोली जाने वाली भाषा है। ये जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया की मुख्य- और राजभाषा है। ये रोमन लिपि में लिखी जाती है (अतिरिक्त चिन्हों के साथ)। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में जर्मनिक शाखा में आती है। अंग्रेज़ी से इसका करीबी रिश्ता है। लेकिन रोमन लिपि के अक्षरों का इसकी ध्वनियों के साथ मेल अंग्रेज़ी के मुक़ाबले कहीं बेहतर है। आधुनिक मानकीकृत जर्मन को उच्च जर्मन कहते हैं। जर्मन भाषा भारोपीय परिवार के जर्मेनिक वर्ग की भाषा, सामान्यत: उच्च जर्मन का वह रूप है जो जर्मनी में सरकारी, शिक्षा, प्रेस आदि का माध्यम है। यह आस्ट्रिया में भी बोली जाती है। इसका उच्चारण १८९८ ई. के एक कमीशन द्वारा निश्चित है। लिपि, फ्रेंच और अंग्रेजी से मिलती-जुलती है। वर्तमान जर्मन के शब्दादि में अघात होने पर काकल्यस्पर्श है। तान (टोन) अंग्रेजी जैसी है। उच्चारण अधिक सशक्त एवं शब्दक्रम अधिक निश्चित है। दार्शनिक एवं वैज्ञानिक शब्दावली से परिपूर्ण है। शब्दराशि अनेक स्रोतों से ली गई हैं। उच्च जर्मन, केंद्र, उत्तर एवं दक्षिण में बोली जानेवाली अपनी पश्चिमी शाखा (लो जर्मन-फ्रिजियन, अंग्रेजी) से लगभग छठी शताब्दी में अलग होने लगी थी। भाषा की दृष्टि से "प्राचीन हाई जर्मन" (७५०-१०५०), "मध्य हाई जर्मन" (१३५० ई. तक), "आधुनि हाई जर्मन" (१२०० ई. के आसपास से अब तक) तीन विकास चरण हैं। उच्च जर्मन की प्रमुख बोलियों में यिडिश, श्विज्टुन्श, आधुनिक प्रशन स्विस या उच्च अलेमैनिक, फ्रंकोनियन (पूर्वी और दक्षिणी), टिपृअरियन तथा साइलेसियन आदि हैं। .

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ऑस्ट्रिया-हंगरी

ऑस्ट्रिया-हंगरी (अथवा द्विराजतंत्र) मध्य यूरोप का एक देश होता था। यह देश 1867 से 1918 तक अस्तित्व था। 1867 ऑस्ट्रो-हंगेरियन समझौता से स्थापित हुआ था, और पहले विश्व युद्ध को हारने के बाद ढह गया। .

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क्रय-शक्ति समता

क्रय-शक्ति समता (purchasing power parity (PPP)) अंतर्राष्ट्रीय विनिमय का एक सिद्धांत है जिसके अनुसार विभिन्न देशों में एकसमान वस्तुओं की कीमत समान रहती है।;क्रय शक्ति समता सिद्धांत की मुख्य विशेषताएँ क्रय शक्ति समता सिद्धान्त की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं- 1.

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