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परवलय और वैश्‍लेषिक ज्यामिति

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

परवलय और वैश्‍लेषिक ज्यामिति के बीच अंतर

परवलय vs. वैश्‍लेषिक ज्यामिति

परवलय और उससे संबंधित पारिभाषिक शब्द गणित में, परवलय एक द्विविमीय समतलीय वक्र है जो दर्पण-सममित होता है और यह अंग्रेज़ी अक्षर U के आकार का होता है। परवलय (पैराबोला) एक द्विमीय वक्र है जिसे कई तरह से परिभाषित किया जाता है। एक परिभाषा परवलय को शांकव के एक विशेष रूप में परिभाषित करती है। इसके अनुसार, परवलय वह शांकव है जिनकी उत्केन्द्रता १ के बराबर होती है। परवलय को बिन्दुपथ के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। परवलय ऐसे बिन्दुओं का बिन्दुपथ है जिसकी किसी निश्चित रेखा से दूरी, किसी निश्चित बिन्दु से दूरी के बराबर होती है। यहाँ उस रेखा को नियता (डायरेक्ट्रिक्स) एवं उस बिन्दु को नाभि (फोकस) कहते हैं। उदाहरण के लिए, समीकरण x2 . कार्तीय (कार्टीजियन) निर्देशांक प्रणाली 17वीं शताब्दी के मध्य में फ्रांसीसी गणितज्ञ रेने देकार्त (Descartes) ने ज्यामिति में बीजगणित का प्रयोग कर इसे बहुत शक्तिशाली बना दिया। उसने पहले दो काटती हुई रेखाएँ लीं, जिन्हें अक्ष कहते हैं। किसी बिंदु की इन रेखाओं के समांतर नापी हुई दूरी दो संख्याओं य र से उसका स्थान निश्चय किया। ये रेखाएँ बिंदु के निर्देशांक कहलाती हैं। इन निर्देशांकों की सहायता से प्रत्येक ज्यामितिय तथ्य को बीजगणितीय समीकरण द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है। इस ज्यामिति का कई दिशाओं में विकास हुआ। पहली दशा में तो ज्यामिति का व्यापक रूप सामने आया, जैसे एक घात का समीकरण एक सरल रेखा प्रदर्शित करता है। इसी प्रकार दो घात का समीकरण एक शांकव (conic) प्रदर्शित करता है। इसी प्रकार तीन, चार और उच्चतर घातों के समीकरणों का अध्ययन होने लगा और उनके संगत वक्रों के गुणों का विवेचन पहले से बहुत सरल हो गया। तल के वक्रों तक ही नहीं, अवकाश (space) के वक्रों का भी अध्ययन संभव हो गया। इसके लिये एक बिंदुगामी तीन समतलों से किसी बिंदु की दूरियों य र ल (x, y, z) न उसका स्थान निश्चित करते हैं और प्रत्येक बिंदुपथ को य, र, ल (x, y, z) में एक समीकरण द्वारा प्रदर्शित करते हैं। इन समीकरणों के विवेचन से तलों ओर वक्रों के गुणों का अध्ययन सरलता से होता है। दूसरी दिशा में रचना संबंधी प्रश्नों का हल तथा क्रियाएँ बहुत सरल हो गईं। ये क्रियाएँ केवल कुछ समीकरणों के हल पर ही निर्भर हैं, जिसमें बहुत व्यापक प्रश्न सरलता से हल हो जाते हैं; जैसे यदि रेखा (ax + by + c .

परवलय और वैश्‍लेषिक ज्यामिति के बीच समानता

परवलय और वैश्‍लेषिक ज्यामिति आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): शंकु-परिच्छेद

शंकु-परिच्छेद

शांकवों की सूची, साइक्लोपीडिया, 1728 गणित में, किसी लम्ब वृत्तीय शंकु की एक समतल द्वारा परिच्छेद करने से प्राप्त वक्रों (curves) को शांकव या शंकु-परिच्छेद(conic section) कहते हैं।शांकव की एक अन्य परिभाषा के अनुसार शांकव (समतल मे) किसी एसे चर बिन्दु का बिन्दुपथ है जिसकी एक निर्धारित बिन्दु एवं एक निर्धारित रेखा से दूरियोँ का अनुपात हमेशा स्थिर (अच‍र) रहता है। इस परिभाषा का प्रयोग कर किसी भी निर्देशांक पद्धति‎ मे शांकव को एक गणितीय समीकरण के रूप मे प्राप्त कर सकते हैं .

परवलय और शंकु-परिच्छेद · वैश्‍लेषिक ज्यामिति और शंकु-परिच्छेद · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

परवलय और वैश्‍लेषिक ज्यामिति के बीच तुलना

परवलय 8 संबंध है और वैश्‍लेषिक ज्यामिति 5 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 7.69% है = 1 / (8 + 5)।

संदर्भ

यह लेख परवलय और वैश्‍लेषिक ज्यामिति के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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