लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

पुनरावृत्त फलन और १ − २ + ३ − ४ + · · ·

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पुनरावृत्त फलन और १ − २ + ३ − ४ + · · · के बीच अंतर

पुनरावृत्त फलन vs. १ − २ + ३ − ४ + · · ·

गणित में, पुनरावृत्त फलन X → X में परिभाषित (एक ऐसा फलन जो समुच्चय X से इसमें ही परिभाषित हो) फलन है जो इसी समुच्चय में अन्य फलन f: X → X को निश्चित संख्या में पुनरावृत्तियों से प्राप्त किया जाता है। प्रक्रिया के समान फलन के बार बार पुनरावृत्ति होने के कारण इसे पुनरावृत्ति फलन कहते हैं। इस प्रक्रिया को किसी निश्चित संख्या से आरम्भ किया जाता है और बाद में प्राप्त मान को फलन में निविष्ट करके तथा इस प्रक्रिया की पुनरावृत्ति करके परिणाम प्राप्त किया जाता है। पुनरावृत्त फलनों का अध्ययन कम्प्यूटर विज्ञान, भग्न, गतिकीय तन्त्र, गणित और पुनः प्रसामान्यीकरण समूह भौतिकी में किया जाता है। . गणित में, 1 − 2 + 3 − 4 + ··· एक अनन्त श्रेणी है जिसके व्यंजक क्रमानुगत धनात्मक संख्याएं होती हैं जिसके एकांतर चिह्न होते हैं अर्थात प्रत्येक व्यंजक के चिह्न, इसके पूर्व व्यंजक से विपरीत होते हैं। श्रेणी के प्रथम m पदों का योग सिग्मा योग निरूपण की सहायता से निम्नवत् लिखा जा सकता है: अनन्त श्रेणी के अपसरण का मतलब यह है कि इसके आंशिक योग का अनुक्रम किसी परिमित मान की ओर अग्रसर नहीं होता है। बहरहाल, 18वीं शताब्दी के मध्य में लियोनार्ड आयलर ने विरोधाभासी समीकरण में लिखा: लेकिन इस समीकरण की सार्थकता बहुत समय बाद तक स्पष्ट नहीं हो पाई। 1980 के पूर्वार्द्ध में अर्नेस्टो सिसैरा, एमिल बोरेल तथा अन्य ने अपसारी श्रेणियों को व्यापक योग निर्दिष्ट करने के लिए सुपरिभाषित विधि प्रदान की— जिसमें नवीन आयलर विधियों का भी उल्लेख था। इनमें से विभिन्न संकलनीयता विधियों द्वारा का "योग" लिखा जा सकता है। सिसैरा-संकलन उन विधियों में से एक है जो का योग प्राप्त नहीं कर सकती, अतः श्रेणी एक ऐसा उदाहरण है जिसमें थोड़ी प्रबल विधि यथा एबल संकलन विधि की आवश्यकता होती है। श्रेणी, ग्रांडी श्रेणी से अतिसम्बद्ध है। आयलर ने इन दोनों श्रेणियों को श्रेणी जहाँ (n यदृच्छ है), की विशेष अवस्था के रूप में अध्ययन किया और अपने शोध कार्य को बेसल समस्या तक विस्तारित किया। बाद में उनका ये कार्य फलनिक समीकरण के रूप में परिणत हुआ जिसे अब डीरिख्ले ईटा फलन और रीमान जीटा फलन के नाम से जाना जाता है। .

पुनरावृत्त फलन और १ − २ + ३ − ४ + · · · के बीच समानता

पुनरावृत्त फलन और १ − २ + ३ − ४ + · · · आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): गणित

गणित

पुणे में आर्यभट की मूर्ति ४७६-५५० गणित ऐसी विद्याओं का समूह है जो संख्याओं, मात्राओं, परिमाणों, रूपों और उनके आपसी रिश्तों, गुण, स्वभाव इत्यादि का अध्ययन करती हैं। गणित एक अमूर्त या निराकार (abstract) और निगमनात्मक प्रणाली है। गणित की कई शाखाएँ हैं: अंकगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, सांख्यिकी, बीजगणित, कलन, इत्यादि। गणित में अभ्यस्त व्यक्ति या खोज करने वाले वैज्ञानिक को गणितज्ञ कहते हैं। बीसवीं शताब्दी के प्रख्यात ब्रिटिश गणितज्ञ और दार्शनिक बर्टेंड रसेल के अनुसार ‘‘गणित को एक ऐसे विषय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें हम जानते ही नहीं कि हम क्या कह रहे हैं, न ही हमें यह पता होता है कि जो हम कह रहे हैं वह सत्य भी है या नहीं।’’ गणित कुछ अमूर्त धारणाओं एवं नियमों का संकलन मात्र ही नहीं है, बल्कि दैनंदिन जीवन का मूलाधार है। .

गणित और पुनरावृत्त फलन · गणित और १ − २ + ३ − ४ + · · · · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

पुनरावृत्त फलन और १ − २ + ३ − ४ + · · · के बीच तुलना

पुनरावृत्त फलन 6 संबंध है और १ − २ + ३ − ४ + · · · 48 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.85% है = 1 / (6 + 48)।

संदर्भ

यह लेख पुनरावृत्त फलन और १ − २ + ३ − ४ + · · · के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »