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पॉलीड्युसस (चंद्रमा) और हेलेन (चंद्रमा)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पॉलीड्युसस (चंद्रमा) और हेलेन (चंद्रमा) के बीच अंतर

पॉलीड्युसस (चंद्रमा) vs. हेलेन (चंद्रमा)

पॉलीड्युसस (Polydeuces) (Πολυδεύκης) या सेटर्न XXXIV(34), शनि का एक छोटा प्राकृतिक उपग्रह है जिसका डायोनी चंद्रमा के साथ सह-कक्षीय है तथा लाग्रंगियन बिंदु L5 के आसपास से इसका अनुगमन करता है। इसका व्यास 2–3 किमी होना अनुमानित है। डायोनी का एक अन्य सह-कक्षीय हेलेन है जो कि बडा है और अग्रणी L4 बिंदु पर स्थित है। . हेलेन (Helene) (Ἑλένη), शनि का एक प्राकृतिक उपग्रह है। यह 1980 में पियरे लैक्युस और जीन लेकाच्युक्स द्वारा पिक डू मिडी वेधशाला में भूआधारित प्रेक्षणों से खोजा गया तथा पदनाम से नवाजा गया था। 1988 में यह आधिकारिक तौर पर हेलेन पर नामित हुआ जो कि ग्रीक पौराणिक पात्र क्रोनस (सेटर्न) की नवासी थी। यह उपग्रह (12) तौर पर भी नामित है (यह संख्या 1982 में खोज से प्राप्त हुई है।), साथ ही यह डायोनी B से भी नामित है, क्योंकि यह डायोनी का सह-कक्षीय है तथा उसके अधीनस्थ लाग्रंगियन बिंदु L4 पर स्थित है। यह ज्ञात चार ट्रोजन उपग्रहो में से एक है। .

पॉलीड्युसस (चंद्रमा) और हेलेन (चंद्रमा) के बीच समानता

पॉलीड्युसस (चंद्रमा) और हेलेन (चंद्रमा) आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): डायोनी (उपग्रह), प्राकृतिक उपग्रह, लग्रांज बिन्दु

डायोनी (उपग्रह)

कैसिनी द्वारा ली गयी डायोनी की तस्वीर जिसमें गाढ़े रंग वाला क्षेत्र भी नज़र आ रहा है इस चित्र में डायोनी के एक रुख़ पर बर्फ़ की चट्टानों के महीन बिछे हुए जले नज़र आ रहे हैं शनि के छल्लों के आगे डायोनी का एक दृश्य डायोनी हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का चौथा सब से बड़ा उपग्रह है। पूरे सौर मण्डल में यह १५वा सब से बड़ा उपग्रह है और अपने से छोटे सारे उपग्रहों के मिले हुए द्रव्यमान से बड़ा है। वैसे तो यह अधिकतर पानी की बर्फ़ का बना है, लेकिन टाइटन और ऍनसॅलअडस के बाद शनि का तीसरा सब से घनत्व वाला उपग्रह है, जिस से यह अनुमान लगाया जाता है के इसकी बनवात में आधे से थोड़ा कम (४६%) हिस्सा पत्थरीला है। जिस दिशा में यह परिक्रमा करता है, उस तरफ के रुख़ पर उल्कापिंडों के टकराव से बाने गए काफ़ी प्रहार क्रेटर हैं, जबकि दूसरे रुख़ पर चमकती हुई बर्फ़ की चट्टानों के जले बिछे हुए हैं। डायोनी का व्यास (डायामीटर) लगभग १,१२२ किमी है। तुलना के लिए पृथ्वी के चन्द्रमा का व्यास लगभग ३,४७० किमी है, यानि क़रीब डायोनी से तिगुना। .

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प्राकृतिक उपग्रह

टाइटन) इतना बड़ा है के उसका अपना वायु मण्डल है - आकारों की तुलना के लिए पृथ्वी भी दिखाई गई है प्राकृतिक उपग्रह या चन्द्रमा ऐसी खगोलीय वस्तु को कहा जाता है जो किसी ग्रह, क्षुद्रग्रह या अन्य वस्तु के इर्द-गिर्द परिक्रमा करता हो। जुलाई २००९ तक हमारे सौर मण्डल में ३३६ वस्तुओं को इस श्रेणी में पाया गया था, जिसमें से १६८ ग्रहों की, ६ बौने ग्रहों की, १०४ क्षुद्रग्रहों की और ५८ वरुण (नॅप्ट्यून) से आगे पाई जाने वाली बड़ी वस्तुओं की परिक्रमा कर रहे थे। क़रीब १५० अतिरिक्त वस्तुएँ शनि के उपग्रही छल्लों में भी देखी गई हैं लेकिन यह ठीक से अंदाज़ा नहीं लग पाया है के वे शनि की उपग्रहों की तरह परिक्रमा कर रही हैं या नहीं। हमारे सौर मण्डल से बाहर मिले ग्रहों के इर्द-गिर्द अभी कोई उपग्रह नहीं मिला है लेकिन वैज्ञानिकों का विशवास है के ऐसे उपग्रह भी बड़ी संख्या में ज़रूर मौजूद होंगे। जो उपग्रह बड़े होते हैं वे अपने अधिक गुरुत्वाकर्षण की वजह से अन्दर खिचकर गोल अकार के हो जाते हैं, जबकि छोटे चन्द्रमा टेढ़े-मेढ़े भी होते हैं (जैसे मंगल के उपग्रह - फ़ोबस और डाइमस)। .

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लग्रांज बिन्दु

The five Lagrangian points (marked in green) at two objects orbiting each other (here a yellow sun and blue earth) कल्पना किजिए यदि सूर्य के केंद्र से शुरू कर पृथ्वी के केंद्र तक एक सीधी सरल रेखा खींच दी जाए और इस सरल रेखा के ठीक बीच में किसी वस्तु को रख दिया जाए तो क्या होगा ? स्वाभाविक है सूर्य का शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल जो कि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल से कही अधिक है, इस वस्तु को अपनी ओर खींच लेगा | अब यदि सरल रेखा के बीच रखी इस वस्तु को धीरे धीरे पृथ्वी की ओर ले जाया जाए, तो क्या होगा ? जैसे जैसे यह वस्तु पृथ्वी के करीब होती चली जायेगी इस पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव बढ़ता जाएगा और सूर्य का प्रभाव उसी अनुपात में घटता जाएगा और एक स्थिति ऐसी आएगी जब इस वस्तु पर सूर्य और पृथ्वी दोनों का प्रभाव बराबर हो जाएगा अर्थात इस स्थिति में इस वस्तु को ना तो सूर्य अपनी ओर खींच पायेगा और ना ही पृथ्वी इसे अपनी ओर खींच सकेगी, बल्कि वस्तु अधर में लटकी रहेगी | अतः ऐसे संतुलन बिंदु जहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वीय बल बराबर होते है लग्रांज बिन्दु कहलाते हैं। यह तो एक उदाहरण है किन्तु वास्तव में सूर्य और पृथ्वी के बीच केवल गुरुत्वीय बलों की खीचतान नहीं होती, बल्कि इसके अतिरिक्त भी कई ऐसे बल है जो अपना प्रभाव डालते है, जैसे कि पृथ्वी के घूर्णन गति से उत्पन्न बल और पृथ्वी के कक्षीय गति से उत्पन्न केंद्रीय अपसारी बल | इन सभी बलों के आपसी खींचतान के फलस्वरूप सूर्य और पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र में पांच संतुलन बिंदु या लग्रांज बिंदु बनते है जिसे क्रमशः L1, L2, L3, L4 और L5 चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता है। श्रेणी:भौतिकी en:Lagrangian point.

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

पॉलीड्युसस (चंद्रमा) और हेलेन (चंद्रमा) के बीच तुलना

पॉलीड्युसस (चंद्रमा) 6 संबंध है और हेलेन (चंद्रमा) 5 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 27.27% है = 3 / (6 + 5)।

संदर्भ

यह लेख पॉलीड्युसस (चंद्रमा) और हेलेन (चंद्रमा) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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