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प्रतापनारायण मिश्र और ललित निबंध

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

प्रतापनारायण मिश्र और ललित निबंध के बीच अंतर

प्रतापनारायण मिश्र vs. ललित निबंध

प्रतापनारायण मिश्र (सितंबर, 1856 - जुलाई, 1894) भारतेन्दु मण्डल के प्रमुख लेखक, कवि और पत्रकार थे। वह भारतेंदु निर्मित एवं प्रेरित हिंदी लेखकों की सेना के महारथी, उनके आदर्शो के अनुगामी और आधुनिक हिंदी भाषा तथा साहित्य के निर्माणक्रम में उनके सहयोगी थे। भारतेंदु पर उनकी अनन्य श्रद्धा थी, वह अपने आप को उनका शिष्य कहते तथा देवता की भाँति उनका स्मरण करते थे। भारतेंदु जैसी रचनाशैली, विषयवस्तु और भाषागत विशेषताओं के कारण मिश्र जी "प्रतिभारतेंदु" अथवा "द्वितीयचंद्र" कहे जाने लगे थे। . ललित निबंध निबंध का एक प्रकार है। ललित निबन्ध विधा की उपस्थिति का अभास आधुनिक काल और गद्य विधा के आरम्भ के साथ ही मिलने लगता है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, प्रतापनारायण मिश्र, सरदार पूर्ण सिंह, चन्द्रधर्शर्मा गुलेरी, बालमुकुन्द गुप्त, पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी आदि के निबन्धों में इस विधा के पूर्वाभास दिखाई पडने लगते हैं, लेकिन एक व्यवस्थित और महत्वपूर्ण विधा के रूप में इसकी पहचान पहले-पहल आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबन्धों में दिखाई पडती है। ‘अशोक के फूल’, ‘कुटज ’और ‘कल्पलता’ संकलनों के निबंध पहले-पहल इस विधा के प्रतिदर्श बने। अतः उनके ये निबन्ध ही इस विधा के वास्तविक प्रस्थान विन्दु हैं। आगे चलकर कुबेर नाथ राय, विद्या निवास मिश्र, विवेकी राय, परिचय दास आदि निबन्धकारों ने इसे और समृद्ध किया। .

प्रतापनारायण मिश्र और ललित निबंध के बीच समानता

प्रतापनारायण मिश्र और ललित निबंध आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): प्रतापनारायण मिश्र, बालमुकुंद गुप्त, भारतेन्दु हरिश्चंद्र

प्रतापनारायण मिश्र

प्रतापनारायण मिश्र (सितंबर, 1856 - जुलाई, 1894) भारतेन्दु मण्डल के प्रमुख लेखक, कवि और पत्रकार थे। वह भारतेंदु निर्मित एवं प्रेरित हिंदी लेखकों की सेना के महारथी, उनके आदर्शो के अनुगामी और आधुनिक हिंदी भाषा तथा साहित्य के निर्माणक्रम में उनके सहयोगी थे। भारतेंदु पर उनकी अनन्य श्रद्धा थी, वह अपने आप को उनका शिष्य कहते तथा देवता की भाँति उनका स्मरण करते थे। भारतेंदु जैसी रचनाशैली, विषयवस्तु और भाषागत विशेषताओं के कारण मिश्र जी "प्रतिभारतेंदु" अथवा "द्वितीयचंद्र" कहे जाने लगे थे। .

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बालमुकुंद गुप्त

बालमुकुंद गुप्त (१४ नवंबर १८६५ - १८ सितंबर १९०७) का जन्म गुड़ियानी गाँव, जिला Rewari, हरियाणा में हुआ। उन्होने हिन्दी के निबंधकार और संपादक के रूप हिन्दी जगत की सेवा की। .

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भारतेन्दु हरिश्चंद्र

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (९ सितंबर १८५०-७ जनवरी १८८५) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी। उनका कार्यकाल युग की सन्धि पर खड़ा है। उन्होंने रीतिकाल की विकृत सामन्ती संस्कृति की पोषक वृत्तियों को छोड़कर स्वस्थ्य परम्परा की भूमि अपनाई और नवीनता के बीज बोए। हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना जाता है। भारतीय नवजागरण के अग्रदूत के रूप में प्रसिद्ध भारतेन्दु जी ने देश की गरीबी, पराधीनता, शासकों के अमानवीय शोषण का चित्रण को ही अपने साहित्य का लक्ष्य बनाया। हिन्दी को राष्ट्र-भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने की दिशा में उन्होंने अपनी प्रतिभा का उपयोग किया। भारतेन्दु बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। हिंदी पत्रकारिता, नाटक और काव्य के क्षेत्र में उनका बहुमूल्य योगदान रहा। हिंदी में नाटकों का प्रारंभ भारतेन्दु हरिश्चंद्र से माना जाता है। भारतेन्दु के नाटक लिखने की शुरुआत बंगला के विद्यासुंदर (१८६७) नाटक के अनुवाद से होती है। यद्यपि नाटक उनके पहले भी लिखे जाते रहे किंतु नियमित रूप से खड़ीबोली में अनेक नाटक लिखकर भारतेन्दु ने ही हिंदी नाटक की नींव को सुदृढ़ बनाया। उन्होंने 'हरिश्चंद्र पत्रिका', 'कविवचन सुधा' और 'बाल विबोधिनी' पत्रिकाओं का संपादन भी किया। वे एक उत्कृष्ट कवि, सशक्त व्यंग्यकार, सफल नाटककार, जागरूक पत्रकार तथा ओजस्वी गद्यकार थे। इसके अलावा वे लेखक, कवि, संपादक, निबंधकार, एवं कुशल वक्ता भी थे।। वेबदुनिया। स्मृति जोशी भारतेन्दु जी ने मात्र ३४ वर्ष की अल्पायु में ही विशाल साहित्य की रचना की। पैंतीस वर्ष की आयु (सन् १८८५) में उन्होंने मात्रा और गुणवत्ता की दृष्टि से इतना लिखा, इतनी दिशाओं में काम किया कि उनका समूचा रचनाकर्म पथदर्शक बन गया। .

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प्रतापनारायण मिश्र और ललित निबंध के बीच तुलना

प्रतापनारायण मिश्र 35 संबंध है और ललित निबंध 7 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 7.14% है = 3 / (35 + 7)।

संदर्भ

यह लेख प्रतापनारायण मिश्र और ललित निबंध के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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