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प्रघाती ऊर्जा अवशोषक और संधारित्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

प्रघाती ऊर्जा अवशोषक और संधारित्र के बीच अंतर

प्रघाती ऊर्जा अवशोषक vs. संधारित्र

स्नबर सहित फ्लाईबैक कन्वर्टर; यहाँ Rs, Cs और Ds मिलकर स्नबर का काम कर रहे हैं। RC स्नबर प्रघाती ऊर्जा अवशोषक या स्नबर (snubber) उस युक्ति को कहते हैं जो किसी विद्युत परिपथ में उत्पन्न क्षणिक वोल्टेज को रोकने, अथवा तरल प्रणाली में उत्पन्न अत्यधिक क्षणिक दाब को कम करने, अथवा यांत्रिक प्रणाली में उत्पन्न अत्यधिक क्षणिक बल को रोकने (snub) का कार्य करती है। . विभिन्न प्रकार के आधुनिक संधारित्र समान्तर प्लेट संधारित्र का एक सरल रूप संधारित्र या कैपेसिटर (Capacitor), विद्युत परिपथ में प्रयुक्त होने वाला दो सिरों वाला एक प्रमुख अवयव है। यदि दो या दो से अधिक चालकों को एक विद्युत्रोधी माध्यम द्वारा अलग करके समीप रखा जाए, तो यह व्यवस्था संधारित्र कहलाती है। इन चालकों पर बराबर तथा विपरीत आवेश होते हैं। यदि संधारित्र को एक बैटरी से जोड़ा जाए, तो इसमें से धारा का प्रवाह नहीं होगा, परंतु इसकी प्लेटों पर बराबर मात्रा में घनात्मक एवं ऋणात्मक आवेश संचय हो जाएँगे। विद्युत् संधारित्र का उपयोग विद्युत् आवेश, अथवा स्थिर वैद्युत उर्जा, का संचय करने के लिए तथा वैद्युत फिल्टर, स्नबर (शक्ति इलेक्ट्रॉनिकी) आदि में होता है। संधारित्र में धातु की दो प्लेटें होतीं हैं जिनके बीच के स्थान में कोई कुचालक डाइएलेक्ट्रिक पदार्थ (जैसे कागज, पॉलीथीन, माइका आदि) भरा होता है। संधारित्र के प्लेटों के बीच धारा का प्रवाह तभी होता है जब इसके दोनों प्लेटों के बीच का विभवान्तर समय के साथ बदले। इस कारण नियत डीसी विभवान्तर लगाने पर स्थायी अवस्था में संधारित्र में कोई धारा नहीं बहती। किन्तु संधारित्र के दोनो सिरों के बीच प्रत्यावर्ती विभवान्तर लगाने पर उसके प्लेटों पर संचित आवेश कम या अधिक होता रहता है जिसके कारण वाह्य परिपथ में धारा बहती है। संधारित्र से होकर डीसी धारा नही बह सकती। संधारित्र की धारा और उसके प्लेटों के बीच में विभवान्तर का सम्बन्ध निम्नांकित समीकरण से दिया जाता है- जहाँ: .

प्रघाती ऊर्जा अवशोषक और संधारित्र के बीच समानता

प्रघाती ऊर्जा अवशोषक और संधारित्र आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी, विद्युत परिपथ

शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी

हिताची की J100 परिवर्तनीय आवृत्ति ड्राइव का कार्ड ठोस-अवस्था-एलेक्ट्रानिकी का उपयोग करके विद्युत शक्ति का परिवर्तन एवं नियंत्रण से सम्बन्धित ज्ञान को शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी (Power electronics) कहते हैं। यद्यपि शक्ति एलेक्ट्रानिकी में छोटे-मोटे सभी इलेक्ट्रॉनिक अवयव प्रयुक्त होते हैं, किन्तु निम्नलिखित अवयवय शक्ति एलेक्ट्रानिकी के विशिष्टि पहचान हैं-.

प्रघाती ऊर्जा अवशोषक और शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी · शक्ति एलेक्ट्रॉनिकी और संधारित्र · और देखें »

विद्युत परिपथ

एक सरल विद्युत परिपथ जो एक वोल्टेज स्रोत एवं एक प्रतिरोध से मिलकर बना है ब्रेडबोर्ड के ऊपर बनाया गया एक सरल परिपथ (मल्टीवाइव्रेटर) विद्युत अवयवों (वोल्टेज स्रोत, प्रतिरोध, प्रेरकत्व, संधारित्र एवं कुंजियों आदि) एवं विद्युतयांत्रिक अवयवों (स्विच, मोटर, स्पीकर आदि) का परस्पर संयोजन विद्युत परिपथ (Electric circuit) अथवा विद्युत नेटवर्क (electrical network) कहलाता है। विद्युत परिपथ बहुत विशाल क्षेत्र में फैले हो सकते हैं; जैसे-विद्युत-शक्ति के उत्पादन, ट्रान्समिसन, वितरण एवं उपभोग का नेटवर्क। बहुत से विद्युत परिपथ प्राय: प्रिन्टेड सर्किट बोर्डों पर संजोये जाते हैं। विद्युत परिपथ अत्यन्त लघु आकार के भी हो सकते हैं; जैसे एकीकृत परिपथ। जब किसी परिपथ में डायोड, ट्रान्जिस्टर या आईसी आदि लगे होते हैं तो उसे एलेक्ट्रॉनिक परिपथ भी कहा जाता है जो कि विद्युत परिपथ का ही एक रूप है। विद्युत परिपथ को परिपथ आरेख (सर्किट डायग्राम) के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। प्रायः एक या अधिक बन्द लूप वाले नेटवर्क ही विद्युत परिपथ कहलाते हैं। .

प्रघाती ऊर्जा अवशोषक और विद्युत परिपथ · विद्युत परिपथ और संधारित्र · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

प्रघाती ऊर्जा अवशोषक और संधारित्र के बीच तुलना

प्रघाती ऊर्जा अवशोषक 3 संबंध है और संधारित्र 19 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 9.09% है = 2 / (3 + 19)।

संदर्भ

यह लेख प्रघाती ऊर्जा अवशोषक और संधारित्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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