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पतञ्जलि योगसूत्र और षट्कर्म

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

पतञ्जलि योगसूत्र और षट्कर्म के बीच अंतर

पतञ्जलि योगसूत्र vs. षट्कर्म

योगसूत्र, योग दर्शन का मूल ग्रंथ है। यह छः दर्शनों में से एक शास्त्र है और योगशास्त्र का एक ग्रंथ है। योगसूत्रों की रचना ४०० ई॰ के पहले पतंजलि ने की। इसके लिए पहले से इस विषय में विद्यमान सामग्री का भी इसमें उपयोग किया। योगसूत्र में चित्त को एकाग्र करके ईश्वर में लीन करने का विधान है। पतंजलि के अनुसार चित्त की वृत्तियों को चंचल होने से रोकना (चित्तवृत्तिनिरोधः) ही योग है। अर्थात मन को इधर-उधर भटकने न देना, केवल एक ही वस्तु में स्थिर रखना ही योग है। योगसूत्र मध्यकाल में सर्वाधिक अनूदित किया गया प्राचीन भारतीय ग्रन्थ है, जिसका लगभग ४० भारतीय भाषाओं तथा दो विदेशी भाषाओं (प्राचीन जावा भाषा एवं अरबी में अनुवाद हुआ। यह ग्रंथ १२वीं से १९वीं शताब्दी तक मुख्यधारा से लुप्तप्राय हो गया था किन्तु १९वीं-२०वीं-२१वीं शताब्दी में पुनः प्रचलन में आ गया है। . षट्कर्म (अर्थात् 'छः कर्म') हठयोग में बतायी गयी छः क्रियाएँ हैं। षटकर्म द्वारा संपूर्ण शरीर की शुद्धि होती है एवं देह निरोग रहती है। त्राटक, कपालभाति, बस्ती, धौति, नौली एवं नेति षटकर्म कहलाते हैं। नेति: नेति के दो प्रकार होते हैं - 1.

पतञ्जलि योगसूत्र और षट्कर्म के बीच समानता

पतञ्जलि योगसूत्र और षट्कर्म आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): हठयोग

हठयोग

हठयोग चित्तवृत्तियों के प्रवाह को संसार की ओर जाने से रोककर अंतर्मुखी करने की एक प्राचीन भारतीय साधना पद्धति है, जिसमें प्रसुप्त कुंडलिनी को जाग्रत कर नाड़ी मार्ग से ऊपर उठाने का प्रयास किया जाता है और विभिन्न चक्रों में स्थिर करते हुए उसे शीर्षस्थ सहस्त्रार चक्र तक ले जाया जाता है। हठयोग प्रदीपिका इसका प्रमुख ग्रंथ है। हठयोग, योग के कई प्रकारों में से एक है। योग के अन्य प्रकार ये हैं- मंत्रयोग, लययोग, राजयोग। हठयोग के आविर्भाव के बाद प्राचीन 'अष्टांग योग' को 'राजयोग' की संज्ञा दे दी गई। हठयोग साधना की मुख्य धारा शैव रही है। यह सिद्धों और बाद में नाथों द्वारा अपनाया गया। मत्स्येन्द्र नाथ तथा गोरख नाथ उसके प्रमुख आचार्य माने गए हैं। गोरखनाथ के अनुयायी प्रमुख रूप से हठयोग की साधना करते थे। उन्हें नाथ योगी भी कहा जाता है। शैव धारा के अतिरिक्त बौद्धों ने भी हठयोग की पद्धति अपनायी थी। .

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पतञ्जलि योगसूत्र और षट्कर्म के बीच तुलना

पतञ्जलि योगसूत्र 54 संबंध है और षट्कर्म 2 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.79% है = 1 / (54 + 2)।

संदर्भ

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