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प्रत्यागामी इंजन

सूची प्रत्यागामी इंजन

'''अन्तर्दहन पिस्टन इंजन''' किसी चार स्ट्रोक वाले सामान्य अन्तर्दहन पिस्टन इंजन के मुख्य अवयव - '''E''' - वहिर्द्वार कैमशाफ्ट (Exhaust camshaft) '''I''' - प्रवेशद्वार कैमशाफ्ट (Intake camshaft) '''S''' - स्पार्क प्लग '''V''' - वाल्व '''P''' - पिस्टन '''R''' - योजक छड़ (Connecting rod) '''C''' - क्रैंकशाफ्ट (Crankshaft) '''W''' - शीतलक (जल) के प्रवाह के लिये जैकेट प्रत्यागामी इंजन (reciprocating engine) को पिस्टन इंजन भी कहा जाता है। प्रत्यागामी इंजन में एक या अधिक पिस्टन होते हैं जो प्रत्यागामी गति (reciprocating motion) करते हैं और इस प्रकार दाब का समुचित ढ़ंग से गति में परिवर्तन करते हैं। पिस्टन की यह प्रत्यागामी गति अन्तत: क्रैंक एवं क्रैंक-शाफ्ट की सहायता से घूर्णन गति में बदल दी जाती है। प्रत्यागामी इंजन, वाह्य दहन इंजन तथा अन्तर्दहन इंजन दोनो में प्रयुक्त होता है। .

5 संबंधों: दाब, पिस्टन, बहिर्दहन इंजन, घूर्णन, अन्तर्दहन इंजन

दाब

दाब का मान प्रदर्शित करने के लिये पारा स्तंभ किसी सतह के इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाले अभिलम्ब बल को दाब (Pressure) कहते हैं। इसकी इकाई 'न्यूटन प्रति वर्ग मीटर' होती है। दाब की और भी कई प्रचलित इकाइयाँ हैं। p .

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पिस्टन

एक ठेठ, चार स्ट्रोक साइकिल, DOHC पिस्टन इंजन के घटक. (E) निकास कैमशाफ़्ट, (I) इंटेक कैमशाफ्ट, (S) स्पार्क प्लग, (V) वाल्व, (P) पिस्टन, (R) कनेक्टिंग रॉड, (C) क्रेंकशाफ्ट, (W) शीतलक प्रवाह के लिए पानी की जैकेट. पिस्टन, प्रत्यागामी इंजन, प्रत्यागामी पंप, गैस कम्प्रेसर और वायवीय सिलेंडर का एक घटक है। यह गतिशील घटक है जो एक सिलेंडर द्वारा अन्तर्विष्ट होता है और इसे पिस्टन रिंग द्वारा गैस-टाईट बनाया जाता है। एक इंजन में, इसका उद्देश्य होता है सिलेंडर में विस्तारित होती गैस के बल को एक पिस्टन रॉड और/या कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से क्रैंकशाफ्ट में स्थानांतरित करना.

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बहिर्दहन इंजन

न्यूकमेन का इंजन: यह वाह्यदहन इंजन है जो वाष्प-इंजन का पूर्ववर्ती है। ध्यान दें कि बॉयलर को नीचे से गरम किया जा रहा है। उन उष्मा इंजनों को वहिर्दहन इंजन (external combustion engine) कहते हैं जिनके कार्यकारी तरल को गरम करने के लिये किसी वाह्य स्रोत का सहारा लिया जाता है। यह तरल वहिर्दहन इंजन में फैलता है और उसकी मेकैनिज्म से अन्तरक्रिया करके गति एवं उपयोगी कार्य करता है। स्टीम टर्बाइन बहिर्दहन इंजन का एक अच्छा उदाहरण है। समान शक्ति वाला वहिर्दहन इंजन प्रायः अन्तर्दहन इंजन से अधिक बड़ा होता है। किन्तु चूँकि इसमें दहन का कार्य अलग से स्वतंत्र रूप से होता है, उसे अधिक दक्ष बनाया जा सकता है या कम हानिकारक गैसे आदि पैदा करने के हिसाब से डिजाइन किया जा सकता है। .

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घूर्णन

अक्ष पर घूर्णन करती हुई पृथ्वी घूर्णन करते हुए तीन छल्ले भौतिकी में किसी त्रिआयामी वस्तु के एक स्थान में रहते हुए (लट्टू की तरह) घूमने को घूर्णन (rotation) कहते हैं। यदि एक काल्पनिक रेखा उस वस्तु के बीच में खींची जाए जिसके इर्द-गिर्द वस्तु चक्कर खा रही है तो उस रेखा को घूर्णन अक्ष कहा जाता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर घूर्णन करती है। .

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अन्तर्दहन इंजन

42-सिलिण्डर वाला JSC Zvezda M503 डीजल इंजन, 2940 kW अन्तर्दहन इंजन (अन्तः दहन इंजन या आन्तरिक दहन इंजन या internal combustion engine) ऐसा इंजन है जिसमें ईंधन एवं आक्सीकारक सभी तरफ से बन्द एक बेलानाकार दहन कक्ष में जलते हैं। दहन की इस क्रिया में प्रायः हवा ही आक्सीकारक का काम करती है। जिस बन्द कक्ष में दहन होता है उसे दहन कक्ष (कम्बशन चैम्बर) कहते हैं। दहन की यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी (exothermic reaction) होती है जो उच्च ताप एवं दाब वाली गैसें उत्पन्न करती है। ये गैसें दहन कक्ष में लगे हुए एक पिस्टन को धकेलती हुए फैलतीं है। पिस्टन एक कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से एक क्रेंक शाफ्ट(घुमने वाली छड़) से जुड़ा होता है, इस प्रकार जब पिस्टन नीचे की तरफ जाता है तो कनेक्टिंग रॉड से जुड़ी क्रेंक शाफ्ट घुमने लगती है, इस प्रकार ईंधन की रासायनिक ऊर्जा पहले ऊष्मीय ऊर्जा में बदलती है और फिर ऊष्मीय ऊर्जा यांत्रिक उर्जा में बदल जाती है। अन्तर्दहन इंजन के विपरीत बहिर्दहन इंजन, (जैसे, वाष्प इंजन) में कार्य करने वाला तरल (जैसे वाष्प) किसी अन्य कक्ष में किसी तरल को गरम करके प्राप्त किया जाता है। प्रायः पिस्टनयुक्त प्रत्यागामी इंजन, जिसमें कुछ-कुछ समयान्तराल के बाद दहन होता है (लगातार नहीं), को ही अन्तर्दहन इंजन कहा जाता है किन्तु जेट इंजन, अधिकांश रॉकेट एवं अनेक गैस टर्बाइनें भी अन्तर्दहन इंजन की श्रेणी में आती हैं जिनमें दहन की क्रिया अनवरत रूप से चलती रहती है। .

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