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पश्तो भाषा और सरिकोली भाषा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पश्तो भाषा और सरिकोली भाषा के बीच अंतर

पश्तो भाषा vs. सरिकोली भाषा

पश्तो भाषा और सरिकोली भाषा के बीच मतभेद उपलब्ध नहीं हैं।

पश्तो भाषा और सरिकोली भाषा के बीच समानता

पश्तो भाषा और सरिकोली भाषा आम में 11 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): झ़, पूर्वी ईरानी भाषाएँ, फ़ारसी भाषा, सजातीय शब्द, हिन्द-ईरानी भाषाएँ, हिन्द-आर्य भाषाएँ, ईरानी भाषा परिवार, ख़, ग़, क़, अफ़ग़ानिस्तान

झ़

thumb झ़ की ध्वनि सुनिए झ़ देवनागरी लिपि का एक वर्ण है। इसका प्रयोग हिंदी-उर्दू (उर्दू: ژ) में केवल गिनती के ही शब्दों में होता है, जैसे की "झ़ुझ़" (जो एक प्रकार की सेह या पोर्क्युपाइन होती है) और "अझ़दहा" (जिसे अंग्रेज़ी में ड्रैगन या dragon कहते हैं)। अंग्रेज़ी में इसका प्रयोग बहुत सारे शब्दों में होता है, जैसे की "टॅलिविझ़न" (television), "ट्रॅझ़र" (treasure यानि ख़ज़ाना), "विझ़न" (vision यानि दृष्टि या नज़र), "डिसिझ़न" (decision यानि फ़ैसला) और "डिविझ़न" (division यानि बाँटना या किसी चीज़ का भाग करना)। प्रथा के अनुसार "झ़" को कभी-कभी "ज़" लिख दिया जाता है जैसे की television को अक्सर "टेलिविज़न" लिख दिया जाता है हालाँकि यह पूरा सही नहीं है। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसके उच्चारण को ʒ के चिन्ह से लिखा जाता है और उर्दू में इसे ژ लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम "झ़े" है। .

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पूर्वी ईरानी भाषाएँ

पूर्वी ईरानी भाषाएँ ईरानी भाषा-परिवार की एक उपशाखा हैं जो मध्य ईरानी काल (लगभग चौथी शताब्दी ईसापूर्व) से उभरीं। अवस्ताई भाषा अक्सर इस शाखा की एक प्राचीनतम सदस्या मानी जाती है। आधुनिक काल में सब से ज़्यादा बोली जाने वाली पूर्वी ईरानी भाषा पश्तो है, जिसके दुनिया में लगभग ५ करोड़ मातृभाषी हैं। यह अफ़्ग़ानिस्तान और पश्चिमोत्तरी पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त में बोली जाती है। इसके अलावा पूर्वी ताजिकिस्तान के कूहिस्तोनी-बदख़्शान स्वशासित प्रान्त और चीन के सुदूर पश्चिमी शिनजियांग प्रान्त में भी पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोली जाती हैं। प्राचीन सोग़दाई से विकसित हुई पश्चिमोत्तरी ताजिकिस्तान की यग़नोबी भाषा और स्किथी-सरमती से विकसित हुई कॉकस क्षेत्र की ओसेती भाषा भी दोनों पूर्वी ईरानी भाषाएँ मानी जाती हैं।, Thomas Albert Sebeok, Walter de Gruyter, 1970,...

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फ़ारसी भाषा

फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे ७.५ करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दारी कहा जाता है। .

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सजातीय शब्द

सजातीय शब्द, जिन्हें अंग्रेजी में काग्नेट (cognate) शब्द कहा जाता है, भिन्न भाषाओं के वे शब्द होते हैं जो अलग भाषाओं से होने के बावजूद एक ही प्राचीन जड़ रखते हैं। इस कारण से इन शब्दों को जिनका रूप और अर्थ अक्सर मिलता-जुलता होता है सजातीय शब्द कहते हैं, हालाँकि ये आवश्यक नहीं है कि उनका अर्थ बिल्कुल सामान हो। उदहारण के रूप में मातृ (संस्कृत), मादर (फ़ारसी), मातर (लातिन) और मदर (अंग्रेजी) का रूप सामान सा है और सब का अर्थ माँ है क्योंकि यह सारी भाषाएँ एक ही आदिम-हिन्द-यूरोपीय (Proto-Indo-European) भाषा से उपजी संतानें हैं। .

