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पेट्रोल और प्रतिऑक्सीकारक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पेट्रोल और प्रतिऑक्सीकारक के बीच अंतर

पेट्रोल vs. प्रतिऑक्सीकारक

जार में गैसोलीन गैसोलीन या पेट्रोल एक पेट्रोलियम से प्राप्त/व्युत्पन्न तरल-मिश्रण है। इसे प्राथमिकता से अन्तर्दहन इंजन में ईंधन के तौर पर प्रयोग किया जाता है। इसे एसीटोन की तरह एक शक्तिशाली घुलनशील द्रव्य की तरह भी प्रयोग किया जाता है। इसमें कई एलिफैटिक हाइड्रोकार्बन होते हैं, जिसके संग आइसो-आक्टेन या एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन जैसे टॉलुईन और बेन्ज़ीन भी मिलाये जाते हैं, जिससे इसकी ऑक्टेन क्षमता (ऊर्जा) बढ़ जाये। इसका वाष्पदहन तापमान शून्य से 62 डिग्री (सेल्सियस) कम होता है, यानि सामान्य तापमान पर इसका वाष्प दहनशील होता है। इसी वजह से इसे अत्यंत दहनशील पदार्थों की श्रेणी में रखा जाता है। भारत में इसपर डीज़ल के मुकाबले अधिक कर लगाया जाता है जिससे यह थोड़ा महंगा होता है। कई ठंडे देशों में इसको प्राथमिकता से प्रयोग में लाया जाता है क्योंकि बहुत कम तापमान में इसकी ज्वलनशीलता बाक़ी ईंधनों के मुकाबले अधिक होती है। . एक एंटीऑक्सीडेंट- मेटाबोलाइट ग्लूटाथायोन का प्रतिरूप। पीले गोले रेडॉक्स-सक्रिय गंधक अणु हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट क्रिया उपलब्ध कराते हैं और लाल, नीले व गहरे सलेटी गोले क्रमशः ऑक्सीजन, नाईट्रोजन, हाईड्रोजन एवं कार्बन परमाणु हैं। प्रतिऑक्सीकारक (Antioxidants) या प्रतिउपचायक वे यौगिक हैं जिनको अल्प मात्रा में दूसरे पदार्थो में मिला देने से वायुमडल के ऑक्सीजन के साथ उनकी अभिक्रिया का निरोध हो जाता है। इन यौगिकों को ऑक्सीकरण निरोधक (OXidation inhibitor) तथा स्थायीकारी (Stabiliser) भी कहते हैं तथा स्थायीकारी (Stabiliser) भी कहते हैं। अर्थात प्रति-आक्सीकारक वे अणु हैं, जो अन्य अणुओं को ऑक्सीकरण से बचाते हैं या अन्य अणुओं की आक्सीकरण प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। ऑक्सीकरण एक प्रकार की रासायनिक क्रिया है जिसके द्वारा किसी पदार्थ से इलेक्ट्रॉन या हाइड्रोजन ऑक्सीकारक एजेंट को स्थानांतरित हो जाते हैं। प्रतिआक्सीकारकों का उपयोग चिकित्साविज्ञान तथा उद्योगों में होता है। पेट्रोल में प्रतिआक्सीकारक मिलाए जाते हैं। ये प्रतिआक्सीकारक चिपचिपाहट पैदा करने वाले पदार्थ नहीं बनने देते जो अन्तर्दहन इंजन के लिए हानिकारक हैं। प्रायः प्रतिस्थापित फिनोल (Substituted phenols) एवं फेनिलेनेडिआमाइन के व्युत्पन्न (derivatives of phenylenediamine) इस काम के लिए प्रयुक्त होते हैं। .

पेट्रोल और प्रतिऑक्सीकारक के बीच समानता

पेट्रोल और प्रतिऑक्सीकारक आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): अन्तर्दहन इंजन

अन्तर्दहन इंजन

42-सिलिण्डर वाला JSC Zvezda M503 डीजल इंजन, 2940 kW अन्तर्दहन इंजन (अन्तः दहन इंजन या आन्तरिक दहन इंजन या internal combustion engine) ऐसा इंजन है जिसमें ईंधन एवं आक्सीकारक सभी तरफ से बन्द एक बेलानाकार दहन कक्ष में जलते हैं। दहन की इस क्रिया में प्रायः हवा ही आक्सीकारक का काम करती है। जिस बन्द कक्ष में दहन होता है उसे दहन कक्ष (कम्बशन चैम्बर) कहते हैं। दहन की यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी (exothermic reaction) होती है जो उच्च ताप एवं दाब वाली गैसें उत्पन्न करती है। ये गैसें दहन कक्ष में लगे हुए एक पिस्टन को धकेलती हुए फैलतीं है। पिस्टन एक कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से एक क्रेंक शाफ्ट(घुमने वाली छड़) से जुड़ा होता है, इस प्रकार जब पिस्टन नीचे की तरफ जाता है तो कनेक्टिंग रॉड से जुड़ी क्रेंक शाफ्ट घुमने लगती है, इस प्रकार ईंधन की रासायनिक ऊर्जा पहले ऊष्मीय ऊर्जा में बदलती है और फिर ऊष्मीय ऊर्जा यांत्रिक उर्जा में बदल जाती है। अन्तर्दहन इंजन के विपरीत बहिर्दहन इंजन, (जैसे, वाष्प इंजन) में कार्य करने वाला तरल (जैसे वाष्प) किसी अन्य कक्ष में किसी तरल को गरम करके प्राप्त किया जाता है। प्रायः पिस्टनयुक्त प्रत्यागामी इंजन, जिसमें कुछ-कुछ समयान्तराल के बाद दहन होता है (लगातार नहीं), को ही अन्तर्दहन इंजन कहा जाता है किन्तु जेट इंजन, अधिकांश रॉकेट एवं अनेक गैस टर्बाइनें भी अन्तर्दहन इंजन की श्रेणी में आती हैं जिनमें दहन की क्रिया अनवरत रूप से चलती रहती है। .

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पेट्रोल और प्रतिऑक्सीकारक के बीच तुलना

पेट्रोल 4 संबंध है और प्रतिऑक्सीकारक 13 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.88% है = 1 / (4 + 13)।

संदर्भ

यह लेख पेट्रोल और प्रतिऑक्सीकारक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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