पारसी धर्म और वैदिक धर्म के बीच समानता
पारसी धर्म और वैदिक धर्म आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पारसी धर्म, ईरान, वरुण (देव), अग्नि, ऋग्वेद।
पारसी धर्म
पारसी धर्म ईरान का प्राचीन काल से प्रचलित धर्म है। ये ज़न्द अवेस्ता नाम के धर्मग्रंथ पर आधारित है। इसके प्रस्थापक महात्मा ज़रथुष्ट्र हैं, इसलिये इस धर्म को ज़रथुष्ट्री धर्म (Zoroastrianism) भी कहते हैं। .
पारसी धर्म और पारसी धर्म · पारसी धर्म और वैदिक धर्म ·
ईरान
ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .
ईरान और पारसी धर्म · ईरान और वैदिक धर्म ·
वरुण (देव)
वरुण हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं। प्राचीन वैदिक धर्म में उनका स्थान बहुत ही महत्त्वपूर्ण था पर वेदों में उसका रूप इतना अमूर्त हैं कि उसका प्राकृतिक चित्रण मुश्किल है। माना जाता है कि वरुण की स्थिति अन्य वैदिक देवताओं की अपेक्षा प्राचीन है, इसीलिए वैदिक युग में वरुण किसी प्राकृतिक उपादान का वाचक नहीं है। अग्नि व इंद्र की अपेक्षा वरुण को संबोधित सूक्तों की मात्रा बहुत कम है फिर भी उसका महत्व कम नहीं है। इंद्र को महान योद्धा के रूप में जाना जाता है तो वरुण को नैतिक शक्ति का महान पोषक माना गया है, वह ऋत (सत्य) का पोषक है। अधिकतर सूक्तों में वस्र्ण के प्रति उदात्त भक्ति की भावना दिखाई देती है। ऋग्वेद के अधिकतर सूक्तों में वरुण से किए गए पापों के लिए क्षमा प्रार्थना की गई हैं। वरुण को अन्य देवताओं जैसे इंद्र आदि के साथ भी वर्णित किया गया है। वरुण से संबंधित प्रार्थनाओं में भक्ति भावना की पराकाष्ठा दिखाई देती है। उदाहरण के लिए ऋग्वेद के सातवें मंडल में वस्र्ण के लिए सुंदर प्रार्थना गीत मिलते हैं। उनको "असुर" की उपाधी दी गयी थी, मतलब की वो "देव" देवताओं के समूह से अलग थे। उनके पास जादुई शक्ति मानी जाती थी, जिसका नाम था माया। उनको इतिहासकार मानते हैं कि असुर वरुण ही पारसी धर्म में "अहुरा मज़्दा" कहलाए। बाद की पौराणिक कथाओं में वरुण को मामूली जल-देव बना दिया गया। श्रेणी:हिन्दू धर्म श्रेणी:इन्द्र लोक के देवता.
पारसी धर्म और वरुण (देव) · वरुण (देव) और वैदिक धर्म ·
अग्नि
कोई विवरण नहीं।
अग्नि और पारसी धर्म · अग्नि और वैदिक धर्म ·
ऋग्वेद
ऋग्वेद सनातन धर्म का सबसे आरंभिक स्रोत है। इसमें १०२८ सूक्त हैं, जिनमें देवताओं की स्तुति की गयी है इसमें देवताओं का यज्ञ में आह्वान करने के लिये मन्त्र हैं, यही सर्वप्रथम वेद है। ऋग्वेद को इतिहासकार हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की अभी तक उपलब्ध पहली रचनाऔं में एक मानते हैं। यह संसार के उन सर्वप्रथम ग्रन्थों में से एक है जिसकी किसी रूप में मान्यता आज तक समाज में बनी हुई है। यह एक प्रमुख हिन्दू धर्म ग्रंथ है। ऋक् संहिता में १० मंडल, बालखिल्य सहित १०२८ सूक्त हैं। वेद मंत्रों के समूह को सूक्त कहा जाता है, जिसमें एकदैवत्व तथा एकार्थ का ही प्रतिपादन रहता है। ऋग्वेद में ही मृत्युनिवारक त्र्यम्बक-मंत्र या मृत्युंजय मन्त्र (७/५९/१२) वर्णित है, ऋग्विधान के अनुसार इस मंत्र के जप के साथ विधिवत व्रत तथा हवन करने से दीर्घ आयु प्राप्त होती है तथा मृत्यु दूर हो कर सब प्रकार का सुख प्राप्त होता है। विश्व-विख्यात गायत्री मन्त्र (ऋ० ३/६२/१०) भी इसी में वर्णित है। ऋग्वेद में अनेक प्रकार के लोकोपयोगी-सूक्त, तत्त्वज्ञान-सूक्त, संस्कार-सुक्त उदाहरणतः रोग निवारक-सूक्त (ऋ०१०/१३७/१-७), श्री सूक्त या लक्ष्मी सूक्त (ऋग्वेद के परिशिष्ट सूक्त के खिलसूक्त में), तत्त्वज्ञान के नासदीय-सूक्त (ऋ० १०/१२९/१-७) तथा हिरण्यगर्भ सूक्त (ऋ०१०/१२१/१-१०) और विवाह आदि के सूक्त (ऋ० १०/८५/१-४७) वर्णित हैं, जिनमें ज्ञान विज्ञान का चरमोत्कर्ष दिखलाई देता है। ऋग्वेद के विषय में कुछ प्रमुख बातें निम्नलिखित है-.
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या पारसी धर्म और वैदिक धर्म लगती में
- यह आम पारसी धर्म और वैदिक धर्म में है क्या
- पारसी धर्म और वैदिक धर्म के बीच समानता
पारसी धर्म और वैदिक धर्म के बीच तुलना
पारसी धर्म 30 संबंध है और वैदिक धर्म 57 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 5.75% है = 5 / (30 + 57)।
संदर्भ
यह लेख पारसी धर्म और वैदिक धर्म के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: