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पूर्णिमा वर्मन और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पूर्णिमा वर्मन और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास के बीच अंतर

पूर्णिमा वर्मन vs. हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास

पूर्णिमा वर्मन (जन्म २७ जून १९५५, पीलीभीत, उत्तर प्रदेश), जाल-पत्रिका अभिव्यक्ति और अनुभूति की संपादक है। पत्रकार के रूप में अपना कार्यजीवन प्रारंभ करने वाली पूर्णिमा का नाम वेब पर हिंदी की स्थापना करने वालों में अग्रगण्य है। उन्होंने प्रवासी तथा विदेशी हिंदी लेखकों को प्रकाशित करने तथा अभिव्यक्ति में उन्हें एक साझा मंच प्रदान करने का महत्वपूर्ण काम किया है। माइक्रोसॉफ़्ट का यूनिकोडित हिंदी फॉण्ट आने से बहुत पहले हर्ष कुमार द्वारा निर्मित सुशा फॉण्ट द्वारा उनकी जाल पत्रिकाएँ अभिव्यक्ति तथा अनुभूति अंतर्जाल पर प्रतिष्ठित होकर लोकप्रियता प्राप्त कर चुकी थीं। वेब पर हिंदी को लोकप्रिय बनाने के अपने प्रयत्नों के लिए उन्हें २००६ में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, साहित्य अकादमी तथा अक्षरम के संयुक्त अलंकरण अक्षरम प्रवासी मीडिया सम्मान, २००८ में रायपुर छत्तीसगढ़ की संस्था सृजन सम्मान द्वारा हिंदी गौरव सम्मान, दिल्ली की संस्था जयजयवंती द्वारा जयजयवंती सम्मान तथा केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के पद्मभूषण डॉ॰ मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कारसे विभूषित किया जा चुका है। उनके तीन कविता संग्रह "पूर्वा", "वक्त के साथ" और "चोंच में आकाश" नाम से प्रकाशित हुए हैं। संप्रति शारजाह, संयुक्त अरब इमारात में निवास करने वाली पूर्णिमा वर्मन हिंदी के अंतरराष्ट्रीय विकास के अनेक कार्यों से जुड़ी हुई हैं। . सबसे पहले हिन्दी टाइप शायद वर्डस्‍टार (वर्जन III प्लस) जैसे एक शब्द संसाधक ‘अक्षर’ में आया। फिर विंडोज़ आया और पेजमेकर व वेंचुरा का समय आया। इस सारी यात्रा में कम्प्‍यूटर केवल प्रिटिंग की दुनिया की सहायता भर कर रहा था। यूनिकोड के आगमन एवं प्रसार के पश्चात हिन्दी कम्प्यूटिंग प्रिंटिंग तक सीमित न रहकर संगणन के विभिन्न पहलुओं तक पहुँच गयी। अब भाषायी संगणन के सभी क्षेत्रों में हिन्दी अपनी पहुँच बना रही है। हिन्दी कम्प्यूटिंग को वर्तमान स्थिति तक पहुँचाने में सरकार, अनेक संस्थाओं, समूहों एवं प्रोग्रामरों-डैवलपरों का योगदान रहा। .

पूर्णिमा वर्मन और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास के बीच समानता

पूर्णिमा वर्मन और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास आम में 6 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): माइक्रोसॉफ़्ट, मुद्रलिपि, सुशा (फॉण्ट), हिन्दी, हिन्दी चिट्ठाजगत, अंतरजाल

माइक्रोसॉफ़्ट

माइक्रोसॉफ्ट, विश्व की एक जानी मानी बहुराष्ट्रीय कम्पनी है जो मुख्यत: संगणक अभियान्त्रिकी के क्षेत्र में काम करती है। माईक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कम्पनी है। 100 से भी अधिक देशों में फैली इसकी शाखाओं में 70000 से भी अधिक लोग काम करते हैं। इसका वार्षिक व्यापार लगभग 20 खरब रूपयों (~ 45 बिलियन डॉलर्स) का है। कम्पनी का मुख्यालय अमेरिका में रेडमण्ड, वॉशिंगटन में स्थित है। इसकी स्थापना बिल गेट्स ने 4 अप्रैल 1975 को की थी। इसका मुख्य उत्पाद विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसके अलावा माईक्रोसॉफ्ट नाना प्रकार के सॉफ्टवेयर भी बनाती है। .

