पोथांग और बेगार
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पोथांग और बेगार के बीच अंतर
पोथांग vs. बेगार
पोथांग, भारत के राज्य मणिपुर के आदिवासियों से अंग्रेजों द्वारा ली जाने वाली बेगार की प्रथा थी। अंग्रेज़ साहब मणिपुर के आदिवासी थोड़ोइ कुकियों से बिना वेतन दिए अपना सामान उठवाता था। इसने थोड़ोइ कुकियों के बीच अंग्रेजों के खिलाफ असंतोष का विस्तार किया। 1917 में यह अंग्रेजों के खिलाफ थोड़ोइ कुकियों के विद्रोह को भड़काने में सहायक हुआ। . मूल्य चुकाए बिना श्रम कराने की प्रथा को बेगार कहते हैं। इसमें श्रमिकों की इच्छा के बिना काम लिया जाता है। सामंती, साम्राज्यवादी और अफ़सरशाही प्रायः समाज के कमज़ोर लोगों से बेगार करवाती है। ब्रिटिशकालीन भारत में तो यह आम बात थी। किंतु स्वतंत्र भारत में भी इस तरह की घटनाओं का सर्वथा अभाव नहीं है। यह प्रथा अंगरेजों के खिलाफ आम जनता के असंतोष की एक बड़ी वजह थी।.
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संदर्भ
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