3 संबंधों: ध्वनि का वेग, लड़ाकू विमान, हाइपरसॉनिक उड़ान।
ध्वनि का वेग
वायु में ध्वनि का संचरण वायु के कणों के कम्पन के कारण उत्पन्न हुए संपीडन और विरलन के रूप में होता है। अनुप्रस्थ तरंग की गति: केवल ठोस माध्यम में ही अनुप्रस्थ तरंगे बनतीं हैं। इसमें माध्यम के कणों का कम्पन तरंग की गति की दिशा के लम्बवत होता है। किसी माध्यम (जैसे हवा, जल, लोहा) में ध्वनि १ सेकेण्ड में जितनी दूरी तय करती है उसे उस माध्यम में ध्वनि का वेग कहते हैं। शुष्क वायु में 20 °C (68 °F) पर ध्वनि का वेग 343.59 मीटर प्रति सेकेण्ड है। ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है। इसके संचरण के लिये माध्यम की आवश्यकता होती है। निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं होता। वायु में ध्वनि का संचरण एक अनुदैर्घ्य तरंग (लांगीट्युडनल वेव) के रूप में होता है। अलग-अलग माध्यमों में ध्वनि का वेग अलग-अलग होता है। .
नई!!: पराध्वनिक विमान और ध्वनि का वेग · और देखें »
लड़ाकू विमान
एफ-१६ लड़ाकू विमान उड़ान भरता हुआ लड़ाकू विमान एक ऐसा सेन्य विमान होता है जो किसी अन्य सेना के विमानों के साथ हवा से हवा में लड़ाई करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। ऐसे विमान का प्रयोग अमूमन किसी देश की वायुसेना या नौसेना के वायु बेड़े द्वारा होता है। वैसे लड़ाकू विमान ऐसे कई सारे विमानों के परिवार को भी कह सकते है जो की जंग या ऐसी ही परिस्थितियों में दुश्मन पे हमला करने के लिए काम में लाए जाये, चाहे हवा से हवा में, हवा से जमीन पर या किसी अन्य टोही रूप में.
नई!!: पराध्वनिक विमान और लड़ाकू विमान · और देखें »
हाइपरसॉनिक उड़ान
अतिपराध्वनिक उड़ान (हाइपरसॉनिक उड़ान) वह उड़ान है जो धरती के वातावरण से होकर (90 किलोमीटर से कम ऊँचाई पर) 5 मैक से अधिक वेग से भरी जाती है। इतनी अधिक गति के कारण वायु काफी सीमा तक वियोजित होने लगती है और अत्यधिक ऊष्मा पैदा होती है। .
नई!!: पराध्वनिक विमान और हाइपरसॉनिक उड़ान · और देखें »