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मुद्रलिपि

फॉण्ट (मुद्रलिपि) या टाइप फ़ेस अक्षरों के लिखने की अलग अलग शैलियाँ हैं जो छापे की लिखावट को विभिन्नता और सौंदर्य प्रदान करते हैं। .

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सुशा (फॉण्ट)

सुशा एक नॉन-यूनिकोड हिन्दी ट्रू टाईप फॉन्ट है जो हर्ष कुमार ने मार्च 1997 में अंतर्जाल पर मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध करवाया था। सुशा का प्रारंभिक बीटा संस्करण दिसंबर १९९५ में बना। इसे तीन फ़ॉन्टों के संगठित स्वरूप में तैयार किया गया था जिसका एक स्वरूप सामान्य और दो कलात्मक थे। इन्हें क्रमशः Shusha.ttf, Shusha02.ttf तथा Shusha05.ttf नाम दिया गया था। इसका प्रयोग माईक्रोसॉफ्ट ऑफिस पर हिन्दी, मराठी, नेपाली, संस्कृत तथा गुजराती लिखने तथा इंटरनेट पर भी किया जा सकता था। बाद में इसके पंजाबी और बंगाली संस्करण भी तैयार किए गए। सुशा फॉन्ट के मुफ़्त उपलब्ध होने से हिन्दी के अनेक जालस्थलों ने बड़ी सफलता के साथ इंटरनेट पर अपनी उपस्थिति दर्ज की। इसमें अनेक व्यक्तिगत जालघरों के अतिरिक्त कुछ साहित्यिक साइटें काफ़ी लोकप्रियता के साथ विकास में आईं जिनमें काव्यालय, बोलोजी, अभिव्यक्ति तथा अनुभूति प्रमुख थीं। इसके अतिरिक्त सुशा का इस्तेमाल डेस्कटॉप पब्लिशिंग (डीटीपी) में भी प्रचुरता से हुआ है। कालांतर में खोज इंजनों पर प्राथमिकता पाने की चाह व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा हेतु हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं के जालघर अहिस्ता अहिस्ता यूनीकोड का उपयोग करने लगे हैं। विंडोज़ एक्सपी जैसे उपयुक्त आपरेटिंग सिस्टम व फाँट डाउनलोड करने के झंझट से मुक्ति के अलावा उपयोग में सरलता ट्रू टाईप फाँट्स से दुराव व यूनीकोड की और बढ़ने के कारण बने हैं। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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हिन्दी चिट्ठाजगत

हिन्दी चिट्ठाकार समुदाय का प्रचलित लोगो हिन्दी चिट्ठाजगत से आशय है हिन्दी भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .

