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पृथ्वी नारायण शाह और सिक्किम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पृथ्वी नारायण शाह और सिक्किम के बीच अंतर

पृथ्वी नारायण शाह vs. सिक्किम

पृथ्वी नारायण शाह गोरखा दरबार पृथ्वी नारायण शाह (1722 - 1775) नेपाल के राजा थे जिन्होने काठमाण्डू उपत्यका के छोटे से गोरखा राज्य का विस्तार किया। मल्ल राजवंश के अन्दर कई भागों में बिखरे नेपाल को उन्होने एकत्रित किया और मल्ल राजवंश का शासन समाप्त हुआ। पृथ्वी नारायण शाह को आधुनिक नेपाल का जनक माना जाता है। उन्होने ही नेपाल के एकीकरण अभियान की शुरूआत की थी। . (या, सिखिम) भारत पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक पर्वतीय राज्य है। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में नेपाल, उत्तर तथा पूर्व में चीनी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व में भूटान से लगा हुआ है। भारत का पश्चिम बंगाल राज्य इसके दक्षिण में है। अंग्रेजी, नेपाली, लेप्चा, भूटिया, लिंबू तथा हिन्दी आधिकारिक भाषाएँ हैं परन्तु लिखित व्यवहार में अंग्रेजी का ही उपयोग होता है। हिन्दू तथा बज्रयान बौद्ध धर्म सिक्किम के प्रमुख धर्म हैं। गंगटोक राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर है। सिक्किम नाम ग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, परन्तु प्रशासनिक समस्यायों के चलते तथा भारत से विलय के जनमत के कारण १९७५ में एक जनमत-संग्रह के अनुसार भारत में विलीन हो गया। उसी जनमत संग्रह के पश्चात राजतन्त्र का अन्त तथा भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के ढाचें में प्रजातन्त्र का उदय हुआ। सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम तथा क्षेत्रफल गोआ के पश्चात न्यूनतम है। अपने छोटे आकार के बावजूद सिक्किम भौगोलिक दृष्टि से काफ़ी विविधतापूर्ण है। कंचनजंगा जो कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है, सिक्किम के उत्तरी पश्चिमी भाग में नेपाल की सीमा पर है और इस पर्वत चोटी चको प्रदेश के कई भागो से आसानी से देखा जा सकता है। साफ सुथरा होना, प्राकृतिक सुंदरता पुची एवं राजनीतिक स्थिरता आदि विशेषताओं के कारण सिक्किम भारत में पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है। .

पृथ्वी नारायण शाह और सिक्किम के बीच समानता

पृथ्वी नारायण शाह और सिक्किम आम में 6 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): तराई क्षेत्र, दार्जिलिंग, नेपाल, सुगौली संधि, ईस्ट इण्डिया कम्पनी, गोरखा युद्ध

तराई क्षेत्र

तराई क्षेत्र भारत, नेपाल एवं भूटान में स्थित हिमालय के आधार के दक्षिण में स्थित क्षेत्रों को कहते हैं। यह क्षेत्र पश्चिम में यमुना नदी से लेकर पूरब में ब्रह्मपुत्र नदी तक फैला हुआ है। इस क्षेत्र में भूमि नम है तथा इस क्षेत्र में घास के मैदान एवं वन हैं। तराई क्षेत्र के उत्तरी भाग भाभर क्षेत्र कहलाता है। तराई क्षेत्र की भूमि के अन्दर मिट्टी और बालू की एक के बाद एक परते हैं। यहाँ पर जल-स्तर बहुत उपर है। इस क्षेत्र की नदियों में मानसून के समय प्राय: बाढ़ आ जाती है। तराई क्षेत्र के नीचे (दक्षिण में) गंगा-यमुना-ब्रह्मपुत्र का मैदानी क्षेत्र स्थित है। तराई का अर्थ समतल भूमि होता है। और अर्थ मधेस भी होता है। पिछले 1 दशक में नेपालमे तराई मधेश नाम से 1 दर्जन से भी अधिक राजनितिक दल दर्ता हुए है। उनमे से अधिकतर अभी के नेपालके सम्भिधान सभा में प्रतिनिधित्व करते है। कुछ मधेसी दल के नाम:मधेसी फोरम, तराई मधेश लोकतांत्रिक पार्टी, सद्भावना पार्टी, तराई मधेश राष्टीय अभियान। उनका मुद्दा मधेशियो हक अधिकार संबिधान सभा से सुनिश्चित करवाना है। मधेश के लोग राजनितिक रूप से पिछड़े है। नेपाली सेना मधेसी की उपस्थिति 2% से भी कम है। और यही स्थिति कुटनीतिक पदों पर भी है। मधेसी लोग अधिकतर भारत के यूपी विहार मूल के है। उसकेवाद अन्य राज्य से सम्बंधित है जैसे बंगाल पंजाब राजस्थान का नंबर आता है। .

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दार्जिलिंग

दार्जिलिंग भारत के राज्य पश्चिम बंगाल का एक नगर है। यह नगर दार्जिलिंग जिले का मुख्यालय है। यह नगर शिवालिक पर्वतमाला में लघु हिमालय में अवस्थित है। यहां की औसत ऊँचाई २,१३४ मीटर (६,९८२ फुट) है। दार्जिलिंग शब्द की उत्त्पत्ति दो तिब्बती शब्दों, दोर्जे (बज्र) और लिंग (स्थान) से हुई है। इस का अर्थ "बज्रका स्थान है।" भारत में ब्रिटिश राज के दौरान दार्जिलिंग की समशीतोष्ण जलवायु के कारण से इस जगह को पर्वतीय स्थल बनाया गया था। ब्रिटिश निवासी यहां गर्मी के मौसम में गर्मी से छुटकारा पाने के लिए आते थे। दार्जिलिंग अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर यहां की दार्जिलिंग चाय के लिए प्रसिद्ध है। दार्जिलिंग की दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे एक युनेस्को विश्व धरोहर स्थल तथा प्रसिद्ध स्थल है। यहां की चाय की खेती १८०० की मध्य से शुरु हुई थी। यहां की चाय उत्पादकों ने काली चाय और फ़र्मेन्टिंग प्रविधि का एक सम्मिश्रण तैयार किया है जो कि विश्व में सर्वोत्कृष्ट है। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे जो कि दार्जिलिंग नगर को समथर स्थल से जोड़ता है, को १९९९ में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यह वाष्प से संचालित यन्त्र भारत में बहुत ही कम देखने को मिलता है। दार्जिलिंग में ब्रिटिश शैली के निजी विद्यालय भी है, जो भारत और नेपाल से बहुत से विद्यार्थियों को आकर्षित करते हैं। सन १९८० की गोरखालैंड राज्य की मांग इस शहर और इस के नजदीक का कालिम्पोंग के शहर से शुरु हुई थी। अभी राज्य की यह मांग एक स्वायत्त पर्वतीय परिषद के गठन के परिणामस्वरूप कुछ कम हुई है। हाल की दिनों में यहां का वातावरण ज्यादा पर्यटकों और अव्यवस्थित शहरीकरण के कारण से कुछ बिगड़ रहा है। .

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नेपाल

नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल) भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषा नेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है। एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित हैं। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सागरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर (पाटन), भक्तपुर, मध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखरा, विराटनगर, धरान, भरतपुर, वीरगंज, महेन्द्रनगर, बुटवल, हेटौडा, भैरहवा, जनकपुर, नेपालगंज, वीरेन्द्रनगर, त्रिभुवननगर आदि है। वर्तमान नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा के शाह वंशीय राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का एक अंश है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४ में) एक तिहाई नेपाली क्षेत्र ब्रिटिश इंडिया को देने पड़े, जो आज भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में विलय हो गये हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था। दक्षिण एशिया में नेपाल की सेना पांचवीं सबसे बड़ी सेना है और विशेषकर विश्व युद्धों के दौरान, अपने गोरखा इतिहास के लिए उल्लेखनीय रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रही है। .

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सुगौली संधि

सुगौली संधि के क्षेत्रीय प्रभाव सुगौली संधि, ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के राजा के बीच हुई एक संधि है, जिसे 1814-16 के दौरान हुये ब्रिटिश-नेपाली युद्ध के बाद अस्तित्व में लाया गया था। इस संधि पर 2 दिसम्बर 1815 को हस्ताक्ष्रर किये गये और 4 मार्च 1816 का इसका अनुमोदन किया गया। नेपाल की ओर से इस पर राज गुरु गजराज मिश्र (जिनके सहायक चंद्र शेखर उपाध्याय थे) और कंपनी ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल पेरिस ब्रेडशॉ ने हस्ताक्षर किये थे। इस संधि के अनुसार नेपाल के कुछ हिस्सों को ब्रिटिश भारत में शामिल करने, काठमांडू में एक ब्रिटिश प्रतिनिधि की नियुक्ति और ब्रिटेन की सैन्य सेवा में गोरखाओं को भर्ती करने की अनुमति दी गयी थी, साथ ही इसके द्वारा नेपाल ने अपनी किसी भी सेवा में किसी अमेरिकी या यूरोपीय कर्मचारी को नियुक्त करने का अधिकार भी खो दिया। (पहले कई फ्रांसीसी कमांडरों को नेपाली सेना को प्रशिक्षित करने के लिए तैनात किया गया था) संधि के तहत, नेपाल ने अपने नियंत्रण वाले भूभाग का लगभग एक तिहाई हिस्सा गंवा दिया जिसमे नेपाल के राजा द्वारा पिछ्ले 25 साल में जीते गये क्षेत्र जैसे कि पूर्व में सिक्किम, पश्चिम में कुमाऊं और गढ़वाल राजशाही और दक्षिण में तराई का अधिकतर क्षेत्र शामिल था। तराई भूमि का कुछ हिस्सा 1816 में ही नेपाल को लौटा दिया गया। 1860 में तराई भूमि का एक बड़ा हिस्सा नेपाल को 1857 के भारतीय विद्रोह को दबाने में ब्रिटिशों की सहायता करने की एवज में पुन: लौटाया गया। काठमांडू में तैनात ब्रिटिश प्रतिनिधि मल्ल युग के बाद नेपाल में रहने पहला पश्चिमी व्यक्ति था। (यह ध्यान देने योग्य है कि 18 वीं सदी के मध्य में गोरखाओं ने नेपाल पर विजय प्राप्ति के बाद बहुत से ईसाई धर्मप्रचारकों को नेपाल से बाहर निकाल दिया था)। नेपाल में ब्रिटिशों के पहले प्रतिनिधि, एडवर्ड गार्डनर को काठमांडू के उत्तरी हिस्से में तैनात किया गया था और आज यह स्थान लाज़िम्पाट कहलाता है और यहां ब्रिटिश और भारतीय दूतावास स्थित हैं। दिसम्बर 1923 में सुगौली संधि को अधिक्रमित कर "सतत शांति और मैत्री की संधि", में प्रोन्नत किया गया और ब्रिटिश निवासी के दर्जे को प्रतिनिधि से बढ़ाकर दूत का कर दिया गया। 1950 में भारत (अब स्वतंत्र) और नेपाल ने एक नयी संधि पर दो स्वतंत्र देशों के रूप में हस्ताक्षर किए गए जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नए सिरे से स्थापित करना था। .

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ईस्ट इण्डिया कम्पनी

लन्दन स्थित ईस्ट इण्डिया कम्पनी का मुख्यालय (थॉमस माल्टन द्वारा चित्रित, १८०० ई) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना ३१ दिसम्बर १६०० ईस्वी में हुई थी। इसे यदाकदा जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। इसे ब्रिटेन की महारानी ने भारत के साथ व्यापार करने के लिये २१ सालो तक की छूट दे दी। बाद में कम्पनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक अधिपत्य जमा लिया। १८५८ में इसका विलय हो गया। .

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गोरखा युद्ध

सन् १८१४ से १८१६ चला अंग्रेज-नेपाल युद्ध (गोरखा युद्ध) उस समय के नेपाल अधिराज्य (वर्तमान संघीय लोकतांत्रिक गण राज्य) और ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के बीच में हुआ था। जिसका परिणाम सुगौली संधि में हुई और नेपाल ने अपना एक-तिहाई भूभाग ब्रिटिश हुकुमत को देना पडा। इस युद्धसे अमर सिंह थापा, बलभद्र कुँवर एवम् भक्ति थापाके सौर्य, पराक्रम एवम् राष्ट्रप्रेमके कहानी अंग्रेजी राज्योमे प्रचलित हुआ था। .

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पृथ्वी नारायण शाह और सिक्किम के बीच तुलना

पृथ्वी नारायण शाह 21 संबंध है और सिक्किम 132 है। वे आम 6 में है, समानता सूचकांक 3.92% है = 6 / (21 + 132)।

संदर्भ

यह लेख पृथ्वी नारायण शाह और सिक्किम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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