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हिन्द-ईरानी भाषाएँ

हिन्द ईरानी शाखा हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की एक शाखा है। ये सातम वर्ग के अन्दर आती है। इसकी दो उपशाखाएँ हैं.

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हिन्द-आर्य भाषाएँ

हिन्द-आर्य भाषाएँ हिन्द-यूरोपीय भाषाओं की हिन्द-ईरानी शाखा की एक उपशाखा हैं, जिसे 'भारतीय उपशाखा' भी कहा जाता है। इनमें से अधिकतर भाषाएँ संस्कृत से जन्मी हैं। हिन्द-आर्य भाषाओं में आदि-हिन्द-यूरोपीय भाषा के 'घ', 'ध' और 'फ' जैसे व्यंजन परिरक्षित हैं, जो अन्य शाखाओं में लुप्त हो गये हैं। इस समूह में यह भाषाएँ आती हैं: संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, रोमानी, असमिया, गुजराती, मराठी, इत्यादि। .

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ईरानी भाषा परिवार

ईरानी भाषाओँ का वृक्ष, जिसमें उसकी उपशाखाएँ दिखाई गई हैं आधुनिक ईरानी भाषाओँ का फैलाव ईरानी भाषाएँ हिन्द-ईरानी भाषा परिवार की एक उपशाखा हैं। ध्यान रहे कि हिन्द-ईरानी भाषाएँ स्वयं हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार की एक उपशाखा हैं। आधुनिक युग में विश्व में लगभग १५-२० करोड़ लोग किसी ईरानी भाषा को अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं और ऍथ़नॉलॉग भाषाकोष में सन् २०११ तक ८७ ईरानी भाषाएँ दर्ज थीं।, Gernot Windfuhr, Routledge, 2009, ISBN 978-0-7007-1131-4, Raymond Gordon, Jr.

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ख़

ख़ की ध्वनि सुनिए ख़ देवनागरी लिपि का एक वर्ण है। हिंदी-उर्दू के कई शब्दों में इसका प्रयोग होता है, जैसे कि ख़रगोश, ख़ुश, ख़बर, ख़ैर और ख़ून। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसके उच्चारण को x के चिह्न से लिखा जाता है और उर्दू में इसे خ लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम ख़े है। .

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ग़

ग़ की ध्वनि सुनिए ग़ देवनागरी लिपि का एक वर्ण है। हिंदी-उर्दू के कई शब्दों में इसका प्रयोग होता है, जैसे कि ग़ायब, ग़ज़ल, ग़नीमत और ग़रीब। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसके उच्चारण को ɣ के चिह्न से लिखा जाता है और उर्दू में इसे غ लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम ग़ैन है। .

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क़

क़ की ध्वनि सुनिए क़ देवनागरी लिपि का एक वर्ण है। हिंदी-उर्दू के कईं शब्दों में इसका प्रयोग होता है, जैसे कि क़िला, क़यामत, क़त्ल, क़ुरबानी और क़ानून। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसके उच्चारण को q के चिन्ह से लिखा जाता है और उर्दू में इसे लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम "क़ाफ़" है। .

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अफ़ग़ानिस्तान

अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी गणराज्य दक्षिणी मध्य एशिया में अवस्थित देश है, जो चारो ओर से जमीन से घिरा हुआ है। प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है पर देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है। इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में भारत तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है। अफ़ग़ानिस्तान रेशम मार्ग और मानव प्रवास का8 एक प्राचीन केन्द्र बिन्दु रहा है। पुरातत्वविदों को मध्य पाषाण काल ​​के मानव बस्ती के साक्ष्य मिले हैं। इस क्षेत्र में नगरीय सभ्यता की शुरुआत 3000 से 2,000 ई.पू.

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पश्तो भाषा और सरिकोली भाषा के बीच तुलना

पश्तो भाषा 23 संबंध है और सरिकोली भाषा 29 है। वे आम 11 में है, समानता सूचकांक 21.15% है = 11 / (23 + 29)।

संदर्भ

यह लेख पश्तो भाषा और सरिकोली भाषा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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