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पाञ्चाल और रोहिलखंड

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पाञ्चाल और रोहिलखंड के बीच अंतर

पाञ्चाल vs. रोहिलखंड

पांचाल या पांचाल प्राचीन भारत के १६ महाजनपदों में से एक था। यह उत्तर में हिमालय के भाभर क्षेत्र से लेकर दक्षिण में चर्मनवती नदी के उत्तरी तट के बीच के मैदानों में फैला हुआ था। इसके पश्चिम में कुरु, मत्स्य तथा सुरसेन राज्य थे और पूर्व में नैमिषारण्य था। बाद में यह दो भागों में बाँटा गया। उत्तर पांचाल हिमालय से लेकर गंगा के उत्तरी तट तक था तथा उसकी राजधानी अहिछत्र थी तथा दक्षिण पांचाल गंगा के दक्षिणी तट से लेकर चर्मनवती तक था और उसकी राजधानी काम्पिल्य थी। अखण्ड पांचाल की सत्ता पाण्डवों के ससुर तथा द्रौपदी के पिता द्रुपद के पास थी। कहा जाता है कि पहले द्रुपद तथा पाण्डवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य के बीच घनिष्ट मित्रता थी लेकिन कुछ कारणवश दोनों में मन-मुटाव हो गया। फलतः दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया। युद्ध में द्रुपद की हार हुयी और पांचाल का विभाजन हुआ। उत्तर पांचाल के राजा द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा मनोनीत हुये तथा द्रुपद को दक्षिण पांचाल से ही संतोष करना पड़ा। दोनों राज्यों को गंगा अलग करती थी। . रोहिलखंड या रुहेलखण्ड उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिम में एक क्षेत्र है।.

पाञ्चाल और रोहिलखंड के बीच समानता

पाञ्चाल और रोहिलखंड आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): गंगा नदी

गंगा नदी

गंगा (गङ्गा; গঙ্গা) भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर २,५१० किलोमीटर (कि॰मी॰) की दूरी तय करती हुई उत्तराखण्ड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। देश की प्राकृतिक सम्पदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। २,०७१ कि॰मी॰ तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है। १०० फीट (३१ मी॰) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है। भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौन्दर्य और महत्त्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किये गये हैं। इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पायी ही जाती हैं, मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉलफिन भी पाये जाते हैं। यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पुल, बांध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से सम्बन्धित ज़रूरतों को पूरा करती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। गंगा की इस अनुपम शुद्धीकरण क्षमता तथा सामाजिक श्रद्धा के बावजूद इसको प्रदूषित होने से रोका नहीं जा सका है। फिर भी इसके प्रयत्न जारी हैं और सफ़ाई की अनेक परियोजनाओं के क्रम में नवम्बर,२००८ में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (१६०० किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है। .

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पाञ्चाल और रोहिलखंड के बीच तुलना

पाञ्चाल 22 संबंध है और रोहिलखंड 17 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 2.56% है = 1 / (22 + 17)।

संदर्भ

यह लेख पाञ्चाल और रोहिलखंड के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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