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न्यायपालिका और व्यवस्थापिका

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

न्यायपालिका और व्यवस्थापिका के बीच अंतर

न्यायपालिका vs. व्यवस्थापिका

न्यायपालिका (Judiciary या judicial system या judicature) किसी भी जनतंत्र के तीन प्रमुख अंगों में से एक है। अन्य दो अंग हैं - कार्यपालिका और व्यवस्थापिका। न्यायपालिका, संप्रभुतासम्पन्न राज्य की तरफ से कानून का सही अर्थ निकालती है एवं कानून के अनुसार न चलने वालों को दण्डित करती है। इस प्रकार न्यायपालिका विवादों को सुलझाने एवं अपराध कम करने का काम करती है जो अप्रत्यक्ष रूप से समाज के विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धान्त के अनुरूप न्यायपालिका स्वयं कोई नियम नहीं बनाती और न ही यह कानून का क्रियान्यवन कराती है। सबको समान न्याय सुनिश्चित करना न्यायपालिका का असली काम है। न्यायपालिका के अन्तर्गत कोई एक सर्वोच्च न्यायालय होता है एवं उसके अधीन विभिन्न न्यायालय (कोर्ट) होते हैं। . व्यवस्थापिका भारतीय जनतंत्र के तीन अंगों में से एक है। अन्य दो अंग हैं - कार्यपालिका और न्यायपालिका। भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका का शीर्ष सर्वोच्च न्यायालय है, जिसका प्रधान प्रधान न्यायाधीश होता है। सर्वोच्च न्यायालय को अपने नये मामलों तथा उच्च न्यायालयों के विवादों, दोनो को देखने का अधिकार है। भारत में 21 उच्च न्यायालय हैं, जिनके अधिकार और उत्तरदायित्व सर्वोच्च न्यायालय की अपेक्षा सीमित हैं। कार्यपालिका और न्यायपालिका के परस्पर मतभेद या विवाद का सुलह राष्ट्रपति करता है। श्रेणी:राजनीति श्रेणी:समाजशास्त्र.

न्यायपालिका और व्यवस्थापिका के बीच समानता

न्यायपालिका और व्यवस्थापिका आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): भारत का उच्चतम न्यायालय, भारत के उच्च न्यायालयों की सूची, राष्ट्रपति, कार्यकारिणी (सरकार)

भारत का उच्चतम न्यायालय

भारत का उच्चतम न्यायालय या भारत का सर्वोच्च न्यायालय भारत का शीर्ष न्यायिक प्राधिकरण है जिसे भारतीय संविधान के भाग 5 अध्याय 4 के तहत स्थापित किया गया है। भारतीय संघ की अधिकतम और व्यापक न्यायिक अधिकारिता उच्चतम न्यायालय को प्राप्त हैं। भारतीय संविधान के अनुसार उच्चतम न्यायालय की भूमिका संघीय न्यायालय और भारतीय संविधान के संरक्षक की है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 से 147 तक में वर्णित नियम उच्चतम न्यायालय की संरचना और अधिकार क्षेत्रों की नींव हैं। उच्चतम न्यायालय सबसे उच्च अपीलीय अदालत है जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ अपील सुनता है। इसके अलावा, राज्यों के बीच के विवादों या मौलिक अधिकारों और मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघन से सम्बन्धित याचिकाओं को आमतौर पर उच्च्तम न्यायालय के समक्ष सीधे रखा जाता है। भारत के उच्चतम न्यायालय का उद्घाटन 28 जनवरी 1950 को हुआ और उसके बाद से इसके द्वारा 24,000 से अधिक निर्णय दिए जा चुके हैं। .

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भारत के उच्च न्यायालयों की सूची

भारतीय उच्च न्यायालय भारत के उच्च न्यायालय हैं। भारत में कुल २४ उच्च न्यायालय है जिनका अधिकार क्षेत्र कोई राज्य विशेष या राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के एक समूह होता हैं। उदाहरण के लिए, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, पंजाब और हरियाणा राज्यों के साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को भी अपने अधिकार क्षेत्र में रखता हैं। उच्च न्यायालय भारतीय संविधान के अनुच्छेद २१४, अध्याय ५ भाग ६ के अंतर्गत स्थापित किए गए हैं। न्यायिक प्रणाली के भाग के रूप में, उच्च न्यायालय राज्य विधायिकाओं और अधिकारी के संस्था से स्वतंत्र हैं .

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राष्ट्रपति

राष्ट्रपति किसी देश की सरकार का सांवैधानिक प्रमुख होता है। .

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कार्यकारिणी (सरकार)

कार्यकारिणी (Executive) सरकार का वह अंग होती हैं जो राज्य के शासन का अधिकार रखती हैं और उसकी ज़िम्मेदारी उठाती हैं। कार्यकारिणी क़ानून को कार्यान्वित करती हैं और उसे लागू करती हैं। अध्यक्षीय प्रणाली में, कार्यकारिणी का प्रमुख दोनों, राज्य का प्रमुख और सरकार का प्रमुख होता हैं। संसदीय प्रणाली में, एक कैबिनेट मंत्री जो विधायिका को उत्तरदायी होता हैं, वह सरकार का प्रमुख होता हैं, जबकि राज्य का प्रमुख आम तौर पर एक औपचारिक राजा अथवा राष्ट्रपति होता हैं। .

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न्यायपालिका और व्यवस्थापिका के बीच तुलना

न्यायपालिका 11 संबंध है और व्यवस्थापिका 6 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 23.53% है = 4 / (11 + 6)।

संदर्भ

यह लेख न्यायपालिका और व्यवस्थापिका के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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