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अंतरजाल

अंतरजाल का आंशिक मैप, १५ जनवरी २००५। प्रत्येक पंक्ति को दो नोड्स के बीच खींचा जाता है, आईपी पते जोड़ने से। रेखा की लंबाई नोड्स के बीच समय की देरी (पिंग) को दर्शाती है मानचित्र २००५ में डेटा संग्रह के लिए उपलब्ध कक्षा सी नेटवर्क के ३०% से कम का प्रतिनिधित्व करता है। रेखा रंग आरएफसी १९१८ के अनुसार उसके स्थान से मेल खाती है। अंतरजाल (इंटरनेट) (Internet आई पी ए: ɪntəˌnɛt) विष्व में डिवाइसों को लिंक करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (टीसीपी / आईपी) का उपयोग करने वाले इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर नेटवर्क की वैश्विक प्रणाली है। यह नेटवर्क का एक नेटवर्क है जिसमें निजी, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यवसाय और वैश्विक नेटवर्क के सरकारी नेटवर्क शामिल हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस, और ऑप्टिकल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों की व्यापक श्रेणी से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट में सूचना संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है, जैसे इंटर लिंक किए गए हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़ और वर्ल्ड वाइड वेब (डबल्युडबल्युडबल्यु), इलेक्ट्रॉनिक मेल, टेलीफ़ोनी और फ़ाइल साझाकरण के अनुप्रयोग। १९६० के दशक में इंटरनेट नेटवर्क की उत्पत्ति संयुक्त राज्य संघीय सरकार द्वारा कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से मज़बूत, गलती-सहिष्णु संचार के निर्माण के लिए शुरू की गई थी। १९९० के शुरुआती दिनों में वाणिज्यिक नेटवर्क और उद्यमों को जोड़ने से आधुनिक इंटरनेट पर संक्रमण की शुरुआत हुई, और तेजी से वृद्धि के कारण संस्थागत, व्यक्तिगत और मोबाइल कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े थे। २००० के दशक के अंत तक, इसकी सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को रोजमर्रा की जिंदगी के लगभग हर पहलू में शामिल किया गया था। टेलीफ़ोनी, रेडियो, टेलीविज़न, पेपर मेल और अखबारों सहित अधिकांश पारंपरिक संचार मीडिया, ईमेल द्वारा पुनर्निर्मित, पुनर्निर्धारित, या इंटरनेट से दूर किए जाने वाले ईमेल सेवाओं, इंटरनेट टेलीफ़ोनी, इंटरनेट टेलीविजन, ऑनलाइन संगीत, डिजिटल समाचार पत्र, और वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइटें अखबार, पुस्तक, और अन्य प्रिंट प्रकाशन वेबसाइट प्रौद्योगिकी के अनुकूल हैं, या ब्लॉगिंग, वेब फ़ीड्स और ऑनलाइन समाचार एग्रीगेटर्स में पुन: स्थापित किए जा रहे हैं। इंटरनेट ने त्वरित मैसेजिंग, इंटरनेट फ़ौरम और सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से व्यक्तिगत इंटरैक्शन के नए रूपों को सक्षम और त्वरित किया है। ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और छोटे व्यवसायों और उद्यमियों के लिए ऑनलाइन खरीदारी तेजी से बढ़ी है, क्योंकि यह कंपनियों को एक बड़े बाजार की सेवा या पूरी तरह से ऑनलाइन वस्तुओं और सेवाओं को बेचने के लिए अपनी "ईंट और मोर्टार" उपस्थिति बढ़ाने में सक्षम बनाता है। इंटरनेट पर व्यापार से व्यापार और वित्तीय सेवाओं को पूरे उद्योगों में आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ता है। इंटरनेट का उपयोग या उपयोग के लिए तकनीकी कार्यान्वयन या नीतियों में कोई केंद्रीकृत शासन नहीं है; प्रत्येक घटक नेटवर्क अपनी नीतियाँ निर्धारित करता है। इंटरनेट, इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आए पी एड्रेस), स्पेस और डोमेन नेम सिस्टम (डी एन एस) में दो प्रमुख नाम रिक्त स्थान की केवल अति परिभाषा परिभाषाएँ एक रखरखाव संगठन, इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइन्ड नाम और नंबर (आए सी ए एन एन)। मुख्य प्रोटोकॉल के तकनीकी आधारभूत और मानकीकरण, इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फ़ोर्स (आए ई टी एफ़) की एक गतिविधि है, जो कि किसी भी गैर-लाभप्रद संगठन के साथ संबद्ध अंतरराष्ट्रीय सहभागी हैं, जो किसी को भी तकनीकी विशेषज्ञता में योगदान दे सकते हैं। .

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पूर्णिमा वर्मन और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास के बीच तुलना

पूर्णिमा वर्मन 35 संबंध है और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास 92 है। वे आम 6 में है, समानता सूचकांक 4.72% है = 6 / (35 + 92)।

संदर्भ

यह लेख पूर्णिमा वर्मन और हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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