पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के बीच समानता
पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आम में 6 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पाकिस्तान का संविधान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, पाकिस्तान के राष्ट्रपति, मजलिस-ए-शूरा, मोहम्मद शहाबुद्दीन, उर्दू भाषा।
पाकिस्तान का संविधान
पाकिस्तान का संविधान (آئین پاکستان;आईन(ए) पाकिस्तान) या दस्तूरे पाकिस्तान دستور پاکستان) को १९७३ का क़ानून भी कहते हैं। यह पाकिस्तान का सर्वोच्च दस्तूर है। पाकिस्तान का संविधान संविधान सभा द्वारा १० अप्रैल १९७३ को पारित हुआ तथा 14 अगस्त 1973 से प्रभावी हुआ। इस का प्रारूप ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो की सरकार और विपक्ष ने मिल कर तैयार किया। ये पाकिस्तान का तीसरा दस्तूर है और इस में कई बार रद्दोबदल की जा चुकी है। .
पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान का संविधान · पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ·
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री (وزیر اعظم پاکستان —) इस्लामी गणतंत्र पाकिस्तान की सरकार का मुखिया होता है। राष्ट्रीय विधानसभा के सदस्यों द्वारा प्रधानमंत्री का चयन किया जाता है। प्रधानमंत्री का ये पद पाँच वर्षके लिए होता है। प्रधानमंत्री अपनी सहायता के लिए मंत्रियों का चयन करता है। .
पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री · पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ·
पाकिस्तान के राष्ट्रपति
पाकिस्तान के राष्ट्रपति (صدر مملكت —) पाकिस्तान इस्लामिक गणतंत्र के सर्वेसर्वा का पद है। .
पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान के राष्ट्रपति · पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ·
मजलिस-ए-शूरा
मजलिस-ए-शूरा (उर्दू) यानी पाकिस्तान की संसद पाकिस्तान में संघीय स्तर पर सर्वोच्च विधायी संस्था है। इस संस्थान में दो सदन हैं, निचले सदन या कौमी एसेंबली और ऊपरी सदन या सीनेट। पाकिस्तान का संविधान की धारा 50 के मुताबिक़ राष्ट्रपति भी मजलिस-ए-शूरा का हिस्सा हैं। इसकी दोनों सदनों में से निम्नसदन नैशनल असेम्बली एक अस्थाई इकाई है, और प्रती पाँचवे वर्ष, आम निर्वाचन द्वारा यह परिवर्तित होती रहती है, वहीं उच्चसदन सेनेट एक स्थाई इकाई है, जो कभी भंग नहीं होती है, परंतु भाग-दर-भाग इसके सदस्यों को बदल दिया जाता है। संसद की दोनों सदनों हेतु सभागृह इस्लामाबाद को पार्लिआमेंट हाउस में है। 1960 में संसद के आसन को कराँची से इस्लामाबाद लाया गया था। .
पाकिस्तान का संविधान और मजलिस-ए-शूरा · पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश और मजलिस-ए-शूरा ·
मोहम्मद शहाबुद्दीन
न्यायमूर्ति मोहम्मद शहाबुद्दीन, पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे, जोकी पाकिस्तान का उच्चतम् न्यायिक पद है। उन्होंने न्यायमूर्ति मोहम्मद मुनीर की सेवानिवृत्ति के बाद यह पद संभाला था। सर्वोच्च न्यायालय में, बतौर न्यायाधीश नियुक्त होने से पूर्व, वे मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे। .
पाकिस्तान का संविधान और मोहम्मद शहाबुद्दीन · पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश और मोहम्मद शहाबुद्दीन ·
उर्दू भाषा
उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .
उर्दू भाषा और पाकिस्तान का संविधान · उर्दू भाषा और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ·
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश लगती में
- यह आम पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश में है क्या
- पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के बीच समानता
पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के बीच तुलना
पाकिस्तान का संविधान 49 संबंध है और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश 56 है। वे आम 6 में है, समानता सूचकांक 5.71% है = 6 / (49 + 56)।
संदर्भ
यह लेख पाकिस्तान का संविधान और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: